Ad

Tag: Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवज़े की माँग अस्वीकार की  कांग्रेस को घेरने का एक और अवसर ,

⚖️⚖️⚖️
(नयी दिल्ली) सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवज़े की माँग अस्वीकार की  कांग्रेस को घेरने का एक और अवसर ,

उच्चतम न्यायालय ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को      अतिरिक्त मुआवज़े की माँग अस्वीकार की  कांग्रेस को घेरने का एक और अवसर ,

बेशक वर्त्मान केंद्र सरकार की इस मांग को अश्वीकार किया गया लेकिन यह निर्णय कहीं ना कहीं 1984 में तत्काल कांग्रेस सरकार की प्रणाली को ही उजागर करता है

सर्वोत्तम न्यायालय ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी कंपनियों से अतिरिक्त 7,844 करोड़ रुपये की मांग वाली केंद्र की उपचारात्मक याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। त्रासदी  में 3,000 लोग मारे गए और पर्यावरणीय क्षति हुई थी

शीर्ष अदालत ने पूर्व में अदालत को दिए गए अपने हलफनामे के संदर्भ में पीड़ितों के लिए बीमा पॉलिसी नहीं तैयार करने के लिए भी केंद्र को फटकार लगाई और इसे “घोर लापरवाही” करार दिया।

“कमी को पूरा करने और प्रासंगिक बीमा पॉलिसी लेने के लिए भारत संघ पर एक कल्याणकारी राज्य होने की जिम्मेदारी रखी गई थी। आश्चर्यजनक रूप से, हमें सूचित किया जाता है कि ऐसी कोई बीमा पॉलिसी नहीं ली जा रही थी। यह ओर से घोर लापरवाही है।” शीर्ष अदालत ने कहा कि भारत संघ का और समीक्षा फैसले में इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन है। संघ इस पहलू पर लापरवाही नहीं कर सकता है और फिर यूसीसी पर जिम्मेदारी तय करने के लिए प्रार्थना कर सकता है।

संसद में याचिका दायर करने के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 4 हफ्तों के बाद

⚖️⚖️⚖️ (नयी दिल्ली)संसद में याचिका दायर करने के अधिकार
 पर ⚖️सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 4 हफ्तों के बाद , उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि
 वह चार सप्ताह के बाद उस याचिका पर सुनवाई करेगा
 जिसमें केंद्र और अन्य को एक उचित प्रणाली बनाने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है
 जो नागरिकों को संसद में याचिका दायर करने और विचार-विमर्श शुरू करने का अधिकार देती है।
न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई याचिका पर केंद्र ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा है

उच्चतम न्यायालय⚖️ को मिले पांच न्यायाधीश;सांख्य 32

(नयी दिल्ली) उच्चतम न्यायालय को मिले पांच ⚖️⚖️⚖️⚖️⚖️ न्यायाधीश;सांख्य 32 उच्चतम न्यायालय में शनिवार को पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति की गयी और केंद्र ने पिछले साल 13 दिसंबर को कोलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को मंजूरी दे दी। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राजस्थान उच्च न्यायालय
 के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मिथल की नियुक्ति की घोषणा करने के लिए ट्वीट किया; न्यायमूर्ति संजय करोल, मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय; न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार, मुख्य न्यायाधीश, मणिपुर उच्च न्यायालय; पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह; और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में। एक बार जब वे अगले सप्ताह की शुरुआत में शपथ लेंगे, तो शीर्ष अदालत की ताकत 32 न्यायाधीशों तक बढ़ जाएगी।

स्वेच्छा से सेवानिवृत्त होने वाले समानता का दावा नहीं कर सकते

(नयी दिल्ली) स्वैच्छिक  सेवानिवृत्त होने वाले समानता का दावा नहीं कर सकते।
उच्चतम न्यायालय ⚖️ ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेवानिवृत्ति की तारीख से पहले सेवा से स्वेच्छा से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी सेवानिवृत्ति की उम्र हासिल करने के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते।
शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी बंबई उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती देने वाली सेवाओं से स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की अपील पर सुनवाई करते हुए आई, जिसमें उन्हें वेतनमान में संशोधन के लाभ से वंचित रखा गया था।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस⚖️ और जस्टिस एस रवींद्र भट ⚖️की पीठ ने कहा कि वीआरएस का लाभ पाने वाले और स्वेच्छा से इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र राज्य वित्तीय निगम (एमएसएफसी) की सेवा छोड़ने वाले कर्मचारी अलग स्थिति में हैं।

