झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
भाजपाई चेयर लीडर
औए झल्लेया ! हसाड़े पी एम ऑफिस के मंत्री डॉ जीतेन्द्र सिंह जी ने भी फर्मा दिया हे के “सूचना का अधिकार” को खत्म करने या नियंत्रित करने को आ रही सभी आशंकाएं और भय पूर्णतया निराधार हैं| औए ऐसा पहली बार हुआ है| हमने तो केंद्रीय सूचना आयोग के सभी ११ रिक्त पदों को भरने का प्रयास किया है| इसी भावना के अंतर्गत 2000 के लगभग के अधिकांश सार्वजनिक प्राधिकरणों को सूचना का अधिकार अधिनियम के अधिकार क्षेत्र के तहत लाया गया है
झल्ला
ठीक है बाऊ जी! खुश होलो!! लेकिन मेरी दो आरटीआई ऍप्लिकेशन्स यूपी और पंजाब में बरसों से अटकी हुई हैं|अर्थार्त ना अपील न वकील और न ही कोई दलील |
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