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“द हिन्दू” के अध्यक्ष एन राम को मिला राजा राम मोहन रॉय अवार्ड

[नयी दिल्ली]”द हिन्दू” के अध्यक्ष एन राम को मिला राजा राम मोहन रॉय अवार्ड
खेल रिपोर्टिंग’ की श्रेणी में किसी प्रविष्टी को नहीं चुना गया।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वरिष्ठ पत्रकार और द हिंदू प्रकाशन समूह के अध्यक्ष एन. राम को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रतिष्ठित राजा राम मोहन रॉय पुरस्कार से सम्मानित किया |
इस सम्मान की घोषणा भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने की थी।
इस असवर पर राम के अलावा
भोपाल में ‘देशबंधु’ अखबार की मुख्य संवाददाता रूबी सरकार और रत्नागिरी के दैनिक ‘पुढारी’ के पत्रकार राजेश परशुराम जोश्ते, ‘केरल कौमुदी’ के उपसंपादक वी एस राजेश
दिल्ली में राष्ट्रीय सहारा के फोटो पत्रकार सुभाष पॉल ,पंजाब केसरी के फोटो पत्रकार मिहिर सिंह को भी सम्मानित किया गया|
हैदराबाद के ‘नव तेलंगाना’ के कार्टून संपादक पी. नरसिम्हा को ‘सर्वश्रेष्ठ समाचार कला: कार्टून, व्यंग्य-चित्र और चित्र’ श्रेणी में सम्मानित किया गया।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Finance and Corporate Affairs, Shri Arun Jaitley giving away the National Awards for Excellence in Journalism, at the National Press Day celebrations, in New Delhi on November 16, 2018.
The Chairman, Press Council of India, Justice Chandramauli Kumar Prasad is also seen.

भारतीय प्रेस परिषद् का तीन वर्षों के लिए पुनर्गठन

[नई दिल्ली]भारतीय प्रेस परिषद् [पीसीआई]का तीन वर्षों के लिए पुनर्गठन
सरकार ने भारतीय प्रेस परिषद् (पीसीआई) का तीन वर्षों के कार्यकाल के लिए पुनर्गठन किया है लेकिन मध्यम अखबार श्रेणी के तहत नामों की घोषणा नहीं की गई है क्योंकि इससे जुड़ा मामला अदालत में विचाराधीन है।
पूर्णकालिक संपादक ’ हैं चंद्रमणि रघुवंशी , उत्तम चंद्र शर्मा , प्रदीप कुमार जैन , ओमप्रकाश खेमकरनी , सैयद रजा हुसैन रिजवी और बलदेव राज गुप्ता।
पूर्णकालिक संपादकों के अलावा श्रमजीवी पत्रकार ’ श्रेणी में नामांकित सदस्य हैं अमर देवुलापल्ली , बलविंदर सिंह जम्मू , शरत चंद्र बेहरा , परवत कुमार दास , एम . ए . माजिद , कमल नयन नारंग और छायाकांत नायक।
अधिसूचना में कहा गया है कि पुनर्गठित पीसीआई में शर्मा , दास और नायक को दूसरे कार्यकाल के लिए नामित किया गया है।
‘ बड़े अखबार की श्रेणी ’ से विजय कुमार चोपड़ा और राकेश शर्मा नामित किए गए हैं जबकि ‘ छोटे अखबार की श्रेणी ’ से श्याम सिंह पंवार और केशव दत्त चंडोला नामित किए गए हैं।

सच्चाई बताने वाले पत्रकार का जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला:पीएम “मोदी”

