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14 Types of Rs 10 Coin Valid,Legal Tender: RBI

[Mumbai] 14 Types of Rs 10 Coin Valid,Legal Tender: RBI.These Days Certain Traders And Banks Are Refusing To Accept Latest Design Of Rs Ten Coin
The Reserve Bank Of India said today amid reluctance by certain traders to accept the coins that All the 14 designs of Rs 10 coin are valid and legal tender for transactions
In a statement, the central bank clarified that it puts into circulation the coins minted by government mints.
These coins, it further said, have distinctive features to reflect various themes of economic, social and cultural values and are introduced from time to time.
Top Bank has also asked banks to accept coins for transactions and exchange at all their branches

Centre Desires Cash Transaction Counter For Income Declaration Scheme

[New Delhi]Centre Desires Cash Transaction Counter For Income Declaration Scheme
Ministry Of Finance Requested Reserve Bank of India(RBI) to issue instructions to banks to allow payment of tax under the Scheme in cash and to allow deposit of cash over the counter.
The Income Declaration Scheme, 2016 provides an opportunity to persons who have not paid full taxes in the past to come forward and declare their undisclosed income and assets.
The Scheme has come into effect from 1.6.2016 and is open for declarations upto 30.9.2016.
The Central Board of Direct Taxes (CBDT) clarified that Reserve Bank of India (RBI) has been requested to issue instructions to banks to allow payment of tax under the Scheme in cash and to allow deposit of cash over the counter.
The RBI has Circulated these instructions to the banks on 8th September

Ministry of Finance Is Not Surprised On U S Decision Of Tapering :USD 65 billion

Ministry of Finance Is Not Surprised On U S Decision Of Tapering USD 65 billion.India’s economy is better prepared for the consequences, if any, of the taper Becouse foreign exchange reserves stands at USD 295 billion and Current Account Deficit is now expected to be below USD 50 billion. However Government of India and the Reserve Bank of India will continue to remain vigilant and will take whatever steps are necessary to ensure that there is stability in the financial markets.
Ministry of Finance Said That US Decision On Tapering Of purchase of mortgage-backed securities and longer-term treasury securities Was expected So It Is Not A Surprise and should not in any way surprise or affect the Indian markets.
The Central Government has taken note of the US Federal Reserve’s decision to reduce the level of purchase of mortgage-backed securities and longer-term treasury securities to USD 65 billion per month as against USD 75 billion per month. This decision was expected and should not in any way surprise or affect the Indian markets. However, it may be noted that USD 65 billion is not a small sum and will continue to infuse a large amount of liquidity into the world markets.
The Federal Reserve has not announced a sequential taper and has made it clear that “asset purchases are not on a pre-set course” and that they will take “further measured steps at future meetings.” The Federal Reserve has also made it clear that the result of the decision will be a “sizeable and still-increasing holdings of longer-term securities”.
The Federal Reserve has also “reaffirmed its expectations that the current exceptionally low target range for the federal funds rate of 0 to ¼ percent will be appropriate at least as long as the unemployment rate remains above 6½ percent”.
As Government has stated earlier, India’s economy is better prepared for the consequences, if any, of the taper. We have added to our foreign exchange reserves which stand at USD 295 billion. FDI and FII inflows continue to be robust, liquidity is comfortable, stronger regulations have been put in place in the capital markets, the investment cycle appears to have turned positive, credit demand from key sectors is strong, and WPI inflation has moderated. The Current Account Deficit which was earlier estimated at USD 70 billion is now expected to be below USD 50 billion in 2013-14. Therefore, there should be no undue concern over external factors.
However, both the Government of India and the Reserve Bank of India will continue to remain vigilant and will take whatever steps are necessary to ensure that there is stability in the financial markets.

आर बी आई ने पी एस यूं को तेल खरीदने के लिए सीधे डॉलर मुहैय्या करवाने की घोषणा करके ना केवल रुपये की ढलान को रोक कर ६६.५५ पर भी खिसकाया

आर बी आई ने पी एस यूं को तेल खरीदने के लिए सीधे डॉलर मुहैय्या करवाने की घोषणा करके ना केवल रुपये की ढलान को रोक वरन ६६.५५ पर भी खिसकाया
लगता है कि रुपये की ढलान रोकने के लिए केंद्र सरकार को बैरियर[ Hurdles ]मिल गए हैं तभी रूपया आज भी न केवल लुदकाने से रुका वरन कुछ आगे बढ़ने में सफल हुआ |२२५ पैसे का अंतर ले कर डॉलर के मुकाबिले ६६.५५ पर पहुंचा|आर बी आई द्वारा पी एस यूं के लिए डॉलर मुहैय्या करवाने की घोषणा के फलस्वरूप यह सुधार आया है|
सेंसेक्स ने भी ४०० पॉइंट्स की छलांग लगाई है|

