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एयर इंडिया २६०३२.९३ करोड़ रुपयों के बोझ से दबी:चौ.अजित सिंह का लोक सभा में कन्फेशन

भारत सरकार की विमानन कंपनी एयर इंडिया २६०३२.९३ करोड़ रुपयों के बोझ से दबी हुई है| केंद्र सरकार के सिविल एविएशन मंत्री चौ.अजित सिंह ने लोक सभा में यह कन्फेशन[ CONFESSION ] किया |
भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री और कांग्रेस के सहयोगी रालोद के अध्यक्ष चौ. अजित सिंह ने आज स्वीकार किया कि सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया पर रिण का भारी बोझ है।
एयर इंडिया पर 31 दिसंबर २०१३ तक 26032.93 करोड़ रूपये बकाया है
लोकसभा में रमेश के प्रश्न के लिखित उत्तर में नागर विमानन मंत्री अजीत सिंह ने कहा कि 31 दिसंबर 2013 तक एयर इंडिया पर 26032.93 करोड़ रूपये बकाया है और इसकी कार्यशील पूंजी केवल 21125 करोड़ रूपये है।गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा इस छेत्र में सुधारों की बात लगातार कही जा रही है और घाटा घटाने के लिए प्रयासों की घोषणा की जाती रही है

आर्थिक आधारित आरक्षण के सुझाव को बेशक रद्दी की टोकरी नसीब हुई मगर इसकी जड़ों की तलाश शुरू हो गई है

जाति आधारित आरक्षण के स्थान पर आर्थिक आधार बनाने के लिए कांग्रेस के महा सचिव जनार्दन द्विवेदी के सुझाव को पार्टी के चुनावी मेनिफेस्टो में शामिल करने के बजाय कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने उसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया है लेकिन इस मुद्दे को लेकर आरक्षण के बल पर राजनीती करने वालों ने इस रिजेक्टेड सुझाव की संसद के बाहर और भीतर आलोचना करनी शुरू कर दी है |एक पत्रकारों का धड़ा इस सुझाव पर भाजपा के पी एम् प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को घेरने में लग गया है | यह भी कहा जा रहा है कि चुनावों के मध्य नजर इस मुद्दे को उठाया जा रहा है |
अब ऊपरी तौर से दिख रहा है कि सूत या कपास के बिना ही लट्ठम लठ चल रहा है मगर इस सुझाव की जड़ों की खुदाई तो शुरू हो ही गई है|
चुनावो से ठीक पहले यह मुद्दा उछालना किसी भी तरह से किसी की भी निजी राय नहीं हो सकती और जनार्दन द्विवेदी सरीखे भरोसे मंद +गम्भीर और वरिष्ठ नेता से मजाक की भी उम्मीद नहीं की जा सकती तब ऐसा क्या कारण है कि मुद्दे को उछाला गया |जिस प्रकार से श्री मति सोनिए गांधी ने आगे आकर सामाजिक न्याय के नाम पर आरक्षण की वकालत करते हुए इस दिशा में और अधिक काम का आश्वासन दिया है उससे लगता है कि अपने पुराने और अब दूर छिटक चुके वोट बैंक [आरक्षण के लाभार्थियों] को बसपा+ सपा से काट कर कांग्रेस की तरफ मोड़ना एक कारण हो सकता है इसके अलावा इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कवायद भी दिखाई दे रही है जिस तरह से आर्थिक आधार पर आरक्षण के विषय में भाजपा से राय पूछी जा रही है उससे यह भी दिखता है कि चुनावों के मध्यनजर भाजपा से आर्थिक आधार पर आरक्षण पर राय लेकर भाजपा से आरक्षण के लाभार्थी जातियों के वोट काटे जा सके
अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने कांग्रेस महासचिव के इस सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया है।अपने सबसे करीबी माने जाने वाले नेता की दलीलों को खारिज करते हुए सोनिया ने अनुसूचित जाति+ जनजाति + पिछड़े वर्गो को आरक्षण का श्रेय कांग्रेस को देते हुए इसे आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा के रामगोपाल यादव+बसपा प्रमुख मायावती ने संसद के भीतर इसे लेकर हंगामा किया |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इसके समय को लेकर सवाल खड़ा कर दिया।
राज्यसभा में बसपा ने कांग्रेस से स्थिति साफ करने की मांग की और सपा ने केंद्र सरकार पर सामाजिक न्याय से भागने का आरोप लगा दिया।
कांग्रेस के भीतर पीएल पुनिया +अजीत जोगी जैसे दलित और पिछड़े नेताओं ने जनार्दन द्विवेदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
इस सबसे बचने के लिए सोनिया गांधी ने अपने बयान में साफ कर दिया कि कांग्रेस शुरू से अनुसूचित जातियों+ जनजातियों + पिछड़े वर्गो के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रही है और आगे भी रहेगी।
श्रीमती सोनियागांधी ने सांत्वना देते हुए बताया कि कांग्रेस ने ही 1950 के दशक में अनुसूचित जातियों +जनजातियों को सरकारी नौकरियों व शिक्षा संस्थाओं के साथ-साथ संसद और विधानसभाओं में आरक्षण सुनिश्चित कराया था।
पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण भले ही वीपी सिंह की सरकार ने लागू किया हो मगर श्रीमती सोनिया गांधी ने इसका श्रेय भी कांग्रेस को ही दिया। उनके अनुसार अनुसूचित जाति+ जनजाति + पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण की प्रणाली पर कांग्रेस के रुख में कोई शक नहीं है।
उन्होंने निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति की भागीदारी बढ़ाने के लिए संप्रग सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। उन्होंने याद दिलाया कि संप्रग सरकार ने इन वर्गो के छात्रों के लिए विशेष छात्रवृति की शुरुआत की थी, जिसका लाभ हर महीने एक करोड़ से अधिक छात्र उठा रहे हैं। एक कदम आगे बढ़ते हुए सोनिया ने अनुसूचित जाति और जनजाति का विकास सुनिश्चित करने के लिए अलग से बजट आवंटित करने के प्रति भी प्रतिबद्धता जताई है ।