[नई दिल्ली] सच्चाई बताने वाले पत्रकार का जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला:पीएम “मोदी”
पत्रकारों ने आज प्रेस काउंसिल की स्वर्ण जयंती मनाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर बोलते हुए प्रेस की आजादी के मह्त्व पर जोर दिया और कहा कि प्रेस स्व-नियंत्रित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रेस पर बाहरी हस्तक्षेप और नियमन नहीं नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में पत्रकारों की हत्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सच्चाई बताने वाले पत्रकार का अपनी जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला है। इससे पहले केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार संचार के किसी भी माध्यम पर किसी तरह की रोक का समर्थन नहीं करती है लेकिन देश की एकता, संप्रभुता, सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए संयम बरतने की जरूरत है।
नायडू ने ऍन डी टी वी पर लगाए गए एक दिवसीय बैन का समर्थन करते हुए कहा कि मुंबई आतंकी हमले की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारण को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी एतराज जताया था, जिसमें कहा गया था टीवी चैनल इस तरह की आतंकी वारदात की हालत में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर दिखाकर खुद को पाक साफ नहीं ठहरा सकते। उन्होंने पठानकोट कवरेज पर भी ध्यान दिलाते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ऐसी कवरेज से आम नागरिकों और सैनिकों की जान खतरे में पड़ सकती है।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में क्षेत्रीय मीडिया की भूमिका के बारे में भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदायों और स्थानीय भाषा के साथ अपनी निकटता के कारण मीडिया की भूमिका क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण हो जाती है जिससे नागरिकों की भागीदारी क्षमता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों तक पहुँचने के माध्यम से क्षेत्रीय मीडिया स्वस्थ्य लोकतंत्र के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सरकार की नई प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति के बारे में, श्री नायडू ने कहा कि यह पैनल प्रक्रिया में छूट प्रदान कर क्षेत्रीय भाषाओं / बोलियों, छोटे और मध्यम समाचार पत्रों को समान रूप से विशेष प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
सोशल मीडिया द्वारा की पेश किए गये अवसरों के बारे में मंत्री महोदय ने कहा कि यह संचार का नया उपकरण है जो सहज और क्रियात्मक है। इस तरह के माध्यम में अवसर और चुनौतिया दोनों होती हैं। संचार की इस विधा को व्यापक राष्ट्रीय हित और व्यक्तिगत भलाई के लिए विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, और भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सी के. प्रसाद भी उपस्थित थे। पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए प्रमुख पत्रकारों और फोटो पत्रकारों को सम्मानित किया गया, जिनमें श्री सुरेन्द्र निहाल सिंह, श्रीमती मृणाल पांडे, श्री रघु राय, श्री रंजीत जॉन, श्री अरविंद कुमार सिंह, श्री जेवियर सेल्वा कुमार शामिल थे।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the Golden Jubilee celebrations of the Press Council of India on the National Press Day, in New Delhi on November 16, 2016.
The Union Minister for Urban Development, Housing & Urban Poverty Alleviation and Information & Broadcasting, Shri M. Venkaiah Naidu is also seen.

Press Council Questions Restriction on Media at NIT Srinagar

[New Delhi] Press Council Questions Restriction on Media at NIT
The Press Council of India today expressed concern over restrictions imposed on media by the authorities of National Institute of Technology in Srinagar and Hyderabad Central University and sought to know the reasons behind the move.
The PCI said imposing such restrictions on media impinges on the freedom of the press.
PCI chief Justice Chandramauli Kumar Prasad expressed grave concern over the restrictions on media
The NIT Srinagar campus has been gripped by tension following clashes among students over the loss of Indian cricket team against West Indies in the World T20 Cup last week.
In another statement, the PCI also expressed concern over imposing restrictions on media in the Hyderabad Central University.

राष्ट्रपति ने अवार्ड लौटाने वालों को तर्कों पर भावनाओं को हावी नही होने देने का उपदेश दिया

