Ad

Tag: Sardar Vallbh Bhai Patel

PM”Modi”Pays Tributes,To Indian Bismark,”Patel” On His Punya Tithi

[New Delhi]PM “Modi” Pays Tributes, To Indian Bismark, Sardar Vallabhbhai “Patel” On His Punya Tithi
Prime Minister Narendra Modi Tweeted
“Tributes to Sardar Vallabhbhai Patel on his Punya Tithi. India is grateful to him for his role in freedom struggle & decisive leadership”.

“पटेल” के सफल हैदराबाद ऑपरेशन से नाराज “नेहरू” ने “के एम् मुंशी” पर खीझ उतारी:सीधे ल क अडवाणी ब्लॉग से

केंद्र सरकार ने ने बेशक उन्नाव के डोंड़िआखेड़ा में खोदाई बंद करने की घोषणा कर दी है लेकिन लाल कृष्ण अडवाणी की इतिहास की खोदाई जारी है अपने नए ब्लॉग में उन्होंने जवाहर लाल नेहरू के अलगाव वादी निजाम हैदराबाद के प्रेम को उजागर किया है |अपने ब्लॉग के टेल पीस [TAILPIECE]में के एम् मुंशी की किताब पिल्ग्रिमेज टू फ्रीडम [ Pilgrimage to Freedom] का उल्लेख किया है |
भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता और वरिष्ठ पत्रकार एल के अडवाणी ने अपने इस ब्लॉग में सरदार वल्ल्भ भाई पटेल और मुंशी के बीच के संवादों के हवाले से जवाहर लाल नेहरू की तुष्टिकरण की नीति का उपहास उड़ाया है |
अडवाणी ने लिखा है कि पाकिस्तान में शामिल होने को आतुर हैदराबाद को भारत में विलय के लिए चलाये गए अभियान की सफलता के पश्चात गृह मंत्री सरदार पटेल ने के एम् मुंशी को तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू से शिष्टाचार वश [ Courtesy ]मुलाकात करने के लिए भेजा |के एम् मुंशी पार्लियामेंट हाउस में पी एम् कार्यालय पहुंचे |नेहरू अंटे रूम [ante-room] में आये और बेहद ठंडेपन [भाव रहित]से पहले बोले हेल्लो मुंशी “I have come to call on you, now that I am back in Delhi,” इसके साथ ही उन्होंने हाथ मिलाया और लौट गए |इसके पश्चात मुंशी ने सरेडर पटेल को इस भाव रहित ठन्डे व्यवहार के विषय में बताया तो सरेडर ने हँसते जवाब दिया इत्तेहादी शक्तियों को परास्त करने से कुछ लोग तुमसे नाराज हैं “Some of them are angry that you helped in liquidating the Ittehad Power” इसके लिए मुझ पर गुस्सा करने में असमर्थ लोग तुम पर खीझ उतार रहे हैं |
हैदराबाद में भारतीय सेना के सफल ऑपरेशन के बाद के एम् मुंशी ने एजेंट जनरल Agent General.के कार्यालय से त्याग दे दिया

नरेंदर मोदी ने सरदार पटेल की विशालतम स्टेचू आफ यूनिटी का आज शिलान्यास किया और सच्चे सेकुलरिज्म को जरूरी बताया

