भाजपा के वयोवृद्ध नेता और वरिष्ठ पत्रकार लालकृष्ण आडवाणी ने ‘दि इण्डियन एक्सप्रेस‘ के सम्पादकीय के माध्यम से सरकारी फैसलों में बाधा डालने के लिए राहुल गाँधी की आलोचना करते हुए इसे सरकार का बदरंग चेहरा बताया है | अपने नए ब्लॉग के टेलपीस (पश्च्यलेख) में कहा है कि बेशक डॉ मन मोहन सिंह ने पी एम् पद छोड़ने की संभावनाओं से इंकार किया है केलिन उनकी शेष बचे कार्यकाल में इस्तीफे का ज्यादा तुक नहीं है।
राहुल गांधी ने विधेयकों पर अपनी स्थिति पूरी तरह साफ नहीं की है।
शासन सम्बन्धी मामलों पर उनके विचार ज्ञात नहीं हैं परन्तु
सरकारी फैसलों में बाधा डालने की उनकी शक्ति साबित हुई है।
अब उनकी चुप्पी और मुखर तथा ज्यादा दुविधापूर्ण प्रतीत होगी।
आने वाले चुनावों में यह दांव कांगेस की राजनीतिक तौर पर फायदा पहुंचाएगा या नहीं परन्तु शेष बची अवधि में सरकार का चेहरा बदरंग हो गया है।
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