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समाजवादी पार्टी ने भाजपा के प.उ. प्रदेश में घोषित आंदोलन को बताया सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास

समाजवादी पार्टी ने भाजपा के प.उ प्रदेश में घोषित आंदोलन को सामाजिक सद्भाव को को बिगाड़ने का प्रयास बताया
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उ0प्र0 में आंदोलन की घोषणा कर जता दिया है कि भाजपा का इरादा विकास कार्यों को रोकना और अराजकता को बढ़ावा देकर सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना है।
उन्होंने कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि भाजपा द्वारा कानून व्यवस्था से खिलवाड़ का षड़यंत्र विगत 02 वर्षो से किया जा रहा है। कभी अयोध्या में परिक्रमा के नाम पर तो कभी किन्हीं कथित मुद्दों पर धरना प्रदर्शन के दौरान हिंसा और तोड़फोड करना उनकी फितरत बन गई है। मीडिया पर भी हमला करने में उन्हें गुरेज नहीं।
पार्टी प्रवक्ता ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा नेता अहंकार में भाषा की मर्यादा भी भूल गए हैं और राजनीतिक शिष्टाचार भी। कभी वे नाग-नागिन की भूमिका में आ जाते हैं तो कभी प्रशासनिक अफसरों से जानी दुश्मनी करने का एलान कर अपनी हिंसक प्रवृति का खुला प्रदर्शन करते हैं। इससे उनका फासिस्ट चरित्र सामने आ जाता है। यह कृत्य अलोकतांत्रिक भी है।
उन्होंने दवा किया कि उ0प्र0 में समाजवादी सरकार विकास के एजेंडा पर चल रही है। प्रदेश में समग्र विकास के रोड मैप पर तेजी से काम हो रहा है। किसान और नौजवान की खुशहाली की योजनाओं पर अमल हो रहा है, जबकि केन्द्र सरकार के जन विरोधी निर्णयों से जनता के बीच भाजपा के गिरते ग्राफ के कारण हैरान परेशान भाजपा नेता अपनी कमियां छुपाने के लिए प्रदेश को अराजकता की आग में झोंकना चाहते हैं। अप्रत्याशित तरीके से केन्द्र की सत्ता में आ गए तो सत्ता का नशा उनके सिर चढ़कर बोलने लगा है। वे अब संवैधानिक रूप से निर्वाचित बहुमत की समाजवादी सरकार के विरूद्ध साजिश करने मेें लगेे हैं। इसके लिए वे प्रदेश का माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसक आंदोलन का सहारा लेकर बवाल खड़ा करना चाहते हैं।
राजेंद्र चौधरी के अनुसार उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को जनता का विश्वास प्राप्त है। जो भाजपाई कानून व्यवस्था बिगाड़ने तथा राज्य में अस्थिरता फैलाने की साजिशों में लगे हैं उनको जनता ही करारा जबाव देगी। भाजपा-आर0एस0एस0 और उनकी हमसंगी बसपा ये सभी प्रदेश की प्रगति के विरोधी हैं और इनकी मंशा अमन चैन बिगाड़कर सामाजिक सौहार्द एवं सद्भावना को चोट पहुॅचाने की है। समाजवादी सरकार द्वारा इनकी अराजक गतिविधियों को कानून की सख्ती से रोका जाएगा और भाजपा को प्रदेश में कहीं भी आंदोलन की आड़ में हिंसा फैलाने की इजाजत नहीं होगी। प्रदेश की शांतिप्रिय जनता भाजपा के कुत्सित इरादों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

समाजवादी पार्टी ने मोदी सरकार के पहले बजट प्रस्ताव को महंगाई फ्रैंडली बजट बताया

उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी ने मोदी सरकार के पहले बजट प्रस्ताव पर टीका टिपण्णी करते हुए महंगाई फ्रैंडली बजट बताया |
समाजवादी पार्टी के अनुसार अपने चुनाव भाषणों में मंहगाई को बड़ा मुद्दा बनानेवाले मोदी की सरकार के पहले बजट में इसकी अनदेखी ही की गई है। मंहगाई रोकने का कोई कारगर उपाय सरकार को नहीं सूझ रहा है बल्कि उसके तौर तरीके तो यही जता रहे हैं कि मंहगाई की आग और भड़केगी। लालफीताशाही की तर्ज पर 27 और 32 रूपए से कम प्रतिदिन खर्च करनेवाले को गरीब माननेवाली सरकार को मंहगाई का एहसास नहीं हो सकता है। नव उदारवाद में गरीब का ही विनाश होना है। जमाखोरों और कालाबाजारियों पर लगाम लगाने की कोई मंशा भी नहीं दिखाई देती है। मानसून की गड़बड़ी से सूखे की आशंका है किन्तु केन्द्रीय बजट में इस पर ध्यान नहीं है। किसान को उचित दर पर फसल की कीमत मिले, इसकी व्यवस्था के बजाय उसे 7 सात प्रतिशत ब्याज पर कर्ज दिलाकर एक तरह से उसे आत्महत्या करने के लिए ही उकसावा दिया जा रहा हैं। गावों और शहरों में बढ़ती बेरोजगारी दूर करने की दिशा में कुछ भी नहीं है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण में मोदी सरकार ने दावा किया था कि यह गरीबों की सरकार है और इस पर पहला हक गरीबों का है। लेकिन केन्द्रीय वित्तमंत्री ने अपने बजट में कारपोरेट घरानों को साढ़े पांच लाख करोड़ से ऊपर रियायातें देने के साथ कई क्षेत्रों में पीपीपी के नाम पर निजी कम्पनियों के लिए नए चरागाह खोलने का काम किया है जबकि जनसाधारण की जरूरत की चीजों पेट्रोल, डीजल, केरोसिन और घरेलू गैस पर सब्सिडी घटाने का काम बजट से ठीक पहले शुरू कर दिया गया है। वित्तमंत्री कह रहे हैं कि राजकोषीय घाटा कम करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है इसलिए जनसामान्य को अभी और कडुवी दवाएं पीने के लिए तैयार रहना है। बजट से कहीं यह संकेत नहीं मिलता है कि सरकार अपनी फिजूलखर्ची पर रोक लगाने की सोच रही है।
सपा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार का यह बहाना चलनेवाला नहीं है कि अभी तो 45 दिन की ही सरकार है इसलिए किसानों, गरीबों, बेरेाजगारों एवं महंगाई पर नियंत्रण के लिए नीतियां बनाने में समय बनेगा। सवाल यह है कि तब फिर बड़े पूजीपतियों के पक्ष में इन 45 दिनों में नीतियां कैसे बना कर बजट में शामिल कर ली गई।
भाजपा को कांग्रेस की कॉपी केट बताते हुए राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सच तो यह है कि मोदी सरकार अपने काम काज और निर्णयों में यूपीए की ही कार्बनकापी बन रही है। नवउदारवाद की पिटी पिटाई लकीर पर अर्थव्यवस्था को चलाकर भाजपा देश को बर्बादी की ओर ढकेल रही है।

