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Tag: Sadhvi Niranjan Jyoti

FSSAI Clears Food Import But Has Not ‘Fast Food’ Term In Its Food Safety Dictionary

[New Delhi]FSSAI Has Not ‘Fast Food’ Term In Its Food Safety Dictionary
As per information provided by Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) under the Ministry of Health and Family Welfare, the term ‘fast food ‘is not defined under Food Safety and Standards (FSS) Act, 2006
The implementation and enforcement of Food Safety and Standards Act, 2006 primarily rests with State/UT Governments. Random Samples of food items are being drawn by the State Food Safety Officers and sent to the laboratories recognised by FSSAI for analysis.
FSSAI is operating food import clearance facilities at six locations viz.
Delhi,
Mumbai,
Kolkata,
Chennai, Cochin and
Tuticorin.
The imported food consignments referred to FSSAI for clearance by the Custom Authorities are subjected to inspection and sampling by Authorised Officers of FSSAI.
The materials imported for the preparation of products sold under Fast Food Business include:
a) Food ingredients: Paste, puree, sauces, spices, seasoning mixes, pasta, noodles, vegetable extract powders, batter mix, edible oils and fats, frozen vegetables, etc.
b) Food Additives: Emulsifiers, stabilizers, thickening agents, flavours, humectants, leavening agents, colours, preservatives, antifoaming agents, sequestering agents and buffering agents, etc.
This information was given by the Minister of State for Food Processing Industries Sadhvi Niranjan Jyoti in a written reply in Lok Sabha today

आतंकवादियों ने११बेशकीमती सुरक्षाकर्मी शहीद किये तो विपक्ष ने संसदीय कार्यवाही ठप्प करके १० करोड़ का नुक्सान किया

[नई दिल्ली]आतंकवादियों ने११बेशकीमती सुरक्षाकर्मी शहीद किये तो विपक्ष ने संसदीय कार्यवाही ठप्प करके १० करोड़ का नुक्सान किया
देश की सीमाओं पर आतंकवादी+नक्सली हमलों के बीच राजधानी में कांग्रेस के न्रेतत्व में विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमले जारी रखे | जे &के की सीमा पर ११ बेशकीमती सुरक्षा कर्मी शहीद हुए जबकि संसद की कार्यवाही ठप्प होने से देश को ८ से १० करोड़ रुपये प्रतिदिन की हानि हुई है|
केंद्र सरकार के मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के एक विवादित बयान को लेकर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के न्रेतत्व में चार दलों ने मुह पर काली पट्टी बांध कर संसद के भीतर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया| प्रदर्शन कारी सांसद लोक तंत्र की दुहाई देते हुए अपनी आवाज के दबाये जाने के आरोप लगा रहेथे+इसके आलावा साध्वी निरंजन ज्योति की बर्खास्ती की मांग कर रहे थे |काले धन की वापिसी के लिए भी सरकार पर छींटाकशी की गई|गौरतलब है कि साध्वी निरंजन ज्योति ने दिल्ली की एक चुनावी सभा में रोबर्ट वढेरा पर भ्र्ष्टाचार के आरोप लगाते हुए कांग्रेस को गाली दे डाली थी |जिसे लेकर कांग्रेस ने हंगामा किया इस पर साध्वी ने सदन में माफ़ी मांग ली उसके पश्चात प्रधान मंत्री के स्टेटमेंट की मांग को लेकर राज्य सभा की कार्यवाही ठप्प की गई |कल राजयसभा और आज लोक सभा में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्तव्य दे दिया उसके पश्चात भी विपक्ष अड़ा रहा और आज संसद के बाहर आ कर मुंह पर कालीपट्टी बाँध कर प्रदर्शन किया |इस आपा धापी में राज्य सभा की कार्यवाही आज सप्ताह के अंतिम कार्यदिवस पर भी ठप्प रही |लोक सभा से भी कांग्रेस ने बहिष्कार किया |उधर जे &के के उरई और श्रीनगर में आतंकवादियों के हमलो में ११ सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए और छह आतंकवादी भी मार डाले गए |
प्रधान मंत्री का लोक सभा में दिया गया वक्तव्य
“संसद में मसला उठने से पहले, जब मेरी पार्टी के MPs की मीटिंग हुई थी, उसमें मैंने बड़ी कठोरता के साथ, ऐसे शब्दों का प्रयोग, ऐसी भाषा का प्रयोग न करने पर, हिदायत भी दी थी, अपनी नाराजगी भी प्रकट की थी | और कोई भी ऐसी चीज़ों को approve नहीं कर सकता है | बाद में, मंत्रीश्री ने माफ़ी मांगी है, मंत्रीश्री नए भी हैं, उनके सामजिक background को भी हम जानते हैं – गाँव से हैं – और उन्होंने क्षमा मांगी है और इस सदन में वरिष्ठ जनों का यह कर्त्तव्य रहता है कि इतने बड़े सदन के सामने हमारा एक साथी जब क्षमा मांगता है, तो हमें भी उदारता बतानी चाहिए| मैं लोक सभा के सभी सदस्यों का आभारी हूँ कि उन्होंने सदन को चलने दिया है| और मैं इस बात पर पूरे सदन को भी – और हम सबका सार्वजनिक जीवन में जो रोल है – यह दायित्व मानता हूँ कि मर्यादायों को हम सबको स्वीकार करना चाहिए, और उन मर्यादायों में रह कर ही अपनी बातें – चाहे अन्दर हों चाहे बाहर हो – हमें बोलनी चाहिए. और उसमें कोई विवाद नहीं हो सकता है | मैं मानता हूँ कि जब मंत्रीश्री ने क्षमा मांगी है और एक नए मंत्री ने, तो सभी वरिष्ठ नेताओं ने भी, अपने-अपने दल के लोग जो वहां बैठे हैं उनको भी, अनुरोध करना चाहिए और इस विषय को समाप्त करके देश हित में अपने काम को आगे बढ़ाना चाहिए |”