झल्ले दी झल्लियां गल्लां
स्वतंत्रता सेनानी इतिहासकार
ओये झल्लेया ये तो कमाल हो गया ओये उधर पंजाब के अजनाला से १८५७ के अमर शहीदों के शव निकल आये और इधर हरियाणा के रोहतक[ बोहर माजरा] में मिहिर भोज -काल की एक हजार साल पुरानी सिक्के ढालने वाली टकसाल खोज निकाली गई है|विश्व में भी हसाड़ी साख बढ़ेगी और अंग्रेजों का मुह काला होगा | ओये अब शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी और भारतीय इतिहास एक नई करवट लेगा |
झल्ला
भोले राजा यहाँ तक तो ठीक है लेकिन झल्लेविचारानुसार चुनावी मौसम में इन महत्पूर्ण खोजों को उजागर किया गया है ऐसे में अगर इन खोजों को राजनीती के चश्मे से देखा जाये तो २०१४ में १६वी लोक सभा के लिए होने वाले चुनावों में पंजाब में अकाली+भजपा गठबंधन और हरियाणा में कांग्रेस के महारथियों को अपनी अपनी तलवालें भांजने का मौका जरूर मिल जाना है अर्थार्त पंजाब में शहीदों के शव और हरियाणा में सिक्कों की टकसाल मिलने से बादल+हुड्डा की हो जाणी है बल्ले बल्ले दोनों ने चुनावों में भंगड़ा पा कर कहना है कि यूरेका यूरेका यूरेका
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