[मेरठ,यूपी]ऍनआईसी के प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारीयों ने पदोन्नति के लिए काली पट्टी बाँधी
ऍनआईसी के प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारीयों ने देय पदोन्नति के लिए काली पट्टी बांध कर कार्य किया|
जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विजेंद्र सिंह और अपर जिला सूचना विज्ञानं अधिकारी अमित [डायमंड]सक्सेना ने विरोधस्वरूप काली पट्टी बांध कर सरकारी कार्य किया |
राष्ट्रिय सूचना विज्ञान केंद्र [NIC ]के इन असंतुष्ट अधिकारीयों के अनुसार ये संकेतात्मक विरोध समस्त अधिकारीयों द्वारा दर्ज कराया जा रहा है|अमित के अनुसार पिछले छह वर्षों से अधिकारीयों की देय पदोन्नति नहीं हुई हैजिसके फलस्वरूप आल इंडिया निक एस एंड टी ऑफिसर्स एसोसिएशन विरोध दर्ज कराया जा रहा है|केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के निक केंद्रों के अधिकारी काली पट्टी बाँध कर संकेतात्मक विरोध कर रहे हैं|कचहरी परिसर में स्थित मेरठ केंद्र में केवल दो ही अधिकारी हैं और दोनों ने ही संकेतात्मक विरोध दर्ज कराया
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ऍनआईसी के प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारीयों ने पदोन्नति के लिए काली पट्टी बाँधी
डिफेन्स पेंशनर अब घर बैठे ,अपने एंड्रॉयड फोन पर भी, अपने जीवित होने का प्रमाण दे सकेंगे
[मेरठ]रक्षा पेंशनर अब घर बैठे अपने एंड्रॉयड फोन पर भी अपने जीवित होने का प्रमाण दे सकेंगे |उन्हें पेंशन संवितरण कार्यालय में व्यक्तिगत तौर पर हाजिरी नहीं लगानी होगी|यह उययोगी जानकारी आज रक्षा पेंशन संवितरण अधिकारी [ DPDO]मुकेश शर्मा ने दी|केंद्र सरकार के निर्देशानुसार रक्षा पेंशन संवितरण कार्यालय में एक सप्ताह का कैम्प लगाया गया था जिसका आज समापन हुआ |प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लेस्स गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस के सिद्धांत का पालन करने के लिए शुरू की गई इस योजना को मूल रूप देने के लिए यह कैम्प लगाया गया|
इस कैम्प में पेंशनरों के खाते उनके आधार कार्ड से लिंक किये गए| डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सेवा[DigitalLifeCertificate] नाम से लांच की गई इस सेवा में लिंक करने वाले पेंशनरों को अब पेंशन के लिए प्रत्येक वर्ष अपने संवितरण कार्यालय में हाजिरी नहीं लगानी होगी|आई टी +इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा सॉफ्ट वेयर एप्लीकेशन को वायोमीट्रिक रीडिंग डिवाइस के साथ पर्सनल कम्प्यूटर या स्मार्ट फोन पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है|राष्ट्रीय सूचना केंद्र के अमित सक्सेना की सहायता से मेरठ के डी पी डी ओ में यह मशीन लगाईं गई है जिसपर अभी तक ६० आधार कार्ड धारकों ने पेंशन लिंक कराई है |गौरतलब है कि मेरठ में रक्षा पेंशन के संवितरण का कार्य ६० से अधिक बैंकों द्वारा भी किया जा रहा है इन बैंकों में भी यह प्रणाली लगाईं जानी है|
डी पी डी ओ मुकेश शर्मा के अनुसार यदपि आज कैम्प समाप्त हो चुका है फिर भी इसके पश्चात आने वाले पेंशनरों को निराश नहीं लौटना होगा|यह मशीन इनकों स्थानों पर लगाये जाने का विचार है
पीएमओ+एचआरडी+स्वास्थ्य मंत्रालयों ने ई ग्रीटिंग्स से करोड़ों लोगों को दिवाली बधाई की मेल
गौरतलब है कि संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद द्वारा १४ अगस्त को एनआईसी के ई-ग्रीटिंग्स पोर्टल का उद्घाटन किया गया था
इसे भारत सरकार के डिजिटल इंडिया पहल के रूप में एनआईसी ने विकसित किया है। इसे विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस पर ई-ग्रीटिंग्स भेजने के लिए डिजाइन किया गया था
पोर्टल का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने सभी कर्मचारियों से भविष्य में ई-ग्रीटिंग्स भेजने का अनुरोध करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की यह नवाचार शुरूआत प्रधानमंत्री की भारत में उचित सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के क्रम में है।
पोर्टल का उद्देश्य सरकारी अधिकारियों और एजेंसिंयों द्वारा अपने सहयोगियों और मित्रों को शुभकामनाएं भेजने के एक समकालिक और पर्यावरण सहायक तरीके को प्रोत्साहित करना है। इस पोर्टल से उपभोक्ता इस अवसर पर उपलब्ध अनेक नमूनों में से अपनी पसंद के ग्रीटिंग चुनकर भेज सकते हैं।
