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नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठित

(कानपुर ,यूपी)नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठित
संशोधित नागरिकता कानून (#सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामलों की जांच के लिए बुधवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल के अनुसार #एसआईटी का नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध शाखा) करेंगे। इसमें पांच पुलिस अधिकारी शामिल होंगे।
एसआईटी को चार मामले हस्तांतरित कर दिये गये हैं, जिनमें तीन मामले बेकनगंज थाने के और एक मामला बाबूपुरवा थाने का है।

बादल ने कैप्टेन से टकराव के बजाय सहयोग करके एसआईटी को कटघरे में खड़ा किया

[चंडीगढ़,पंजाब]बादल ने कैप्टेन से टकराव के बजाय सहयोग करके एसआईटी को कटघरे में खड़ा किया
सीनियर बादल ने आज अपने लम्बे राजनितिक तजुर्बे का इस्तेमाल करते हुए एसआईटी को लेकर प्रदेश में कांग्रेस सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया|
पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आज सभी अटकलों को दरकिनार करते हुए एसआईटी के समक्ष पेश होकर सभी प्रश्नों का उत्तर दिया और बाहर आकर मीडिया के समक्ष बढ़ी विनम्रता से उनके विरुद्ध एसआईटी के गठन को राजनीती से प्रेरित बताया | उन्होंने बताया के बेअदबी में बरगाड़ी काण्ड की जांच कर रहे एसआईटी पूर्णतया कांग्रेस की उनके विरुद्ध राजनिति से प्रेरित है |उन्होंने कहा के सभी प्रश्नों के उत्तर दे दिए एस आई टी वाले संतुष्ट भी हुए लेकिन होगा वही जो सीएम कैप्टेन अमरिंदर सिंह चाहेंगे|
वरिष्ठ अकाली नेता बादल ने सवाल उठाये के
अमृतसर काण्ड में कभी श्रीमती इंदिरा गाँधी को सम्मन नहीं भेजे गए
१९८४ के दंगों में गाँधी को कभी गवाह नहीं बनाया गया|पंजाब में हुए रेल हादसे में मौजूदा सीएम से पूछताछ नहीं हुई लेकिन एक चुने हुए जनताके नुमायंदे को गवाह के तोर पर बुलाना अपने आप में राजनितिक कदम को दर्शाता है|कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा के इस प्रकार की राजनीती पंजाब के लिए घातक होगी |

Vyapam Scandals Stuffed Into CBI’s Crowded Investigation Box By SC

[New Delhi] Vyapam Scams Stuffed Into CBI’s Crowded Investigation Box By SC. At Present This Agency Is Burdened With More Then 1100 Cases
The Supreme Court today ordered CBI probe into all Vyapam scam cases and alleged deaths related to it and also issued notice to the Centre, Madhya Pradesh Government and the Governor on a plea seeking his removal over his alleged involvement in the scandal.
The apex court’s order transferring all Vyapam-related cases to the CBI came after the state government gave its consent to shifting investigation from the Special Investigation Team (SIT) and the Special Task Force (STF).
It issued notice and sought response of Centre and the state government on a plea for removal of Madhya Pradesh Governor Ram Naresh Yadav for his alleged involvement in the scam. The court also issued notice to the Governor.
A bench headed by Chief Justice H L Dattu clarified that all cases will be transferred to the CBI from Monday and the agency will file its report before it on July 24.
Before handing over the probe to the CBI, the apex court took on record the submission of Attorney General Mukul Rohatgi, who on behalf of the MP government, said that the state has no objection on transferring the investigation of cases relating to Vyapam scam to CBI and the cases related to the deaths of people allegedly related to the scam for free and fair probe.

