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सपा के बगावती अधिवेशन में क्रान्ति :अखिलेश बने राष्ट्रीय अध्यक्ष

[लखनऊ,यूपी]सपा के बगावती अधिवेशन में क्रान्ति :अखिलेश बने राष्ट्रीय अध्यक्ष |
मुलायम सिंग यादव की इच्छा के विरुद्ध बुलाये गए विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में आज अखिलेश यादव ने अपने पितामुलायम सिंह यादव से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद लेकर उन्हें यथोचित सम्मान देते हुए पार्टी का मार्गदर्शक बनाया |प्रो राम गोपाल यादव द्वारा प्रस्तावित इस क्रांतिकारी बदलाव को उपस्थित सदस्यों+नेताओं+मंत्रियों ने समर्थन दिया|
पार्टी के चाणक्य रहे ठाकुर अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया और प्रदेश अध्यक्ष दबंग शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है|
इस समर्थन से उत्साहित अखिलेश यादव ने कहा के वह अपने पिता का सम्मान पहले से ज्यादा करेंगे |इसे पूर्व अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर अपने लाखों समर्थकों को नव वर्ष की शुभकामनाये मेल की हैं|

अखिलेश ने दीपक सिंघल को राज्य सतर्कता आयोग से भी हटाया

[लखनऊ,यूपी] अखिलेश ने दीपक सिंघल को राज्य सतर्कता आयोग से भी हटाया
दीपक सिंघल सहित सात आईएएस अधिकारियो को ट्रांसफर किया गया |
दीपक सिंघल को अमर सिंह से नजदीकियों के चलते अभी हाल ही में
मुख्य सचिव पोस्ट से हटाया गया था |नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे तीन अधकारियों को भी विभाग दे दिए गए हैं
उत्तर प्रदेश सरकार ने सात वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का तबादला करते हुए पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल को राज्य सतर्कता आयोग के अध्यक्ष पद से हटाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आयुक्त पद पर तैनात कर दिया।
नई दिल्ली में तैनात रहे
अपर स्थानिक आयुक्त अशोक कुमार श्रीवास्तव को नोएडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा
वाणिज्य कर के विशेष सचिव विमल कुमार शर्मा को ग्रेटर नोएडा की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पद पर तैनाती दी गयी है।
चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव बृजेश नारायण सिंह को अपर स्थानिक आयुक्त के पद पर नई दिल्ली में तैनात किया गया है।
नियुक्ति की प्रतीक्षा में रहे
अशोक कुमार,
राकेश कुमार और
शिव श्याम मिश्र को क्रमश: राष्ट्रीय एकीकरण विभाग, नियोजन विभाग तथा राजस्व विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है।

“मुलायम” मित्रता के रोपें गए “अमर” पौधे में आज सपा में वापिसी के फूल दिखाई दिए

“मुलायम” मित्रता के रोपें गए “अमर” पौधे में आज सपा में वापिसी के फूल दिखाई दिए|
जनेश्वर मिश्रा पार्क में दो हफ्ते पूर्व जो मुलायम मित्रता का अमर पौधा रोपण हुआ था उसमे अब आशाओं के फूल दिखने लगे हैं राज्यसभा सदस्य तथा राष्ट्रीय लोकदल से लोकसभा का चुनाव लड़े अमर सिंह की समाजवादी पार्टी में वापसी की उम्मीदें आकाश छूने लगी है क्योंकि अमर सिंह ने लखनऊ में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से उनके घर और फिर पार्टी कार्यालय पर घंटों मुलाकात की है ।
सपा में कभी नंबर दो की हैसियत रखने वाले अमर सिंह आज सुबह दिल्ली से लखनऊ स्थित मुलायम सिंह यादव के आवास, 7 विक्रमादित्य मार्ग पहुंचे। यहां पर दोनों के बीच लंबी मुलाकात हुई है। इस मुलाकात में सी एम अखिलेश यादव + कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव भी मौजूद थे।
मुलाकात के बाद अमर सिंह ने अपने फ़िल्मी शायरी वाले चिरपरिचित अंदाज में कहा कि मुलाकात ही तो की है, हंगामा है क्यों बरपा, चोरी तो नहीं की है डाका तो नहीं डाला है | अमर सिंह ने सपा में शामिल होने के प्रश्न करने वालों को इतिहास और भूगोल उलझते हुए कहा कि “लोग कहते हैं इतिहास बदलता है, लेकिन मैं मानता हूं कि इतिहास नहीं भूगोल बदलता है।”
कहा जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण मुलाकात के बाद अमर सिंह की समाजवादी पार्टी में वापसी की संभावना तेज होती जा रही है।

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]ने बिजनौर से संजय चौहान का पत्ता काट कर जयाप्रदा का ग्लेमर कार्ड खेला

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]ने बिजनौर से संजय चौहान का पत्ता काट कर जयाप्रदा का ग्लेमर कार्ड खेला राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने १६ वी लोक सभा के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है इस सूची में सात नाम शामिल किये गए हैं कांग्रेस के साथ हुए समझौते के अनुसार रालोद आठ सीटों पर चुनाव लड़ेगा| अमरोहा से प्रत्याशी के नाम के लिए सम्भवत दूसरी सूची जारी की जायेगी|
क्र. लो.स .छेत्र प्रत्याशी
[१]=====[२]====कैराना श्री करतार सिंह भड़ाना
[२]=====[४]====बिजनौर श्रीमती जया प्रदा
[३]=====[११]===बागपत चौधरी अजित सिंह[राष्ट्रीय अध्यक्ष]
[४]=======१४]=====बुलंदशहर श्रीमती अंजू उर्फ़ मुस्कान
[५]======[१८]=====हाथरस श्री निरंजन धनकड़
[६]=======[१७]=======मथुरा जयंत चौधरी[उपाध्यक्ष]
[७]========फ़तेह पुर सिकरी श्री अमर सिंह

