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केजरीवाल ने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया की दरकिनार,इसीलिए मंत्री सेक्सस्केंडल में फंसे:स्वराज अभियान

[नई दिल्ली]केजरीवाल ने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया की दरकिनार ,इसीलिए महिला कल्याण मंत्री भी सेक्स स्केंडल में फंसे:स्वराज अभियानस्वराज अभियान ने दिल्ली सरकार के मंत्री की सेक्स सीडी पर चुटकी लेते हुए कहा के दिल्ली सरकार के एक मंत्री का सेक्स स्कैंडल में फँसना दुखद है,लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है ।
गौरतलब हे के आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव 2015 में ‘उम्मीदवार चयन प्रक्रिया’ को किया दरकिनार था जिसके लिए प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव सरीखे वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से बाहर किया गया |
स्वराज अभियान के अनुसार ,दिल्ली सरकार के एक मंत्री सेक्स स्कैंडल में फँसे हैं। यह बहुत ही दुखद है, लेकिन आम आदमी पार्टी की दशा और दिशा देखते हुए हैरान नहीं करता।
हैरानी की बात इसलिए नहीं है क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी ने अपने ‘उम्मीदवार चयन प्रक्रिया’ को ताक पर रख दिया था। इस बात को लेकर तब पार्टी में रहे प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव ने कई गंभीर सवाल उठाए थे।
is सेक्स सी डी के आने पर स्वराज अभियान ने तीन निम्न सवाल उठाये हैं :
[१]क्या आम आदमी पार्टी तब कार्यवाई करती है जब कुछ गलत हो जाता है और पार्टी की जानकारी में आता या तब जब उसे छुपाना या बचाना मुश्किल हो जाता है?
[२]अब तक 6 में से 3 मंत्री बर्खास्त हो चुके हैं। एक धोखाधड़ी के केस में, दूसरे रिश्वत के मामले में और तीसरे चारित्रिक दोष के मामले में। लेकिन ये तीनों आज भी आम आदमी पार्टी के सम्मानित सदस्य हैं। केजरीवाल जी को जवाब देना चाहिए कि क्या वो इनकी करतूतों को आपत्तिजनक नहीं मानते कि इन्हें पार्टी में बरकरार रखा है? क्या है जो आम आदमी पार्टी को इन्हें हटाने से रोक रहा है? इतना पाखंड क्यों?
[३]क्या पंजाब में आ रहे ऐसे ही मामलों में आम आदमी पार्टी अग्रसक्रीय होकर कार्यवाई करेगी या टीवी स्टूडियो में मामला उठने का इंतजार करेगी?
आम आदमी पार्टी को पाखंड छोड़ कर इन सवालों पर स्पष्ट रूख सामने रखना चाहिए। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटनाओं की वजह से राजनीति और नेताओं के प्रति आम आदमी की निराशा और बढ़ जाती है, जो कि लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।

भारतीय राजनीती में”तहलका”मचाने वाले तरुण तेजपाल के खुद से जुड़े एक सेक्स स्केंडल ने तहलका मचाया

खोजी खबरों से भारतीय राजनीती में आये दिन तहलका मचाने वाले “तहलका” के सम्पादक तरुण तेजपाल के खुद से ही जुडी एक खबर ने आज तहलका मचा दिया जिसका प्रायश्चित करने के लिए तेजपाल ने स्व्यम को संस्थान से छह माह के लिए अलग कर लिया है|
गौरतलब है कि तरुण तेजपाल को पत्रकारिता के लिए अनेको पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चूका है
[१]फर्जी आर्म्स डीलर भेज कर भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष ”बंगारू लक्ष्मण ”का स्टिंग किया था
[२]गुजरात के दंगो के आरोपी बजरंगी का स्टिंग आपरेशन किया था. अपनी बेटी की उम्र की पत्रकार के यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे ‘तहलका’ पत्रिका के प्रमुख संपादक तरुण तेजपाल प्रायश्चित स्वरूप खुद ही 6 महीने की छुट्टी पर चले गए हैं। संस्थान से खुद को अलग करने की सूचना तेजपाल ने ई-मेल के जरिए तहलका की प्रबंध संपादक एस चटर्जी को दे दी है। अब तेजपाल के इस सवतः निर्धारित प्रायश्चित पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
अपने पत्र में तेजपाल ने कहा है ” मैंने संबंधित पत्रकार से अपने दु‌र्व्यवहार के लिए पहले ही बिना शर्त माफी मांग ली है लेकिन मैं महसूस कर रहा हूं कि और प्रायश्चित की जरूरत है। तहलका के संस्थापक सदस्य तरुण ने अपने पत्र में लिखा है, क्योंकि इसमें तहलका का नाम जुड़ा है और एक उत्कृष्ट परंपरा की बात है, इसलिए मैं महसूस करता हूं कि केवल शब्दों से प्रायश्चित नहीं होगा। मुझे ऐसा प्रायश्चित करना चाहिए जो मुझे सबक दे। इसलिए मैं तहलका के संपादक पद से और तहलका के दफ्तर से अगले छह महीने के लिए खुद को दूर करने की पेशकश कर रहा हूं।
पीड़िता तरुण की बेटी की उम्र की बताई जा रही है। उसने यौन उत्पीड़न की शिकायत ई-मेल के जरिए की है। इस बारे में पीड़िता ने तरुण की बेटी और एस चटर्जी को भी बताया। पीड़ित लड़की के पिता भी तरुण के दोस्त बताये गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना पिछले सप्ताह गोवा में ‘थिंक इवेंट’ के दौरान घटी।
एस चौधरी ने तहलका के अन्य कर्मियों को एक मेल भेजकर घटनाक्रम की जानकारी दी।बेटी की उम्र की महिला स्‍टाफ का यौन शोषण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है हालाँकि तरुण तेजपाल ने प्रथम दृष्टया अपना अपराध स्वीकार करके प्रायश्चित निर्धारित कर लिया है लेकिन कानूनी प्रक्रिया की मांग भी उठने लगी है |