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Tag: TimepassSatire

पी एम की कुर्सी पर बैठते ही सुषमा स्वराज को संसद में उनकी निर्धारित सीट मिल गई

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

विचलित कांग्रेसी

ओये झल्लेया इन भाजपाइयों की नंगई तो देख| १६ वी संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए दोनों सदनों के माननीय सदस्यों को बुला तो लिया मगर उन्हें बैठने के लिए सीटें ही उपलब्ध नहीं कराई |हसाडे सोणे उपाध्यक्ष राहुल गांधी बेचारे पीछे खड़े ही रह गएऔर तो और इनकी अपनी श्रीमती सुषमा स्वराज, जो कभी पी एम पद की दावेदार थीं, को भी सीट नहीं दी गई इसीलिए सुषमा जी को पी एम के लिए रिज़र्व सीट पर बैठना पड़ गया |ओये यारा क्या ये सरकार अब ऐसे ही चलेगी?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण, झल्ले की एक गल सुन ,खोल के अपने दोनों कान | ओये कांग्रेसियों, भाजपाई सुषमा जी से कुछ सीखों|अरे अगर टिकेट लेने के बावजूद बस में अपनी सीट दिखाई नहीं दे तो सबसे ज्यादा अट्रैक्टिव ड्राइवर या कंडक्टर की सीट पर अपना रुमाल रख देना चाहिए |बस चलानी होगी तो अपने आप रुमाल को सही जगह पर रखवा दिया जाएगा और यही संसद में भी हुआ है |सुषमा जी को पी एम की कुर्सी से उठा कर उनके लिए निर्धारित कुर्सी पर ससम्मान बैठा दिया गया |क्यों कुछ समझे या फिर सिर्फ समझे?

नेता जी यूं पी में बिजली वालों की ढाल बनने के बजाय ,जनता की आहें पढ़ो ,इनमे सियासी ग्रन्थ लिखे हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये मीडिया वालों ने कौन सी घुट्टी पी ली है देख तो यारा हसाडे पीछे हाथ धो कर पड़ गए हैं|पानी पीते पीते कोसने पर लगे हुए हैं|भाई बिजली का संकट तो पूरे देश भर में हैंलेकिन इन्हें तो ओनली उत्तर प्रदेश ही दिख रहा है |अब तो चुनाव हो गए यारा अब तो हमें बक्श दो

झल्ला

अरे मेरे माननीय नेता जी
ग़ुरबत के मारों का हाल पढ़ना सीख लीजिये ,हमारी आहों में ग्रंथों से ज्यादा लिखा होता है |क्या कहा नहीं समझे मुझे मालूम था आप इसे नहीं समझोगे| अब सुनो पर्याप्त बिजली आप के पास नहीं हैं मान लिया+केंद्र से खरीदनी पड़ रही है ये भी जान लिया+ सियासी विरोध हो रहा है ये भी पहचान लिया लेकिन आप जी के लिए एक सवाल फिर भी मुह बाय खड़ा होता है कि आप जी ने अपनी गवर्नन्स क्षमता को किस अखाड़े में कैद कर रखा है |उदाहरण प्रस्तुत हैचार तारिख से आसमान आग उगल रहा है मगर मीडिया हब बन चुके मेरठ से बिजली नदारद है| सुबह ६ जून को मटौर- सिंभावली २२० के वी लाइन टूट गई और उसे सात तारीख की रात तक जोड़ा जाता रहा जिसके फलस्वरूप ३३ के वी के दो बिजली घर के लाखों उपभोक्ता प्रति दिन बारह बारह घंटे आप जी की व्यवस्था को कोसते रहेइससे पहले चार जून को गंगा नगर की ही ग्लोबल सिटी में हाई वोल्टेज की सप्लाई कर दी गई जिससे लोगों के बिजली उपकरण फूंक गए |लोगों को अपनी किस्मत को कोसते हुए शहर में अपने रिश्तेदारों के घर रात बिताने जाना पड़ा| एस ई अनेको कालोनियां हैं जहाँ सुबह चार जून से रात सात जून तक बिजली के झटके झेलने पड़े हैं |नेता जी ये केवल अब का रोग नहीं हों प्रत्येक वर्ष का सियासी ष्टराग है अब ये तो आप भी मानोगे कि ऐसी स्थिति में जनता मीडिया पर दबाब डालेगी +मीडिया आप पर दबाब डालेगा+ आप को बिजली वालों पर दबाब डालना चाहिए लेकिन आप उलटे मीडिया पर ही अपने दावँ आजमाना चाहते हैं अर्थार्त बिजली वालों को बचाना चाहते हैंयहाँ तक कि अपनी सत्ता को खतरे में डाल कर बिजली वालों की ढाल बने हुए हैं |अब आहें तो निकलेंगी ही इन्हें अगर नहीं पढ़ सके तो उनका असर भी होगा ही |