ठाकुर अमर सिंह और चौधरी अजित सिंह के हाथ मिलाने से “यूं पी विभाजन” को मुद्दा बनाने की सम्भावना बनी

सपा की साइकिल से उतारे गए कांग्रेस के हाथ से झटके गए कभी किंग मेकर रहे ठाकुर अमर सिंह ने रालोद के हैण्ड पंप को चलाने का अवसर प्राप्त करने में सफलता हासिल कर ली है |अमर सिंह अब यूं पी ऐ के लिए वोट निकालने को रालोद का हैण्ड पंप चलाएंगे| अमर सिंह के साथ पूर्व सिने तरिका + सांसद ज्याप्रदा भी हैं| माना जा रहा है कि बेशक इस नए समीकरण से चौधरी अजित सिंह और कांग्रेस को कुछ फायदा हो सकता है लेकिन इस नए समझौते की सतह में एक नया मुद्दा तलाशने की सम्भावना भी बनती दिख रही हैं और वोह मुद्दा यूं पी के बंटवारे और हरित प्रदेश के छोटे राज्य के रूप में सामने आ सकता है|
इस नए मुद्दे को अमर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में हवा भी दे दी है उन्होंने यूपी के विभाजन से किसानों के भले की बात कही है इसके अलावा रालोद के सांसद जयंत चौधरी भी जाट आरक्षण से उत्साहित होकर आज कल छोटे राज्य के लिए वकालत कर रहे हैं |भाजपा यूं पी विभाजन के लिए पहले ही सहमति दे चुकी है लेकिन सत्ता रूड “सपा” के चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव यूं पी के बंटवारे के विरुद्ध ब्यान दे रहे हैं ऐसे में इस सरकार को घेरने के लिए छोटे राज्य की मांग को मुद्दा बनाया जा सकता है|
बीते दिन एक दिल्ली के अपने निवासपर प्रेस कांफ्रेंस करके चौधरी अजित सिंह ने ठाकुर अमर सिंह और जया प्रदाको पार्टी में शामिल करने की घोषणा की| अमर सिंह कभी सत्ता रूड समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के अति करीबी रहे हैं लेकिन अब प्रधान मंत्री बनने की मुलायम सिंह की महत्वकांक्षा में रोड़ा बनेंगे| माना जा रहा है कि १६ वी लोक सभा के चुनावों में अमर सिंह फतेहपुर सीकरी से ताल ठोकेंगे, तो जयाप्रदा को बिजनौर से उतारा जा सकता है |
अमर सिंह की कोशिश कांग्रेस में शामिल होकर जगह बनाने की थी परन्तु उनके लिए केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के हाथ का साथ नहीं मिला इसके विपरीत कांग्रेस जयाप्रदा को पार्टी में शामिल करने को राजी थी,| ज्या ने अपने राजनीतिक संरक्षक अमर सिंह का साथ छोड़ने से इंकार कर दिया | इस राजनीतिक नाकामी के बाद अमर+जया ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए रालोद को बैकडोर की तरह इस्तेमाल किया क्योंकि वर्त्तमान में रालोद भी यूं पी ऐ की सहयोगी पार्टी है| रालोद को भी स्टार प्रचारक और रणनीतिकार मिल गए है। पार्टी में शामिल होने के बाद जयाप्रदा ने अमर सिंह को राजनीतिक गुरु और अजित सिंह को अपना नेता बताया हैं।
कांग्रेस और रालोद के बीच हुए चुनावी समझौते के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में प उ प्र.की ओनली आठ सीटों पर अजित सिंह की पार्टी की दावेदारी स्वीकार की गई है | रालोद के लिए[१] बागपत[२] कैराना[३] बिजनौर[४]नगीना[५]अमरोहा[६]हाथरस[७]मथुरा [८] बुलंदशहर सीटें आई हैं
गौरतलब है कि २००९ के चुनावों में १० सीटों पर लड़े रालोद पांच सीटें जीत पाई इनमे से भी दो सांसदो ने रालोद को छोड़ कर सपा का दामन थाम लिया |२०१४ के चुनावों के लिए रालोद २० सीटों का दावा करती रही है लेकिन कांग्रेस ने केवल आठ सीटों पर ही हामी भरी है|
अमरोहा से २००९ में रालोद के टिकेट पर विजयीरहे देवेन्द्र नागपाल ने सपा ज्वाइन कर ली है और इस बार चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की हुई हैजाहिर है उनका समर्थन सपा के लिए रहेगा |इससे इस सीट को रालोद के लिए सुरक्षित नहीं कहा जा सकता जबकि बिजनौर से संजय चौहान की दावे दारी कमजोर मानी जा रही है इसीलिए संजय को अमरोहा शिफ्ट किया जा सकता है और बिजनौर की सुरक्षित सीट से जया प्रदा को लड़ाया जा सकता है
फतेहपुर सीकरी संसदीय सीट से पिछले चुनाव में बसपा की सीमा उपाध्याय ने बाजी मारी थी, जबकि कांग्रेस के राजबब्बर दूसरे स्थान पर रहकर सिर्फ 10 हजार मत से हारे थे। इस ठाकुर बहुल सीट से अमर सिंह ताल ठोक सकते हैं अजित सिंह और जयंत चौधरी के लिए बाघपत और मथुरा सुरक्षित रहेंगी