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Tag: Shiv Ratri

शिव भक्तो ने #हरिद्वार से #कावड़  उठानी शुरू की

#बम_बम_भोले
#महाशिव रात्रि पर अपने #भोलेनाथ को #गंगास्नान कराने को #शिव भक्तो ने  #हरिद्वार से #कावड़  उठानी शुरू कर दी, 18 फरवरी को शिवभक्त द्वारा अपने क्षेत्र के शिवालयों में भोले बाबा का जलाभिषेक किया जाएगा

Eight kanwariyas Seriously Injured In Road Accident In UP

[Sant Kabirnagar(UP)]Eight kanwariyas Seriously Injured In Road Mishap In UP.
In a Road Mishap, One Truck driver killed and 8 Kanwariyas , Are reported, injured
A speeding truck hit a bus near Kauwadhar village In this accident One person was killed and eight Kanwariyas were seriously injured
As per Superintendent of Police, Deepak Kumar ,The incident took place last night in Mehdawal area when the bus in which Kanwariyas were travelling was hit by the truck, resulting in the death of truck driver Nandlal (31),
The body was sent for post-mortem and the eight injured were admitted to a hospital, where their condition was stated to be stable,

शिवलिंग पर गंगाजल की धारा चढाने से भोग ओर मोक्ष दोनों प्राप्त होते हैं

: प० राजेश कुमार शर्मा भृगु

: प० राजेश कुमार शर्मा भृगु

पांच अगस्त को महा शिव रात्रि का पवां पर्व है |अपने इष्ट देव को प्रसन्न करने के लिय लाखों शिव भक्त कांवड़ उठा कर भोले नाथ का जलाभिषेक करके मन वांछिक फल प्राप्त करते हैं|
इस पर्व को लेकर अनेकों धार्मिक मान्यताएं हैं |मेरठ के ज्योतिष अनुसन्धान एवं शिक्षा केन्द्र सदर से प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ने एक लेख भेजा हैं उनके अनुसार शिवलिंग पर गंगाजल की धारा चढाने से भोग ओर मोक्ष दोनों प्राप्त होते हैं|प्रस्तुतु है प० राजेश कुमार शर्मा भृगु का लेख
महादेव, महादेव कहने वाले के पीछे-पीछे मैं (श्री कृष्ण) नाम श्रवण (सुनने) के लोभ से अत्यन्त डरता हुआ जाता हूं, जो मनुष्य शब्द (महादेव, महादेव) का उच्चारण करके प्राणों का त्याग करता है वह कोटि जन्म के पापों से छूटकर मुक्ति को प्राप्त करता है। शिव शब्द कल्याणवाची है और कल्याण शब्द मुक्ति वाचक है मुक्ति भगवान शंकर से प्राप्त होती है, इस लिए भोले शंकर ‘‘शिव’’ कहलाते हैं। धन तथा बन्धुवों के नाश हो जाने के कारण शोक सागर में डुबा हुआ मनुष्य शिव शब्द का जब उच्चारण करता है तब सब प्रकार के कल्याण को प्राप्त करता है शिव वह मंगलमय नाम है जिस किसी की भी वाणी में रहता है वह करोडों जन्मों के पापों को नष्ट कर देते हैं। मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर कामनाओं की पूर्ति करने वाले महादेव शिव शंकर हैं इनके 16 सोमवार के व्रत भक्ति भावना के साथ रखता है उसकी कामना कभी अधुरी नहीं रहती है।
नारद मुनी ने ब्रहा्रा जी से पुछा कि कलयुग में मनुष्य के द्वारा भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने व इच्छा पूर्ति के लिए क्या कार्य किये जायें जो भोले शंकर जल्द प्रसन्न हो जायें और मनुष्यों को कष्टों से जल्द छुटकारा प्राप्त हो इस विषय पर शिव पुराण के रूद्र संहिता के 14 वें अध्याय में अन्न, फूल व जलधाराओं के महत्व को समझाया गया है।
– जो व्यक्ति लक्ष्मी की प्राप्ति की इच्छा रखता है उसे कमल, बिल्वपत्र, शतपत्र और शंखपुष्प से भगवान शिव की पुजा करनी चाहिए।
– जो व्यक्ति आयु की इच्छा रखता है वह एक लाख दुर्वाओं के द्वारा पूजन करें।
– जो पुत्र की इच्छा रखता है वह धतुरे के एक लाख फूलों से पूजा करें यदि लाल डंठल वाले धतुरे से पूजन हो तो अति शुभ फल दायक है।
– जो व्यक्ति यश की प्राप्ति चाहता है उसे एक लाख अगस्त्य के फूलों से पूजा करनी चाहिए।
– जो व्यक्ति तुलसीदल से भगवान शिव शंकर की पूजा करते हैं उन्हें भोग और मोक्ष दोनों ही प्राप्त होते है। सफेद आंखे, अपमार्ग और श्वेत कमल के एक लाख फूलों से पूजा करने पर भी भोग व मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग सुलभ होते हैं।
– जो व्यक्ति चमेली से शिव जी की पूजा करते हैं उन्हें वाहन सुख की प्राप्ति होती है।
– जिन व्यक्तियों को पत्नी सुख प्राप्ति में बाधाऐं उत्पन्न होती हों उन्हें भगवान शंकर की बेला के फूलों से पूजन करना चाहिए भगवान शिव की कृप्या से अत्यन्त शुभ लक्ष्ण पत्नी की प्राप्ति होती है और इसी प्रकार स्त्रीयों को पति की प्राप्ति होती है।
– जूही के फूलों से शिव शंकर का पूजन किया जाये तो अन्न की कभी कमी नहीं रहती।
– कनेर के फूलों से पूजन करें तो वस्त्रों की प्राप्ति होती है।
– शेफालिका या सेदुआरि के फूलों से पूजन किया जाये तो मन सदेव निर्मल रहता है।
– हार सिंगार के फूलों से जो व्यक्ति शिव पूजन करें उसको सुख सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।
उपरोक्त कार्य शिव मूर्ति के समक्ष किये जाने चाहिए।
– तिलों के द्वारा शिवजी को एक लाख आहुतियां दिये जाने से बडे बडे पातकों का नाश होता है।
– गेंहु से बने पकवान से भगवान शंकर की पुजा उत्तम मानी गई है। वंश की वृद्धि होती है।
– जो व्यक्ति मूंग से पूजा करते हैं उन्हें भगवान शंकर सुख प्रदान करते हैं।
कांवड़ अब स्कूलों के फेशन शो में भी शामिल हो गई है

