देश में ८ स्मारकों पर अतिक्रमण हो चूका है और कुल 92 स्मारक/स्थल विलुप्त हो चुके हैं |
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)[कैग] ने अपनी रिपोर्ट में देश के संस्कृति मंत्रालय की शिथिलताओं को उजागर किया है| भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निष्पादन लेखा परीक्षण के बाद, कैग ने संसद में 23 अगस्त, 2013 को प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा कि 92 स्मारक/स्थल विलुप्त हो चुके हैं या फिर उनका पता नहीं लगाया जा सका है। सीएजी की इस रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र अधिकारियों से कहा गया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले उस हर एक स्मारक का विस्तृत प्रमाणन करे, जिनका उल्लेख लेखा परीक्षण दल ने विलुप्त हो चुके स्मारकों के तौर पर किया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय अधिकारियों से जरूरी सूचना प्राप्त हुई है और इसमें कहा गया है कि 92 स्मारकों में से 65 स्मारक विलुप्त हो चुके स्मारक या ऐसा स्मारक नहीं कहा जा सकता, जिनका पता न लगाया जा सकता हो। जो स्मारक जलाशयों में डूब गए हैं, जिन पर अतिक्रमण हो चुका है या फिर जो तेज गति से होते शहरीकरण से प्रभावित हुए हैं, उन्हें भी लेखा परीक्षण दल द्वारा विलुप्त हो चुके स्मारकों के तौर पर दर्शाया गया है। एएसआई द्वारा प्रमाणन किये जाने के बाद 92 स्मारकों/स्थलों की स्थिति निम्नलिखित है –
(i) स्मारक मौजद हैं====================================39
(ii) स्मारक जो बांधों/जलाशयों में डूब गए हैं=====================12
(iii) जिन स्मारकों पर अतिक्रमण हो चुका है======================08
(iv) जिन स्मारकों पर शहरीकरण का प्रभाव पड़ा है=================06
(v) जिन स्मारकों का क्षेत्र कार्यालयों द्वारा प्रमाणन किया जाना बाकी है==06
(vi) प्रमाणन के बाद जिन स्मारकों का पता नहीं चल सका=============21
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