[नयी दिल्ली]राष्ट्रपति ने अवार्ड लौटाने वालों को आइना दिखाते हुए तर्कों पर भावनाओं को हावी नही होने देने का उपदेश दिए उन्होंने असहमति को चर्चा के जरिए अभिव्यक्त करने को कहा
असहिष्णुता’ पर छिड़ी बहस की पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि असहमति की अभिव्यक्ति चर्चा के जरिए होनी चाहिए और भावनाओं में बहकर चर्चा करने से तर्क नष्ट हो जाता है ।
समाज में कुछ घटनाओं से ‘‘संवेदनशील लोगों ’’ के कई बार व्यथित हो जाने को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता का इजहार करने में ‘‘संतुलन’’ बरते जाने की वकालत की।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर यहां प्रेस कौंसिल आफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ समाज में कुछ घटनाओं से संवेदनशील लोग कई बार व्यथित हो जाते हैं । लेकिन इस प्रकार की घटनाओं पर चिंता का इजहार संतुलित होना चाहिए। तर्को पर भावनाएं हावी नहीं होनी चाहिए और असहमति की अभिव्यक्ति बहस और विचार विमर्श के जरिए होनी चाहिए।’’
‘‘विचार की अभिव्यक्ति के माध्यम के तौर पर कार्टून और रेखाचित्र का प्रभाव’’ विषय पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ एक गौरवान्वित भारतीय के तौर पर , हमारा संविधान में उल्लिखित भारत के विचार, मूल्यों तथा सिद्धांतों में भरोसा होना चाहिए । जब भी ऐसी कोई जरूरत पड़ी है , भारत हमेशा खुद को सही करने में सक्षम रहा है ।’’ हालांकि राष्ट्रपति ने किसी खास घटना का जिक्र नहीं किया लेकिन कुछ ऐसे मामलों की पृष्ठभूमि में उनकी टिप्पणियां महत्व रखती हैं जिन्हें ‘असहिष्णुता’ के बिंब के रूप में देखा गया है ।
समारोह में राष्ट्रपति ने महान कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण और राजेन्द्र पुरी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू का भी जिक्र किया और कहा कि वह बार बार कार्टूनिस्ट वी शंकर से कहते थे कि उन्हें [नेहरू] को पीछे मत छोड़ देना ।
मुखर्जी ने कहा, ‘‘ यह खुली सोच और वास्तविक आलोचना की सराहना हमारे महान राष्ट्र की प्रिय परंपराओं में से एक हैं जिन्हें हमें हर हाल में संरक्षित और मजबूत करना चाहिए।’’

स्वतंत्र+जिम्मेदार प्रेस की मजबूती सशक्त लोकतंत्र के लिए बेहद आवश्यक:सूचना+प्रसारणमंत्री

[नई दिल्ली]स्वतंत्र+जिम्मेदार प्रेस की मजबूती सशक्त लोकतंत्र के लिए बेहद आवश्यक:राष्ट्रीय प्रेस दिवस में सूचना+प्रसारणमंत्री
केंद्र सरकार ने एक बार फिर भारत में सशक्त लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र एववं जिम्मेदार प्रेस की मजबूती की आवश्यकता को स्वीकारा
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र की सफलता बहुत हद तक स्वतंत्र एववं जिम्मेदार प्रेस के कारण है जिसने जनता को शिक्षित करने और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पत्रकारों ने कलम के हथियार और अखबारों के कॉलम के उपयोग से सैनिकों की तरह काम किया है। श्री राठौर ने आज यहां भारतीय प्रेस परिषद की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर समारोह में यह बात कही।
श्री राठौर ने प्रेस के संरक्षण, सुरक्षा और प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दुहराई। उन्होंने पत्रकारों से सच्चाई की राह में अपनी पेशेवर सत्यनिष्ठा और नैतिक मानकों को बनाए रखने का आहवान किया। श्री राठौर ने पत्रकारिता में निष्पक्ष परिपाटी सुनिश्चित करने में भारतीय प्रेस परिषद की भूमिका को रेखांकित करने वाली स्मारिका भी जारी की
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि प्रेस की आजादी लोकतंत्र में अलंघनीय थी और यह आजादी जिम्मेदारियों के साथ आई। मीडिया को राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर सक्रिय चर्चा और बहस सुगम बनानी होती हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति वेंकटचलैया ने कहा कि भारत में प्रौद्योगिकी और आजादी की धारणा में बदलाव के साथ लोकतांत्रिक एवं मानवीय मूल्यों में संतुलन बनाते हुए उन्हें संरक्षित, बहाल और प्रसा-प्रचार करने में बड़ी भूमिका है।
इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए | विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इन श्रेणियों में ग्रामीण पत्रकारिता, विकासात्मक रिपोर्टिंग, स्त्री शक्ति (महिला सशक्तिकरण), सिंगल न्यूज पिक्चर, फोटो फीचर और उर्दू पत्रकारिता शामिल थीं।
इस अवसर पर भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू और भारतीय प्रेस परिषद की सचिव श्रीमती विभा भार्गव भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के दिन की याद में मनाया जाता है। परिषद वैधानिक एजेंसी है जो प्रेस की आजादी और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
फोटो कैप्शन
The Minister of State for Information & Broadcasting, Col. Rajyavardhan Singh Rathore and the Chairman, Press Council of India, Justice Markandey Katju with the winners of National Awards for Excellence in Journalism, at the National Press Day function, in New Delhi on November 16, 2014.