कांवड़ अब स्कूलों के फेशन शो में भी शामिल हो गई है


– प्रियंगु (कंगनी) द्वारा सर्वाध्यक्ष परमात्मा भगवान शिव शंकर का पूजन करता है उसे धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शान्ति के लिए जलधारा शुभ कारक कही गई है शत रूद्रिय मन्त्र से, रूद्री के ग्यारह पाठों से रूद्र मन्त्रों के जप से, पुरूषसूक्त से, छः ऋचा वाले रूद्रसूक्त से, महामृत्युज्जय मन्त्र से, गायत्री मन्त्र से, व शिव के शस्त्रोक्त नामों के आदि में प्रणव और अन्त में नमः पद जोड कर बने मत्रों के द्वारा जलधारा आदि अर्पित करनी चाहिए।
जब व्यक्ति का मन अकारण ही उच्चट जाये, दुख बढ जाये, धर में कलह रहने लगे, उस समय व्यक्ति को उपरोक्त के अनुसार दूध की धारा शिव लिंग पर निरन्तर चढानी चाहिए।
– शिवलिंग पर सहस्त्रनाम मंत्रों के साथ धी की धारा चढाने से वंश की वृद्धि होती है।
– सुगन्धित तेल की धार शिवलिंग पर चढाने से भोगों की वृद्धि, शहद (मधु) से पूजा करने पर राजयक्ष्मा का रोग दूर हो जाता है।
– शिवलिंग पर ईख के रस की धार चढायी जाये तो भी सम्पूर्ण आन्नद की प्राप्ति होती है।
– गंगाजल की धारा शिवलिंग पर चढाने से भोग-मोक्ष दोनों फलों को देने वाली कही गई है और गंगाजल की धारा भगवान शिवशंकर को सर्व प्रिय है। जो भी जल आदि धाराऐं हैं वह महामृत्युज्जयमन्त्र से चढाई जानी चाहिए।
शिव पुराण में उल्लेख किया गया है कि श्रवण मास में किये गये पूजन व जल धाराओं से न केवल भगवान शिव की कृपा होती है बल्कि साधक पर मां गोरी, गणेश और लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। श्रद्धेय भाई जी श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार ने लिखा है कि शिव की पूजा करके भी अपनी मुर्खतावश परम लाभ से व्यक्ति वच्चित रह जाता है। भगवान शिव शुद्ध सनातन, विज्ञानानन्दधन परब्रहा्र हैं, उनकी उपासना परमलाभ के लिए ही या उनका पुनीत प्रेम प्राप्त करने के लिए ही करनी चाहिए, सांसारिक लाभ हानि प्रारब्धवश होते रहते हैं इसके लिए चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं। भगवान शंकर की शरण लेने से कर्म शुभ और निष्काम हो जायेंगें, जिससे आप ही सांसारिक कष्टों का नाश हो जायेगा।
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान एवं शिक्षा केन्द्र सदर