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पाकिस्तान की गोलियों के जवाब में भारत ने पोलियो उन्मूलन में मानवतावादी सहयोग की पेशकश भेजी

[नई दिल्ली]पाकिस्तान की गोलियों के जवाब में भारत ने मानववादी उत्तर में पोलियो उन्मूलन में सहयोग की पेशकश भेजी | भारत को पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया जा चुका है|
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पोलियो उन्मूलन में पाकिस्तान को सहयोग की पेशकश की है
उन्होंने विश्व पोलियो दिवस पर सभी पक्षों से आत्मसंतुष्ट हुए बगैर पोलियो के खिलाफ जंग जारी रखने का आह्वाहन किया |
केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन में मदद के लिए वहां की सरकार को पूर्ण सहयोग देने की पेशकश की है।
विश्वभर में आज पोलियो के जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 85 % का वास्ता पाकिस्तान से ही है। यह पाकिस्तान के पड़ोसी देश भारत के लिए चिंता का विषय है।
विश्व पोलियो दिवस पर डॉ. हर्षवर्धन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री श्री नवाज शरीफ की उस हालिया घोषणा का स्वागत किया जिसमें उन्होंने एक ‘राष्ट्रीय आपात कार्य योजना-2014’ पर अमल करने की बात कही है। इस कार्यक्रम पर आने वाले समूचे खर्च का वहन सरकार वर्ष 2018 तक करेगी।
मंत्री ने पड़ौसी मुल्क की ,इस योजना को सटीक बताया |
पोलियो के खिलाफ जंग के लिए भारत के सामाजिक समूहों की मदद लेने के कदम की सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने सराहना की है, जिनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, रोटरी इंटरनेशनल और बीमारी नियंत्रण के लिए अमेरिकी केन्द्र भी शामिल हैं। पोलियो के खिलाफ जंग के लिए इस तरह की पहल के बारे में सबसे पहले वर्ष 1994 में दिल्ली में कल्पना की गई थी, जिस दौरान डॉ. हर्षवर्धन इस राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस ओर ध्यान दिलाया कि यह विशेष मॉडल अपनाने से पाकिस्तान को भी पोलियो उन्मूलन अभियान में अच्छी कामयाबी मिलेगी। जब तक समाज के सभी समूहों खास कर पाकिस्तान के मौलवियों को इस मुहिम में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक पोलियो का जड़ से उन्मूलन करने के लक्ष्य को पाना संभव नहीं हो पाएगा।
‘ पोलियो उन्मूलन में अपने उल्लेखनीय कार्य के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), रोटरी फाउंडेशन, लायंस इंटरनेशनल, भारतीय चिकित्सा संघ और अनेक अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से पुरस्कार प्राप्त कर चुके डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ’विश्व पोलियो दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि कोई भी बीमारी राष्ट्रीय सीमाओं का ख्याल नहीं रखती है। विश्व स्तर पर वर्ष 1998 से ही तकरीबन 40 देशों को कहर ढाने वाले पोलियो वायरस से एक या उससे ज्यादा मर्तबा जूझना पड़ा है, जबकि ये मुल्क पोलियो मुक्त घोषित किये जा चुके थे।‘
जहां तक पाकिस्तान और अफगानिस्तान का सवाल है, वहां से पोलियो महज एक बस यात्रा जितनी दूर है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इसके लिए सीमाओं पर अनेक तरह की व्यवस्था की गई है। मसलन, पाकिस्तान से यहां आने-जाने वाले यात्रियों को टीका लगवाने की सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं। इसके अलावा, विशेष टीमों को तैनात कर आपात स्थिति में बचाव के लिए भी योजनाएं बनाई गई हैं।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan administering the polio vaccine drops to children under-five years to mark the World Polio Day, in New Delhi on October 24, 2014.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश प्रमाणित किया

[नई दिल्ली]विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश प्रमाणित कर दिया है इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद ने प्रमाण पत्र ग्रहण किया|
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत को ‘पोलियो मुक्त’ देश का दर्जा देते हुए आज आधिकारिक प्रमाण पत्र प्रदान किया।
भारत दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र के उन देशों में शामिल हो गया हैं जिन्हे जिन्हें वाइल्ड पोलियो वायरस मुक्त देश का प्रमाण पत्र दिया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाब नबी आजाद ने एक समारोह में यह प्रमाण पत्र ग्रहण किया। इससे पहले 1994 में अमरीका के क्षेत्र, 2000 में पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और 2002 में यूरोपीय क्षेत्र को यह प्रमाण पत्र मिल चुका है।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में श्री आजाद ने कहा कि भारत जनवरी 2011 में ही पोलियो मुक्त हो चुका था। समूचे दक्षिण-पूर्व एशियाई स्वास्थ्य मंत्रियों की ओर से इस ऐतिहासिक अवसर पर श्री आजाद ने सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने पर खुशी और संतोष जाहिर किया जो असंभव दिखाई देती थी क्योंकि दुनिया में पोलियो के सबसे अधिक मामले भारत में सामने आते थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने 19 वर्ष पूर्व 1995 में पोलियो समाप्त करने का कार्यक्रम आरंभ किया था, जब हर वर्ष देश में 50,000 हजार से ज्यादा बच्चे इसका शिकार हो जाया करते थे। उन्होनें कहा कि उच्च स्तर पर दृढ़ संकल्प के कारण इस उपलब्धि को हासिल किया गया। इनमें तकनीकी आविष्कार जैसे देश में तैयार द्विसंयोजक पोलियो टीका, पर्याप्त घरेलू वित्तीय संसाधनों और पोलियो कार्यक्रमों की सघन निगरानी शामिल है जिसके कारण 99 प्रतिशत टीकाकरण किया गया और भारत पोलियो मुक्त हो गया। उन्होनें कहा कि 10 लाख से अधिक मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएसएचए) और सहायक नर्स दाईयों (एएनएन) के प्रयासों से पोलियो समाप्त करने के कार्यक्रम को गति मिली। 23 लाख पोलियो स्वयं सेवकों और 150,000 सुपरवाइजरों की मजबूत टीम दिन-रात काम करते हुए प्रत्येक बच्चे तक पहुंची। स्वास्थ्य मंत्री ने डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, रोटरी इंटरनेशनल, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और बच्चों के माता-पिता सहित अन्य साझेदारों के मजबूत तकनीकी और सामूहिक प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
इस समारोह में डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र संगठन देशों के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सहयोगी एजेंसियों जैसे रोटरी इंटरनेशनल, यूनीसेफ और डीएफआईडी के प्रतिनिधि मौजूद थे।

Pranab Mukherjee received Highest “Award of Honour” from Rotary International Club

President Pranab Mukherjee receives Rotary’s Highest Award
The President of India, Pranab Mukherjee has received Rotary’s highest award – “Award of Honour”, This award s given in recognition for Heads of countries or governments who have rendered unique service to the humanity and served the country and its people upholding values reflected in Rotary’s motto “Service Above Self”.
The award was presented by Mr. Ron Burton, President of Rotary International at Rashtrapati Bhavan on February 11, 2014.
Mr. Ron Burton conveyed greetings and admiration of Rotarians across the world to Shri Mukherjee for the leadership he has provided and the country’s victory over Polio.
President Pranab Mukherjee appreciated the work that the Rotary movement is doing worldwide and in India, especially it’s support to the Government for the eradication of Polio.