“AAP”Called Section 377 Archaic Law,Showed Disappointment with Supreme Court’s judgment

The Aam Aadmi party[AAP] Called Section 377 archaic law and Showed Disappointment with the judgment of the Supreme Court upholding the Section 377 of the IPC and reversing the landmark judgment of the Delhi High Court on the subject.
AAP Says “The Supreme Court judgment thus criminalizes the personal behavior of consenting adults. All those who are born with or choose a different sexual orientation would thus be placed at the mercy of the police. This not only violates the human rights of such individuals, but goes against the liberal values of our Constitution, and the spirit of our times.Aam Aadami Party hopes and expects that the Supreme Court will review this judgment and that the Parliament will also step in to repeal this archaic law”

भारतीय सेना के जाबांजों की शहादत के प्रति बिहार के असंवेदनशील नेताओ के कई चेहरे सामने आये

भारतीय सेना के जाबांजों की शहादत के प्रति बिहार के असंवेदनशील नेताओ के कई चेहरे सामने आये हैं जिससे राजनीती में उबाल आ गया है| सोमवार की देर रात.जम्मू कश्मीर के पूँछ एल ओ सी के समीप मारे गए पांच जवानो में चार बिहार प्रदेश के थे| वैसे तो शहीद पूरे राष्ट्र का होता है लेकिन उसका अंतिम संस्कार चूंकि उसके परिजनों द्वारा किया जाता है इसीलिए शहीद के पार्थिव शरीर को उसके प्रियजनों को सौंपा जाता है|इसी प्रक्रिया में चार लाडलों के शव बिहार लाये गए|
सरकार ने हालांकि शहीदों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा के साथ ही राजकीय सम्मान के साथ शहीदों का अंतिम संस्कार भी किया गया लेकिन सत्ता रूड दल जे डी यूं के मंत्री ने मीडिया में ऐसा असंवेदना पूर्ण बयाँ दिया जिसके फलस्वरूप देश में आक्रोश व्याप्त हो गया इसे शांत करने के लिए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को माफ़ी मांगनी पड़ी|
पाकिस्तानी सेना के हमले में मारे गए पांच भारतीय जवानों में से चार बिहार राज्य से थे| गुरुवार को इन सैनिकों के शव उनके पैतृक गांव लाये गए| शहीदों के शव जब रात के 10 बजे पटना के हवाई अड्डे पर पहुंचे तो बिहार सरकार का कोई मंत्री श्रद्धांजलि देने के लिए वहां उपस्थित नहीं था। जिसे लेकर मीडिया ने स्वाभाविक सवाल किये
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री भीम सिंह ने . जवानों के सम्मान में मंत्रियों की अनुपस्थिति के संबंध में एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि सेना और पुलिस में जवान शहीद होने के लिए ही शामिल होते हैं.|भड़के भीम सिंह मीडिया से ही उल्टे सवाल करने लगे कि क्या आप वहां उपस्थित थे आपके माता पिता उपस्थित थे और अगर आप उपस्थित थे, तो अपने वेतन का काम कर रहे थे.
