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फसलबीमा योजना में किसानों को मिले 4000 करोड़,बीमा कंपनियों ने कमाए रु 16000करोड़

[मथुरा,यूपी]फसलबीमा योजना में किसानों को मिले 4000 करोड़,बीमा कंपनियों ने कमाए रु 16000करोड़
रालोद ने किसानों के नाम पर मोटी कमाई करने का आरोप लगाया |जयंत चौधरी ने आरोप लगाया के राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा किसान कल्याण योजनाओं के अंतर्गत २०३७४ करोड़ रु दिए गए लेकिन फसल बीमा योजना में किसानों को केवल ४००० करोड़ रु दिए गए |शेष राशि बीमा कंपनियों के तिजौरी में चली गई |
राष्ट्रीय लोक दल[ रालोद] के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी ने सरकारों पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए किसानों की दुर्दशा का जिम्मेदार बताया|
मोरकी इंटर कॉलेज में आयोजित किसान आक्रोश पंचायत में बोलते हुए जयंत ने वर्तमान फसल बीमा योजना +”आवारा गाय” योजना में बदलाव की मांग उठाई|
फाइल सिंबॉलिक फोटो

राष्ट्रीय लोक दल १६वीं लोकसभा के चुनावों में मिली करारी हार के गम से अभी उभर नहीं पाया

[नई दिल्ली]लोक सभा के चुनावों में करारी हार के पश्चात कांग्रेस ने ,लगता है कि उत्तर प्रदेश में ,अपने सहयोगी छेत्रिय दलों को तलाक देना शुरू कर दिया है शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधान सभा [१२] और लोक सभा [१]के उपचुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है |
सत्ता रुड समाजवादी पार्टी अकेले ही चलने के मूड में हैं जबकि बसपा ये चुनाव लड़ने का मूड बना ही नहीं पा रही है जहां तक बात रालोद की है तो यह दल अपनी हार के बाद से अभी तक सम्भल नहीं पाया है |शायद इसीलिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक आध जिले में गणना किसानो को लेकर छोटे मोटे विरोध जरूर दर्ज कराये जा रहे हैं |इस दल के हरित प्रदेश+हाई कोर्ट बेंच + एयर पोर्ट +जाट आरक्षण+गन्ना किसानो के कल्याण सम्बंधित अनेकों मुद्दे ठन्डे बस्ते में पढ़े हुए हैं |
कांग्रेस और सपा ने मोदी की सुनामी में भी बेशक अपने पारिवारिक सदस्यों को लोक सभा में पहुँचाने में सफलता हासिल कर ली मगर राष्ट्रीय
लोक दल के मुखिया और केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी जीत दर्ज नहीं करा पाये |चौधरी अजित सिंह को पोलिस अधिकारी सत्यपाल सिंह तो जयंत को हेमा मालिनी[मथुरा] ने उनके अपने पारम्परिक गढ़ों में हराया \
शायद इसीलिए यह दल अभी तक हार के गम में ही डूबा दिखाई दे रहा है
शायद इसीलिए इस पार्टी की ऑफिसियल वेबसाइट पर अपडेट्स आने बंद हो गए हैं
[१]वेबसाइट पर लेटेस्ट अपडेट्स के अनुसार अंतिम बार १८ जून को प्रेस रिलीज़ जारी की गई थी
[२]२२ अप्रैल को इवेंटपब्लिक मीटिंग की सूचना दर्ज है
[३] भूत पूर्व सांसद हो चुके जयंत चौधरी जनरल सेक्रेटरी के नाम के आगे आज भी एम पी लिखा है
[४] चौधरी अजित सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के साथ यूनियन मिनिस्टर ऑफ़ सिविल एविएशन दर्ज है|
बिहार की तरह नरेंद्र मोदी के खिलाफ यूं पी मेंभी सपा+बसपा+रालोद +कांग्रेस की चौकड़ी बनाने की खबरें आई लेकिन बसपा के इंकार के बाद अब इसकी संभावनाएं कही नहीं दिख रही |देर से ही सही भाजपा के यमुना सफाई अभियान की बधाई दी गई थी लेकिन उसके भी अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आये हैं |
इस विषय में रालोद में जब फ़ोन किया गया तो पहले एक्सचेंज[एस पी सिंह] फिर सम्भवत पी ऐ [वर्माजी ]और उसके बाद जयंत चौधरी को फ़ोन फॉरवर्ड करने के बजाय शून्य और फ़ोन कट इस प्रतिक्रिया की अनेकों बार पुनरावृति हुई

रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी २१ नवम्बर को गन्ना किसानों की समस्यायों के लिए गन्ना आयुक्त का घेराव करेंगे