रिवर्स गेयर में डाले गए भारतीय रुपये की गिरावट में आज भी ब्रेक नहीं लगा:डॉलर के मुकाबिले ६५ से भी नीचे गिरा

रिवर्स गेयर में डाले गए भारतीय रुपये की गिरावट में आज भी ब्रेक नहीं लगा:डॉलर के मुकाबिले ६५ से भी नीचे गिरा
रिवर्स गेयर में डाले गए भारतीय रुपये की गिरावट में आज भी ब्रेक नहीं लगा | गुरुवार को शुरुआती कारोबार में ही भारी गिरावट के साथ भारतीय रुपया डॉलर के सामने ६५/= के स्तर से भी नीचे गिर गया|
बीते दिन [बुधवार] को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 64.11 के स्तर पर बंद हुआ था और आज शुरूआती सत्र में 1.4 % की गिरावट के साथ रुपया ६५/= के स्तर को भी पार कर गया।
भारतीय रिजर्व बैंक[ RBI ] ने मंगलवार को 8,000 करोड़ रुपये के बांड पुनर्खरीद सहित नकदी नरम करने के कई उपायों के रूप में ब्रेक लगाने का प्रयास किया था लेकिन इसके बावजूद रुपये में गिरावट नहीं रुक पाई|
रुपये की कमजोरी से भारतीय शेयर बाजार भी लगातार औंधे मुंह गिर रहे हैं। आज भी शेयरा बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई, हालांकि बाद में बाजार थोड़ा संभलता दिखा

भारतीय रुपये में गिरावट को रोक पाने में अक्षम आर बी आई ने अब बैंकों की तिजोरियों की सुरक्षा के लिए उपाय करने जरूर शुरू कर दिए हैं

भारतीय रुपये में गिरावट को रोक पाने में अक्षम भारतीय रिजर्व बैंक ने अब बैंकों की तिजोरियों की सुरक्षा के लिए उपाय करने जरूर शुरू कर दिए हैं| केन्‍द्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री नमो नारायण मीणा ने आज लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया के रिजर्व बैंक की लखनऊ शाखा ने संबंधित बैंकों की क्षेत्रीय शाखाओं को नोटों के क्षतिग्रस्‍त होने से बचाने के लिए दीमक रोधी उपाय करने की सलाह दी है। इसके साथ ही तिजोरी रखने वाले बैंकों से रिजर्व बैंक नियमित आधार पर फिटनेस प्रमाण पत्र जमा करवाना आवश्यक होगा|
देश भर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रखे गये नोटों के क्षतिग्रस्‍त होने की कोई जानकारी हाल में उसके सामने उजागर नहीं हुई है, हालांकि वर्ष 2010 में स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया, फतेहपुर, बाराबंकी की तिजोरी में रखे गये 3 करोड़ 75 लाख रूपये के नोट दीमकों की वजह से क्षतिग्रस्‍त हो गए।
रिजर्व बैंक की साफ नोट नीति के तहत बैंकों में रखे गये नोटों को नुकसान से रोकने के लिए निम्‍नलिखित कदम उठाये गये है :
-[ १]. बैंकों में तिजोरी की दीवार भारतीय बैंक एसोसिएशन द्वारा स्‍वीकृत नियमों के अनुसार बनाई जाती है।
[2.] रिजर्व बैंक और तिजोरी रखने वाले बैंकों के बीच हुये करार के मुताबिक बैंक तिजोरी और भंडार में रखे गये सामान को सुरक्षित रखने के प्रति जिम्‍मेदार होंगे। [३]. बैंकों को तिजोरियों के बाढ़ग्रस्‍त क्षेत्र में न बनाने और भूतल में स्थित तहखानों में रिसाव और नमी से होने वाले नुकसान की संभावना को देखते हुए इनका निर्माण सावधानीपूर्वक करने के निर्देश दिये गये है।
[४]. तिजोरी रखने वाले बैंकों से रिजर्व बैंक नियमित आधार पर फिटनेस प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
[५]. लंबे समय तक रखे जाने के कारण होने वाले नुकसान को रोकने के लिए नोटों को प्रथम प्रवेश प्रथम निर्गम के आधार पर जारी किया जाएगा। यह जानकारी केन्‍द्रीय वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री नमो नारायण मीणा ने आज लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में दी।

