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स्मार्ट सिटी के दावेदार “मेरठ” में कचरा प्रबंधन निरंतर बदबूदार हुआ

[मेरठ,यूपी] स्मार्ट सिटी के दावेदार “मेरठ” में कचरा प्रबंधन निरंतर बदबूदार हुआ
यूपी विशेषकर स्मार्ट सिटी के दावेदार मेरठ में हाल निरंतर बदबूदार होता जा रहा है| यहाँ तत्काल कुछ ठोस सकारात्मक क़दमों की आवश्यकता है |ऐसा प्रदेश की विधान सभा और मेरठ के नगरायुक्त के दरबार में ब्यान किया गया है
लेकिन दुर्भाग्य से इस दिशा में कोई तात्कालिक कार्यवाही होती नहीं दिख रही | कचरा प्रबंधन को लेकर ग्रामीणों और प्रशासन में असहयोग को समाप्त करने के लिए वर्तमान न्रेतत्व भी आगे आता नहीं दिख रहा |इसीलिए माननीय सर्वोत्तम न्यायालय के अनुसार यहाँ भी नए निर्माण पर रोक लगा देनी चाहिए
उच्चतम न्यायालय ने द्वारा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और चंडीगढ़ सहित कुछ राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में ठोस कचरा प्रबंधन नीति तैयार नहीं करने पर उन्हें आड़े हाथ लिया है
इन राज्यों में यह नीति तैयार होने तक निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कुछ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों पर उनके इस रवैये को लेकर जुर्माना भी लगाया। पीठ ने कहा, ‘‘यदि वे चाहते हैं कि लोग गंदगी और कूड़े कचरे के बीच रहे तो फिर क्या किया जा सकता है। ’माननीय यूपी विशेषकर दावेदार मेरठ का हाल निरंतर बदबूदार होता जा रहा है कुछ कीजिये
राजधानी में 2015 में डेंगू से ग्रस्त सात साल के बच्चे की दर्दनाक मृत्यु की खबर का न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया था और इस मामले की सुनवाई के दौरान कचरे के प्रबंधन का मुद्दा प्रमुखता से सामने आया था।
इसके बाद से न्यायालय ठोस कचरा प्रबंधन के मामले पर भी गौर कर रहा है।
पीठ ने कचरा नीति तैयार नहीं करने और न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और केन्द्र शासित चंडीगढ़ पर भी तीन तीन लाख रूपए का जुर्माना किया।
न्यायालय इस मामले में अब नौ सितंबर को आगे सुनवाई करेगा।

डीएम् और मेयर विभिन्न तरीकों से नालों की गंदगी से जूझ रहे हैं

[मेरठ,यूपी] डीएम् और मेयर अपनी अपनी तरह से नालों की गंदगी से जूझ रहे हैं
मेयर जहां पॉश इलाकों के गंदे नालों पर अपनी शिलापट लगवाने में व्यस्त हैं तो दूसरी तरफ जिलाधिकारी मौके पर जा कर व्यवस्थापकों को फटकार लगाती दिखाई दे रही है
आज भी ओडियन नाले की बदहाल सफाई व्यवस्था पर डी एम् बी चंद्रकलां भड़क उठी
शहर की सफाई व्यवस्था का औचक रूप से जायजा लेने के लिये गुरूवार को मेरठ की डीएम बी.चन्द्रकला नगर निगम अधिकारियों के साथ ब्रहम्पुरी क्षेत्र पहुंची तथा वहां का हाल देखकर स्वयं डीएम भी हैरान हो गई।उन्होने नगर आयुक्त देवेन्द्र कुशवाह व नगर स्वास्थ्य अधिकारी की जमकर क्लास लगाते हुए तुरन्त वहां पर सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिये और कोताही पर विभागीय अधिकारियों के खिलाफ शासन में लिखने की भी चेतावनी दी|गौरतलब हे के गन्दगी से उबाल रहे नालों की सफाई के नाम पर बढ़ी राशि को बुक किया जता है लेकिन सीजन के आते ही महामारियों से इनकी पोल खुलने लगती है
मेयर हरिकांत अहलूवालिया नालों की सफाई कराने के बजाय गंगानगर के एक बढे निजी कालेज के सामने टाईल्स लगवाने में व्यस्त हैं और कोड में खाज यह है के गन्दगी से अटे नाले को साफा करवाने के बजाय उसी पर अपना शिलापट लगवा कर इतिश्री कर ली

