झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
कांग्रेसी चीयर लीडर
ओये झल्लेया हसाडे नेताओं ने भी अपनी रीड सीधी करनी शुरू कर दी है|ओये हसाड़ी श्रीमती शीला दीक्षित जी ने मेरठ में आयोजित १२५ वीं नेहरू जयंती में क्या जोरदार धुआंधार तरीके से भाजपा और”आप”पार्टी की ऐसी की तैसी करके रख दी ओये उन्होंने दावा किया है कि दिल्ली को वापिस जीतने के लिए आपसी भेदभाव भुला कर एक जुट होकर चुनाव लड़ेंगे ओये अब दिल्ली दूर नही
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण भूल गए अपने राष्ट्रीय नेता अजय माकन के आत्मघाती बाण | अभी भी वहां लवली[ Lovely] और अगली[Ugly]में जंग थमी नहीं है|बढ़ी मुश्किल से ८ विधायक बचे हुए हैं और तो और इसी समारोह में आपलोगों को मेरठ के छुटभैय्यों में फूंट नजर नहीं आई जिला और महानगर अध्यक्षों के माथों की शिकन कोई ढूंढ नहीं पाई|सीधी सीधे आपलोगों ने नेहरू जयंती को भुनाना था सो भुना लिया झल्लेविचारनुसार दिल्ली तो दिलवालों की ही रहेगी|
Recent Comments