डॉ.मनमोहन सिंह ने एसोचेम की बैठक में, चालू खाता घाटे को नियंत्रित करने के लिए, प्रतिबद्धता जताई

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एसोचेम की 92वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित किया। उन्होंने समस्‍या के मांग पक्ष और आपूर्ति पक्ष दोनों का समाधान करके चालू खाता घाटे को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई | विश्व के प्रसिद्द अर्थ शास्त्री डॉ सिंह ने ऐसे मुद्दों को छुआ जिन्हें लेकर औद्योगिक घराने चिंतित है और ऐसे छेत्रों कि चर्चा की जहां कार्रवाई किए जाने की आवश्‍यकता है|उन्होंने ईमान दारी से समस्याओं को स्वीकार किया लेकिन इसके साथ ही उज्जवल अर्थ व्यवस्था का भरोसा भी दिलाया |
उन्होंने कहा कि वर्तमान में चिंता का सर्वाधिक तात्‍कालिक कारण विदेशी मुद्रा बाजार में हाल का उतार-चढाव है। इसमें से अधिकांश अमरीका द्वारा फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा क्‍वांटिटेटिव ईजिंग थर्ड (Quantitative Easing III) को वापस लेने की संभावना को देखते हुए विश्‍व के बाजारों की प्रतिक्रिया के रूप में है। विकासशील बाजारों से बड़ी मात्रा में राशि हटा ली गई और तुर्की, ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका सहित अनेक विकासशील देशों की मुद्राओं की कीमतों में गिरावट आई । हमने भी रूपये के विनिमय मूल्‍य में उल्‍लेखनीय गिरावट देखी है। हमारे मामले में संभवत: यह स्थिति इस कारण बिगड़ गई कि अदायगी संतुलन में हमारा चालू खाता घाटा 2012-13 में सकल घरेलू उत्‍पाद के 4.7 प्रतिशत के कारण बढ़ा ।
उन्होंने उपाय के रूप में सोने और पैट्रोलियम उत्‍पादों की मांग को कम करने की आवश्‍यकता पर बल दिया |
उन्होंने बताया कि सोने की मांग को नियंत्रित करने के उपाय किए गए हैं जिनके सकर्ताअमक नतीजे प्राप्त हुए हैं लेकिन पैट्रोलियम उत्‍पादों के छेत्रों में किये प्रयास अभी आशाजनक परिणाम नही दे पाए हैं क्योंकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबिले भारतीय रुपये की कीमत गिरी है|हमने पिछले साल पैट्रोलियम उत्‍पादों की कीमतों को सही करने की प्रक्रिया शुरू की थी। डीजल की कीमतों में धीरे-धीरे हो रहे सुधार ने कम वसूलियों के अंतर को लगभग 13 रूपया प्रति लीटर से घटाकर 2 रूपये प्रति लीटर ला दिया है। दुर्भाग्‍य से इस उपलब्धि के कुछ अंश को रूपये के मूल्‍य में गिरावट ने निरस्‍त कर दिया है। तथापि, कम वसूलियों को धीरे-धीरे समाप्‍त करने के लिए मूल्‍यों को समायोजित करने की हमारी नीति जारी है। जहां तक आपूर्ति का संबंध है हमें, अपने निर्यात को बढावा देने की आवश्यकता है। रूपये के मूल्‍य में गिरावट इसमें सहायक होगी। निस्‍संदेह निर्यात के आकार के रूप में इसका लाभ मिलने में समय लगेगा, लेकिन जो अनुबंध अब से किए जाएंगे, उनका निश्चित रूप से लाभ होगा। हम भी लौह-अयस्‍क और अन्‍य अयस्‍कों के निर्यात में बाधाओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। इनके निर्यात में पिछले एक साल के दौरान विशेष गिरावट आई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने रूपये के मूल्‍य में गिरावट को रोकने के कई उपाय किये हैं। शुरू में उसने डॉलरों को बाजार में फैंका। इससे किसी हद तक सहायता मिली। अभी हाल में उसने अल्‍पकालिक ब्याज दरें बढ़ाने के अन्‍य उपाए किए हैं। ये उपाय दीर्घकालिक ब्याज दरों में वृद्धि के संकेतक नहीं हैं। इनका उद्देश्‍य मुद्रा में वायदे के दबाव को रोकना है। मुझे आशा है कि एक बार इन अल्‍पकालिक दबावों के नियंत्रण में आने पर रिजर्व बैंक इन उपायों को वापस लेने पर भी विचार कर सकता है।
।उन्होंने नकारात्‍मक भावनाओं को हावी न होने देने का अनुरोध भी किया ।

Photo Caption
Dr. Man mohan Singh lighting the lamp to inaugurate the 92nd Annual General Meeting of ASSOCHAM, in New Delhi on July 19, 2013.