क्या आपके माता-पिता उपस्थित थे, वे भी तो नागरिक हैं.
राज्य सरकार की उदासीनता पर तब ज्यादा हंगामा हो गया जब शहीदों के अंतिम संस्कार में भी सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा|
बिहार सरकार के प्रवक्ता के सी त्यागी ने जहाँ इसे दुर्भाग्पूर्ण बताया और मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्री भीम सिंह के असंवेदनशील बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी और कहा कि पूरा देश भारतीय सैनिकों का कर्जदार है, शहीदों को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है. साथ ही उन्होंने भीम सिंह के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
सी एम् ने इसे शहीदों का अपमान बताया|
मुख्यमंत्री के दबाव के चलते भीम सिंह ने भी अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी|
.इससे पूर्व पार्टी के ही सांसद शिवानन्द तिवारी ने भी कमोबेश ऎसी ही असंवेदनशीलता का परिचय दिया |
उन्होंने संसद में दिए गए रक्षा मंत्री के ब्यान पर टिपण्णी करते हुए कहा कि एल ओ सी पर पाकिस्तान सेना की वर्दी में कुछ लोग थे जिन्होंने भारतीय जवानो की हत्या की उन्होंने रक्षा मंत्री के बयाँ का समर्थन करते हुए पाकिस्तान की सेना को अभय दान देने में देर नही लगाई| श्री तिवारी भोजपुर से हैं और जे डी यूं के राज्य सभा में सदस्य हैं|इससे पूर्व आपने आपत्ति जनक बयानों के चलते पार्टी प्रवक्ता का पद खो चुके हैं इनके स्थान पर के सी त्यागी को पार्टी प्रवक्ता बनाया गया था|

कम नवजात मृत्‍यु दर वाले राज्‍यों को कोई प्रोत्साहन नही :ग्रामीण गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 %

भारत सरकार ने देश में नवजात शिशु मृत्‍यु दर घटाने के लिए बनाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकरी राज्य सभा में देते हुए बाते कि सरकार द्वारा अनेको कार्यक्रम चलाये जा रहे है और जिन राज्‍यों ने नवजात शिशुओं की मृत्‍यु दर विभिन्‍न उपायों के जरिए कम रखी है, उन्‍हें प्रोत्‍साहन देने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है।
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने राज्‍यसभा में एक लिखित उत्‍तर में बताया कि राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अंतर्गत बनाये जा रहे कार्यक्रमों से नवजात शिशु परिचर्या सुविधाओं को मजबूत बनाया जाएगा और इसके लिए जि़ला स्‍तर पर नवजात स्थिरता इकाइयां तथा नवजात परिचर्या केन्‍द्र खोले जाएंगे। जहां भी प्रसव की सुविधा है, वहां नवजात परिचर्या केन्‍द्र भी खोले जाएंगे। इस समय देश भर में 448 नवजात शिशु परिचर्या केन्‍द्र, 1574 नवजात स्थिरता इकाइयां और 13219 नवजात परिचर्या केन्‍द्र काम कर रहे हैं। इसके अलावा जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम आदि भी चल रहे हैं।
इसके आलावा

