इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया ने आज फिर नरेंद्र मोदी का आधे घंटे से अधिक समय का भाषण बिना ब्रेक दिखाया | नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर बिना ब्रेक के भाषण दिखाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया को मजबूर कर दिया| चुनावी भाषणों के दौरान अनेकों चैनलों द्वारा नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण लाइव दिखाया जाता रहा है उस समय कांग्रेस और मीडिया के एक सेक्शन द्वारा इसकी तीखी आलोचना की जाती रही हैयहाँ तक कि प्रसारण में काले धन के उपयोग के भी आरोप लगाये जाते रहे हैं लेकिन आज श्री हरिकोटा में पी एस एल वी -सी २३ की लॉन्चिंग के दौरान दिए गए मोदी के पूरे भाषण को भी मीडिया ने सीधे दिखाया |
अपने भाषण को उन्होंने अंत तक रोचक बनाये रखा |सम्भवत पी एम के रूप में पहली बार इंग्लिश में धारा प्रवाह भाषण की शुरुआत करके हिंदी में भी बोलते रहे|इसरो और प्रक्षेपण के इतिहास की जानकारी देते रहे| नई खबर बनाते रहे और मीडिया+सिनेमा+ का भी बखूबी इस्तेमाल करते रहे |
नॉर्मली हिंदी में भाषण देने वाले श्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत अंग्रेजी में की | पीएम के रूप में इस भाषा में यह उनका यह पहला भाषण था।
व्यवसायिक रॉकेट के सफल लांचिंग के बाद मोदी ने अंग्रेजी में कहा, ‘एक और कामयाब लॉन्च के लिए सभी वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष विभाग को बधाई। आज सभी देशवासियों का ह्दय गर्व से भर उठा है। इस लॉन्च का गवाह बनने के बाद मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। निश्चित तौर पर यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का वैश्विक स्तर पर प्रचार करता है।’ पीएम ने कहा की विज्ञान और तकनीक के मामले में भारत शुरू से ही काफी समृद्ध रहा है।यह अतिआधुनिक तकनीक एक आम आदमी से सीधे तौर पर जुडी है | इससे नई संभावनाओं को का रास्ता खुलता है।अकबर के नव रत्नों में से एक राजा टोडर मल के बाद अब इस अंतरिक्ष तकनीक की वजह से देश में भूमि प्रबंधन व्यवस्था में भी सुधार हो रहा है।
पी एम ने चुनावों के दौरान जुमला ‘ये दिल मांगे मोर।’ का उपयोग किया था लेकिन तब कांग्रेस और “आप” पार्टी द्वारा उनकी बेहद आलोचना की गई थी यह जुमला एक पेय उत्पाद के लोक प्रिय विज्ञापन से लिया गया था | मोदी ने इस जुमले का आज फिर इस्तेमाल करते हुए कहा कि आप सार्क देशों के लिए सैटेलाइट लॉन्च कीजिए। उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी तकनीक और तरक्की को उन लोगों के साथ भी साझा करना चाहिए जिनको इनका लाभ नहीं मिल रहा है। सार्क देशों की गरीबी जगजाहिर है और हमें उनके कल्याण के लिए भी काम करना चाहिए।’ मोदी ने कहा कि भारत के पास ऐसी ताकत है कि वह दुनिया के लिए उपग्रहों को लॉन्च सेवा प्रदान करने वाला देश बन सके और हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है।
नरेंद्र मोदी ने फिल्मो के प्रति अपने प्रेम को उजागर करते हुए बताया कि हॉलीवुड की एक फिल्म ग्रैविटी को बनाने में जितना खर्च आया है, भारत के मंगल अभियान का खर्च उससे भी कम आया है।
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नरेंद्र मोदी का पी एम के रूप में श्री हरिकोटा में दिया भाषण इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया ने बिना ब्रेक लाइव दिखाया
पी एम ने PSLV-C23 सफल व्यवसायिक उड़ान की बधाई दी,सार्क देशों के कल्याणार्थ उपग्रह बनाने को भी कहा
नरेंद्र मोदी आज श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी23 की सफल व्यवसायिक उड़ान के गवाह बने |उन्होंने पड़ोसी देशों के कल्याण के लिए “एक कृत्रिम उपग्रह बनाने को भी कहा |अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों भाषाओं के मिले-जुले भाषण में पी एम श्री मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों की कई पीढ़ियों की तपस्या का जिक्र किया और कहा कि उपनिषद से उपग्रह तक की यात्रा एक लंबी यात्रा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के दौरे के समय वे वैज्ञानिकों की चार पीढ़ियों से मिले हैं।नरेंद्र मोदी २९ जून को ही श्री हरिकोटा पहुँच गए थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीहरिकोटा से पोलर सेटेलाईट लॉंच वेहिकल- पीएसएलवी-सी23 का सफल प्रक्षेपण देखा।
