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Ishtiaq Brings Book Showing Journey of “Jinnah”

(New Delhi)Ishtiaq Brings Book Showing Journey of “Jinnah”
The book, “Jinnah: His Successes, Failures and Role in History”, claiming to be a “path-breaking” examination of one of the most controversial figures of the twentieth century, is written by Swedish political scientist and a noted author of Pakistani descent Ishtiaq Ahmed.
Born on December 25th, 1876, Mohd Ali Jinnah served as leader of the All-India Muslim League from 1913 until Pakistan’s creation on August 14, 1947. He then served as Pakistan’s first governor-general until his death in 1948.
Friday, September 11 marked the 72nd death anniversary of the founder of Pakistan.
“Jinnah has been both celebrated and reviled for his role in the Partition of India, and the controversies surrounding his actions have only increased in the seven decades and more since his death.
Ahmed, whose earlier books include “Pakistan: The Garrison State-Origins, Evolution, Consequences (1947-2011)” and “The Punjab Bloodied, Partitioned and Cleansed”, is presently a professor emeritus at Stockholm University.

वेंडी डोनेगर की“आन हिन्दुज़्म”को वापिस लेने के लिए ‘शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति’ की चेतावनी

वेंडी डोनेगर की एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म”पर रोककी मांग तेज होने लग गई है | शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने वेंडी डोनेगर की पुस्तक “आन हिन्दुज़्म”के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा है|
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक दीनानाथ बत्रा ने कल “आन हिन्दुज़्म” के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा. शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति द्वारा शिकागो यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफ़ेसर वेंडी डोनेगर की ‘आन हिन्दुज़्म’ पुस्तक को वापस लेने संबंधी फैसले लेने के लिए पुस्तक के प्रकाशक को 10 मार्च, 2014 तक का समय दिया गया है. समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता के अनुसार प्रकाशक से यह मांग की गई है कि
१] सभी बिक्री केन्द्रों से पुस्तक वापस मंगाकर इन्हें नष्ट करे.
२]पुस्तक की बिक्री बन्द करे.
३] पुस्तक फिर से प्रकाशित न करने का विश्वास दिलाए.
श्री गुप्ता ने मीडिया से कहा कि यदि निर्धारित समयावधि में एल्फा बुक कंपनी द्वारा हमारी मांगों को स्वीकार कर “लिखित” में नही दिया गया तो प्रकाशक के खिलाफ प्रजातांत्रिक ढंग से उचित कार्यवाही की जाएगी. साथ ही यदि आवश्यकता पडी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
गौरतलब है कि शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सहसंयोजक अतुल कोठारी ने दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया को बताया था कि मौखिक रूप से लेखिका वेंडी डोनेगर की इस पुस्तक को पेंगुईन प्रकाशक की तर्ज़ पर बाज़ार से वापस लेने के लिए तैयार हो गया है.

द हिन्दू:एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री वेंडी डोनेगर की विकृत मानसिकता का परिचायक ;सुब्रमणियम स्वामी

भाजपा के नेता सुब्रामणियम स्वामी ने पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री को विकृत इतिहास लेखन और इसकी लेखिका शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर वेंडी डोनेगर को विकृत मानसिकता का परिचायक बताया
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसा विकृत इतिहास लेखन लेखिका की विकृत मानसिकता का परिचायक है. |सभा को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे अन्दाज़ में डा. स्वामी ने कहा कि यदि लेखिका वेंडी डोनेगर भारत में आती है और उन पर भारतीय दंड संहिता अंतर्गत मुकदमा चलाया जाय तो लेखिका को सारी उम्र जेल में बिताना पडेगा.
भारतीय संविधान तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं को पढकर बताते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता अंतर्गत लेखिका वेंडी डोनेगर के ऊपर एक नही कई मुकदमें दायर किया जा सकता है. |
भारत के मानचित्र में कश्मीर नही दिखाना भारतीय संविधान के विरुद्ध है. संविधान में मौलिक अधिकार संबंधी भाग में जो स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए हैं इसमें व्यक्ति के विचारों की अभिव्यक्ति प्रमुख है. लेकिन संविधान में जितने मौलिक अधिकार दिए गए हैं, उनमे से कोई भी अधिकार ‘असीमित’ नही है. सभी अधिकारों पर कुछ न कुछ सीमाएँ हैं. इस अवसर पर डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया विभाग द्वारा लिखित एक पुस्तक “सफलता की कहानी” का विमोचन किया.
ध्यातव्य है कि 10 फरवरी 2014 को दीनानाथ बत्रा तथा अन्य और पेगुइन पब्लिसर्स के मध्य में सिविल सूट नं. 360/2011 के मध्य अनुबंध हुआ है जिसमें पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने तत्काल प्रभाव से ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ की पुस्तक को तत्काल वापस ले लिया था तथा पकाशक पेंगुईन द्वारा अपने खर्च पर सम्पूर्ण पुस्तकें देश से एकत्रित करा ली जाएगी और उनको नष्ट कर दिया जाएगा. यह पुस्तक पुनः से प्रकाशित नहीं होगी. पुस्तक में हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान, क्रान्तिकारियों तथा इतिहास को विकृत रूप से प्रस्तुत करने के परिणामस्वरूप यह मुकदमा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश साकेत की अदालत में केस दर्ज किया गया था.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की आपत्तिजनक पुस्तकों से भारत पर ‘बौद्धिक आक्रमण’ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की जा रही है, जो कि असहनीय है. हम इस प्रकार के बौद्धिक-आक्रमण का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के सह संयोजक अतुल कोठारी ने कहा कि लेखिका वेंडी डोनेगर की पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ को अब सन्दर्भ के रूप में उपयोग नही किया जा सकेगा. यह बहुत बडी बात है. देश के नौजवानों को इस प्रकार के बौद्धिक – आक्रमण के खिलाफ आगे आना चाहिए.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि व्यक्ति की स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहाँ से दूसरे की नाक शुरू होती है. अत: हमें यह दूसरे के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर ही आचरण करना चाहिए.
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी में विधि संकाय के डीन डा. अश्वनी बंसल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृति प्रमुख सौरभ समेत लगभग 300 विद्यार्थियों से ने भाग लिया.