अखिलेश सरकार को,बदनाम करने के लिए बसपा और भाजपा में सांठगांठ :समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी ने अखिलेश सरकार को,बदनाम करने के लिए बसपा और भाजपा में सांठगांठ का आरोप लगाया
समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार को ,अपराधों को लेकर, बदनाम करने के लिए बसपा और भाजपा में सांठगांठ का आरोप लगाया|
सपा पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने दावा किया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह उनके नियंत्रण में है उसके बावजूद बसपा अध्यक्षा मायावती की बोली से भाजपा की सुश्री उमा भारती अपनी बोली मिला रही है। साध्वी उमा भारती को भी प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को जब तब चेतावनी देने का रोग लग गया है। जाने कौन से विकल्प के पत्ते वे छुपाए हुए है?
उन्होंने आकंड़े प्रस्तुत करते हुए बताया राष्ट्रीय स्तर पर अपराध के आंकड़ों में 21 राज्य उत्तर प्रदेश से आगे हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के कड़े रूख के चलते कर्तव्य पालन में ढिलाई बरतनेवाले अधिकारी निलम्बित या स्थानान्तरित किए जा रहे हैं। उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि वे कहीं कोई अप्रिय घटना घटे तो स्वयं भी उस स्थल पर जाएं। तत्काल कार्यवाही करें। उन्होने स्वंय भी जनपदो में औचक निरीक्षण कर प्रशासनतंत्र को चुस्त दुरूस्त होने का संदेश दे रहे हैं। वह प्रदेश के पुलिस प्रशासन के द्वारा पूरी मुस्तैदी से अराजक तत्वो की गतिविधियों पर निगाह रखे हैं।
विडंबना है कि इसके बावजूद भी कुछ विपक्षी समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री जी की छवि पर अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं। इसमें सबसे आगे बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती हैं जिनकी सत्ता ही कानून व्यवस्था बिगड़ने से गई। जनता उनके शासनकाल में हुई लूट और अपहरण, बलात्कार की घटनाओं से त्राहि-त्राहि करने लगी थी। बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री ने कभी किसी पीड़ित दलित के आंसू पोंछने तो दूर उसको अपने दरवाजे की चौखट तक आने की इजाजत भी नहीं दी।समझ में नहीं आता है कि बसपा अध्यक्षा की बोली से भाजपा की सुश्री उमा भारती अपनी बांली क्यों मिला रही है।
जो लोग आज उत्तर प्रदेश की छवि को धूमिल करने का कुप्रयास कर रहे हैं वस्तुतः वे प्रदेश में बहुमत की सरकार बनानेवाले लाखों मतदाताओं का अपमान कर रहे हैं। यह जनादेश का खुला उल्लंघन है।
लोकतंत्र में बहुमत की सरकार के काम में रोड़ा अटकाना पूर्णतया असंवैधानिक है। प्रधानमंत्री देश में राज्य के मुख्यमंत्रियों को भी विकास कार्यो में अपने साथ जोड़कर संघीय व्यवस्था को मजबूत बनाने की बात करते हैं और उनकी पार्टी तथा सरकार के लोग ही उससे उलट राज्य में अस्थिरता पैदा करने का अल्टीमेटम देते धूम रहे हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव के सपने का आदर्श प्रदेश बनाने का अथक प्रयास कर रहे है। उनके सामने गम्भीर चुनौतियां हैं, जिनसे दृढ़संकल्प शक्ति के साथ निबटा जा रहा हैं। प्रदेष में पिछली सरकार ने एक यूनिट बिजली नहीं पैदा की। अवस्थापना सुविधाओं का बंटाधार कर दिया। उद्योग लगे नहीं, रोजगार बढ़े नही। नौजवान, किसान, अल्पसंख्यक सहित समाज के सभी वर्ग परेशान रहे। अब इन सबके कल्याण की योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है। समाजवादी सरकार प्रदेश का कायाकल्प करने को संकल्पित है।