राष्‍ट्रीय सांख्‍यि‍की पुरस्‍कार भारतीय रिजर्व बैंक के सांख्‍यि‍कीविद डॉ. अभिमान दास को दिया गया:सांख्‍यि‍की दिवस

भारत सरकार ने राष्‍टीय स्‍तर पर विज्ञान भवन में सांख्‍यि‍की दिवस मनाया और प्रो. सी.आर. राव के सम्‍मान में दिया जाने वाला राष्‍ट्रीय सांख्‍यि‍की पुरस्‍कार भारतीय रिजर्व बैंक के जाने-माने सांख्‍यि‍कीविद डॉ. अभिमान दास को दिया गया। श्री श्रीकांत कुमार जैना ने उन्‍हें शॉल, प्रशस्‍ति पत्र और दो लाख रूपये के नकद इनाम से सम्‍मानित किया।
इस अवसर पर कई महत्‍वपूर्ण सांख्‍यि‍कीय प्रकाशन भी जारी किए गए।इसके अतिरिक्त सांख्‍यि‍की और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय+ राज्‍य सरकारों+ राष्‍ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के देश भर के कार्यालयों+ भारतीय सांख्‍यि‍कीय संस्‍थान+ विश्‍वविद्यालयों+विभागों आदि में [१]संगोष्ठियों[२] सम्‍मेलनों[३]वाद विवाद [४] क्विज [५] व्‍याख्‍यान मालाओं[६] निबंधन प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया गया |
अपने संबोधन में सांख्‍यि‍की एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन तथा रसायन और उवर्रक मंत्री श्री श्रीकांत कुमार जैना ने कहा कि सांख्‍यि‍की दिवस, सांख्‍यि‍कीविदों, विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, शि‍क्षकों और छात्रों को एक-दूसरे के साथ संपर्क कायम करने का महान अवसर उपलब्‍ध कराता है, ताकि आंकड़ों की नई जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्‍त उपाए किए जा सकें। उन्‍होंने कहा कि देश के प्रशासन में सांख्‍यि‍कीविदों की भूमिका को और सशक्‍त बनाए जाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्‍यक्ष डॉ. सी. रंगराजन ने अपने भाषण में कहा कि भारतीय सांख्‍यि‍कीय प्रणाली को सामान्‍य रूप से तथा विशेषकर श्रम और रोजगार सांख्‍यि‍की के संदर्भ में और सशक्‍त बनाने की जरूरत है।
इस समारोह को सांख्‍यि‍की एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय में सचिव प्रो. टी.सी.ए. अनंत और राष्‍ट्रीय सांख्‍यि‍कीय आयोग के अध्‍यक्ष डॉ. प्रणब सेन ने भी संबोधित किया।
गौर तलब है कि आर्थिक योजना और सांख्‍यि‍की विकास के क्षेत्र में स्‍वर्गीय प्रशांत चन्‍द्र महालनोबिस के उल्‍लेखनीय योगदान के सम्‍मान में भारत सरकार उनके जन्‍मदिन, 29 जून को हर साल सांख्‍यि‍की दिवस के रूप में मनाती है। यह दिवस राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मनाया जाता है। इस साल के सांख्‍यि‍की दिवस का विषय ‘श्रम और रोजगार सांख्‍यि‍की’ है। इस दिन को मनाने का उद्देश्‍य सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्धारण में प्रो. महालनोबिस की भूमिका के बारे में जनता में, विशेषकर युवा पीढ़ी में जागरूकता जगाना तथा उन्‍हें प्रेरित करना है।

डी एम् के के विड्रावल के कारण बाज़ार में गिरावट नहीं आई है: केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम

केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने कढ़ाई से कहा कि डी एम् के के विड्रावल के कारण बाज़ार में गिरावट नहीं आई है वरन सायप्रस में आई समस्या और भारतीय रिसर्व बैंक के नीतियों की कारण बाज़ार में गिरावट आई है |इसके लिए वह[चिदम्बरम ]स्वयम इन्वेस्टर्स से बात करेगे| गौर तलब है कि डी एम् के द्वारा १८ सांसदों की सपोर्ट विड्रा करने के कारण बाज़ार सहमा है और उसमे लगातार गिरावट आ रही है| इसी विषय पर सुबह प्रेस कांफ्रेंस में एक पत्रकार द्वारा पूछे जाने पर वित्त मन्त्रे ने तत्काल इस संभावना से इनकार कर दिया और कहा कि सायप्रस में आई तब्दीली और आर बी आई[ R B I ] के कारण बाज़ार में गिरावट आई है|

