[अमृतसर,पंजाब] अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने इस्तीफा दिया
इसके लिए उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है|
मीडिया में जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि उन्होंने अपने इस्तीफे का खत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह लोंगोवाल और एसजीपीसी के कार्यकारी सदस्यों को भेजा है । मालूम हो के वर्तमान सी एम कैप्टेन अमरंदेर सिंह ने सिख धर्म की सबसे बढ़ी संस्था एस जी पी सी पर कब्जे के लिए शिरोमणि अकाली दल के वर्चस्व को चुनौती दी हुई है
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अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह का इस्तीफा:सिख धर्म सियासत
पंथ विरोधी कार्यवाही के लिए परमजीत सिंह सरना के विरुद्ध श्री अकाल तख़्त में भी फरयाद
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी[ DSGMC ] के पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह हित और वरिष्ठ अकाली नेता कुलदीप सिंह भोगल[अखिल भारतीय १९८४ दंगा पीड़ित राहत कमिटी] ने सिखों की सर्वोच्च न्यायलय श्री अकाल तख्त साहब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह से मुलाकात की और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पूर्व अध्यक्ष परम जीत सिंह सरना के विरुद्ध पंथक नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की मांग की है| ज्ञानी जी ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है| ज्ञानी गुरबचन सिंह से मुलाक़ात के पश्चात अमृतसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए इन्होने बताया के सरना पलायन वादी मानसिकता के अंतर्गत पंथ विरोधी कार्य कर रहे हैं| यहाँ तक की अकाल तख़्त के तलब किये जाने पर भी सरना यहाँ हाजरी भरने नही आये|
सरना ने ही बाला साहब और गुरुद्वारा बँगला साहब [नवम्बर २००९+२०१०+२०११] में १९८४ में मारे गए सिखों की आत्मा की शांति के लिए बुकिंग के पश्चात भी अखंड पाठ नही रखने दिया | मार्च २०१२ में बी एल कपूर को कब्जा देने के समय गोली और आंसू गेस तक चलवाए गए और अखंड पथ को खंडित किया गया|इन सभी आरोपों को संज्ञान में लेकर सरना के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई है|इन्होने बताया के श्री अकाल तख़्त के जत्थेदार ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है|
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