नागरिकों को संसद में याचिका दायर करने की प्रणाली चाहिए

(नयी दिल्ली) नागरिकों को संसद में याचिका दायर करने की प्रणाली चाहिए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी है जिसमें केंद्र और अन्य को निर्देश देने की मांग की गयी है कि वे एक उचित प्रणाली बनाने के लिए कदम उठाएं जो नागरिकों को संसद में याचिका दायर करने और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार-विमर्श शुरू करने का अधिकार प्रदान करे। याचिका शुक्रवार को न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ के समक्ष
सुनवाई के लिए आई।
पीठ ने याचिकाकर्ता करण गर्ग की ओर से पेश वकील से याचिका की एक प्रति केंद्र के वकील को देने को कहा और मामले को फरवरी के लिए स्थगित कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली मेयर के लिए याचिका 3 फरवरी को सूचीबद्ध

⚖️⚖️
(नयी दिल्ली)सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली मेयर के लिए याचिका 3 फरवरी को सूचीबद्ध

उच्चतम न्यायालय आम आदमी पार्टी (आप) की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की उस याचिका पर सुनवाई के लिए तीन फरवरी को सूचीबद्ध करने पर शुक्रवार को सहमत हो गया जिसमें दिल्ली में मेयर पद का चुनाव समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने एमसीडी के लिए महापौर चुनाव जल्द कराने पर ओबेरॉय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी की दलीलों पर ध्यान दिया।

सीजेआई ने कहा, “इसे 3 फरवरी को सूचीबद्ध किया जाएगा।”

मुसलमानों में बहुविवाह और ‘निकाह हलाला’ प्रथा की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट के पांच जज परखेंगे

(नई दिल्ली)मुसलमानों में बहुविवाह और 'निकाह हलाला'
 प्रथा की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट के पांच जज परखेंगे  सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि
 वह मुसलमानों में बहुविवाह और 'निकाह हलाला' प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की
 संविधान पीठ का गठन करेगा। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने वकील अश्विनी उपाध्याय, जिन्होंने इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर की है, की दलीलों पर ध्यान दिया कि पिछले न्यायाधीशों के दो
 न्यायाधीशों के रूप में एक नई पांच-न्यायाधीशों की पीठ गठित करने की आवश्यकता थी। संविधान पीठ - न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और
 न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता - सेवानिवृत्त हो गए हैं। “बहुत महत्वपूर्ण मामले हैं जो पांच-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष लंबित हैं। हम एक का गठन करेंगे और इस मामले को ध्यान में रखेंगे, ”सीजेआई ने कहा। उपाध्याय ने पिछले साल दो नवंबर को भी इस मामले का
 जिक्र किया था।

G 23 Leader Sibal urged Top Court to Suo Motu act on Lakhimpur Kheri

(New Delhi)G 23 Leader Sibal urged Top Court to Suo Motu act on Lakhimpur Kheri

Eight people, including four farmers, were killed in Lakhimpur Khori Violence 

Kapil Sibal Tweeted

“Supreme Court, There was a time when there was no YouTube, no social media, the Supreme Court acted suo motu on the basis of news in the print media. It heard the voice of the voiceless,”

The others including BJP workers and their driver were allegedly pulled out of the vehicles and lynched by the protesters.

The Uttar Pradesh Police has lodged a case against Union Minister of State for Home Ajay Mishra’s son Ashish Mishra but no arrest has been made so far

 

अब तो अंटा भी दागी जनप्रतिनिधियों के बावा का ,मुकद्दमे वापिसी का अधिकार

कोरोना पीड़ित के हिस्से में भी मुआवजा नही,जुमले और सिर्फ जुमले

झल्लीगल्लां
उत्तेजितसमाजसेवी
ओए झल्लेया!ये क्या हो रहा है?ओए मुल्क में सरकारें कोरोना महामारी में भी पीड़ितों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से भागने में ही लगी है। कोरोना संक्रमितों और उनकी मृत्यु के आंकड़े निरन्तर बढ़ते जा रहे है।अनेकों परिवारों में कमाने वाला कोई नही रहा।इलाज में व्यवसाय ठप्प हो गए।बच्चे अनाथ हो गए और केंद्र की सरकार कहती है कि पीड़ितों को मुआवजा नही देंगे। इस रवैये से दुखी होकर माननीय सुप्रीमकोर्ट ने कहा दिया है कि मुआवजा तो देना ही पड़ेगा।
झल्ला
झल्लाभापा जी!सरकारें तो स्मारकों पर अपने नाम के शिलापट लगाने को लालायित रहती आई है।इसीलिए बजट का बड़ा हिस्सा ऐसे ही कार्यों में जाता है और आम आदमी के हिस्से में आते हैं जुमले और सिर्फ जुमले ।अब देखो 1947 के रिफ्यूजी आज भी अपने हक का कंपनसेशन/रिहैबिलिटेशन क्लेम लेने को दर दर भटक रहे हैं