एचआईवी पॉजिटिव म‍रीजों के लिए चिकित्‍सा बीमा पॉलिसी

की जानकारी भी दी गई |स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्याण राज्‍य मंत्री श्री अबु हासिम खां चौधरी ने राज्‍यसभा में एक लिखित उत्‍तर में बताया कि वर्ष 2012 में एचआईवी के बारे में लगाए गए अनुमानों के अनुसार 2010-11 के दौरान भारत में एचआईवी /एड्स (पीएल एचआईवी) ग्रस्‍त जीवित मरीजों की संख्‍या 20.89 लाख थी। ग्रामीण इलाकों में भी गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 % पाई गई|
2012 के एचआईवी अनुमानों के अनुसार पीएल एचआईवी के 86.34 प्रतिशत मरीज वर्ष 2011 में 15 से 49 वर्ष की आयु वर्ग में थे। गर्भवती महिलाओं में एचआईवी फैलने को प्रॉक्‍सी माना जाता है। 2010-11 के एचआईवी सेन्‍टीनल सर्विलांस के अनुसार ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 प्रतिशत थी, जबकि शहरी इलाकों में ऐसे मरीजों की संख्‍या 0.44 प्रतिशत थी।

नवाज शरीफ ने चाहा के हथियारों की हौड समाप्त हो लेकिन उनकी सेना ने पांच भारतीय सैनिको को मार डाला

नवाज शरीफ ने चाहा के भारत और पाकिस्तान में हथियारों की हौड समाप्त हो लेकिन उनकी सेना ने भारतीय सीमा में घुस कर पांच भारतीय सैनिको की निर्मम हत्या कर दी | पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के हथियारबंद दस्ते ने एलओसी के करीब 450 मीटर भीतर घुसकर गश्त पर निकले भारतीय सेना के जवानों पर हमला बोला और पञ्च जवानों की निर्मम हत्या करके दौड़ गए| जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में भारतीय सैनिकों की टुकड़ी पर हमला करने वाले पाकिस्तानी सेना की वर्दी में थे | बिहार और महाराष्ट्र के शीद हुए बहादुर सैनिकों का विवरण निम्न बताया गया है |[1]-सिपाही विजय कुमार राय (21-बिहार रेजीमेंट) – पटना, बिहार[2]-सिपाही रघुनंदन राय (21-बिहार रेजीमेंट) – छपरा, बिहार[3]-नायक प्रेम नाथ सिंह (21-बिहार रेजीमेंट) – छपरा, बिहार[4]-लांस नायक शंभू शरण राय (21-बिहार रेजीमेंट) -भोजपुर, बिहार[5]-नायक माने कुंडलिक केरबा (14-मराठा लाइन)- कोल्हापुर, महाराष्ट्र|
पाकिस्तान की इस करतूत पर भारत में संसद से सड़क तक जबरदस्त आक्रोश की लहर है। भारत की क्षमता और चुप्पी पर प्रश्न उठाये जा रहे हैं|
संसद में विपक्ष ने भी पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा।रक्षामंत्री के बयान को लचर बता कर विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा में जमकर धज्जियां उड़ाई। विपक्षी दलों ने कहा कि रक्षामंत्री के बयान से ही पाकिस्तान को बचने का रास्ता मिल गया है।
रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने संसद को बताया कि हथियारों से लैस 20 आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय सैनिकों के गश्ती दल पर हमला कर इसे अंजाम दिया।उन्होंने अपने वक्तव्य में पाकिस्तान की वर्दी में आतंकवादियों के हमले की बात कही जिसे विपक्ष ने गैर जिम्मेदाराना करार दिया
पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस बार भी नमक छिड़कते हुए अपनी सेना की इस नापाक करतूत से पल्ला झाड लिया और पूरी घटना से ही इनकार कर दिया है।पाक सेना की इस हरकत ने नव निर्वाचित प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की भारत के साथ अच्छे रिश्ते की कोशिशों पर सवालिया निशान लगा दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार की देर रात चक्कां दा बाग की पोस्ट पर 21 बिहार रेजिमेंट के एक जूनियर कमांडिंग ऑफिसर (जेसीओ) और पांच जवान गश्त पर निकले थे।
एक तरफ तो पाकिस्तान के प्रधान मंत्रीनावज शरीफ भारत और पाकिस्तान में तनाव कम करने के लिए हथियारों की हौड को समाप्त करने की बात करा रहे है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की सेना की यह शर्मनाक हरकत उनके दोहरे पण को दर्शाती है| रक्षा मंत्री के बयाँ के अनुसार पाकिस्तान द्वारा इस वर्ष ५७ बार सीज फायर का उल्लंघन किया गया है| यह बीते वर्ष के मुकाबिले ८०% अधिक है|

