[नयी दिल्ली]सुषमा स्वराज ने फिर उदाहरण प्रस्तुत किया ,सरकारी बंगला खाली किया
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 8, सफदरजंग लेन स्थित अपने सरकारी आवास को खाली कर दिया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैंने अपना सरकारी आवास 8, सफदरजंग लेन, नई दिल्ली खाली कर दिया है। कृपया ध्यान दें कि पहले के पते और फोन नंबर पर अब मुझसे संपर्क नहीं हो सकेगा।’’ लंबे समय तक भाजपा की सबसे प्रमुख महिला चेहरा रहीं स्वराज हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव नहीं लड़ी थीं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें जीती है।
पिछले साल नवंबर में, उन्होंने घोषणा की थी कि वह 2019 का आम चुनाव नहीं लड़ेंगी।
नियमानुसार, पूर्व सांसदों को पिछले लोकसभा के भंग होने के एक महीने के भीतर अपने संबंधित आवास खाली करने होते हैं।
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सुषमा स्वराज ने फिर उदाहरण प्रस्तुत किया ,सरकारी बंगला खाली किया
राजनेता आज कल अपनी पार्टी की वेब साईट के बजाय विदेशी[ट्विटर] साइट्स पर राजनीति कर रहे हैं
sushma swaaraj
[1]Those who cannot govern in crisis do not deserve to be in the Government even for a day.==हिंदी में कहा जाये तो सुषमा स्वराज ने उत्तराखंड के मुख्य मंत्री से नाकामी के लिए इस्तीफा माँगा है|
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[2]What has your state Government done ? Nothing. The living are starving. The dead are being robbed. And you are patting your back.आपकी सरकार ने क्या किया है ?कुछ नहीं |लोग भूख से मर रहे हैं|लाशों के कफ़न तक चुराए जा रहे हैं|और आप लोगअपनी पीठ थपथपा रहे हैं|
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[3] Ajay Maken@ajaymaken
Instead of helping in relief works in U’khand, don’t try to use this calamity as a Political Opportunity! #NoPoliticsOverCalamity
45 retweet 6 FAVORITES उत्तराखंड में राहत कार्य में सहयोग करने के बजाय आपदा कोलेकर राजनीती कि जा रही है |आपदा पर पॉलिटिक्स नही होनी चाहिए
उत्तराखंड में आई प्राकृतिक विपदा में मारे गए लोगों की[१] चिताएं अभी ठंडी नहीं हुई
+[२]हज़ारों लापता लोगों के लिए तलाश भी शुरू नही हुई
[३]विपदा ग्रस्तों के पुनर्वास के लिए नीवं त़क नही रखी गई
दूसरे शब्दों में ये दर्द अभी कम नही हुआ कि राजनीतिको ने राजनीती करने के लिए सब्र का बाँध तोड़ ही दिया और शाब्दिक बम्ब बारी शुरू कर दी है| यह इनके डी एन ऐ की देन हो सकता है लेकिन इसके लिए नेताओं ने अपनी पार्टी की वेब साईट के बजाय ट्विटर जैसे सोशल साईट को मैदान बना लिया है|कांग्रेस और भाजपा की अपनी अपनी विशाल +आकर्षक +महंगी वेब साइट्स हैं और इन पर यदा कदा कुछ अप लोड किया जाता है लेकिन ज्यादा तर दूसरी प्राइवेट वेब साईट का ही इस्तेमाल किया जाता हैं |इससे एक संभावना पैदा होती है कि क्या इन वरिष्ठ नेताओं को अपनी बात कहने के लिए अपनी पार्टी की ही वेब साईट नही मिलती या फिर घर का जोगी जोगना और बाहर का जोगी सिद्ध वाली कहावत को चरितार्थ किया जा रहा है|इस सबसे एक बात तो तय है कि पार्टीकी वेब साइट्स के बजाय दूसरों की वेब साइट्स में ही खाद पानी डाला जा रहा है|
इन ट्विट्स पर नजर डाली जाए तो भाजपा की लोक सभा में नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने दो ट्विट्स किये हैं और दोनों ट्विट्स में रीत्विट्स और फेवरेट की संख्या क्रमश २४९+१७९+और ११० +४९ ही हैं|इसके बाद कांग्रेस के नए बने संचार मंत्री अजय माकन के ट्विट पर यह संख्या ४५ और ६ है| सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के लिए मीडिया उपलब्ध रहता है इसीलिए उनके ट्विटर पेज पर ताला ही लगा रहता है|
श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा
जे & के में कल हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए पांच सुरक्षा कर्मियों को आज लोक सभा में श्रधाजलि अर्पित की गई| जम्मू कश्मीर के श्रीनगर[बेमिना] में आतंकवादी हमले में कल भारतीय जवानों की शहादत पर लोक सभा ने चिंता व्यक्त की और विपक्ष ने सरकार से बयान दिए जाने की मांग की| भाजपा सदस्यों तथा श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार तमिल मछुआरों की रिहाई की मांग का मुद्दा द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा उठाए जाने के कारण हुए हंगामे से लोकसभा की बैठक आज शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्षा मीरा कुमार ने श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल [C R P F ] ]के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया और शहीद जवानों को सदन द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद प्रश्नकाल शुरू करवाया।
विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने इस घटना पर सरकार से बयान दिए जाने की मांग की। मुख्य विपक्षी दल के अन्य सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर अपनी नेता की बात का समर्थन करते देखे गए।
श्रीमति सुषमा ने कहा कि बार बार इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं और केवल सदन में श्रद्धांजलि देकर अपने कर्तव्य की पूर्ति कर ली जाती है।उन्होंने अजमेर शरीफ के दीवान द्वारा पाकिस्तान के पी एम् की विजिट का विरोध करने के लिए उन्हें सलाम किया लेकिन इसके साथ ही सरकार की पाकिस्तान के प्रति ढुल मूल नीति की आलोचना भी की |उन्होंने सुबह श्रद्धांजलि देते समय सत्ता पक्ष के अग्रिम पंक्ति के नेताओं की अनुपस्थिति पर सवालिया निशान लगाते हुए उन पर संवेदना हीन होने का आरोप भी लगाया | नेता प्रतिपक्ष ने आमर्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट [A F S P A] का जिक्र करते हुए कहा के जिस इलाके में यह हमला हुआहै वहां से ही अफस्पा हटाने की सिफारिश की जा रही है|उनके इतना कहने के साथ ही दूसरी तरफ बैठे काश्मीर के सांसदों ने जोर शोर से इसका विरोध किया और अफस्पा हटाने के मांग को बल दिया|गौरतलब है कि कल श्रीनगर के बेमिना इलाके में एक स्कूल के निकट स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे।
संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं, तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले
संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगर शेरो शायरी चल ही निकलती है और जब शेर[ couplet]पड़ने वाले प्रधान मंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता हो तो संसद मेजें थपथपा कर और मीडिया प्रस्तुत करके दाद देता रहता है| लोकसभा में ६ मार्च बुधवार को प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह और विपक्ष की सदन में नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के बीच बातचीत शेर-ओ-शायरी के साथ हुई।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेता राजनाथ सिंह प्रतीकों और मुहावरों का सहारा लेकर अपने विरुद्ध प्रधानमंत्री के कड़े तेवरों को बुझते दिए की फड़फड़ाती लौ तक कह डाला|
राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने बीते नौ साल में पी एम् को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है, जैसे बुझने से पहले दिये की लौ तेज हो जाती है।
इसके अलावा राज्य सभा के सदस्य डाक्टर मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आकर विपक्ष की नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के आरोपों का जवाब शायरी से देकर माहौल को अंत में मनोरंजक बना दिया। भाजपा पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने शेर पढ़ा कि हमें है उनसे वफा की उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है। इसके बाद श्रीमति सुषमा ने कहा कि उनकी शेर का कर्ज नहीं रखेंगी और एक शेर का जवाब वह दो शेर से देंगी । इस पर लोकसभा अध्यक्षा मीरा कुमार भी चुटकी लेने में पीछे नहीं रही और बोला कि फिर तो उन[पी एम्] पर उधार हो जाएगा। प्रधानमंत्री के जवाब में श्रीमति सुषमा ने दो शेर पढ़े कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता और कहा कि वह देश के साथ बेवफाई कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने दूसरा शेर पढ़ा कि तुम्हें वफा याद नहीं हमें जफा याद नहीं जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं एक तुम्हें याद नहीं, एक हमें याद नहीं।संसद में चले इस आकस्मिक मुशायरे में दाद देने के नियम का पालन करने से भी सदस्य चूक गए| ये तीनो शेर और प्रतीक अपने आप में काबिले तारीफ़ हैं मगर अधिकाँश सदस्यों ने केवल अपने नेताओं के शेर पर ही मेजें थपथपा कर दाद दी
गौरतलब है कि शुरुआती दिनों में महंगाई+ अपराध +भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख विपक्ष और समान्य विपक्ष के साथ ही सत्ता रुड दल के सदस्यों द्वारा हंगामा मचता रहा | सदन स्थगित होते रहे, कार्यवाही बाधित होती रही |इन गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए कोई भी गंभीर दिखाई नहीं दिया बेशक शेर अच्छे थे लेकिन |इस मुशायरे का मौजू [विषय]ज्वलंत समयायों पर आधारित होता तो और अच्छा लगता| इसीलिए यह नाचीज यह कहने को मजबूर है कि
ख़ाक हो जायेंगे हम उनकों यकीन होने तक
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