[मेरठ ] रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी २१ नवम्बर को गन्ना किसानों की समस्यायों के लिए गन्ना आयुक्त का घेराव करेंगे |
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] की चेतावनी गोष्ठी में उपाध्यक्ष +सांसद जयंत चौधरी ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि २१ नवम्बर तक यदि गन्ना किसानो की समस्याएं हल नहीं की गई तो २१ नवम्बर को लखनऊ में गन्ना आयुक्त और सरकार का भी घेराव किया जाएगा |
उन्होंने कहा कि किसानो को आपस में लड़वाने नहीं, बल्कि गन्ना किसानो के लिए लड़ने आए हैं|
आज मेरठ जनपद के कंकरखेड़ा में जिटौली रोड पर स्थित इशिका फार्म में राष्ट्रीय लोकदल की चेतावनी गोष्ठी सम्पन्न हुई। गोष्ठी का आयोजन रालोद की पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इकाई ने किया जिसमें प्रदेश में

Jayant choudhary In Meerut

Jayant choudhary In Meerut


[१]चीनी मिलों का समय से न चलना
[२] किसानों को गन्ने का उचित मूल्य न मिलना तथा
[३]गन्ने का बकाया भुगतान जैसी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकरी के अनुसार रालोद उपाध्यक्ष अलीगढ भी जा सकते हैं जहाँ से धान आदि के किसानो के लिए आंदोलन छेड़ने की भूमिका बन सकती है|
गोष्ठी में रालोद महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने कहा कि प्रदेश में गन्ना किसानों की स्थिति दयनीय है। उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। किसानों का चीनी मिलों पर २४०० करोड़ रुपए बकाया हैं। चीनी मिलें भुगतान करने को तैयार नहीं हैं। किसान भुखमरी की कगार पर हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। रालोद महासचिव ने कहा कि रालोद हमेशा से किसानों और मजदूरों की लड़ाई लड़ता चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि वह लड़वाने नहीं बल्कि किसानों के लिए लड़ने आए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों की सेवा करना ही उनका धर्म है।
युवा सांसद ने प्रदेश सरकार से गन्ना किसानों का ब्याज सहित बकाया भुगतान जल्द से जल्द करने की मांग की है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो रालोद 21 नवम्बर को लखनऊ में गन्ना आयुक्त का घेराव करेगा और यदि जरूरत पड़ी तो प्रदेश सरकार का भी घेराव किया जाएगा।
गोष्ठी का सञ्चालन सत्यवीर त्यागी और अध्यक्षता बदल वहीद कुरैशी ने की |
गोष्ठी में रालोद के बिजनौर से सांसद संजय सिंह चौहान+ प्रदेशाध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान,+ राष्ट्रीय महासचिव एवं रालोद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सत्यवीर त्यागी+ रालोद के विधायकगण सुदेश शर्मा+ वीरपाल राठी, पूर्व विधायकगण डॉ. अनिल चैधरी, डॉ. हरि सिंह ढिल्लोन के अलावा पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी तथा भारी संख्या में गन्ना किसान मौजूद थे।

चुनावी फायदे के लिए तेलंगाना गठन को केबिनेट ने हरी झंडी क्या दी कि मंत्रियों के इस्तीफों का दौर शुरू हो गया:चिरंजीवी+सूर्य रेड्डीने मंत्री पद छोड़े

आन्ध्र प्रदेश का विभाजन करके तेलंगाना के रूप में २९वा प्रथक राज्य बनाने के लिए ब्रहस्पतिवार को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है जिससे आहात होकर फिल्म स्टार और केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी तथा रेल राज्यमंत्री सूर्य प्रकाश रेड्डी ने बृहस्पतिवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। आंध्रप्रदेश से कांग्रेस सांसद अनंत रेड्डी+ साई प्रकाश रेड्डी +वी अरुण कुमार ने भी पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी है|
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी देते हुए दोनों राज्यों के बीच संसाधनों के बंटवारे के लिए मंत्रिमंडलीय समूह बनाने का फैसला लिया गया।बताया जा रहा है कि इस बैठक में तेलंगाना समर्थक और विरोधी मंत्रियों के बीचगर्म बहस भी हुई|
जाहिर है चुनावों में फायदा उठाने के लोभ में लिए गए इस निर्णय से भी केंद्र सरकार फंसती दिख रही है।
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक गणित दुरुस्त करने के इरादे से केंद्र ने तेलंगाना के गठन को हरी झंडी दी कि कांग्रेस सांसदों के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे पहले करीब सवा घंटे चली कैबिनेट की इस बैठक में तेलंगाना समर्थक और विरोधी मंत्रियों के बीच असंतोष के स्वरों की सुनामी बही जिसके फलस्वरूप सीमांध्र से आने वाले केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी सहित चार कांग्रेसी सांसदों ने इस्तीफा दे दिया। दिल्ली में शाम को प्रधानमंत्री आवास के बाहर भी तेलंगाना विरोधी प्रदर्शन करने पहुंच गए।
इस घटना क्रम से लाभ उठाने के लिए राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह ने बैठक में ही हरित प्रदेश का मुद्दा उठा दिया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग हरित प्रदेश बनाने के इस मुद्दे को , प्रधानमंत्री व मंत्रिमंडल के दूसरे सहयोगियों ने, कोई तवज्जो नहीं दी।