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उपराष्ट्रपति मो.हामिद अंसारी के ७७ वें जन्म दिन पर डॉ मन मोहन सिंह ने सपत्नीक शुभ कामनाएं दी

[नई दिल्ली]भारत के उपराष्ट्रपति मो.हामिद अंसारी ने आज अपना ७७ वां जन्म दिन सादगी से मनाया| इस अवसर पर श्री अंसारी के निवास पर बधाई देने वाले वी आई पी का बड़ी संख्या में आगमन रहा |
भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती गुरशरण कौर ने भी नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सलमा अंसारी से मुलाकात कर उपराष्ट्रपति के 77वें जन्मदिन पर अपनी शुभकामनाएं दी |
फ़ोटो कैप्शन
प्राइम मिनिस्टर , डॉ . मनमोहन सिंह और श्रीमती . गुरशरण कौर वाईस प्रेसिडेंट , श्री मोहद . हामिद अंसारी को शुभकामनायें देते हुए

डॉ मन मोहन सिंह का ,म्यांमार के एयर पोर्ट पर, सोशल सिक्यूरिटी मिनिस्टर,यूं .ए मिंट ने स्वागत किया

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह दो दिन की यात्रा पर म्‍यांमार पहुँच गए हैं म्यांमार के नय प्यी तव इंटरनेशनल एअरपोर्ट [ Nay Pyi Taw International Airport] पर म्यांमार के लेबर +एम्प्लॉयमेंट+ सोशल सिक्यूरिटी मिनिस्टर ,उ . ए मिंट[U. Aye Mint] ने उनका स्वागत किया भारतीय प्रधान मंत्री म्यांमार में बीआईएमएसटीईसी की शीर्ष बैठक में शामिल होने के लिए दो दिवसीय दौरे पर हैं,साथ उनकी धर्म पत्नी श्रीमती गुरशरण [ GursharanKaur ] हैं
भारत से रवाना होने से पूर्व डॉ मन मोहन सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा “मैं आज म्‍यांमार के ने पाई तॉ में आयोजित तीसरी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्‍टी सेक्‍टोरल टैक्‍नीकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बीआईएमएसटीईसी) सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए दो दिन के दौरे पर रवाना हो रहा हूं।
बीआईएमएसटीईसी सार्क और आसियान देशों के चौराहे पर स्थित है। इसे बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों से प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। संपर्क और व्‍यापार तथा निवेश, ऊर्जा जलवायु की चुनौतियां जिनमें प्राकृतिक और मानव‍कृत चुनौतियां शामिल हैं, के कारण हमें इनका सामना करने के लिए दृढ़ निश्‍चय और सामूहिक दूरदृष्टि की जरूरत होती है।

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh arrives at Nay Pyi Taw International Airport, in Myanmar on March 03, 2014. The Minister of Social Security, Myanmar, Mr. U. Aye Mint is also seen.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh arrives at Nay Pyi Taw International Airport, in Myanmar on March 03, 2014.
The Minister of Social Security, Myanmar, Mr. U. Aye Mint is also seen.


बीआईएमएसटीईसी देशों में शांति, स्थि‍रता और विकास जरूरी है और तभी कुल मिलाकर एशिया आगे बढ़ सकेगा, क्‍योंकि इस क्षेत्र में दुनिया की 20 प्रतिशत से अधिक आबादी रहती है और यहां का सकल घरेलू उत्‍पाद 2.5 खरब अमरीकी डॉलर से अधिक है”
डॉ सिंह ने बताया कि बीआईएमएसटीईसी नई दिल्‍ली में 2008 की बैठक के बाद एक समूह के रूप में परिपक्‍व विचारों के साथ विकसित हुआ । ढाका में इसका स्‍थायी सचिवालय बनाया गया है और वहां पर महासचिव की नियुक्ति की गई है। अब यह संगठन क्षेत्रीय अखंडता और सहयोग में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की स्थिति में आ गया है। इस क्षेत्र में कई बीआईएमएसटीईसी केन्‍द्र खोले जा रहे हैं, जिनमें से तीन भारत में होंगे। इनके जरिए सदस्‍य देशों में अधिक तकनीकी आदान-प्रदान संभव होगा। जहां तक सुरक्षा का सवाल है, हमने स्थिर रूप से इसके लिए ऐसे दस्‍तावेज तैयार कर लिये हैं, जिनके जरिए अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद, बहुराष्‍ट्रीय अपराध, नशीले पदार्थों का व्‍यापार और आपराधिक मामलों में एक-दूसरे की विधिक सहायता की जरूरत आज के अखंड विश्‍व में पहले ज्‍यादा पड़ रही है। बीआईएमएसटीईसी सहयोग के जरिए हम जो कुछ कर रहे हैं, वो दुनिया वर्षों बाद करेगी और इस दिशा में इस शीर्ष बैठक को महत्‍वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। बीआईएमएसटीईसी देशों के साथ हमारे आपसी संबंध पूरी दुनिया के लिए महत्‍वपूर्ण हैं। इस शीर्ष बैठक से समय निकाल कर मुझे उम्‍मीद है कि मैं अन्‍य सदस्‍य राष्‍ट्रों के नेताओं के साथ विचारों का महत्‍वपूर्ण आदान-प्रदान कर सकूंगा जो आपसी घनिष्‍ठ और दोस्‍ताना संबंधों के लिए महत्‍वपूर्ण होंगे”
मैं एक रचनात्‍मक यात्रा की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा हूं।