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डॉ मन मोहन सिंह ने अल्प संख्यकों के कल्याण के लिए योजनाएं क्या घोषित की विज्ञान भवन में घरेड़ पड़ गई

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आक्रोशित कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये क्या गुंडा गर्दी हो रही है देख तो हसाडे सोणे ते मन मोहने प्रधान मंत्री ने विज्ञान भवन में नेशनल वक़फ़ डेवलपमेंट कारपोरेशन (NAWADCO) के कार्यक्रम में अल्प संख्यकों के कल्याण के लिए एक से बढ़ कर एक बढ़िया योजनाएं घोषित कर रहे थे तो एक विरोधी धड़े के डॉ फहीम बैग को बदहजमी हो गई और लग गया भाषण में घरेड़ डालने ओये श्री मति सोनिए गांधी ने भी अल्प संख्यकों के विकास के लिए राशि को १० गुना करने की बात कही थी लेकिन हम लोग इन घरेड़ों से डरने वाले नहीं हैं अल्प संख्यकों के के कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम करते ही रहेंगे

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाणा अल्प संख्यक तो खुद ही खैरात बांटने में विशवास करते हैं इसीलिए अल्प संख्यकों को चुनावी दौर में खैरात नहीँ बल्कि उनका हक मिलना चाहिए| देश में ४.९ लाख वक्फ प्रोपर्टीज पंजीकृत हैं और बद इंतजामी के कारण जस्टिस सच्चर कमेटी के अनुसार इनसे १२०० करोड़ रुपयों की आय के बजाय केवल १६३ करोड़ की आय ही हो रही है|इसीलिए वर्त्तमान में उपलब्ध योजनाओं को ही समय और सलीके से लागू किया जाये तो अल्प संख्यकों की हालात सुधर सकती हैं

डॉ मन मोहन सिंह ने अंडमान निकोबार में नौका दुर्घटना पर गहरा शोक व्‍यक्‍त किया और तत्काल सहायता के आदेश दिए

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने अंडमान निकोबार में नौका दुर्घटना से हुई जानमाल की हानि पर शोक व्‍यक्‍त किया
प्रधानमंत्री ने सभी केन्‍द्रीय एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे राहत और बचाव कार्यों में तत्‍काल सहायता करें। रविवार शाम एक समुद्री नौका[एक्वा मरीन] बंगाल की खाड़ी में पोर्ट ब्‍लेयर के निकट रोस द्वीप और नॉर्थ बे के बीच समुद्र में डूब गयी थी|
नौका पर सवार कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार नाव पर क्षमता से दोगुने लोग सवार थे ।दक्षिण अंडमान जिला प्रशासन ने 21 लोगों की मौत की पुष्टि की है 13 लोगों को बचाने का दावा किया है | हादसे में बचाए गये पर्यटकों को पोर्ट ब्लेयर के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।नाव पर तमिलनाडु के कांचीपुरम और मुंबई के पर्यटक सवार थे।
कोस्ट गार्ड+ सुरक्षा कर्मी + सिविल के संयुक्त तत्वावधान में चलाया गया बचाव अभियान जारी है।
उप राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल [सेवानिवृत्त] एके सिंह ने मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।,

पी एम् ने मुम्बई में अति आधुनिक एयर पोर्ट के उद्घाटन की बधाइयाँ ली तो रेल स्ट्राइक में फंसे लाखो यात्रियों ने गालियां दी

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाडे सोणे मन मोहने पी एम् ने मुम्बई में अति आधुनिक नए एकीकृत टर्मिनल -2 को राष्ट्र को समर्पित किया और एविएशन छेत्र कमाल कर दिया ओये हुन एयरपोर्ट सेवा क्वालिटी रेटिंग 2007 में 3.53 से बढ़कर 2012 में 4.64 हो गई है। यह अब 25 से 40 मिलियन यात्री क्षमता श्रेणी में तीसरा श्रेष्ठ हवाई अड्डा है मानता है न कि देश में असली विकास तो हम ही कर रहे हैं

झल्ला

चतुर सुजाण जी ऐसी विकास की धारा से तौबा भली |अरे एक तरफ आप लोग एयर पोर्ट के वैभव में डूबे थे तो उसी समयमुम्बई में ही रेल कर्मियों की हड़ताल से लाखो यात्री व्यवस्था को गालियां निकाल रहे थे|झल्लेविचारानुसार दिमाग बेशक आकाश में रखो मगर अपने पावँ हमेशा जमीन पर ही रहने चाहिए

