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Tag: Petroleum and natural gas ministry

मुद्रा अवमूल्यन जिन्न गायब करने के लिए पेट्रोल मंत्री ने आँखें मींची और राजनीतिक आकाश काला दिखने लगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक बेचारा आम आदमी

ओये झल्लेया ये नेताओं ने हमें किस भम्भड़ भूसे में डाल दिया है ? ओये पहले तो रुपये में गिरावट और डीजल +पेट्रोल में उछाल से बौदलाये[बोखलाए] केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने अजीबो गरीब तरीके से तेल कंपनियों के नुकसान को कम करने के लिए पेट्रोल पर रात के समय ताला लगाने की बात उड़ा दी |जाहिर हैं पेट्रोल पम्पो पर लाइने लगनी ही थी विपक्ष भी स्वाभाविक रूप से माचिस की तीलियाँ ले कर सरकार के पीछे पड़ गया | पेट्रोल की काला बाजारी +होर्डिंग्स+फायर एक्सीडेंट की संभावनाओं से डराया जाने लगा |इतनी सारी कथा रचने के पश्चात अब पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कदम पीछे हटाते हुए स्वयम की रचि कथा पर पूर्ण विराम लगा दिया अब कहा जा रहा है कि पेट्रो‍ल पंपों को रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक काम बंद रखने के आदेश दिए ही नही गए हैं |

झल्ला

ओ मेरे भोले बादशाहों दरअसल पेट्रोल मंत्री वीरप्पा जी मोइली ने आँखें बंद करके मुद्रा अवमूल्यन के जिन्न को गायब करने की सौची लेकिन अपनी ही गद्दीगेड में फंसे माननीय को आँखें बंद करते ही राजनीतिक आकाश भी काला ही दिखने लगा सो घबरा कर आँखें खोलनी ही पडी |

5 कि. ग्रा. वाले रसोई गैस सिलेंडर ५ शहरों में बेचने की उन्‍मुक्‍त व्‍यापार एलपीजी (एफटीएल) योजना मंजूर

भारत सरकार ने खुदरा विक्रेय केंद्रों (कोको)+ सरकारी तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के जरिए 5 कि. ग्रा. वाले रसोई गैस सिलेंडर बेचने की उन्‍मुक्‍त व्‍यापार एलपीजी (एफटीएल) योजना को मंजूरी दे दी है|
यह योजना प्रयोग के तौर पर 4 महानगरों और बंगलूरू में शुरू की जाएंगी
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री डॉ. एम. विरप्‍पा मोइली ने इस योजना को शुरू करने के प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति दी है। यह योजना प्रयोग के तौर पर[१] दिल्‍ली, [२]मुम्‍बई,[३]चेन्‍नई[४]कोलकाता [५] बंगलूरू में शुरू की जाएंगी
यह निर्णय इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखकर किया गया है कि बीते कुछ वर्षों के दौरान खासकर बड़े शहरों में एक नई किस्‍म के उपभोक्‍ता पैदा हो गए है जो एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर आते-जाते रहते है और इस प्रकार उन्‍हें रसोई गैस के स्‍थाई कनेक्‍शन की आवश्‍यकता नहीं होती। लेकिन उन्‍हें अपनी जरूरत पूरी करने के लिए रसोई गैस की आवश्‍यकता होती है। इस प्रकार के उपभोक्‍ताओं को अपनी सुविधा के अनुसार रसोई गैस के सिलेंडरों की आवश्‍यकता पड़ती है और उनकी जरूरत कम मात्रा के रसोई गैस सि‍लेंडरों से पूरी हो जाती है।
इस योजना के अधीन बेची जाने वाली रसोई गैस उन्‍मुक्‍त व्‍यापार रसोई गैस (एफटीएल) कहलाएगी। उपभोक्‍ताओं को शुरू में गैस प्राप्‍त करने के लिए मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, कर्मचारी पहचान पत्र, पासपोर्ट, छात्र पहचान पत्र अथवा कोई अन्‍य ऐसा दस्‍तावेज देने की आवश्‍यकता होगी जिससे उसकी पहचान हो सके।
गैस सि‍लेंडर ले जाते समय कोई दुर्घटना होने की स्थिति में कंपनी किसी प्रकार की क्षति के लिए जिम्‍मेदार नहीं होगी। लेकिन अनुरोध करने पर ओएमसी बीमा योजना की पेशकश करेगी जिसमें उपभोक्‍ता के परिसर में रसोई गैस से होने वाली जान-माल की क्षति से सुरक्षा का प्रावधान होगा।
तेल विपणन कंपनियां इस योजना को कार्यान्वित करते समय ओआईएसडी और पीईएसओ द्वारा निर्धारित सुरक्षा संबंधी सभी मार्ग-निर्देशों पर अमल करेगी।