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Tag: Political Satrire

केजरीवाल के लिए अमेठी में पिटते डॉ विश्वास की सहायता से जरूरी बैंगलुरु में धन उगाही है

cartoon Jamos

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

उत्तेजित पत्रकार

ओये झल्लेया ये कांग्रेसी “हाथ” पर उछल रहे अरविन्द केजरीवाल फिर से मोदी के कंधे से मीडिया पर निशाने साध रहे हैं ओये आज फिर अरविन्द , बेंगलुरु में रोड शो करते हुए मीडिया से सवाल कर रहा है कि क्या मीडिया में नरेंद्र मोदी का सच दिखाने का साहस है? नौ सौ चूहे खा कर हज करने निकले केजरीवाल अब हम पर आरोप लगा रहे हैं कि मोदी का सच दिखाने का साहस हम लोगों में नहीं है |ओये इसे पहले भी केजरीवाल ने समूचा मीडिया बिका हुआ बता कर मीडिया को जेल भेजने की धमकी दे डाली थी लेकिन उस धमकी पर अड़े रहने का साहस नहीं जुटा पाये और ज़रा सी विरोध की आंच लगते ही तुरंत पलट गए |अब फिर उसी ढर्रे पर चलने लग गए हैंJamos Jhalla

झल्ला

अरे भापा जी कहा गया है कि “नंग बड़े परमेशवर” केजरीवाल बड़ी अच्छी तरह से जानते हैं कि पैसा कमाने के लिए नंग होना बहुत जरूरी है अब विवादित ब्यान देंगे तभी चर्चा में रहेंगे और जब चर्चा में रहेंगे तभी तो अपने डिनर के लिए लाखों रुपये के टिकट बेच पाएंगे|चूंकि बेंगुलुरु में पैसा देने वाले टेक्नोक्रेट्स ज्यादा हैं इसीलिए यहाँ टिकना जरूरी हैं |झल्लेविचारानुसार अगर पैसे की ये जद्दोजहद नहीं होती तो पिट रहे अपने साथी डॉ कुमार विश्वास की सहायता के लिए अमेठी रवाना नहीं हो गए होते |मोदी या मीडिया पर आग उगलने के बजाय डॉ विश्वास के समर्थन में कांग्रेस के गेट पर धरना नहीं देते|

एयर एशिया के भारतीय आकाश में आने से इंडिगो+ स्पाइस जेट आदि के सस्ती एयर लाइन होने के ढोल की पोल खुल जानी है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

चीटेड हवाई यात्री

ओये झल्लेया मुबारकां ओये भारतीय आकाश पर कब्ज़ा करने के इंडिगो जैसी कथित सस्ती एयर लाइन्स[FIA] और भाजपाई सुब्रामणियम स्वामी के मंसूबों पर पानी फिर गया ओये सिविल एविएशन रेगुलेटर [DGCA] ने शायद पहली बार किसी एस एल पी पर इतना जल्दी निर्णय दिया है ओये अब तो टाटा के साथ एयर एशिया जैसी वास्तविक [GENUINE]सस्ती एयर लाइन्स को उड़ान[ AOP] भरने की आज्ञा मिल ही जायेगी

झल्ला

भापा जी अभी तक भारतीय आकाश पर इंडिगो+स्पाइस जेट +
का ही कब्ज़ा था इसीलिए ये मन मर्जी से स्टाफ +यात्रियों की सुविधाओं को काटते हुए सस्ती एयर लाइन्स होने का ढोल पीटते आ रहे हैंऐसे में अगर कोई जेन्युइन सस्ती एयर एशिया सरीखी एयर लाइन्स आ गई तो इंडिगो आदि के ढोल की पोल खुल जानी हैं इसके साथ ही लुभाव में ३० मिलियन $ भी तो आ जायेंगे|

राईट टू इम्यून के पेटेंट राइट्स अपने नाम लिखवा कर नेताओं के गले सूचना के अधिकार के फंदे से बड़े हो गए हैं


झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां

आम आदमी पार्टी का एकदुखी नेता

ओये झल्लेया ये क्या मजाक हो रहा है| 3 जून को सीआईसी [ CIC ] ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश जारी कर कहा था कि राजनीतिक दलों को हर प्रकार के रिकॉर्ड की मांगी गई जानकारी लोगों को देना चाहिए।अर्थार्त आर टी आई के दायरे में हैं|अब जब दलों को अपनी अन्दर बाहर की सारी आमदनी और खर्चे का हिसाब किताब रखना पड़ रहा है तो अब एक अध्यादेश के माध्यम से राजनितिक दलों के गले को आर टी आई के फंदे से बड़ा बता कर फंदे को ही गलत ठहराने की कवायद शुरू हो रही है|

झल्ला

ओ साहब जी दरअसल इन नेताओं ने राईट टू इम्यून[उन्मुक्त ] [ Right To Immune ] को ईजाद करके उसके पेटेंट राईट्स अपने नाम लिखवा रखे हैं ऐसे में इनका गला इन्फोर्मेशन [Right To Information] + रिजेक्ट[ Right To Reject ]+ रिकाल [Right To Recall]जैसे छोटे मोटे फंदों से ज्यादा बड़ा हो ही जाता है| क्यों ठीक है ना ठीक

निजी एयर लाइन्स से बकाये की वसूली करने के बजाय दायें बाएं से टैक्स लगा कर वसूली ही सरल उपाय है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक पीड़ित टैक्स पेयर

