[मेरठ]वेस्ट यूं पी में क़ानून व्यवस्था सुधारने निकले कुशल प्रशासक प्रमुख गृह सचिव दीपक सिंघल ने आज प्रकृति और प्रदेश वासियों के गुस्से का बड़े धीरज से सामना किया और गर्म लू के थपेड़ों में आक्रोशित जनता की समस्याएं सुनी| आज दोपहर लगभग सवा बजे पहुंचे अधिकारियों को भारी भीड़ को देखते हुए बाहर टेंट में भी बैठ कर समस्याएं सुननी पड़ी|आज कि दोपहर भी गर्म लू के थपेड़े बरसा रही थी ऐसे में जनता के आक्रोश का सामना बड़े धैर्य से किया गया |अधिकांश समस्याएं अपराध+पोलिस की नाकामी +गन्ना बकाया भुगतान और बिजली से सम्बंधित थीं|
कानून व्यवस्था की समीक्षा करने गुरुवार को मेरठ आए डीजीपी एलए बनर्जी और दीपक सिंघल का पूर्व घोषणा के अनुसार लोगों ने भारी विरोध किया। लोगों ने मुजफ्फरनगर +बागपत में उचित कार्रवाई नहीं होने पर राज्य शासन के खिलाफ जम कर नारे लगाए।
अपराध के बढ़ते ग्राफ से त्रस्त लोगों ने डीजीपी से स्थानीय प्रशासन की शिकायत की मेरठ के लिसाड़ी गेट की एक महिला तो खुल कर यह आरोप लगाया कि रेप के मामले में मेरठ पुलिस काम नहीं करती है।
मेरठ मंडल के अधिकारियों की बैठक लेने पहुंचे प्रदेश के ये दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को हरी टोपी पहने भाकियू का भी सामना करना पड़ा|
शास्त्रीनगर दुष्कर्म कांड की पीड़ित लड़की के परिजनों ने केस दोबारा खोले जाने पर आत्मदाह की चेतावनी भी दी।
सभी से ज्ञापन लेने के बाद इन सर्वोच्च अधिकारियों ने शीघ्र उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
प्रमुख सचिव गृह दीपक सिंघल व डीजीपी एएल बनर्जी गुरुवार दोपहर पुलिस लाइन पहुंचे। यहा पहले से ही मौजूद भाकियू कार्यकर्ताओं ने बिजली+बकाया गन्ना भुगतान आदि समस्याओं को लेकर अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी |
प्रमुख सचिव ने ज्ञापन लेते हुए समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।
डीजीपी ने डीआइजी के सत्यनारायण को शाम तक कुछ अपराधिक मामलों में उचित कार्रवाई के आदेश दिए। बिजली समस्या व बढ़ते अपराधों को लेकर भाजपाई भी दोनों अफसरों से मिले।
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दीपक सिंघल ने प्रकृति और प्रदेश वासियों के गुस्से का धीरज से सामना किया+समयायें सुनी+आश्वासन दिया
रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी २१ नवम्बर को गन्ना किसानों की समस्यायों के लिए गन्ना आयुक्त का घेराव करेंगे
[मेरठ ] रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी २१ नवम्बर को गन्ना किसानों की समस्यायों के लिए गन्ना आयुक्त का घेराव करेंगे |
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] की चेतावनी गोष्ठी में उपाध्यक्ष +सांसद जयंत चौधरी ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि २१ नवम्बर तक यदि गन्ना किसानो की समस्याएं हल नहीं की गई तो २१ नवम्बर को लखनऊ में गन्ना आयुक्त और सरकार का भी घेराव किया जाएगा |
उन्होंने कहा कि किसानो को आपस में लड़वाने नहीं, बल्कि गन्ना किसानो के लिए लड़ने आए हैं|
आज मेरठ जनपद के कंकरखेड़ा में जिटौली रोड पर स्थित इशिका फार्म में राष्ट्रीय लोकदल की चेतावनी गोष्ठी सम्पन्न हुई। गोष्ठी का आयोजन रालोद की पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इकाई ने किया जिसमें प्रदेश में
[१]चीनी मिलों का समय से न चलना
[२] किसानों को गन्ने का उचित मूल्य न मिलना तथा
[३]गन्ने का बकाया भुगतान जैसी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकरी के अनुसार रालोद उपाध्यक्ष अलीगढ भी जा सकते हैं जहाँ से धान आदि के किसानो के लिए आंदोलन छेड़ने की भूमिका बन सकती है|
गोष्ठी में रालोद महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने कहा कि प्रदेश में गन्ना किसानों की स्थिति दयनीय है। उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। किसानों का चीनी मिलों पर २४०० करोड़ रुपए बकाया हैं। चीनी मिलें भुगतान करने को तैयार नहीं हैं। किसान भुखमरी की कगार पर हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। रालोद महासचिव ने कहा कि रालोद हमेशा से किसानों और मजदूरों की लड़ाई लड़ता चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि वह लड़वाने नहीं बल्कि किसानों के लिए लड़ने आए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों की सेवा करना ही उनका धर्म है।
युवा सांसद ने प्रदेश सरकार से गन्ना किसानों का ब्याज सहित बकाया भुगतान जल्द से जल्द करने की मांग की है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो रालोद 21 नवम्बर को लखनऊ में गन्ना आयुक्त का घेराव करेगा और यदि जरूरत पड़ी तो प्रदेश सरकार का भी घेराव किया जाएगा।
गोष्ठी का सञ्चालन सत्यवीर त्यागी और अध्यक्षता बदल वहीद कुरैशी ने की |
गोष्ठी में रालोद के बिजनौर से सांसद संजय सिंह चौहान+ प्रदेशाध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान,+ राष्ट्रीय महासचिव एवं रालोद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सत्यवीर त्यागी+ रालोद के विधायकगण सुदेश शर्मा+ वीरपाल राठी, पूर्व विधायकगण डॉ. अनिल चैधरी, डॉ. हरि सिंह ढिल्लोन के अलावा पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी तथा भारी संख्या में गन्ना किसान मौजूद थे।
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