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पासपोर्ट सेवा केंद्र या उपभोक्ता को लूटने के केंद्र

20/1/2021
(मेरठ,यूपी)पासपोर्ट बने दस वर्ष बीत गए तो अब इसे रिन्यू कराना लाज़मी हो गया।हम ठहरे पढ़े लिखे अनपढ़ सो बढ़े बेटे ने अमेरिका से ऑनलाईन फॉर्म भर कर PassPort Loot Kendr
20/1/2021 का अपॉइंटमेंट लेलिया।निश्चित तारीख को सुबह नहा धो कर आई डी प्रूफ +पुराना पासपोर्ट और 2 फोटो उठाये चेहरे पर कोरोना मास्क लगा कर सुबह दस बजे मुख्यडाक घर परिसर में सपरिवार पहुंच गए।बेशक सपरिवार का न्यौता नही था लेकिन पत्नि और छोटे पुत्र का भी पासपोर्ट रिन्यू होना था सो सपरिवार ही पहुंच गए।परिसर में प्रवेश द्वार से सेवा केंद्र का बोर्ड तलाशते तलाशते निकासी द्वार तक पहुंच गए लेकिन असफलता ही हाथ लगी।छावनी में पैदा हुए और कई बार परिसर में स्थित बीएसएनएल कार्यालय और डाकघर मे आना भी हुआ सो आज की असफलता पर कुछ स्वाभाविक आत्मग्लानि भीहुई ।हमारी निराशा देख कर श्रीमती जी ने कमान हमेशा की तरह,हथियाई और सड़क पर उपलब्ध एक मात्र महिला से पासपोर्ट आफिस की लोकेशन पूछी।उस भद्र महिला ने कहा कि आप मुख्य प्रवेश द्वार से बाहर निकलिए और बिल्डिंग के अंत मे जाईये।हम खरामा खरामा कदम दर कदम बढ़ते हुए पासपोर्ट सेवा केंद्र के बोर्ड पर निगाह डालने में सफल हो ही गये

भ्र्ष्टाचार के केंद्र

भ्र्ष्टाचार के केंद्र

इस सारी प्रक्रिया में लगभग 45 मिनट लग गए
मियां बीबी दोनों वरिष्ठ नागरिक ठहरे सो कोरोना कोरोना जपते जपते अपने बैग से सेनिटाइज़र निकाल कर हाथ धोकर छोटे से गेट से अंदर प्रवेश कर गए।यह शायद हमारा ही दुर्भाग्य रहा होगा कि गेट पर कोई बॉडी टेम्प्रेचर मापक यंत्र लिए किसी श्रेणी के कर्मी के दर्शन नही हुए। अंदर सामने ही मेज के पीछे दो महानुभाव बैठे थे।एक बुजुर्ग और एक युवा शेष कुर्सियां खाली थी । दुआसलाम के पश्चात हमने आदेश मिलने पर कागजात युवा अधिकारी(हेमंत)के सामने रख दिए।हेमंत बाबू शायद घर से लड़ कर आये थे या फिर सुबह सुबह सूखा ग्राहक देख कर असहज थे सो एक एक नजर तीनों फॉर्म पर डाली और बाल पेन से फॉर्म केकॉलम पर टिक करके यह कहते हुए लौटा दिए कि श्रीमती जी की माता का नाम दर्ज नहीँ है। मेरे और पुत्र केफॉर्म में पुराना रिफरेन्स नही है।मैंने लगभग मिमयाते हुए निवेदन किया कि यह तो आप भी लिख सकते हो तो जवाब आया कि यहां नही कर सकते,आप अपने एजेंट से ही करवाइये।श्रीमती जी ने फिर कमान हथियाते हुए कहा कि भाई साहब यह सेवा केंद्र है और हमने किसी एजेंट से नही बल्कि अमेरिका में बैठे पुत्र से भरवाए है।अब वोह साहब तो अपनी बोनी खराब करने के मूड में कतई नही दिखाई दे रहे थे।और एप्लीकेशन फॉर्म को रिशेड्यूल करवाने पर अड़ गए।इसी बीच झाड़ू लगाने वाले कर्मी ने झाड़ू फेरना शुरू कर दिया।सो बैरंग लौटने में ही भलाई थी।
फॉर्म भरने वाले बेटे को जब यह व्रतांत सुनाया तो उसे कही रिशेड्यूल करने का कोई कालम नही मिला सो ₹4500 दोबारा जमा करवा कर नया अपॉइंटमेंट 8/22021 का लिया गया
Screenshot_20210219-150250पेंशनर की जेब से ₹4500 व्यर्थ निकलने का गम कुछ कम नही होता सो टीसीएस+विदेशमंत्रालय को ऑन लाइन लिखना शुरू किया। पासपोर्ट बनाने के लिए मेजबान अर्थार्त विदेश मंत्रालय और टीसीएस आदि को कई बार सोशल मीडिया में टैग करने पर भी कोई सुनवाई नही हुई।पैसा लौटाना तो दूर हमारा दुखड़ा टालने में ही सभी व्यस्त है।
अभी समस्या का समाधान नही हुआ। तमाम डाक्यूमेंट्स देने के उपरांत भी पुलिस वेरिफिकेशन आवश्यक बताई गई है।अब उसी की प्रतीक्षा है उसका किस्सा अगले संस्करण में।यकीन मानिए वोह इससे अधिक रोचक होगा क्योंकि पुलिस का मामला होगा।