कालाधन अर्जन में सबको चौंकाने वाले यादव सिंह पर जाँच की निगरानी के लिए केंद्र ने जारी किये आदेश

[नई दिल्ली]कालाधन अर्जन में सबको चौंकाने वाले यूं पी के नौकरशाह यादव सिंह पर चल रही जाँच की कड़ी निगरानी केलिए केंद्र सरकार ने दिए आदेश |
विशेष जांच दल (एसआईटी) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने सीबीडीटी की अध्यक्ष के साथ नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता, यादव सिंह के संदर्भ में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा की जा रही जांच की प्रगति की समीक्षा की।
सीबीडीटी अध्यक्ष को निर्देश दिया गया है कि वे श्री यादव और अन्य सम्बद्ध व्यक्तियों के खिलाफ तलाशी, बरामदगी और अन्य उचित कार्रवाइयों की निगरानी करे।
विशेष जांच दल (एसआईटी) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने आज यहां सीबीडीटी की अध्यक्ष सुश्री अनिता कपूर के साथ नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता, यादव सिंह के संदर्भ में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा की जा रही जांच की प्रगति की समीक्षा की। चूंकि यह जांच महानिदेशक, लखनऊ द्वारा की जा रही है, अतः सीबीडीटी की अध्यक्ष को निर्देश दिया गया कि वे श्री यादव और अन्य सम्बद्ध व्यक्तियों के खिलाफ तलाशी, बरामदगी और अन्य उचित कार्रवाइयों की निगरानी करे।
महानिदेशक, जांच अधिकारी द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को समूची जानकारी प्रदान की जाएगी और मनी लांडरिंग के दृष्टीकोण से मामले की आगे जांच की जा सकें। इसके बाद विशेष जांच दल मामले की जांच पर आगे निगरानी रखेगा।

विदेशों में जमा काला धन लाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने विशेष जांच दल[ SIT ] का गठन किया

विदेशों में जमा काले धन को वापिस लाने के लिए नव गठित केंद्र सरकार ने विशेष जांच दल[ SIT ] का गठन किया|
माननीय उच्‍च्‍तम न्‍यायालय के निर्णय के अनुपालन में यह कार्यवाही की गई है |
केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने माननीय उच्‍च्‍तम न्‍यायालय के निर्णय का अनुपालन करते हुए एक विशेष जांच दल [एसआईटी] का गठन किया है ताकि कर चोरी और गैर-कानूनी गतिविधियों के जरिए विदेश में जमा की गई भारी धन राशि की जांच की जा सके और उसे वापिस लाया जा सके |
एसआईटी के अध्‍यक्ष उच्‍चतम न्‍यायालय के पूर्व न्‍यायाधीश माननीय न्‍यायमूर्ति श्री एम. बी. शाह और उपाध्‍यक्ष पूर्व न्‍यायाधीश माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अरिजित पसायत होंगे। एसआईटी को बिना हिसाब किताब यानी अवैध धन संग्रह से संबंधित हसन अली और अन्‍य मामलों की जांच और मुकद्दमें चलाने का काम सौंपा गया है। एसआईटी ऐसे मामलों के बारे में एक व्‍यापक कार्ययोजना तैयार करेगा और अपने काम-काज की जानकारी समय-समय पर अदालत को दी जाएगी
इस उच्‍च स्‍तरीय समिति के सदस्‍य निम्‍नांकित अनुसार होंगे : –
i सचिव, राजस्‍व विभाग
ii. डिप्‍टी गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक,
iii. निदेशक (आईबी),
iv. निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय
v. निदेशक, सीबीआई
vi. अध्‍यक्ष, सीबीडीटी,
vii. महा निदेशक, स्‍वापक नियंत्रण ब्‍यूरो
viii. महा निदेशक, राजस्‍व गुप्‍तचर
ix. निदेशक, वित्‍तीय गुप्‍तचर यूनिट
x. निदेशक, अनुसंधान एवं विश्‍लेषण विंग और
xi. संयुक्‍त संचिव (एफटी एंड आईआर-1), सीबीडीटी