केंद्र सरकार ने लाखों घरेलू कामगारों की सुध ली

केंद्र सरकार ने 47.50 लाख घरेलू कामगारों की सुध ली
श्रम और रोजगार राज्‍य मंत्री श्री कोडिकुन्‍नील सुरेश ने आज लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि राष्‍ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (एनएसएस) 2004-05 के अनुसार, देश में लगभग 47.50 लाख घरेलू कामगार है, जिनमें से 30 लाख महिलाएं शहरी क्षेत्रों में काम कर रही हैं। सरकार ने घरेलू कामगारों के संबंध में पहले ही एक नीति बना ली है।
उन्‍होंने यह भी बताया कि केन्‍द्रीय सरकार ने असंगठित कामगारों जिनमें घरेलू कामगार भी शामिल हैं, की सामाजिक सुरक्षा के लिए असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 अधिनियमित किया है। इन घरेलू कामगारों पर न्‍यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948, कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923, समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 और अंतर्राज्यिक प्रवासी कर्मकार (आरईसीएस) अधिनियम, 1967 जैसे विभिन्‍न श्रम कानून भी लागू हैं।

संसद में मानसून सत्र के पहले दिन राज्यों के गठन की बिजली चमकी और स्थगन के ओले पड़े

[नयी दिल्ली,]:संसद में मानसून सत्र के पहले दिन राज्यों के गठन की मांग की बिजली चमकी और स्थगन के ओले पड़े
संसद में मानसून सत्र के पहले ही दिन आज पृथक तेलंगाना के गठन और बोडोलैंड सहित नये राज्यों के गठन की मांग को लेकर हंगामा हुआ जिस के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित रही।
दोनों ही सदनों में आंध्र प्रदेश के कुछ सदस्यों ने तेलंगाना गठन के प्रस्ताव के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सीमान्त क्षेत्र के लिए न्याय की मांग करते देखे गये।
इससे पूर्व प्रात प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने मीडिया को संबोधित करके सत्र के सदुपयोग पर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी |उन्होंने विपक्ष को भी सकारात्मक रूख अख्तियार करने का सन्देश दिया था उन्‍होंने कहा कि‍ हमने पि‍छले दो-तीन सत्रों के दौरान पहले ही काफी समय बर्बाद कि‍या है। मुझे उम्‍मीद है कि‍ वही बात इस सत्र में भी नहीं दोहराई जाएगी। सरकार अपनी तरफ से हर मुद्दे पर सदन में चर्चा के लि‍ए तैयार है लेकिन इस अपील के असर से उनकी अपनी पार्टी के ही नेता बेअसर दिखाई दिए| और तेलंगाना के गठन के मुद्दे को लेकर लगातार वेल में जाकर बाधा डालते रहे|

अखिलेश यादव ने लैप टॉप के वितरण से आगे बढे राजनितिक कदम को दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर मार लिया

