अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा संविधान में नही हैं फिर भी अल्प संख्यक कल्याणार्थ करोड़ों रुपयों की यौजनाएं बन रही है
अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा
संविधान में नही हैं| बेशक इसका विवरण संविधान की धाराओं में शामिल है| केंद्र सरकर ने यह स्वीकारोक्ति आज संसद में एक लिखित उत्तर में की|
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री श्री निनॉन्ग ईरिंग ने आज एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का विवरण धारा 29 से लेकर 30 तक और 350ए से लेकर 350बी तक शामिल है। इसकी परिभाषा कहीं भी नहीं दी गई है। भारतीय संविधान की धारा 29 में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को इसके सीमांतर शीर्षक में शामिल तो किया गया किंतु इसमें बताया गया है कि यह नागरिकों का वह हिस्सा है, जिसकी भाषा, लिपि अथवा संस्कृति भिन्न हो। यह एक पूरा समुदाय हो सकता है, जिसे सामान्य रूप से एक अल्पसंख्यक अथवा एक बहुसंख्यक समुदाय के एक समूह के रूप में देखा जाता है।
भारतीय संविधान की धारा-30 में विशेष तौर पर अल्पसंख्यकों की दो श्रेणियों – धार्मिक और भाषायी, का उल्लेख किया गया है। शेष दो धाराएं – 350ए और 350बी केवल भाषायी अल्पसंख्यकों से ही संबंधित हैं।
इसके अलावा
अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए यौजनाओं का विवरण निम्न दिया गया है
वर्ष 2013-14 के वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के लिए जिन योजनाओं को 12वीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया था, उन्हें स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
योजना
बीई 2013-14
(रुपये करोड़ में)
खर्च की गयी धनराशि
अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी
2.00
अब तक इस मद में कोई खर्च नहीं हुआ है। कोई राज्यवार वित्तीय प्रावधान नहीं है।
संघ लोक सेवा आयोग/कर्मचारी चयन आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग आदि द्वारा आयोजित प्रवेश-परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों की सहायता
4.00
‘सीखो और कमाओ’ नामक कौशल विकास पहलें
17.00
योजनाओं के दायरे में मुसलमानों सहित अधिक से अधिक अल्पसंख्यकों को शामिल करने के लिए अल्पसंख्यक बहुल जिलों को प्राथमिकता देते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी प्रदान करने के उपाय किये गए हैं।
आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री निनांग एरिंग ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तराखंड के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में योगदान दिया
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्तराखंड में आई विनाशकारी आपदा के पीडि़तों के लिए अपने एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया है। आयोग ने प्रधानमंत्री राहत कोष के कार्यालय में 08 अगस्त, 2013 को 31054 रुपये का चेक जमा कराया
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