Nitin Sablok (1) GZ 3075195227421
(2) GZBZ32016110
Application. (A) 20-0007562182
Shashi. (1) GZ 3075195309221
Sablok (2)GZBZ 32016010
Application. (A)20-0007562138
Jagmohan (1)GZ3075195413821
Sablok. (2)GZBZ32196107
Application. (A)20-0007561996

आईजीएल गैसएक साल में भी रसोई तक पहुंची नही और मीटर रीडिंग वाले आ धमके

(मेरठ,यूपी)चिकित्सकों की महंगी सलाह का पालन करने के लिए अपने ही घर के बाहर आ रही शनिवासरीय धूप का निशुल्क सेवन करने के लिए प्लास्टिक की हल्की फुल्की कुर्सी डाल कर अंग्रेजों के जमाने की शार्ट स्टोरीज पड़ने लगा।अभी बमुश्किल दस पेज ही पलट पाया था कि दो नवयुवक मुंह पर कोरोना मास्क लगाए घर की तरफ आते दिखाई दिए तभी पेजों में अपना लुटा हुआ कंपनसेशन तलाश रही नजर भी ऊपर उठ गई। देखा दो युवा सामान्य से कम कद काठी वाले हाथों में पॉश बिलिंग मशीन लिए दिखाई दिए।पूर्ण ऊर्जा और अधिकारों से लैस इन युवाओं से आगमन का सबब पूछने पर तपाक से उन्होंने एक साथ ही हाथों की मशीन दिखाते हुए बताया किIGL Meter मीटर की रीडिंग लेनी है
मेंने चोंक कर पूछा कि भैया किस की रीडिंग लेनी है।क्योंकि अभी बिजली का बिल भरे 24 घण्टे भी नही बीते थे सो याद रहा सो दनदना दिया कि बिजली नही आ रही मगर बिल समय से पहले भर चुके हैं।
जवाब तुरन्त आया कि
IMG_20210220_133633_038आईजीएल गैस की रीडिंग लेनी है।
धूप सेवन का सारा मजा काफूर हो गया।शार्ट स्टोरी की आखरी लाइन मिट गई। सिर बुरी तरह से चकरा गया। और सम्भलते सम्भलते रसोई की और यह देखने लपका की कहीं बीती दोपहर की नीदं में तो कनेक्शन नही लग गया। जाकर देखा तो स्थिति पौराणिक ही थी।IGL Connection
इससे उत्साहित होकर मैंने बाहर आकर आगंतुकों को स्थिति से अवगत कराया तो उनमे से एक, जो कुछ ज्यादा ही घाटे की शारीरिक सम्पदा लिए थे,मुझे बाहर लगे पीले नोटिस बोर्ड को दिखाते हुए बोले एआप यहां फोन कर दीजिये। मैंने बोला भइय्या जी एक साल से फोन ही कर रहा हूँ कंप्लेंट भी दर्ज हो चुकी है।यर्स पड़ौस में कनेक्शन लगते जा रहे है ।तो बोले आपको आफिस जाना होगा।मैं बोला कोरोना है और बूढा भी हूँ।स्पीड में आ रहे बाइक सवार ने टक्कर मार कर एक्टिवा भी तोड़ दी है। तो बौद्धिक संपदा से सम्पन्न उस महानुभाव ने सांत्वना देते हुए कहा ठीक हैं हम आपकी इस वेदना को ऑफिस में पहुंचा देंगे। यह कह कर श्रीमान अगले घर की तरफ निकल गये । मैने भी कुर्सी सम्भाल कर किताब के पन्ने चाटने शुरू कर दिए।एक स्टोरी खत्म करने के साथ ही ख्याल आया कि अंग्रेजों ने अपने समय की गरीबी+भ्र्ष्टाचार+चापलूसी आदि के ढेरों किस्से कलम बद्ध किये लेकिन उनसे तो आज का यह आईजीएल वाला किस्सा व्यवस्था के खिलाफ ज्यादा समसामायिक+प्रेरणादायक+ रोचक+भ्र्ष्टाचार को उजागर करने वाला हो सकता है सो चला दिया माउस। बोले तो एक साल से कनेक्शन तो लगा नही मीटर रीडिंग वाले आ धमके।
आंकड़ों के हिसाब से इस सस्ती नेचुरल गैस की दिसम्बर 2020 तक की बिक्री में 13.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।और आईजीएल शेयर प्राइस में गिरावट जारी है। कोरोनावधि लगभग समाप्त हो चुकी है और जीवन सामान्य गति प्राप्त करता जा रहा है लेकिन सम्भवत इन्ही अव्यवस्थाओं से कम्पनी के शेयर में 19 फरवरी को साढ़े चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।