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प्र मं ने “नेताजी”से जुड़ी100गोपनीय फाइलें सार्वजनिक की:राष्ट्र के सपूत को बहुप्रतीक्षित श्रद्धांजलि

[नयी दिल्ली]प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करके राष्ट्र के सपूत को बहुप्रतीक्षित सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की|
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर उनसे जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों कीे डिजिटल प्रतियां सार्वजनिक कीं । इन फाइलों से नेताजी की मृत्यु से जुड़े विवाद को समझने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने एक बटन दबाकर इन फाइलों की प्रतियों को सार्वजनिक किया और उस समय सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्य+केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा + बाबुल सुप्रियो मौजूद थे ।
पी एम ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ इन फाइलों को देखा और वहां राष्ट्रीय अभिलेखागार में आधे घंटे तक रहे उन्होंने बोस के परिवार के सदस्यों से भी बात की ।

क्या हुआ गर राज दफन हैं फाइलों में,नेता जी का झंडा आज भी मुल्क में झूलता है

फुलगेंदवा अब करेजवा में चोट नहीं करता ।
हर लाइन पे इक कौम की बस वोट चाहिए॥
दलित के नाम पर रोटियां तो रोज सिकती हैं।
इनके दर्द से सारा मुल्क आज भी रोता है॥
मैंने कब कहा दम है मेरे अल्फाजों में ।
जुनूने मुल्क है सर चढ़ कर बोलता है ॥
जुनूने कौम की क्या बात कहें ये “झल्ला”।
“बोस” की बात पे कटने वाले आज भी हैं॥
क्या हुआ अगर राज दफन हैं फाइलों में |
नेता जी का झंडा आज मुल्क में झूलता है||
कर्णधारों ने पुतले बना रखा है नेता जी को|
लेकिन सैल्यूट तो इन्ही को मिला करते हैं ||

नेताजी सुभाषचंद्र बोस से संबंधित ३३ गोपनीय फाइलें पीएमओ ने की रिलीज:२५ फाइलें अभी भी शेष

[नयी दिल्ली]नेताजी सुभाषचंद्र बोस से संबंधित ३३ गोपनीय फाइलें पीएमओ ने की रिलीज:२५ फाइलें अभी भी शेष|
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित 33 गोपनीय फाइलों की पहली खेप आज प्रधानमंत्री कार्यालय ने राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दी और इससे इनके अगले महीने सार्वजनिक होने का रास्ता साफ हो गया।गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय अपने पास मौजूदा फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए अलग से कार्रवाई कर रहे हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक को आगे प्रसंस्करण, संरक्षण और डिजिटलीकरण के लिए फाइलें सौंपी और इस तरह से अंतिम तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय में मौजूद सभी 58 फाइलों को देश के लिए जारी किया जाना है।
फाइलों को सौंपे जाने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंजूरी दी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अक्तूबर को घोषणा की थी कि गोपनीय फाइलों की पहली खेप को 23 जनवरी से सार्वजनिक करने का काम किया जाएगा जिस दिन नेताजी की जयंती है। बोस परिवार लंबे समय से यह मांग कर रहा था।
मोदी ने यहां अपने आधिकारिक आवास पर नेताजी के परिवार से मुलाकात के बाद यह घोषणा की थी।
मोदी ने तब कहा था कि अपना ही इतिहास भूल जाने वाले लोग इतिहास नहीं बना सकते। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि उनकी सरकार किसी तरह से इतिहास को रोकने या दबाने में विश्वास नहीं करती और नेताजी से संबंधित सूचना भारत की जनता तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने नेताजी के परिजनांे को यह आश्वासन भी दिया था कि वह दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के मुद्दे को अन्य देशों के नेताओं के साथ भी उठाएंगे।