डॉ मन मोहन सिंह आज की प्रेस कांफेरेंस में अमेरिका से अपने सम्बन्धों को सुधारते हुए दिखाई दिए

डॉ मन मोहन सिंह आज की प्रेस कांफेरेंस में अमेरिका से अपने सम्बन्धों को सुधारते हुए दिखाई दिए | डॉ मन मोहन सिंह ने प्रधान मंत्री के रूप में अपने दस साल के कार्यकाल में अमेरिका से न्यूक्लीयर करार को सर्वश्रेष्ठ बताया| बीते तीन सालों में पहली प्रेस कांफेरेंस करते हुए पी एम् ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए |एक प्रश्न के उत्तर में डॉ मन मोहन सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल में अमेरिका के साथ हुई न्यूक्लीयर डील को वोह सर्वश्रेष्ठ मानते हैं क्योंकि उस डील के बाद भारत ने विकास के छेत्र में अनेकों उपलब्धियां हासिल कीइसके अलावा एक अन्य प्रश्न में तमिल मछुआरों के हितो को लेकर श्रीलंका के प्रति उदासीनता और राजनयिक देवयानी को लेकर मचा हाय हल्ला पर डॉ सिंह ने तमिल समस्या को तो एड्रेस किया मगर प्रश्न में अमेरिका से सम्बंधित हिस्से को टाल गए
फ़ोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh being received by the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari, at a Press Conference, in New Delhi on January 03, 2014.
The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and the Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur are also seen.