वेंडी डोनेगर की एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म” को बैन करने के लिए शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने मुहीम छेड़ी

शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने एक और पुस्तक एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म” को बैन करने के लिए मुहीम छेड़ दी है | वेंडी डोनेगर दवरा रचित इस पुस्तक को “एल्फ बुक कंपनी” ने छापा है और रूपा पब्लिकेशन इंडिया इसकी प्रोमोटर है|
शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर वेंडी डोनेगर की पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ का मसला अभी थमा भी नही था कि लेखिका वेंडी डोनेगर की एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म” में छपी आपत्तिजनक सामग्री के चलते इस पुस्तक पर प्रतिबन्ध की तैयारी शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने शुरू कर दिया है|शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने लेखिका पर दुर्भावना से हिन्दू धर्म की मान्यताओं और भारतीय इतिहास को विकृत करने का आरोप लगाया है

shiksha Bachaao Andolan Samiti P C

shiksha Bachaao Andolan Samiti P C

. शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सहसंयोजक “अतुल कोठारी” ने दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अभी मौखिक रूप से लेखिका वेंडी डोनेगर की इस पुस्तक को पेंगुईन प्रकाशक की तर्ज़ पर बाज़ार से वापस लेने के लिए तैयार हो गया है. परंतु रूपा पब्लिकेशन इंडिया ने वेंडी डोनेगर की इस पुस्तक “आन हिन्दुज़्म” को बाजार से वापस लेने के फैसले को एक सप्ताह के अन्दर लिखित रूप में शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति को नही दिया तो लोकतांत्रिक तरीके से उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू की जाएगी.
गौरतलब है कि 10 फरवरी 2014 को दीनानाथ बत्रा तथा अन्य और पेगुइन पब्लिसर्स के मध्य में सिविल सूट नं. 360/2011 के मध्य अनुबंध हुआ है जिसमें पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने तत्काल प्रभाव से ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ की पुस्तक को तत्काल वापस ले लिया था तथा प्रकाशक पेंगुईन द्वारा अपने खर्च पर सम्पूर्ण पुस्तकें देश से एकत्रित करा कर नष्ट करने के लिए समझौता किया था
पुस्तक में हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान, क्रान्तिकारियों तथा इतिहास को विकृत रूप से प्रस्तुत करने के परिणामस्वरूप यह मुकदमा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश साकेत की अदालत में केस दर्ज किया गया था.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने मीडिया से कहा कि अमेरिका में एक कार्यक्रम में लेखिका वेंडी डोनेगर के ऊपर अंडा फेका गया था तो प्रतिक्रिया में लेखिका ने कहा था कि वें इसके उत्तर में एक किताब लिखेगीं. लेखिका की इस प्रकार की आपत्तिजनक पुस्तकों से भारत पर ‘बौद्धिक आक्रमण’ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की जा रही है, जो कि असहनीय है.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि मात्र प्रकाशक का अंतर है अन्यथा लेखिका की इस पुस्तक में भी प्रकाशित सामग्री लगभग वैसे ही आपत्तिजनक है जैसे कि इनकी पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ में थी.