Daughter Anita Demands DNA Test of Netaji’s Ashes & declassification Of Files

[Kolkata] Daughter Anita Demands DNA Test of Netaji’s Ashes & declassification Of Files
Netaji Subhas Chandra Bose’s daughter has appealed to Prime Minister Narendra Modi to declassify files relating to the leader that are with the Centre so that the mystery surrounding his disappearance over 70 years ago is unravelled.
On the recent release of 64 secret files on Netaji by the West Bengal government, 72-year-old Anita Bose Pfaff said she was yet to receive copies of the documents. “I am, therefore, not aware of their content, especially not of any information about his death.”
She also said, “I would appeal to Prime Minister Narendra Modi to declassify the files that are with the Centre.”
Members of the Bose family, West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee and many others have been demanding declassification of the Netaji files by the Centre.
In A Interview On E Mail She was asked that whether she would appeal to the British+Russian+ Japan governments to declassify the files they have on Netaji, Anita replied , “It would be helpful, if the Indian government appealed to those other governments to make files available for study.
Some countries have a ‘right to information’. However, as long as the Indian government has not declassified their files, they are in a poor position to ask others.”
Anita, a noted economist based in Germany, also demanded that DNA test of the ashes — believed to be that of Netaji — kept at Japan’s Renkoji temple be carried out in order to settle the mystery surrounding his death in an air crash.
that she believed her father died in the air crash in Taihoku airport in Taiwan in August in 1945 “until proved otherwise”, she said the ashes hold key to unravelling the mystery.
“I certainly would like the ‘mystery’ settled. An agreement between Indian and Japanese governments to a DNA-test of the remains at Renkoji temple would certainly be helpful,” she said.
“Moreover I wish the Indian public would concern themselves more with his life and his achievements from which there is much to be learned than with his death!” she said.
She alleged that successive Congress governments had neglected the contributions made by Bose and his Indian National Army (INA).
“The Congress governments have by and large neglected Netaji and INA’s contributions. The (Mukherjee) Commission did get a lot of time, some resources, though seems to have gotten little support,” Anita said.

बंगाल में नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी 12,744 पृष्ठों वाली 64 रहस्यमय फाइलें हुई सार्वजनिक

[कोलकाता]बंगाल में नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी 64 रहस्यमय फाइलें हुई सार्वजनिक
सीएम सुश्री ममता बनर्जी ने अपने वायदे को अमली जामा पहनाते हुए नेताजी सुभाष चन्द्र से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक कर दी इसके साथ ही उन्होंने ऐसा करने के लिए केंद्र को ,चुनौती भी दे डाली
प बं सरकार ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी वे 64 फाइलें सार्वजनिक कर दीं हैं, जो उनके रहस्यमय ढंग से लापता हो जाने पर कुछ रोशनी डाल सकती हैं। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्र को भी बोस से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक कर देनी चाहिए।
12,744 पन्नों वाली 64 फाइलें बोस के परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में प्रदर्शित की गईं। बोस के परिवार के सदस्य यह मांग करते रहे हैं कि उनसे जुड़ी जो जानकारी आज तक गोपनीय बनाकर रखी गई, उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
शहर के पुलिस आयुक्त सुरजीत पुरकायस्थ ने कहा कि इन फाइलों को कोलकाता पुलिस संग्रहालय में कांच के बक्सों में प्रदर्शित किया गया और सोमवार से आम जनता की पहुंच इन तक होगी।
64 फाइलों में से 55 फाइलें कोलकाता पुलिस के पास हैं जबकि नौ अन्य फाइलें राज्य की पुलिस के पास हैं।
पुरकायस्थ ने फाइलों के डिजीटलीकृत प्रारूप वाली डीवीडी नेताजी के परिवार के सदस्यों को सौंपी।
पुलिस संग्रहालय का दौरा करके आने वाली मुख्यमंत्री बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘आज एक ऐतिहासिक दिन है। हमारी सरकार ने नेताजी की सभी फाइलंे सार्वजनिक कर दी हैं। लोगों को भारत के बहादुर बेटे के बारे में जानने का अधिकार है।’’ बाद में उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक शुरूआत की है। लोगों को सच पता चलना चाहिए। केंद्र सरकार को भी :नेताजी से जुड़ी: फाइलें सार्वजनिक करनी चाहिएं। हम सभी में सद्बुद्धि आए। आप सच को दबा नहीं सकते। सच को बाहर आने दें।’’

ममताबनर्जी दीदी भूल गई के केंद्र ने भी”नेता”जी की तुरुप फ़ाइल को चुनावों के लिए बचा रखा है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

नेता जी सुभाष प्रशंसक

ओये झल्लेया मुबारकां!ओये हसाड़ी ममता दीदी ने अगले सप्ताह नेता जी सुभाष चन्द्र [SCBose] से सम्बंधित ६४ फाइलें सार्वजानिक कर देनी हैं ओये अब नेता जी के विषय में फैली सारी भ्रांतियां दूर होजानी है

झल्ला

चलो अच्छा ही है ,देर आयद दूरूस्त आयद लेकिन आपजी की ममता दीदी जल्दबाजी में यह भूल गई के केंद्र के पास भी फाइलों की तुरुप है जिसका इस्तेमाल आपजी के पश्चिमी बंगाल के चुनावों में किया जा सकता है|अर्थार्त फाइलों वाला वायदा पूरा करने के साथ ही उसकी कीमत भी तत्काल वसूल ली जाएगी |ममताबनर्जी दीदी भूल गई के केंद्र ने भी”नेता”जी की तुरुप फ़ाइल को चुनावों के लिए बचा रखा है |