ई-ग्रीटिंग्स पोर्टल विशिष्ट है क्योंकि अधिकांश डिजाइन पी एम के माइगोव पोर्टल के तहत जनता की भागीदारी में तैयार किए गए हैं। इस पोर्टल पर त्योहारों के अवसर पर भेजे जाने वाले डिजाइन भी विकसित किये जा रहे हैं पोर्टल को शुरू में सरकारी उपयोगकर्ताओं के लिए विकसित किया गया है लेकिन सभी नागरिक इसके द्वारा अपने परिवारों और मित्रों को भी शुभकामनाएं भेज सकते हैं।
इसका एक नकारात्मक पहलू भी है यह वन साइडेड ग्रीटिंग हैं अर्थार्त नो रिप्लाई के टैग के भेजे जा रहे हैं इनके उत्तर में मेल प्राप्त करता धन्यवाद भी रिटर्न नहीं दे सकता |भाजपा के अपने छोटे बढे नेता इस पोर्टल का निशुल्क उपयोग करने के बजाय बढे बढे महंगे महंगे होर्डिंग्स लगवा कर बधाई सन्देश दे रहे हैं| उद्घाटन कर्ता मंत्री के मंत्रालय का ऐसा कोई प्रयास दृष्टिगोचर नहीं हुआ
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Ravi Shankar Prasad launching the E-Greetings Portal of National Informatics Centre, in New Delhi on August 14, 2014.
विद्या नाॅलेज पार्क में एनआईसी के कैम्प में 25 राज्यों के एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया
[मेरठ]विद्या नाॅलेज पार्क में एनसीसी द्वारा आयोजित एनआईसी कैम्प में आज 25 राज्यों के एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया |
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एनसीसी युक्त सेल्फ फाइनेन्स शिक्षण संस्थान विद्या नाॅलेज पार्क में एनसीसी द्वारा दस दिवसीय नेशनल इन्टीग्रिटी कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर के इस कैम्प में देश भर के लगभग 25 राज्यों के एनसीसी कैडेट्स हिस्सा ले रहे है।
कैम्प कमाण्डेन्ट 70 UP Bnके कर्नल दीपेन्द्र सरीन ने जानकारी देते हुए बताया कि कैम्प में 18 बटालियन के 600 एनसीसी कैडेट्स एवं स्टाॅफ मौजूद है। कैम्प के सुचारू संचालन का जिम्मा पन्द्रह एएनओ ANOऔर पच्चीस जेसीओ JCOको दिया गया है।
कैम्प में कैडेट्स के लिए एजुकेशनल विजिट, विभिन्न राज्यो के पारंपरिक रंगो से परिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा खेलकूद एवं विभिन्न प्रतियोगिताओ का आयोजन किये जा रहे हैं
विद्या नाॅलेज पार्क के प्रबन्धन तंत्र ने कहा कि ऐसे कैम्प कराने से वीकेपी के विद्यार्थियो में देशभक्ति की भावना का संचार होगा।
कैम्प में कर्नल संजीव दहिया एवं विद्या नाॅलेज पार्क के ओआईसी एनसीसी सौरभ शर्मा सहित एनसीसी के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद है।
सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने केलिए कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का विमोचन किया
सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने केलिए कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का विमोचन किया यह मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है।
श्री सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का भी विमोचन किया जो मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है। इस पोर्टल का मुक्त डाटा पर के नूतन एप्स के जरिए सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। भारत की मुक्त सरकारी डाटा पहल न सिर्फ गवर्नेन्स में ज्यादा पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक को अधिक संलग्न करने की दिशा में एक कदम है बल्कि यह नवाचार के लिए मंच के रूप में भी काम करेगा।
एनआइसी और इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने डाटा पोर्टल (http://data.gov.in) बनाया है तथा इसे देश की ओपन सरकारी पहल के रूप में लागू किया जा रहा है। अब तक 49 विभागों से 3500 से अधिक डाटासेट इस पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं तथा रोजाना यह संख्या बढ़ती जा रही है। प्रायोगिक परियोजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय और एनआइसी ओपन डाटा के इस्तेमाल से मोबाइल एवं वैब एप्स के विकास के लिए विद्यार्थियों की क्षमता का पता लगाने का प्रयास करेंगे।
फोटो कैप्शन Union Minister Shri Kapil Sibal releasing the Data Portal India, at the inauguration of the conference on Open Data Apps for Innovation in Governance, in New Delhi on August 08, 2013.
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