प्रधान मंत्री की सीट पर उम्मीद भरी नजरें गढ़ाए समाजवादी पार्टी वर्तमान में रेत माफिया केस में देश की राजनीती में अलग थलग पड़ चुकी है संभवत इसीलिए अखिलेश यादव की सरकार ने निलंबन के एक सप्ताह पश्चात आई ऐ एस दुर्गा शक्ति नागपाल को चार्जशीट जारी कर दी है । इस प्रक्रिया में निलंबित अधिकारी को उनके विरुद्ध लगाये गए चार्ज बता कर अधिकारी का स्पष्टीकरण माँगा जाता है ।सरकार को इसे डैमेज को कंट्रोल करने का समाजवादी प्रयास समझा जा सकता है |
इससे पूर्व निलंबित अधिकारी ने मुख्य मंत्री के सचिव से बात चीत करके अपनी स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया जिसके अगले ही दिन यह चार्ज शीट की कार्यवाही की गई है| बेशक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि नोएडा की एसडीएम (सदर) रहीं आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन वापस नहीं होगा लेकिन इसके साथ सपा के सांसद नरेश अगरवाल के सुर बदले हुए दिखाई दिए हैं |उन्होंने पत्रकारों को बताया के दुर्गा शक्ति नागपाल कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रही है उन्होंने पत्रकारों पर टिपण्णी करतॆ हुए कहा के आप [पत्रकार]लोग मामले को तूल देना बंद करें तो दुर्गा शक्ति नागपाल को न्याय मिल सके |
इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक नरेन्द्र भाटी+राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल+ प्रदेश में काबिना मंत्री आज़म खान+राजेंद्र चौधरी+शिव पाल यादव और खनन मंत्री प्रजापति ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को तत्काल सही ठहराया था | आज़म खान और नरेश अगरवाल ने तो यहाँ तक कहा था कि अधिकारी भी सांप्रदायिक मानसिकता से कार्य कर रहे हैं. यदि डीएम ने दुर्गाशक्ति को क्लीनचिट दी है तो उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने खनन के मामले को पूरी तरह गलत बताया|
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती +भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा के उत्तर प्रदेश में आपराधिक तत्वों का राज चल रहा है जिसका शिकार उत्तर प्रदेश की जनता के साथ-साथ अपने कार्यों के प्रति निष्ठावान और ईमानदार अफ़सर भी बन रहे हैं.एक ईमानदार अफ़सर पर ग़लत कार्रवाई की गई है और पूरा देश दुर्गाशक्ति नागपाल के साथ है.|
गौरतलब है के 2009 बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को पिछले दिनों निलंबित कर दिया गया थाइसके लिए उनसे कोई स्पष्टीकरण तक नहीं माँगा गया|उसके पश्चात सैंड माफिया के रूप में उभरे नरेन्द्र भाटी ने एक सभा में में कह दिया के मात्र ४१ मिनट्स में उन्होंने दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड करा दिया | .
विपक्ष के आरोपों के मुताबिक दुर्गाशक्ति नागपाल इसी खनन माफ़िया के खिलाफ़ सख़्ती से कार्रवाई कर रहीं थी जिस कारण दीवार का बहाना बनाकर उनका निलंबन किया गया. सूत्रों की माने तो नरेन्द्र भाटी ने ही बीते दिनों अपने पैसे से यह दिवार बनवाई थी और मस्जिद बनाने के लिए छेत्र वासियों को उकसाया था |इसके पीछे अनेको कारण बताये जा रहे है लेकिन एक महत्त्व पूर्ण कारण यह भी बताया जा रहा है के सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सार्वजानिक स्थल पर धार्मिक स्थल नही बनाये जा सकतेऐसे में अगर अवैध दीवार गिराई नहीं जाती तो अधिकारी की जवाब देही बनती है और अगर अधिकारी दीवार गिराने की कार्यवाही करतॆ है तो भी उनके खिलाफ जनाक्रोश को भड़काने का आरोप लगा कर अधिकारी को प्रताड़ित किया जा सकता है| इस घटना के पश्चात पूरे प्रदेश में सम्प्रदाइक तनाव को हवा दी गई डी एम् के चैनल को हटा[ Avoid] कर एल आई यूं से सीधे रिपोर्ट मंगाने का दावा किया गया | वास्तव में सेंड माफिया के एक फोन के पश्चात ४१ मिनट में ही सस्पेंशन आर्डर सर्व भी करा दिए गए| पौने पांच हज़ार सदस्यों वाली आईएएस एसोसिएशन ने दुर्गाशक्ति नागपाल के समर्थन में आ गई है|
अभी तक हाई कोर्ट और केंद्र सरकार ने इस घटना क्रम में सीधे हस्तक्षेप में रुचि नहीं दिखाई है लेकिन लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नूतन ठाकुर ने एक याचिका दायर करके आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति के निलंबन को चुनौती दे दी है कोर्ट ने रेत खनन +मस्जिद निर्माण पर प्रदेश सरकार से रिपोर माँगा ली है| इसके अलावा कांग्रेस+भाजपा+बसपा+रालोद+ आप+आदि अनेको दलों ने प्रदेश सरकार के इस कदम को अनुचित बताया है और भाजपा ने तो संसद के मानसून सत्र में मामले को उठाने की बात कही है| अखिलेश यादव की सरकार अपने राज हट्ट पर कायम रहते हुए अभी तक अधिकारी के निलंबन को रद्द करने से मना करके अपनी किरकिरी कराती आ रही है| लोगों ने तो यह भी कहना शुरू कर दिया है के लैप टॉप के वितरण से जो राजनितिक कदम आगे बढे थे दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की कुल्हाड़ी पर उसी बढे कदम को स्वयम मार कर जख्मी कर लिया गया है |

