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भाजपा पर मायावती के हमले के जवाब में डॉ उदित राज ने उलटे बसपा सुप्रीमो को ही दलित विरोधी बताया

भाजपा ने मायावती के हमले के जवाब में उलटे बसपा सुप्रीमो को ही दलित विरोधी बताया और दलितों को इससे भर्मित नहीं होने की अपील भी की |
भारतीय जनता पार्टी के विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ. उदित राज ने कहा कि बसपा नेत्री सुश्री मायावती के मुख्यमंत्री काल में पदोन्नति में आरक्षण का अधिकार कमजोर पैरवी के कारण लखनऊ हाईकोर्ट से छिना था।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुश्री मायवती इतना सफेद झूठ बोलती हैं कि दलित समाज इनको इस चुनाव में सबक सिखाएगा। पदोन्नति में आरक्षण का अधिकार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने संवैधानिक संशोधन करके बहाल कराया था। इसके लिए सुश्री मायावती को भाजपा का धन्यवाद करना चाहिए, ऐसा न करके बल्कि जो दलित विरोधी काम उन्होंने खुद किया है उसे वह भाजपा पर थोप रही हैं।
डॉ. उदित राज ने आगे कहा कि वर्ष 1997 में भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने पांच आरक्षण विरोधी आदेश जारी किए थे और उन्हें वापस कराने के लिए डॉ. उदित राज के नेतृत्व में अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ का गठन हुआ था। वर्ष 1997 से लेकर 2000 तक आंदोलन चला और उस समय की एनडीए सरकार ने 81वां, 82वां और 85वां संवैधानिक संशोधन करके आरक्षण बचाया था। पूरे देश की अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग भाजपा के इस योगदान को अब मानने लगे हैं और उन्होंने कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी की एक दशक से दलितों के प्रति इनकी नीतियों को देखा परखा है। इसी कारण से वर्तमान लोकसभा चुनाव में उनका झुकाव भाजपा में बढ़ा है।
डॉ. उदित राज ने दलित समाज से अपील की है कि मायावती के बहकावे में न आएं और भाजपा को वोट व समर्थन देकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। सुश्री मायावती जवाब दें कि उन्होंने केंद्र सरकार को समर्थन दिया तो क्यों 10 साल से संसद में लंबित आरक्षण कानून बनाने वाला विधेयक पास नहीं करवाया। पदोन्नति में आरक्षण का विधेयक भी संसद में लंबित है। क्या सुश्री मायावती ने कांग्रेस को समर्थन अपने निजी स्वार्थ में देकर दलितों के हितों की कुर्बानी नहीं की है।
डॉ. उदित राज ने कहा कि वंचितों के हित में नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना जरूरी है।