ओये झल्लेया हसाडे सोणे मुल्क में हम जैसे सच्चे और इमानदार टैक्स का भुगतान करने वालों के साथ ये कैसा मखौल हो रहा है?ओये एक तरह सरकार घाटे का रोना रोती रहती है और टैक्स बडा कर हमारे मूल्यवान आंसूओं को निकालती रहती है|दूसरी तरफ निरंतर फायदा दिखा रहे इंडिगो एयर लाइन्स जैसी प्राईवेट कंपनियों से भी वसूली को टाला जाता है|ओये अब तो एयर पोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया [ऐ ऐ आई]की लेनदारी बढ कर ५०० करोड़ से भी ज्यादा हो गई है|नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के सी वेणुगोपाल ने पिछले वितीय वर्ष में संसद में बयाँ देकर अपना पल्ला झाड लिया | मंत्री जी के कमल मुख से निकली वाणी के अनुसार लगातार प्रॉफिट का ड्रम बजा रही [१] [आई जी ऐ.लिमिटेड]इंडिगो को ९.२६ करोड़ देने हैं| इसके अलावा [२] यूं पी ऐ के एक घटक के कब्जे में दूसरी फायदे वाली स्पाईस जेट पर ५८.७७ करोड़ का हिसाब बनता है|[३]जेट एयर वेज़ पर ८२.१७ करोड़ रुपयों का कर्जा है| [४]इसकी ही एक इकाई के रूप में जानी जाती जेट लाइट पर २७.६२ करोड़ है| [५]गो एयर को ८.५५ करोड़ देने हैं तो[६] किंग फिशर एयर लाइन्स पर २९५.५० करोड़ हो चुके हैं| ओये यहाँ तक ही बस नहीं है ४४.८३ करोड़ रुपये दबा कर कई कम्पनियाँ ग्राउंड से भी अंडर ग्राउंड हो चुकी हैं| इस मोटी रकम को बट्टे खाते में डालने की तैय्यारी चल रहे होगी तभी अभी तक इसकी वसूली के लिए कोई आर सी जारी नहीं की जा सकी है| यहाँ तक के कर्जे वाली इंडिगो एयरलाइन्स को ११ एयर यात्री विमान खरीदने को हरी झंडी दे गई है तो किंग फिशर के कब्जे वाले विमानों को रिलीज करने के लिए उनका पंजीकरण समाप्त किया जा रहा है| जख्मो पर नमक छिड़कने के लिए प्रो. आर एच ढोलकिया की रिपोर्ट को आधार बना कर इतनी ही रकम के लिए एजेंटों के माध्यम से यात्रियों पर सर्विस टैक्स लगाये जाने की तैय्यारी हो रही है|

झल्ला

ट्राफिक और नॉन ट्राफिक की मद में ये लेनदारी तो वाकई अपना कद बड़ा रही है|मंत्री जी के अनुसार दिसंबर २०१२ तक ये लेनदारी ५२६ करोड़ थी अब इस तिमाही में हुए इजाफे के लिए अगले संसद सत्र तक इंतज़ार करना पडेगा| इस मामले में तो यही कहना पडेगा के वड्डे लोग वड्डी गलां जी |हमें तो टैक्स भरना ही है|टिकट महंगा खरीदना ही है|सर्विस चार्ज देना ही पडेगा|

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फ्री के लेपटाप के पंजीकरण के लिए बम चले और आंसू गैस के गोले दगे


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?देख तो एक तरफ तो हसाड़े डायनेमिक मुख्य मंत्री अखिलेश यादव जी ने अपनी चुनावी घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए मुफ्त लेपटाप बंटवाने की प्रक्रिया शुरू करा दी है|सुपात्रों के रजिस्ट्रेशन शुरू करा दिए गए हैं मगर हसाडी धार्मिक नगरी इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी में महज १२ वी पास छात्रों ने बवाल कर दिया ओये पत्थर बाजी की छोड़ो इन्होने तो देशी बम तक चला दिए |अब मजबूरन पोलिस को आंसू गास्के गोले दागने ही पड़े |अगर ऐसा ही चलता रहा तो कैसे राज चलेगा ?कैसे सरकार चलेगी?कैसे फ्री में लेपटाप बाँटेंगे ?

फ्री के लेपटाप के पंजीकरण के लिए बम चले और आंसू गैस के गोले दगे

फ्री के लेपटाप के पंजीकरण के लिए बम चले और आंसू गैस के गोले दगे

झल्ला

ओ मेरे भोले चतुर सुजाण|बात मेरी सुनो दे कर ध्यान |कहा गया है कि

माले मुफ्त दिले बेरहम

नहीं समझे तो फिर सुनो अगर सरकार फ्री में तेल बाँट रही हो और अपने पास बर्तन नहीं हो तो अपने हिस्से के तेल को अपने पल्लू में डलवा लेना चाहिए | ये नाक मुह क्या सिकोड़ रहे हो घर जाकर निचोड़ने पर कुछ तो हासिल हो ही जाएगा|मेरे कहने का अभिप्राय है कि मुफ्त की बाँट जब होती है तो मुफ्त लेने वालों में मारा मारी तो होती आ रही है |अब देखो इसी प्रदेश में भाजपाईयों ने अपने जन्म दिन पर फ्री साड़ियाँ बांटी थी तब भी तो हंगामा हो गया था और आप सरकार की तरफ से बिना किसी पर्याप्त[ सुरक्षा ]व्यवस्था के फ्री लेपटाप बाँट रहे हो| झल्लेविचारानुसार जो लोग सामाजिक इतिहास की गलतियों से सबक नहीं लेते उन्हें राजनीतिक दुःख झेलने ही पड़ते हैं