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आजाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की विशाल प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” का भरूच में शिलान्यास किया।आज सरदार का जन्मदिन है। इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी साथ थे।इस अवसर पर मोदी ने बीते दिन प्रधान मंत्री द्वारा दिए गए सेकुलरिज्म पर भाषण के जवाब में सरदार पटेल के सेकुलरिज्म की मांग की |इसके साथ ही उन्होंने अपने विरुद्ध दी गई सुपारी का उल्लेख करके सबको चौंका भी दिया |
मोदी ने कहा कि पटेल किसी पार्टी के नहीं बल्कि पूरे देश की धरोहर थे। उन्होंने सरदार सरोवर बांध का काम पूरा न होने के लिए प्रधान मंत्री की कार्यप्रणाली की खिल्ली उड़ाई| उन्होंने कहा कि इस बांध का काफी हद तक काम पूरा हो चुका है लेकिन इस बांध पर गेट न लगने से इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है।
गुजरात के सी एम् मोदी ने पीएम मनमोहन सिंह की उनके उस बयान के लिए व्यंगात्मक प्रशंसा की जिसमें उन्होंने सरदार पटेल को सच्चा सेक्यूलर बताया था। मोदी ने कहा कि आज देश को वोट बैंक की राजनीति से निजात दिलाने की जरूरत है। उन्होंने भारत की सांझी विरासत को संजोने और इसको नष्ट न होने देने के लिए आहवान किया। मोदी ने गुजरात इफ़ेक्ट का असर बताते हुए कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि केंद्र सरकार में आज के दिन सरदार पटेल को याद करते हुए देश भर में विज्ञापन दिए गए हैं| मोदी ने स्मारक कि विशेषता बताते हुए कहा कि पटेल के इस स्मारक में एक डिजिटल व‌र्ल्ड होगा जिसमें सात लाख गावों के मुखिया और गावं का इतिहास और ब्यौरा दर्ज होगा।इसके उनकी सहायता के लिए खेती के विषय में भी जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी|
मोदी ने कहा कि जब उन्होंने महात्मा गांधी का मंदिर बनाया तो किसी ने आकर उनसे सवाल नहीं किया, लेकिन अब जब सरदार पटेल की मूर्ति की बात हुई तो कहा जा रहा है कि मोदी भाजपा से हैं और सरदार पटेल कांग्रेसी थे। उन्होंने कहा कि यह मूर्ति देश की एकता का प्रतीक है, क्योंकि यह मूर्ति देश के सात लाख गावों से मिले लोहे से तैयार होगी।
सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा को मोदी की महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है। लोहे की इस विशाल प्रतिमा के लिए ठेका बुर्ज खलीफा बनाने वाली कंपनी को दिया गया है। 182 मीटर ऊंची यह मूर्ति बनने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। यह स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुना बड़ी होगी।
182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के करीब साधु बेत पर प्रस्तावित है।

कश्मीर में धारा ३७० के लिए पटेल नही वरन नेहरू जिम्मेदार हैं :एल के आडवाणी

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार एल के अडवाणी ने अपने नए ब्लॉग के पश्च्य लेख (टेलपीस)में कश्मीर में धारा ३७० के लिए पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराते हुए लोह पुरुष +इंडियन बिस्मार्क पटेल का बचाव किया है| श्री आडवाणी ने स्वतंत्र भारत के इतिहास के प्रारम्भिक पन्नो को खोलते हुए कहा है कि पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के दबाब में आ कर कश्मीर नीति में अपने स्वयम के निर्णय को त्याग कर सरेंडर कर दिया था|आडवाणी ने बताया कि सरदार पटेल की मृत्यु दिसम्बर, 1950 में हो गई थी।
24 जुलाई 1952 को पण्डित नेहरू ने जम्मू एवं कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर लोकसभा में एक विस्तृत वक्तव्य दिया। इसमें उन्होंने मजबूती से अनुच्छेद 370 का बचाव किया। उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल ही जम्मू एवं कश्मीर के मामले को देख रहे थे। वी. शंकर जो 1952 में आयंगार के मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे, अपने मंत्री के पास गए और जो हुआ था उस पर परस्पर जानकारी साझा की। गोपालस्वामी आयंगार की टिप्पणी थी: ”यह सरदार पटेल की उस उदारता का गलत और दुर्भावनापूर्ण प्रतिफल है, जो उन्होंने अपने उत्कृष्ट निर्णय को छोड़कर पण्डित नेहरू के दृष्टिकोण को स्वीकार करने में दिखाई।”