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दिवाली के दीवानों की दीवानगी से दिल्ली में छाई धुंध की परत

[नयी दिल्ली] दिवाली के दीवानों की दीवानगी से दिल्ली में छाई धुंध की परत
दिवाली के दीवानों की दीवानगी से दिवाली के अगले ही दिन दिल्ली में छाई धुंध की परत
राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के अगले दिन धुंध की परत छाई रही जिस कारण दृश्यता की स्थिति काफी खराब रही।दिवाली के दिन फायर ऑफिस के अनुसार आग लगने की छोटी बढ़ी १३३ घटनाएं रिपोर्ट की गई |
मौसम अधिकारियों के अनुसार सफदरजंग वेधशाला ने दृश्यता सीमा 200 मीटर दर्ज की है ।
कोहरे और धूएं के मिश्रण से मौसम में छाई धुंध के लिए कल रात दीवाली के मौके पर लगातार जलाए गए पटाखों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

उच्च न्यायालय ने विवादित सम-विषम योजना के भविष्य पर फैसले के लिए तारीख़ दी 11 जनवरी

[नयी दिल्ली] उच्च न्यायालय ने सम-विषम[ Odd/Even]की विवादित योजना के भविष्य पर फैसले के लिए तारीख़ दी 11 जनवरी |
सम-विषम वाहन योजना के भविष्य को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय 11 जनवरी को फैसला सुनाएगा। उसने आम आदमी पार्टी [आप] की विवादित बन चुकी इस महत्वाकांक्षी प्रायोगिक योजना को चुनौती देने वाली विभिन्न अर्जियों पर अपना आदेश आज सुरक्षित रख लिया।
आदेश आने तक यह योजना जारी रहेगी।न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। उससे पहले दिल्ली सरकार ने पीठ को बताया कि एक जनवरी से शुरू हुई इस योजना की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में पार्टिकुलेट मैटर [हवा में तैरते कण] का प्रदूषण स्तर में गिरावट नजर आयी है।
पीठ ने छह जनवरी को सरकार से प्रदूषण पर सम-विषम योजना के प्रभाव के बारे में सवाल किया था और उसने हफ्ते भर में इस योजना को बंद करने पर विचार करने को कहा था।दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने न्यायालय से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी भीड़भाड़ के दौरान प्रदूषण के स्तर को घटाने के लिए पहली आपात कार्रवाई का प्रयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह विश्व की सर्वश्रेष्ठ पद्धति के अनुकूल है। वाहन शहर में दूसरे सबसे बड़े उत्सर्जक हैं और ये ही स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम के पहले कुछ दिनों ने दिखा दिया है कि भीड़भाड़ के समय के प्रदूषण स्तर इस सीजन में सामान्य कोहरे के अधिकतम प्रदूषण स्तर से कम है जबकि मौसम भी प्रतिकूल है।’’ साल्वे ने कहा कि यह योजना राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर भीड़ खत्म करने के लिए है और इससे प्रदूषणकम करने में योगदान मिला है।
, ‘‘भीड़ में फंसे वाहनों से उत्सर्जन उसके यूं ही खड़ा रहने तथा बार बार रफ्तार घटाने एवं बढ़ाने के के कारण दो गुणा बढ़ जाता है।’’

एससी ने महत्वपूर्ण फैंसले में महंगी डीजल गाड़ियों के दिल्ली+एनसीआर में पंजीकरण पर लगाई रोक