डॉ मन मोहन सिंह ने तीसरी बार भारत के पी एम् की दौड़ से बाहर रहने की घोषणा की

भारत के प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में आज अपनी दस साल की उपलब्धियों का ब्योरा दिया और असफलताओं के लिए दूसरों पर ठीकरा फोड़ा
नववर्ष की शुभकामनाएं देने के पश्चात डॉ मन मोहन सिंह ने कहा “सर्वप्रथम मैं यह कहना चाहता हूं कि हमें यकीन है कि हमारा बेहतर समय आने वाला है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि का चक्र बेहतरी की ओर घूम रहा है। अपनी घरेलू कठिनाइयों को दूर करने के लिए हमने जो अनेक कदम उठाए थे, वे अब फलीभूत हो रहे हैं। भारत की वृद्धि दर फिर से रफ्तार पकड़ने वाली है।
बीते वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि हमने अपने लोकतंत्र की ताकत का प्रदर्शन किया। हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में हमारी जनता ने रिकॉर्ड संख्या में मतदान कर लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति विश्वास व्‍यक्‍त किया। इन चुनावों में मेरी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन इनमें जिस बड़े पैमाने पर जनता की भागीदारी हुई, उसका हम स्वागत करते हैं और हम मंथन करेंगे कि यह नतीजे भविष्य के बारे में क्या कहते हैं और हम इनसे सबक सीखेंगे।हमारा लोकतांत्रिक संविधान और हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं आधुनिक भारत की बुनियाद हैं। हम सभी को , जो बेहतर भारत का निर्माण करना चाहते हैं, गरीबी और भ्रष्टाचार से छुटकारा पाना चाहते हैं, इन संस्थानों का अवश्य सम्मान करना होगा और उनके अनुरूप कार्य करना होगा। वे हमारे हाथों में वैध माध्यम हैं, जिनकी अपनी सीमाएं हैं। कोई भी एक व्यक्ति अथवा प्राधिकरण, लोकतांत्रिक शासन की प्रक्रियाओं का स्‍थान नहीं ले सकता।
डॉ सिंह ने कहा “पिछले एक दशक में हम कई उतार-चढ़ावों के गवाह बने हैं। प्रधानमंत्री के रूप में मेरे पहले कार्यकाल के दौरान, भारत ने पहली बार रिकॉर्ड 9.0 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल की। इस अभूतपूर्व प्रदर्शन के बाद वैश्विक वित्तीय संकट के कारण आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो गया। पिछले कुछ वर्षों से सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है।अर्थव्यवस्थाओं में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और हमें सिर्फ अल्‍पकालिक समय पर ही आवश्‍यकता से अधिक ज़ोर नहीं देना चाहिए। हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि आर्थिक मंदी के वर्षों को जोड़ने के बाद भी, पिछले 9 वर्षों में हमने वृद्धि की जो दर हासिल की है वह किसी भी 9 वर्षों की अवधि में सर्वाधिक है। और केवल तेज वृद्धि दर मुझे संतोष नहीं देती। उतनी ही महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने वृद्धि की प्रक्रिया को पहली बार सामाजिक रूप से ज्यादा समावेशी बनाया है|वर्ष 2004 में मैंने वायदा किया था कि मेरी सरकार
[ “ग्रामीण ]भारत के लिए नया दौर” साबित होगी। मुझे यकीन है कि हमने उस वायदे को बहुत अच्छे से निभाया है। हमने किसानों के लिए समर्थन मूल्य बढ़ाने+ किसानों के ऋण का दायरा बढ़ाने + बागवानी+ ग्रामीण विकास और ग्रामीण बुनियादी ढांचे, विशेषकर सड़कों और बिजली में निवेश बढ़ाने सहित किसानों के अनुकूल नीतियों का अनुकरण किया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने खेतिहर मजदूर में भरोसा जगाया है और उनकी मोल-भाव करने की ताकत बढ़ाई है। बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हमारे भाई-बहनों में नई आशा का संचार कर रही हैं।
इन प्रयासों की बदौलत कृषि क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) पहले से कहीं ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़ना सुनिश्चित हुआ है। भारत अनाज, चीनी, फल और सब्जियों, दूध और पोल्ट्री उत्पादों के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में शुमार हो गया है। ग्रामीण मजदूरी पहले से कहीं ज्यादा तेजी से वास्तविक मायनों में बढ़ी है। गांवों में प्रति व्यक्ति वास्तविक उपभोग 4 गुना ज्यादा तेजी से बढ़ा है। इन गतिविधियों के कारण 2004 से 2011 की अवधि में गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाली आबादी का प्रतिशत काफी तेजी से कम हुआ है। इससे पहले किसी भी दशक में इस प्रतिशत में ऐसी गिरावट नहीं देखी गई। इसके परिणामस्वरूप गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या कम घटकर 13.8 करोड़ रह गई है।
[शिक्षा] हमारी अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता बढ़ाने और अच्छी नौकरियों तक बेहतर पहुंच बनाने की हमारी रणनीति का प्रमुख घटक रहा है। मैं स्वयं उदार छात्रवृत्तियों और शिक्षा में सार्वजनिक निवेश का लाभार्थी रहा हूं। इसलिए मैं शिक्षा में निवेश के विशेष महत्व को बखूबी समझ सकता हूं।
मुझे यह बताते हुए बेहद गर्व हो रहा है कि हमने अपने देश के शैक्षिक परिदृश्य को बदल डाला है। सर्वशिक्षा अभियान, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अल्पसंख्यकों के लिए नई छात्रवृत्तियों के माध्यम से और बालिकाओं और युवतियों पर विशेष ध्यान देते हुए हमने शैक्षणिक अवसरों को व्यापक बनाया है। हमने नये विश्वविद्यालयों, नये विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों, नये औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की है तथा कौशल निर्माण और शिक्षा में प्रत्येक उद्यम को सक्षम बनाया है।अपने विधायी प्रयास से भी मैं खुद को संतुष्ट महसूस कर रहा हूं। संसद में अभूतपूर्व व्‍यवधानों के बावजूद हमने अपनी जनता और लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त बनाने वाले कई महत्वपूर्ण कानून पारित किए हैं।