पाकिस्तान के जन्म के साथ हुए बंटवारे में शहीद हुए लाखों पंजाबियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई

Punjabi Sangthan Pays Tributes To 1947 Martyers

Punjabi Sangthan Pays Tributes To 1947 Martyers

[मेरठ]पाकिस्तान के जन्म के साथ हुए बंटवारे में शहीद हुए लाखों पंजाबियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई|पंजाबी संगठन युवा मोर्चा मेरठ महानगर के सदस्यों ने आज नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा के समक्ष मोमबत्तियां जला कर दस मिनट का मौन रखा और दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की|पंजाबी नेता व पत्रकार पंकज जॉली ने बताया कि आज के दिन पूरे यूंपी में यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं |उन्होंने शहीदों की स्मृति में एक स्मारक की मांग भी मुख्य मंत्री अखिलेश यादव से की |पंकज जॉली के अनुसार पंचनद ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर महंत श्री धर्म देव पटौदी वालों के न्रेतत्व में स्मारक निर्माण की मुहीम पूरे भारत वर्ष में चलाई जा रही है|कमिश्नरी पार्क में स्थित नेता जी कि मूर्ति के समक्ष आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में कपिल सहगल+हिमांशु ढींगरा+आशु+लवली+विजय+भूपेंद्र अश्विनी+अमित आदि अनेको युवा उपस्थित थे

सुभाष चन्द्र बोस गांधी+नेहरू नहीं थे,इसीलिए इनकी कागजी फाइलों को तो चूहे ही खाएंगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये आजादी के इतने सालों के पश्चात नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु से संबंधित दस्तावेजों को तलाशा जा रहा है |ओये इतने सालों में तो कागजों की फाइलों को चूहे कुतर भी गए होंगें

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप जी की सरकार में जब लेह जैसी जगह में लोहे के रोड रोलर को दीमकें खा सकती हैं तो गैर गांधी +नेहरू से संबंधित कागजी फाइलों की क्या बिसात है

कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा में आग से हड़कम्प:कोई हताहत नही

[कोलकाता] कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र [एनएससी] बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा में आग से हड़कम्प :कोई हताहत नही
नेताजी सुभाष चंद्र [एनएससी] बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के घरेलु उड़ान वाले टर्मिनल के इंटीग्रेटेड कार्गो परिसर में बीती शाम हल्की आग लग गई।
हवाईअड्डे के एक अधिकारी के अनुसार शाम सात बजकर 20 मिनट के करीब परिसर में धुंआ उठता हुआ देखा गया जिसके कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई लेकिन अगले पांच मिनट में ही आगपर काबू पा लिया गया |जब शाम पौने सात बजे के करीब दमकल विभाग के कर्मचारी टर्मिनल की इमारत में पहुंचे तो उन्हें कुछ विशेष करना नहीं पड़ा।

अनिल विज ने सुभाष बोस के परिवार की जासूसी कराने वाले नेहरू की नस्ल के बहिष्कार की मांग उठाई

[चंडीगढ़]अनिल विज ने शुभाष चांद्रो बोशु [सुभाष बोस] के परिवार की जासूसी करने वाले नेहरू की नस्ल के बहिष्कार की मांग उठाई |गौरतलब है कि पुरानी फाइलों में बंद जासूसी के इस जिन्न के बाहर आने से भारतीय राजनीती में भूंचाल आ गया है |भाजपा ने इसे मुद्दा बना कर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है |इतिहास कारों की मान्यतानुसार तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को १९४१ में मरवाने के आदेश दिए थे|नेता जी की मृत्यु की जांच की मांग गाहे बगाहे उठती रही हैं | परिजनों ने भी इस विषय में सरकारी तथ्यों को कभी स्वीकार नहीं किया |अब इस रहस्योद्घाटन पर यकीन किये जाये तो आजाद भारत में भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के परिजनों की जासूसी कराई गई |आजादी के बाद कांग्रेस से राज किया और पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर नेता जी की जासूसी कराने के आरोप लगे हैं जिसे तत्काल मुद्दा बनाते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज ट्वीट किया है
“सुभाष चंद्र बोस के परिवार की 20 वर्ष तक जासूसी करवाने वाले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू की पूरी नस्ल का बाहिष्कार कर देना चाहिए”
इसे पूर्व अनिल विज राजीव गांधी खेल परिसर का नाम बदल कर शहीद भगत सिंह खेल परिसर रखने बारे CM को सिफारिश भेज चुके हैं ।