मिशन कंट्रोल सेंटर से अपने बधाई संदेश में उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हासिल महारथ को सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास तथा संसाधनों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से उपयोग करने को भी कहा | भारत को भारत की वसुधैव कुटुम्बकं की प्राचीन मान्यताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम मानवता की सेवा के उद्देश्य से प्रेरित है, न कि शक्तिशाली बनने के उद्देश्य से। उन्होंने कहा कि विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की एक उज्ज्वल परम्परा है, जिसमें अंतरिक्ष विज्ञान भी शामिल है। श्री मोदी ने कहा कि भास्कराचार्य तथा आर्यभट्ट जैसे प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक कई पीढ़ियों को प्रेरित कर रहे है। उन्होंने कहा कि भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभ विकासशील देशों, विशेषकर पड़ोसी देशों के साथ सांझा करना चाहिएं। उन्होंने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे सार्क देशों के लिए कृत्रिम उपग्रह तैयार करें, जिसकी सेवाएं अपने पड़ोसी देशों को भारत की ओर से एक उपहार के तौर पर दिया जाए।
श्री मोदी ने कहा कि पूरी तरह से स्वदेशी भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय दबाव तथा बाधाओं के बीच विकसित हुआ है। चंद्रमा मिशन पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सोच से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि मंगल मिशन तथा उपग्रह आधारित नौ-वहन इन दिनों चल रही परियोजनाओं में से एक हैं।
आम आदमी के लिए अंतरिक्ष तकनीकी के लाभ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे आधुनिक संचार-व्यवस्था संभव है, सुदूर गांवों में बच्चों को स्तरीय शिक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाया जा सकता है तथा टेलीमैडिसन द्वारा बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकती है। डिजीटल भारत के हमारे स्वप्न को साकार करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है|
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अत्याधुनिक उपग्रहों के विकास तथा सेटेलाईट फुटप्रिन्ट बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भारत के पास विश्व के लिए सर्विस प्रोवाईडर प्रक्षेपित करने की क्षमता है और इस उद्देश्य की ओर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने भारत के युवा वर्ग को अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जोड़ने का आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा कि श्रीहरिकोटा में युवा वैज्ञानिकों को मिलकर तथा उनके काम एवं उपलब्धियों को देखकर वे बेहद खुश हुए। उन्होंने डॉ. के. राधाकृष्णन के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए उनकी सोच का पैमाना, उसकी गति तथा कौशल इत्यादि बेहतरीन है। कुछ ही महीनों में मंगल ग्रह की कक्षा में हमारे वायुयान को स्थापित करने में जुटे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को उन्होंने अपनी शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री नरसिम्हन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू, संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री श्री वैंकेय्या नायडू, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, अंतरिक्ष-सचिव डॉ. राधाकृष्णन, तथा प्रो. यू.आर. राव और डॉ. कस्तूरीरंगन जैसे वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।
गौरतलब है के अंतरिक्ष यान ने सोमवार को सुबह 9:52 बजे उड़ान भरी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में मौजूद थे।
पीएसएलवी की यह 27वीं उड़ान है। पीएसएलवी ने अपने साथ सी23 जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, कनाडा के उपग्रह लेकर उड़ान भरी।
पीएसएलवी-सी23 का प्रक्षेपण देखने के लिए मोदी रविवार शाम को ही श्रीहरिकोटा पहुंच चुके थे। एनडीए के सरकार के सत्ता में आने के बाद यह इसरो का पहला अंतरिक्ष अभियान है।
नरेंद्र मोदी ने बताया कि देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐसा समय भी आया था, जब रॉकेट साइकिल पर ले जाए थे और आज एक लंबी दूरी तय करते हुए हम अंतरिक्ष कार्यक्रम के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष छह देशों की कतार में शामिल हो चुके हैं।वेदों की ऋचाओं में वर्णित विज्ञानं को आज के वैज्ञानिकों ने साकार करके उपग्रह तक पहुंचा दिया है |
फोटो कैप्शन [१]The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing after the successful launch of PSLV – C 23, at Sriharikota, in Andhra Pradesh on June 30, 2014.
The ISRO Chairman, Dr. K Radhakrishnan is also seen.
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