मैं आर्थिक क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों का बखान नहीं करना चाहता। उन सभी का आपको दी गई बुकलेट में विस्तार से उल्लेख किया गया है। मुझे आपके प्रश्नों का उत्तर देकर प्रसन्नता होगी। हालांकि तीन बिंदुओं का मैं उल्लेख करना चाहता हूं।
पहला, मुझे इस बात की चिंता है कि विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने में हम उतने सफल नहीं रहे, जितना हमें होना चाहिए था। इस क्षेत्र में अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं। लघु और मझौले उद्यमों की सहायता के लिए हमें कहीं ज्यादा सशक्त प्रयास करने की जरूरत है, जो गुणवत्ता वाले रोजगार के अवसरों का प्रमुख स्रोत हो सकते हैं। भविष्य के लिए हमारी विनिर्माण रणनीति की यह सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
दूसरा, हम मुद्रास्‍फीति पर नियंत्रण करने में भी उतना सफल नहीं हुए हैं जितना हम चाहते थे। ऐसा इसलिए कि खाद्यान्‍नों की कीमतें बढ़ी है। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारी समावेशी नीतियों ने कमजोर वर्गों के लोगों के हाथों में और अधिक धन दिए हैं।
खाद्यान्‍नों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए हमें आपूर्ति बढ़ाने की आवश्‍यकता होती है और बाजार तथा लॉजिस्टिक व्‍यवस्‍था भी सुधारनी होती है। फल और सब्जि़यों जैसी नष्‍ट होनी वाली सामग्री के लिए यह विशेषकर महत्‍वपूर्ण है। इसमें अधिक काम राज्‍यों के दायरे में आते हैं।
मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमने जो खाद्य सुरक्षा कानून पारित किए हैं वह आम आदमी को खाद्य सामग्री की बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए कुछ हद तक ढाल प्रदान करेगा।
[महंगाई] को लेकर चिंता वाजिब है। लेकिन हमें यह भी मानना चाहिए कि मंहगाई की तुलना में अधिकतर लोगों की आय तेजी से बढ़ी है। मैं पहले यह कह चुका हूं कि ग्रामीण इलाकों में पहले की तुलना में वास्‍तविक मज़दूरी तेजी से बढ़ी है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में प्रति व्‍यक्ति उपभोग में महत्‍वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है।
तीसरा, हम भ्रष्‍टाचार से मुकाबला करने के लक्ष्‍य के प्रति गंभीर रूप से प्रतिबद्ध हैं। सरकार के काम को पारदर्शी तथा जिम्‍मेदाराना बनाने के लिए अनेक ऐतिहासिक विधेयक लाए गये हैं। शासन व्‍यवस्‍था पहले से कहीं ज्‍यादा अधिक जवाबदेह हो गयी है। आप में से अधिकतर लोग नियमित रूप से सरकारी दस्‍तावेजों को पाने के लिए सूचना के अधिकार कानून का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। पहले ऐसा संभव नहीं था।
टू-जी स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन, कोल ब्‍लॉक आवंटन तथा जमीन से जुड़े मामलों जैसे बड़े भ्रष्टाचार के आरोपों से लोगों में चिंता है। स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन के लिए वर्तमान प्रक्रिया को बदलने के बारे में हमने प्रमुख कदम उठाएं हैं। नीलामी के जरिए कोल ब्‍लॉक आवंटन के उपाय किए गये हैं ताकि भविष्‍य में ऐसी समस्‍याएं खड़ी न हों। जब प्रशासनिक रूप से आवंटन किया गया तो पहले लिए गए कुछ निर्णयों पर सवाल उठे। इनकी जांच की जा रही है। दोषी व्‍यक्ति को न्‍याय की उचित प्रक्रिया के जरिए सज़ा दी जाएगी।
[जमीन] के मामले राज्‍य सरकारों के दायरे में हैं और हमने लगातार राज्‍य सरकारों को सलाह दी है कि वे इन मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करें।
मैं बाहरी वातावरण के बारे में भी कुछ कहना चाहूंगा। पिछले एक दशक के अपने अनुभव से हम सभी लोगों को सीख लेनी चाहिए कि हमारे आसपास की दुनिया और अधिक चुनौतीपूर्ण होती जा रही है। यह दुनिया के साथ हमारे जुड़ाव तथा उज्‍जवल भारत से अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय की आकांक्षाओं के कारण है। यह भारत की स्‍पष्‍ट नियति है। इसे हमें इसी रूप में स्‍वीकार करना चाहिए और इससे निपटने के बारे में सीखना चाहिए।
भारत अपने लोगों को सुरक्षा देने तथा क्षेत्रीय सुरक्षा तथा स्‍थायित्‍व सुनिश्चित करने के लिए रक्षा तथा राष्‍ट्रीय सुरक्षा में निवेश जारी रखेगा। साथ-साथ हम अपने निकट पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध बनाये रखना जारी रखेंगे। यह जानते हुए कि साझा इतिहास और साझे भूगोल के जरिए भारतीय उपमहाद्वीप की नियति जुड़ी है।
यह मेरा प्रयास रहा है कि सभी प्रमुख शक्तियों तथा हमारे सभी एशियाई पड़ोसियों के साथ दीर्घकालिक, स्‍थायी तथा परस्‍पर लाभकारी संबंध बने। हमें वैश्विक अवसरों का लाभ लेते रहना चाहिए और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक स्ंस्‍थानों के सृजन और प्रबंधन में विश्‍व के प्रयासों में योगदान करना चाहिए।
मित्रों,मुझे घरेलू चुनौतियों से निपटने में हमारी जनता की क्षमताओं में प्रगाढ़ विश्‍वास है। मैं आम चुनाव के बाद कुछ महीनों में नये प्रधानमंत्री को दायित्‍व सौंप दूंगा। मुझे विश्‍वास है कि नये प्रधानमंत्री यूपीए से चुने जाएंगे और हमारी पार्टी इस उद्देश्‍य की पूर्ति के लिए आम चुनाव में अभियान चलाएगी। मुझे विश्‍वास है कि हमारे नेताओं की नई पीढ़ी इस महान राष्‍ट्र को दिशा दिखाएगी।
नये वर्ष में प्रवेश के साथ हम अपनी नीतियों को उत्‍साह, प्रतिबद्धता के साथ विकास को पुनर्जीवित करने, उद्यम को बढ़ावा देने, रोजगार सृजित करने, गरीबी हटाने तथा महिलाओं और बच्‍चों समेत सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से अपनी नीतियों को लागू रखना जारी रखेंगे। हमारी सरकार अपने अंतिम दिन तक अथक रूप से काम करती रहेगी।
फ़ोटो कैप्शन The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh arrives at a Press Conference, in New Delhi on January 03, 2014.
The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari is also seen.

सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के श्री मुख से “रेप का आनंद लेने का गुरु मंत्र” गलती से निकल गया होगा

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आक्रोशित महिला उत्थान कार्यकर्ता

ओये झल्लेया मुल्क में महिलाओं के साथ ये क्या मखौल हो रहा है?पहले बापू नामक असाराम ने रेपिस्ट को भाई बता करउसके पावं पकड़ कर बच निकलने का भजन सुनाया अब सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने एक कार्यक्रम में रेप पर विवादित बयान दे दिया ओये जनाब रंजीत सिन्हा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुर मंत्र दिया है कि अगर रेप को रोका नहीं जा सकता है, तो उसका आनंद लेना चाहिए।लो करलो बात |अली कुली ही सों बिध्यों तो आगे कौन हवाल ?
आदरणीय सिन्हा ने सट्टेबाजी की तुलना रेप से कर दी और उवाचा कि रेप पर रोक नहीं लगा सकते तो इसे ‘इंज्वॉय’ करते हैं। यार अब देश में अपराधों की रोकथाम के लिए स्थापित सबसे बड़े अधिकारी के श्री मुख से ऐसे सुविचार निकलेंगे तो मुल्क का क्या होगा ?

झल्ला

बाउ जी साहब ये झल्ले विचारानुसार आदरणीय सिन्हा साहब झौंक में ये गुरु मंत्र दे गए होंगे क्योंकि प्रधान मंत्री+वित्त मंत्री से लगातार डांट खा कर विपक्ष से अपमानित होकर भी प्रसन्नचित+पफुल्लित+आनंद उठाने का गुरु मंत्र का पालन करना उनका अति गोपनीय मंत्र है उसे जग जाहिर करने की गलती वोह जान बूझ कर तो करने से रहे |और उन्हें मालूम है कि आसाराम का बेड़ा ही गर्क हो चूका है इसीलिए अपनी जान को अपनी जान को बवाल पैदा करने का जोखिम जान बूझ कर तो कोई उठाने से रहा

सीबीआई ने उद्योगपति और नौकरशाह के कोयला केस को हेंडिल करके पी एम् की ऐसी की तैसी कराई उससे क्या सरदार बहुत खुश होता शाबाशी देता क्यूँ

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

सी बी आई का चिंतित शुभ चिंतक

ओये झल्लेया ये प्रधान मंत्री जी को क्या हो गया यार हसाडे फंक्शन में चीफ गेस्ट बन कर आये और हमी को सुना कर चले गए यार सारी उम्र हमने इन लोगों की सेवा की है इनके इशारों पर मिठू,मिट्ठू कहते आ रहे हैंहमने तो इनके पिंजरे से निकलने को भी मना कर दिया लेकिन इन्होने तो उसका भी ख्याल नहीं किया गलत पालिसी से हुए फ्रॉड और असली फ्रॉड के अंतर को समझाने लग गए और हमें डांट ख्वाहमखः पिला गए

झल्ला

ले रुमाल ते अथरू पौंछ ले और फिरबचे खुचे दिमाग पर थोड़ा सा जोर डाल कर सोच के कोयले की दलाली के मामले में आप लोगों ने जिस तरह उद्योग पति और नौकर शाह के केस को हेंडिल करके प्रधान मंत्री की ऐसी की तैसी कराई एक नए विवाद को जन्म दिया उससे क्या सरदार बहुत खुश होता शाबाशी देता क्यूँ??