बाज़ार में गिरावट

बाज़ार में गिरावट


गौर तलब है कि यूरोपीय यूनियन ने सायप्रस को बैंक डिपॉजिटर्स पर टैक्स लगाकर कम से कम 5.8 अरब यूरो जुटाने को कहा है। यूरोपीय यूनियन ने कहा है कि 10 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए सायप्रस को यह कदम उठाना होगा। इस कदम से स्थानीय लोग, रूसी और फाइनैंशल मार्केट से जुडे़ सभी लोग हैरान हैं।इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रीपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती किए जाने के बाद बैंकों द्वारा कर्ज दरों में कटौती करने की संभावना नहीं के बराबर बताई जा रही है | इसके अलावा आज समाज वादी पार्टी भी सरकार को झटके देने लग गई है संभवत इसीलिए आज भी बाज़ार लगातार नीचे के और ही लुड़का | सेंसेक्स १२३.९१ अंक गिर कर 18884.19 1 (-0.65%)और निफ्टी ५१.५५ अंक नीचे आकर 5694.40 पर (-0.90%)रुका |

कोबरा पोस्ट ने एक बार फिर तहलका मचाया: कोबरा की इस फुंकार[स्टिंग] से तीन बड़े बैंक दण्डित हो सकते हैं

 कोबरा पोस्ट ने एक बार फिर तहलका मचाया: कोबरा की इस फुंकार[स्टिंग] से तीन बड़े बैंक दण्डित हो सकते हैं

कोबरा पोस्ट ने एक बार फिर तहलका मचाया: कोबरा की इस फुंकार[स्टिंग] से तीन बड़े बैंक दण्डित हो सकते हैं

कोबरा पोस्ट की खोजी पत्रकारिता ने एक बार फिर तहलका मचा दिया है |अब की बार इसकी फुंकार से तीन बड़े बैंक दण्डित होने निश्चित हैं| आज १४ मार्च गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेस के जरिए खोजी पत्रकार अनिरुद्ध बहल ने बताया कि एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस जैसे बड़े बैंक मनी लॉड्रिंग रैकेट की तरह काम कर रहे हैं| काला धन लेकर उसे गैर कानूनी तरीके से सफ़ेद किया जा रहा है| देश का बड़ी मात्रा में काला धन इन बैंकों के पास जमा है. उन्होंने बताया कि दर्जनों शाखाओं पर जाकर ये स्टिंग किया गया है और देश के पांच जोन के तहत बैंकों पर आधारित इस स्टिंग से हतप्रभ करने वाली जानकारी मिली है.| कोबरा पोस्ट ने 3 निजी बैंकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.अनिरुद्ध बहल ने इन बैंकों पर मनी लॉड्रिंग का आरोप लगाया है. इस बार अपने स्टिंग को इस खोजी पत्रकार ने ऑपरेशन रेड स्पाइडर का नाम दिया है. इन तीन बैंको पर काले धन को सफेद करने का गंभीर आरोप है|
अनिरुद्ध बहल के अनुसार
[१]मनीलॉड्रिंग का खेल सभी के लिए खुला है,जो भी काला धन इन बैंकों की ब्रांच में जमा करना चाहता है वो आसानी से जमा कर सकता है|
काले धन को सफेद करने के लिए ग्राहक बिना किसी झिझक के ब्रांच में सीधे नगदी जमा कर सकता है और मनी लांड्रिंग सुविधा प्राप्त कर सकता है| . [२]इसके अलावा ग्राहक के पास बैंक अन्य विकल्प भी मुहैया कराते हैं. ये तीनों बैंक इनकम टैक्स अधिनियम, फेमा, आरबीआई और केवाइसी नॉर्म और बैंकिंग एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है|
कोबरापोस्ट ने आरोप लगाया है कि ये तीनो बैंक अपनी शाखाओं में कालेधन को अपनी निवेश योजनाओं में खपाते हैं और इसके लिए वो बाकायदा अकाउंट खोलते हैं|और दूसरे कस्टमर के खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं| बेनामी बैंक खातों और बीमा पॉलिसियों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है|