[नयी दिल्ली] उच्चतम न्यायालय ने एक और महत्वपूर्ण फैंसले में मंहगी डीजल गाड़ियों के दिल्ली और एनसीआर में पंजीकरण पर लगाई रोक|इससे पूर्व एक अन्य फैंसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूंपी के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है|
जैसी की पिछले दिनों खबरें आ रही थी उन्हें सत्यता का जामा पहनाते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए यह कठोर निर्णय ले लिया |
देश की राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के उपायों के रूप में उच्चतम न्यायालय ने 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल एसयूवी और कारों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पंजीकरण पर अगले साल 31 मार्च तक के लिये आज प्रतिबंध लगा दिया।
प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने दिल्ली में उन वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है जिनका गंतव्य राजधानी नहीं है। इसके साथ ही न्यायालय ने दिल्ली की सड़कों का इस्तेमाल करने वाले वाणिज्यिक ट्रकों पर लगाया गया पर्यावरण हर्जाना शुल्क बढ़ाकर दोगुना कर दिया है।
पीठ ने स्पष्ट किया कि 2005 से पहले के पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
न्यायालय ने प्रदूषण के चिंताजनक स्तर को देखते हुये नौ अक्तूबर को राजधानी में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर एक नवंबर से सात सौ रूपए और 1300 रूपए की दर से पर्यावरण हर्जाना शुल्क लगाने का आदेश दिया था। न्यायालय ने आज इस शुल्क को बढ़कार 1400 रूपए और 2600 रूपए कर दिया है। अब हल्के वाहनों को 1400 रूपए और तीन एक्सेल वाहनों को 2600 रूपए शुल्क देना होगा। यह टोल टैक्स के अतिरिक्त है।
पीठ ने यह भी कहा कि फिलहाल उन वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी जिनका गंतव्य राजधानी नहीं है। ऐसे वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग आठ और राजमार्ग एक के रास्ते दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
पीठ ने कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अब सिर्फ सीएनजी टैक्सियों के परिचालन की ही इजाजत होगी।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि डीजल वाहनों के पंजीकरण पर लगाया गया प्रतिबंध एक जनवरी, से 31 मार्च, 2016 तक प्रभावी रहेगा, लेकिन 2000 सीसी से कम इंजन की क्षमता वाली यात्री कारें इसमें शामिल नहीं है।

दिल्ली में ओड/ईवन स्कीम से लाखों वोटों के टेम्पो रिक्शा चालकों की तो”निकल”ही पड़ेगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आम आदमी पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां !ओये हसाडे हर मन सुखाय ओड और ईवन नंबर की योजना को चीफ जस्टिस के बाद अब केंद्र ने भी स्वीकार कर लिया है|ओये अब दिल्ली में बढ़ते प्रदुषण को रोकने में बढ़ी मदद मिलेगी

झल्ला

हो सकता है के आप जी के इस कदम से ऊँठ के मुँह में थोड़ा बहुत जीरा पढ़ जाये लेकिन आपजी के लाखों वोटों वाले टेम्पो रिक्शा वाले +टैक्सी वालेबस वालों+की तो पौ बारह हो जानी है

“आप”विधायकों को आधे समय गाड़ी चला कर भी मिलेगा वाहन भत्ता रू १६ करोड़

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आम आदमी पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां !ओये हसाड़ी सरकार ने दिल्ली को गैस चैम्बर से निकालने के लिए निजी वाहनों के दौड़ने पर पाबन्दी लगा दी है |ओये अब महीने में पंद्रह दिन ही गाड़ियां चलाई जा सकेंगी|ईंधन बचेगा+पैसा बचेगा +प्रदुषण बचेगा

झल्ला

ओ मेरे चतुर ंसुजान जी गाड़ियां कंट्रोल करने के लिए आपजी के पास कोई अधिकार नहीं है,हाँ इससे आपजी की सरकार जरूर फायदे में रहेगी क्योंकि
[१]आप जी के ही [६७*१२*५]विधायकों को वाहन खर्चे के लिए160800000 रुपये का वरदान मिलेगा जबकि खर्चा आधा होगा
इससे जनता के धन से अधिकाँश विधायकों की नाराजगी दूर हो जाएगी
[२]इस प्रोजेक्ट को सुझाने वाले को करोड़ों रुपये मिल जायेंगे
[३]केंद्र के अधीन पुलिस को घेरने के लिए एक और मुद्दा मिल जाएगा
[४]बिजली घर बंद करने से यूं पी सरकार के विरुद्ध भी मोर्चा खुल जाएगा