[नयी दिल्ली]राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली के हाइली सिक्योर्ड साउथ ब्लाक में भी लग गई आग :कोई हताहत नहीं
दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक के कमरे में आज आग लग गयी।इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
परिसर में प्रधानमंत्री+रक्षा + विदेश मंत्रालय के कार्यालय स्थित हैं।
आज शाम करीब 5:55 बजे साउथ ब्लॉक के गेट नंबर आठ के पास स्थित ऊपरी तल में बने कमरा नंबर 31 में आग लगने की सूचना मिली। आग की सूचना मिलने के बाद 11 अग्निशमन कर्मी घटनास्थल भेजे गए
जिस कमरे में आग लगी है उसमे विदेश मंत्रालय कांफ्रेंस के लिए इस्तेमाल करता है। प्रथम दृश्या इसका कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है
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राष्ट्रीयराजधानी दिल्ली के हाइली सिक्योर्ड साउथब्लाक में भी लग गई आग:कोई हताहत नहीं
भारत को एलईडी[Light-Emitting Diode]से कम खर्च में चमकाने के लिए आज से हुई शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में घरेलू बिजली बचत योजना और राष्ट्रीय स्तर पर घरों और सड़कों पर एलईडी [light-emitting diode]बल्ब लगाए जाने संबंधी योजनाओं की शुरूआत की|
पीएम ने प्रोडक्ट की गुणवत्ता और मार्च, 2016 तक100 शहरों में घरों +सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने की परियोजना पूरी करने के लिए इसके प्रचार प्रसार पर विशेष जोर दिया| दिल्ली में घरेलू उपभोक्ताओं को एलईडी बल्ब 10 रुपए के शुरूआती भुगतान पर दिए जाएंगे और 12 महीने तक प्रति बल्ब 10 रुपए उनके बिजली के बिल में वसूले जाएंगे। इस प्रकार एलईडी बल्ब, बाजार कीमत 350 से 600 रूपए प्रति बल्ब की तुलना में इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति बल्ब 130 रुपए की कीमत पर दिए जाएंगे। दिल्ली के घरों में एक एलईडी बल्ब लगाने से लगभग 162 रुपए की वार्षिक बचत का अनुमान है। एलईडी बल्बों की तीन साल की वारंटी होगी।
श्री मोदी ने आज साऊथ ब्लॉक में एक बल्ब के स्थान पर एलईडी बल्ब लगा कर दिल्ली में घरेलू बिजली बचत और घरों तथा सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने संबंधी राष्ट्रीय योजना की शुरूआत की।बताया गया है के केवल साऊथ ब्लॉक में ही इस प्रयोग से प्रति माह 7000 यूनिट बिजली बचेगी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एलईडी बल्ब के जरिए बिजली बचाने के काम को जन-अभियान बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिजली पैदा करने से बिजली बचाना कहीं अधिक सस्ता है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिजली पैदा करने से बिजली बचाना इसलिए कठिन है, क्योंकि जहां एक उत्पादन इकाई भारी मात्रा में बिजली पैदा करती है, वहीं बिजली बचाने के लिए करोड़ों लोगों की सक्रिय भागीदारी का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए और प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित नागरिकों को एलईडी बल्ब लगाए जाने के अभियानों से जोड़े जाने की भी जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों की शुरूआत बल्ब निर्माताओं के लिए एक चुनौती है कि वे गुणवत्ता से समझौता किए बिना बेहतरीन एलईडी बल्ब का उत्पादन करें।
जागरूकता पैदा करने के अभिनव तरीकों और बिजली बचाने के संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नये वर्ष में डायरियों और कैलेंडरों जैसे उपहारों के स्थान पर एलईडी बल्बों को उपहार स्वरूप देना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि कंपनियां लाभांश देते समय एलईडी बल्बों का वितरण भी कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर लक्ष्य बनाया जाना चाहिए और एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इस योजना को प्रमुखता देनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उद्यमियों, प्रतिष्ठित नागरिकों और आम लोगों की भागीदारी राष्ट्र प्रेम का कार्य है, क्योंकि इससे आयात बिलों में कमी आएगी, यह एक प्रकार की समाज सेवा है और इससे पर्यावरण सुरक्षित होगा।
यह पहल देश भर में बिजली बचाने के संदेश के प्रसार के लिए सरकार का प्रयास है। एलईडी बल्ब साधारण बल्ब की तुलना में 50 गुना अधिक समय तक चलता है। इसके अलावा सीएफएल की तुलना में एलईडी बल्ब 8 से 10 गुना अधिक टिकाऊ होता है और इसीलिए इससे बिजली और पैसे दोनों की बचत होती है।
प्रधानमंत्री ने घरेलू बिजली बचत योजना (डीईएलपी) के तहत दिल्ली के उपभोक्ताओं द्वारा एलईडी बल्ब प्राप्त करने के आवेदनों के पंजीकरण के लिए एक वेब-आधारित प्रणाली की शुरूआत की। श्री मोदी ने सबसे पहले पंजीकरण कराने वाले दिल्ली के एक आम नागरिक को दो एलईडी बल्ब प्रदान किए।
मार्च, 2015 से एलईडी बल्बों को चरणबद्ध तरीके से वितरित किया जाएगा। लक्ष्य रखा गया है कि मार्च, 2016 तक 100 शहरों में घरों और सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने की परियोजना पूरी कर ली जाए।
इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिजली मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल सहित दिल्ली के सांसद भी उपस्थित थे।
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