सोणी मन मोहणी सरकार, विवेक और विश्वास के बजाय, अब तमिलियन दबाब में श्रीलंका से डीलकर रही है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

खिलखिलाता द्रविड़ तमिलियन

ओये झल्लेया देखा हमारा रौब ओये |हमारी पकड़ अभी तक सरकार पर कायम है| प्रधान मंत्री को श्री लंका जाने से इंकार करना पड़ ही गया | अब सलमान खुर्शीद जाएँ या उनका चपरासी जाये हमें कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन हाँ डॉ मन मोहन सिंह तो बिलकुल नहीं जायेंगे

झल्ला

सारा रोना भी तो इसी बात का है ये हसाड़ी सोणी मन मोहणी सरकार विवेक और विश्वास के बजाय दबाब से चल रही है इसीलिए जग हसाई हो रही है |अरे भाई छह महीने पहले न्यौता आया था अभी वहाँ के राष्ट्रपति राज पक्षे भीआये थे |लेकिन इतनी विलम्भ से इंकार करना कोई अच्छी बात नही है|ये डेमोक्रेसी नहीं कुछ और ही है

कमजोर कहेजाने वाले डॉ मनमोहन सिंह ने रायपुर में बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पर मजबूती से शब्द बाण चलाये

कमजोर कहेजाने वाले डॉ मनमोहन सिंह ने रायपुर में बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पर मजबूती से शब्द बाण चलाये प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने शनिवार को रायपुर में एक चुनावी रैली में बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पर जम कर निशाना साधा। उन्‍होंने मोदी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि कांग्रेस नेतृत्व पर हमला करने के चक्कर में बीजेपी नेता देश का इतिहास-भूगोल तक बदल देते हैं। उन्होंने कहा कि विरोधियों पर हमला करने की कोशिश में बीजेपी नेता अक्सर अपशब्दों का प्रयोग करते हैं। वे देश का इतिहास और भूगोल बदलने में भी नहीं हिचकते। गौरतलब है कि मोदी ने पटना की हुंकार रैली में ऐसी बातें कही थीं जो ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक गलत बताई जा रही हैं।
विरोधी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊंचा मंच बनवाने और बड़ी-बड़ी बातें करने से सत्ता नहीं मिलती। उनका यह जुबानी वार भी मोदी पर ही था, क्‍योंकि मोदी की सभाओं में काफी भव्‍य मंच बनावा जा रहे हैं। मध्‍यप्रदेश में लालकिले सरीखा मंच बनवाया गया था, जबकि पटना की मोदी की सभा के लिए भी स्‍टील का विशाल मंच बनवाया गया था।
मनमोहन सिंह ने छत्तीसगढ़ में बीती 25 मई को कांग्रेस नेताओं पर हुए भीषण नक्सली हमले का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे हमले कांग्रेस का मनोबल नहीं तोड़ सकते। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने संवेदना की बात की, सुरक्षा की नहीं।

डॉ मन मोहन सिंह ने फाइलिन तूफान राहत के लिए 1000 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा की

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने फाइलिन तूफान राहत के लिए 1000 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा की हैयह राशि ओडिसा+आंध्र प्रदेश में पुनर्वास के लिए दिए जायेंगे |
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने आज प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह से मुलाकात की और उन्हें राज्य में फाइलिन तूफान के असर और उसके बाद भारी वर्षा और बाढ़ के कारण हुए नुकसान के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
प्रधानमंत्री ने राहत और पुनर्वास के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के लिए 1000 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा की है।
इन राज्यों के लिए कुल सहायता को अंतर-मंत्रालय केंद्रीय दल की मौके पर आकलन के बाद दी गई रिपोर्ट पर विचार करने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक व्यक्ति के निकट संबंधी को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल प्रत्येक व्यक्ति को 50,000/- रुपये की अनुग्रह सहायता मंजूर की है।