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दशानन के बौद्धिक क्षमता+तपस्वी गुणों की पूजा

(अकोला,महाराष्ट्र)संगोला में दशानन के बौद्धिक क्षमता+तपस्वी गुणों की पूजा
अकोला जिले के एक छोटे से गांव संगोला के निवासी भक्तिभाव से काले पत्थर से बनी रावण की विशाल प्रतिमा की पूजा करते हैं। इस प्रतिमा के 10 सर और 20 हाथ हैं।
लंका के राजा रावण की पूजा पिछले करीब दो सौ वर्षों से हो रही है।
संगोला गांव में रावण के बौद्धिक क्षमता और तपस्वी गुणों के लिए दशानन की पूजा की जाती है।
स्थानीय मान्यता नुसार रावण ने सीता का अपहरण राजनैतिक कारणों से किया था और उसने सीता का शीलभंग नहीं किया था। इसलिए उसका पुतला नहीं जलाया जाता ।
फ़ाइल फोटो

दशहरा मैदान में न रावण फुंका ना ही”हुड्डा”को विदाई ही दी गई फिर फरीदाबाद में आतिश बाजी क्यूँ हुई

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

दुखी पटाखा व्यपारी

ओये झल्लेया हम तो बर्बाद हो गए इस दिवाली में हसाड़ा तो दिवाला निकल गया |पहले डॉ हर्षवर्धन ने साइलेंट दिवाली का देश निकाल कर लोगों को हमसे दूर किया फिर इन्ही की सरकार ने चीन के पटाखे के आयात पर प्रतिबन्ध लगा कर हसाडे छोटे से पेट पर ताला लगा दिया |अबकुदरत की मार देख |हमेशा से उपेक्षित हसाडे फरीदाबाद के दशहरा के खुले मैदान में लगाए गए पटाखों के बाजार में आग लग गई |इसने तो २५० व्यापारियों के नसीब पर भी लात मार दी| ओये हसाडे अच्छे दिन कब आएंगे ?

झल्ला

ओ मेरे भोलेसेठ जी बात तो दुःख की ही हैलेकिन ये तो आप भी मानोगे के मोदी के कट्टर समर्थक एम एल खट्टर की जीत में सब तरफ लड्डू+फुलझड़ियाँ फूट रही है और कांग्रेसी दबंग भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार से विदाई में पारम्परिक आतिश बाजी भी नहीं हो रही |झल्लेविचारानुसार दशहरा मैदान में तो रावण फुंकता ही है और जब रावण फुंकता है तो जबरदस्त आतिश बाजी भी होती ही है| लेकिन इस मैदान में न रावण फुंका+ना विदाई समारोह हुआ +फिर आतिश बाजी क्यूँ कर हुई |लगता है के डूबे हुए नेताओं ने इसमें भी सहारे का तिनका ढूंढ़ना शुरू कर देना है | इस तिनके को नष्ट करने के लिए अग्नि कांड के पीड़ितों को तत्काल न्याय दिया जाना अवश्यम्भावी है |अग्निकांड की जांच और पीड़ितों को मुआवजे की तत्काल घोषणा से मनोहर लाल खट्टर की सियासी माउस का सफर शुरू होना चाहिए|

केजरीवाल कौरव और रावण के चक्रव्यूह में घुस तो गए मगर उसे भेदने से पहले “अभिमन्यु” बन कर रह गए

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आम आदमी पार्टी का दुखी चीयर लीडर

ओये झल्लेया हसाडे नाल तो बड़ा जुलम हो गया ओये इन कौरव+रावण फौजों ने असंबली में चक्रव्यूह रच कर हसाडे सोणे सी एम् अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली में ओनली ४९ दिन की सरकार का दी एंड कर दिया|ओये अब तो भ्रष्टाचारियों की पौ बारह हो जानी है

झल्ला

अरे मेरे भोले भापा जी आपजी के केजरीवाल जी तो पड़े लिखे हैं इसीलिए बेशक उन्होंने कांग्रेस और भाजपा के चक्रव्यूह में घुसने की हिम्मत जुटा ली लेकिन उसे भेदने के लिए उसमे घुसना जरूरी होता है और घुसने से पहले उसमे से बाहर निकलने की जुगत लड़ा लेनी चाहिए थीलेकिन आप लोगों ने पौराणिक महाभारत तक ही पढ़ाई करके सीना चौड़ा कर लिया और घुस गए धुरंधरों के व्यूह में |ऐसे में महाभारत में अभिमन्यु का जो हाल हुआ था उसकी पुनरावृति “आप” के लेटेस्ट युद्ध में तो बेहद अवश्यम्भावी थी |