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अखिलेश जी!आज दांडी मार्च है,प्रॉपर्टीटैक्स के कालेकानून को तोड़ने को भी मार्च कराएं

अखिलेश जी!आज दांडी मार्च है,प्रॉपर्टीटैक्स के कालेकानून को तोड़ने को भी मार्च कराएं
आदरणीय मुख्यमंत्री अखिलेश यादवजी!
आज बारह मार्च है
वर्ष १९३० के आज ही के दिन
महात्मा मोहन दास करम चद गांधी ने अंग्रेजों के काले नमक
कानून के खिलाफ दांडी मार्च निकाला था जिसने भारतियों की सोच को नई दिशा प्रदान की और
नए इतिहास की रचना की | दुर्भाग्य से ८६ साल बाद भी अनेकों काले कानून प्रचलन में हैं और आम जनता की
कमर तोड़ रहे हैं |ऐसा ही एक कालाकानून हाउस टैक्स या प्रॉपर्टी टैक्स भी है जिसे अनाप शनाप थोप कर आम जनता में
अनावश्यक आक्रोश पैदा किया जा रहा है|

अखिलेश जी!आज दांडी मार्च है,प्रॉपर्टीटैक्स के कालेकानून को तोड़ने को भी मार्च कराएं

अखिलेश जी!आज दांडी मार्च है,प्रॉपर्टीटैक्स के कालेकानून को तोड़ने को भी मार्च कराएं

नॉन परफार्मिंग अपर क्लास को एक मुश्त सेटलमेंट और लोअर क्लास से तो लेने के बजाय और दिया जाना सियासी मजबूरी बन चुकी है ऐसे में शहरी लोअर मिडिल क्लास के लिए कुतर्की प्रॉपर्टी टैक्स के नाम पर प्रताड़ना को अनुचित ही कहा जाएगा
इस काले टैक्स की कोई अपील + कोई दलील की सुनवाई ही नहीं हो रही है|
सम्भवत करोड़ों अरबों के घोटाले करने वाले नगर निगम अपने कागजों में केवल अपनी लेनदारी बढ़ा कर दिखाने के लिए ही
यह गोरख धंदा जिन्दा रखे हुए हैं |
सुविधाओं के नाम पर शून्य लेकिन अनाप शनाप टैक्स पानी की सप्लाई नही मगर पानी के लिए ८% टैक्स +फिर उस पर पेनल्टी दर पेनल्टी का पसंदीदा खेल चल रहा है |
आज कल अधिकांश बैंक अपने नॉन परफार्मिंग खाते धारकों के लिए भी एक मुश्त सेटलमेंट की योजनाएं ला रहे हैं|करोड़ों डकारने वालों को भी यह सुनहरा अवसर प्रदान किया जा रहा है |इधर लोन लेकर अपन घर बनाने वाले ईमानदारी से हाउस टैक्स देने को तैयार हैं
ईमानदारी से टैक्स देने वाले मिडिल क्लास के लिए भी कोई वन टाइम सेटलमेंट योजना लाइ जानी चहिये
यहां यह कहना तर्क संगत ही होगा के नॉन परफार्मिंग अपर क्लास को एक मुश्त सेटलमेंट और लोअर क्लास से तो लेने के बजाय और दिया जाना सियासी मजबूरी बन चुकी है |ऐसे में शहरी लोअर मिडिल क्लास के लिए प्रॉपर्टी टैक्स के नाम पर प्रताड़ना को अनुचित ही कहा जाएगा |
इसीलिए आपसे अपेक्षा है की आप राजनितिक निर्णय लेकर ऐसे काले कानूनों की सफाई को भी मार्च करें |
जिसकी शुरुआत काले हाउस टैक्स +प्रॉपर्टी टैक्स से की जा सकती है