kapil and Kejriwal Marching Together To Cage Narendra Modi Now On opinion polls

Kapil[sibal] And Kejriwal[arvind] Are Marching Together To Cage Narendra Modi Now On opinion polls.
Kapil And Kejriwal both have alleged that opinion polls are manipulated and favoring Modi.
They both have demanded [separately ] that opinion polls.should be banned
Law Minister Kapil Sibal today said the Election Commission should take “hard decisions” if it finds that opinion polls are used to further the cause of parties as a sting operation showed that poll data is manipulated by agencies conducting such exercise.
“If this sting operation represents the truth, those opinion poll results amount to paid news, which subverts democracy and all that we stand for.The sting operation titled “Operation Prime Minister” carried out by a television channel recently, suggests that a particular political party is involved in manipulating opinion polls and publicising them in conspiracy with some sections of the media. This needs to be investigated
Kapil said”I request the Election Commission to take a call on the revelations, on the nature and impact of manipulated opinion polls, especially in light of the impending elections”.
While demanding transparency “AAP” Party demanded regulatory frame work
AAP Party believes that banning all opinion polls is not a solution, but this situation calls for a regulatory framework for ensuring transparency in public opinion polling.
AAP has issued following demands
1. The News Broadcasters Standards Authority and the Editors’ Guild should, having checked the veracity of this sting, conduct an inquiry into the role of news channels in broadcasting manipulated polls.
2. The channels, such as Times Now, Headlines Today and India TV, which have used “polls” conducted by these agencies under cloud should offer an explanation and make full disclosure to public.
3. The Election Commission should institute a code of conduct and a regulatory authority for the conduct of opinion polls.
4. A criminal investigation should be carried out by an SIT, preferably under Supreme Court, to verify all the allegations contained in this sting and get to the bottom of this political conspiracy regarding the role of political parties in manipulating the findings of opinion polls in the recent past.
5. All the media organisations must be required to disclose the list of their share holders, investors and lenders, their annual financial statements and make full disclosure of their political connections and business interests outside media.
AAP will write to the NBSA, Editor’s Guild and approach the Election Commission of India with these demands.

केजरीवाल ने एस आई टी के शीघ्र गठन के लिए एल जी नजीब को जंगी पत्र लिखा

नई दिल्ली [जासं]।आम आदमी पार्टी के नेशनल कन्वीनर और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिख कर अपील की है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए जल्द से जल्द विशेष जांच दल [एसआइटी] का गठन किया जाए।
उनका कहना है कि ३० वर्ष पूर्व हुए सिख दंगों के कई चश्मदीद गवाह बुजुर्ग हो चुके हैं इन दंगों में लगभग ३ हजार निर्दोष मारे गए थे| एसआइटी का गठन न्याय के लिए एक मात्र उम्मीद है। इसलिए एसआइटी टीम के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाए।
गौरतलब है कि आप सरकार ने छह फरवरी को उपराज्यपाल से सिफारिश की थी कि सिख दंगों की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए और एक साल के भीतर जांच कराई जाए। यह सिफारिश केजरीवाल मंत्रिमंडल ने भेजी थी,इसमें दिल्ली से बाहर के तीन आई पी एस अधिकारीयों को शामिल करने का सुझाव दिया गया था जिसे उपराज्यपाल ने मंजूरी भी दे दी थी।एस आई टी की रिपोर्ट के लिए एक वर्ष का समय निर्धारित किया गया है| केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि दर्ज कराई गई ५८७ ऍफ़ आई आर में से आधी क्लोज कर दी गई हैं ऐसा कांग्रेस के दबाब में किया गया है|

कांग्रेस और”आप”पार्टी ने भाजपा पर दिल्ली की सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया:सबूत पेश नहीं कर पाये

