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रालोद द्वारा लोक सभा की चुनावी वैतरणी पार करने के लिए चौधरी चरण सिंह के आदर्शों को पतवार बनाया जाएगा

वृन्दावन में रालोद का दो दिवसीय सम्मलेन

वृन्दावन में रालोद का दो दिवसीय सम्मलेन

[ मथुरा:] राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] के [अब]छोटे चौधरी जयंत चौधरी के संसदीय छेत्र मथुरा में आयोजित दो दिवसीय प्रांतीय कार्यकारिणी में बड़े चौधरी पूर्व प्रधान मंत्री [अब स्वर्गीय]चरण सिंह के आदर्शों की पतवार के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने का संकल्प लिया गया |
वृंदावन स्थित शांति धाम में मंगलवार से प्रारम्भ हुई रालोद की प्रांतीय कार्यकारिणी में यूं पी के संकट को उभारा गया| बैठक के अंतिम दिन बुधवार को सामाजिक प्रस्ताव पेश किए गए । बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान और संचालन केके त्रिपाठी ने किया। निम्न प्रस्ताव पेश किये गए:
[१] जाट आरक्षण के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी सच्चर कमेटी की सिफारिशें अक्षरश: व शीघ्र लागू करने के लिए संघर्ष छेड़ा जाएगा
[२]ओबीसी व दलित श्रेणियों की व्याख्या नये सिरे से करावा कर अति पिछड़े एवं दलित वर्ग को उनका अधिकार दिलाने को सभी को एक मंच पर लाना होगा
[३] चीनी मिलों पर गन्ना किसानों की बकाया राशि (चार हजार करोड़ रुपये) का भुगतान हो।
[४] प्रदेश में बौद्ध परिपथ, महाभारत परिपथ व ब्रज परिपथ को विश्व स्तरीय किया जाए।
[५]औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को स्पष्ट व दूरदर्शी योजना बने, जिससे प्रदेश के स्वरूप की 2030 या 2040 की कल्पना की जा सके।उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए [६]2017 के विधानसभा चुनाव के लिए सरकार गठन को लेकर रोडमैप तैयार करना होगा एकल खिड़की एवं क्लस्टर एप्रोच योजना।
[७] हरित प्रदेश के निर्माण के लिए पार्टी की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पूर्वाचल+ हरित प्रदेश + बुंदेलखंड का समर्थन किया गया +तेलंगाना का समर्थन पहले ही किया जा चुका है
[८]वेस्टर्न यूपी में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना।
गौरतलब है रालोद की स्थिति उसक एअपने पुअरने गढ़ में ही कुछ अच्छी नही है|पांच सांसदों में से दो सांसद सासंद बाहर जा चुके हैं इसके अलावा विधायकों की स्थिति भी विधान सभा में शोचनीय[७] स्थिति है| इन तीन सांसदों के आधार पर चौधरी अजित सिंह केंद्र में यूं पी ऐ के की सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय[सिविल एविएशन] संभाले हुए हैं| सरकार में जेट एतिहाद के समझौते को लेकर उनकी भूमिका को चुनौती मिल रही है ऐसे में पार्टी के सामने अपना प्.उ.प्र में पुराना गढ़ संभालना जरुरी है| इसके लिए सत्ता में रहना जरुरी है संभवत इसीलिए लोक सभा के चुनावों में कांग्रेस से मेल जोल की लगातार बात कही जा रही है|