डा. मन मोहन सिंह ने पवन बंसल से रेल और अश्विनी कुमार से कानून मंत्रालय छीन ही लिए

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण को गवाने के पश्चात यूं पी ऐ को होश आ ही गया और पी एम् ने अपनी पार्टी अध्यक्ष के साथ मंत्रणा करके अपने दो आरोपी वरिष्ठ मंत्रियों को बाहर कर दिया है| पी एम् द्वारा रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है| केबिनेट की मीटिंग से बंसल की अनुपस्थिति के पश्चात ही उनकी बर्खास्तगी की अटकलें लगाई जाने लगी थी| पीएम निवास से निकलते वक्त पवन बंसल ने मीडिया में खुद इस्तीफे की बात स्वीकार की। शुक्रवार शाम सोनिया गांधी और पीएम के बीच लगभग एक घंटे तक वार्ता हुई थी जिसके आधार पर मंत्रियों की बर्खास्तगी की ख़बरें आने लग गई थी|
रेलवे में वरिष्ठ पदों पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और केनरा बैंक से अवैध लेन देन का पर्दाफाश होने के बाद से ही इन दोनों का जाना तय माना जा रहा था और मीडिया के दबाब के चलते आखिरकार रात नौ बजे उन्होंने अपना इस्तीफा पीएम को सौंप ही दिया |
अश्वनी कुमार को भी पीएम निवास बुलाया गया था। पवन बंसल के पीएम निवास से निकलने के करीब एक घंटे बाद अश्वनी कुमार ने भी पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
रेल भवन में शायद आखिरी बार आने के बाद पवन बंसल केवल एक घंटे में ही अपने दफ्तर में रुके थे।
रेल मंत्रालय बचाने के लिए पवन बंसल ने शुक्रवार शाम को अपने निवास पर तंत्र मंत्र + टोटके का सहारा भी लिया गया । पवन बंसल ने रेल भवन जाने के लिए घर से निकलने से पहले एक बकरे को कुछ खिलाया, उसे सहलाया और पास खड़ी बंसल की पत्नी ने उनकी नजर उतारी। बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि गलती कांग्रेस कर रही है और बेचारे बकरे की जान मुश्किल में है।
गौरतलब है के इन मंत्रियों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष ने संसद नही चलने दी अब जबकि संसद सत्र की बर्बादी हो चुकी है तब जाकर यह फेस सेविंग कदम उठाया गया है|