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आज अलग अलग मंचों से भाजपा पर दिल्ली की सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया|आप ने कल मंगल वार से दिल्ली में पोल खोल अभियान चलाने की घोषणा भी कर दी है | पत्रकारों द्वारा मांगने पर भी स्टिंग स्पेशियलिस्ट सरकार के सभी नुमाईंदे कोई सबूत पेश नहीं कर पाये |आप ने आरोप लगाया है कि विधायक बिन्नी एक नया दल बनाने का प्रयास कर रहे हैं|
“आप” पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस जबकि कांग्रेस के प्रवक्ता+ वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करके यह आरोप लगाये हैं|
“आप” पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता +आशुतोष+विधायक मदन लाल और संजय सिंह ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली की सरकार गिराना चाहती है। “आप” पार्टी में साजिश के तहत विधायकों को बगावत के लिए उकसाया जा रहा है| उनका कहना है कि जल्द ही आप पार्टी कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ पोल खोल अभियान आरंभ करेगी।आशुतोष ने इस षड्यंत्र में उनकी पार्टी की आलोचना कर रहे मीडिया को भी लपेटने का प्रयास किया |संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार और पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से कांग्रेस और भाजपा परेशान हो रही हैं। उन्होंने सीधे भाजापा के नेता अरुण जेटली और डॉ हर्षवर्धन पर सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया |
संजय सिंह का दावा किया कि १९८४ में सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ने उन्होंने ही ही एसआईटी[SIT] गठित करने की मांग की है। उन्होंने भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी पर यह कहते हुए तीखे प्रहार कि उनकी पार्टी देशी तथा विदेशी लोगों के सम्मान का पूरा ख्याल रखती है।
प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के एक विधायक मदनलाल ने आरोप लगाया है कि उन्हें बगावत के लिएमुख्य मंत्री का पद और 20 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। मदन लाल ने कहा कि भाजपा के नेता अरुण जैटली + नरेंद्र मोदी के नाम से उन्हें तोड़ने के लिए संपर्क साधा गया थाइसके अलावा एस ऐ डी के एक मात्र विधायक+बगावती विनोद कुमार बिन्नी ने भी उन्हें बगावत के लिए उकसाया | पत्रकारों द्वारा इन आरोपों के समर्थन में सबूत मांगने पर प्रेस कांफ्रेंस कर रहे सभी नेता गण कोई सबूत पेश नहीं कर पाये| उधर सोशल साइट पर कांग्रेसी नेता शकील अहमद ने ट्वीट करके कहा है कि भाजपाके सहायक दल का एक करोड़ पति विधायक दिल्ली की सरकार गिराने के लिए विधायक खरीदने का प्रयासकर रहा है |

गुजरात दंगा मामलों में नरेंदर मोदी को क्लीन चिट :भाजपा के लिए सत्य की जीत तो अन्य ने दुर्भाग्य पूर्ण बताया

गुजरात के दंगा मामलों में, वहाँ की अदालत ने भी एस आई टी की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करके मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को, बेगुनाह करार दे दिया है।भाजपा ने इसे जहाँ सत्य की जीत बताय तो कांग्रेसी खेमे में मायूसी छाई रही|इन दंगों में मोदी की भूमिका को लेकर देश और विदेशों में भी मोदी को निशाना बनाया जाता रहा है अनेको कांग्रेस नेताओं ने इसे दुर्भाग्य पूर्ण कहा | एस आई टी के प्रभारी ने इस पर संतोष व्यक्त किया है| गुरुवार को एक स्थानीय अदालत ने दंगा मामलों में एसआइटी की क्लोजर रिपोर्ट को मान्य रखते हुए मोदी समेत 63 लोगों को विशेष जांच दल [एसआइटी] की क्लीन चिट के खिलाफ दायर कांग्रेसी नेता की विधवा ,दंगा पीड़िता, जकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया।
कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जकिया ने फरवरी 2012 को एसआइटी की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर मोदी, मंत्रिमंडल सदस्यों और पुलिस अफसरों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।
याचिका में क्लीन चिट पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार, आइपीएस राहुल शर्मा, निलंबित आइपीएस संजीव भट्ट के बयान व सुबूतों के साथ खुद एसआइटी की ओर से जुटाए गए सुबूतों के आधार पर मोदी और उनके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए, लेकिन अदालत ने सभी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं पाया
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बीजे गणात्रा ने फैसले में कहा, “आपकी याचिका खारिज करता हूं” गुलबर्ग सोसाइटी दंगे में पति को खोने वाली जकिया ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वह इस मामले में ऊपरी अदालत में अपील करेंगी। न्याय अभी नहीं मिला तो फिर कभी सही, लेकिन इंसाफ के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। उनके बेटे तनवीर जाफरी ने कहा कि उन्हें फैसले से निराशा हुई।