मोदी भापे ने घाट घाट का पानी पिया है , जानते हैं कि पावँ छूने वाले मौकापरस्त ही अक्सर पावँ खींच भी लेते हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया संसद के सेन्ट्रल हाल में हसाडे सोणे पी एम नरेंद्र दामोदर दास मोदी के तेवर देखे| ओये मोदी भाई ने हसाड़ी पार्टी में चाटुकारिता+चरणवंदना की संस्कृति को नकार दिया है उन्होंने तो २८२ में शामिल बड़े से बड़े नेताओं को भी पावँ छूने के बजाय तैयारी के साथ संसद में आने को कह दिया है| ओये अब तो वाकई लगने लगा है कि अच्छे दिन आ गए |

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जीभापा मोदी ने घाट घाट का पानी पीया हुआ है|इसीलिए उन्हें अच्छी तरह पता है कि पाँव छूने वाले ही अक्सर या तो पावों से खड़ाऊँ निकाल कर अपना काम चला लेते हैं नहीं तो मौका मिलते ही पावँ खींच लेते है|

हैं !आज कही हिंदी दिवस तो नहीं हैं?नरेंद्र मोदी हिंदी तो सुषमास्वराज ने संस्कृत में शपथ ली

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये १६ वीं लोक सभा में हसाडे १५ वें पी एम सोणे नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने हिंदी में शपथ ग्रहण करके सबको चौंका दिया |उनके बाद तो कांग्रेसी सुप्रीमो श्रीमती सोनिया गांधी को भी हिंदी में ही शपथ लेनी पड़ गई| ओये हसाडे मोदी जी ने फरमाया भी है कि वे यहीं पर ही नहीं रुकेंगे संयुक्त राष्ट्र की सभा में भी हिंदी में ही बोलेंगे |यारा अब तो हसाड़ी मातृ भाषा+राष्ट्रभाषा+प्रदेशभाषा हिंदी को उसका खोया हुआ सम्मान वापिस मिल ही जाएगा|

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जीपहले ये बताओ कि आज हिंदी का कोई विशेष दिवस तो नहीं है ना ?वरना तो आप जी के माननीय अटल बिहारी वाजपई ने भी कभी हिंदी में ही शपथ ग्रहण की थी उसके बाद तो सब कुछ अंग्रेजी ही अंग्रेजी हो गया |हाँ वैसे अब कि बार एक नई बात जरूर हुई है
साध्वी उमा भारती के अलावा + विदेश मंत्री सुषमा स्वराज+ और हेल्थ मंत्री डॉ हर्षवर्धन तक ने डेड लैंग्वेज कही जा रही भाषा संस्कृत में शपथ ली है |अगर ये तेवर कायम रहे तो ठीक है वरना तो ठीक है ही |

अखिलेश जी अपनी कमीज को साफ़ करो दूसरों के दाग दिखा कर पतली गली से निकलने की कोशिश मत करो

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये मीडिया वाले ना जाने कौन सा चश्मा लगा कर पानी पीते पीते हसाड़ी सोणी समाजवादी सरकार को ही कोसने में जुटे हुए हैं अब देखो बलात्कार और अपराध तो दूसरे प्रदेशों में भी हो रहे हैं लेकिन इन्हें तो ओनली हसाड़ा उत्तर प्रदेश ही नजर आ रहा है |ओये इन्होने कौन की कंपनी का चश्मा लगा रखा है

झल्ला

ओ मेरे पहलवान जी अपनी कमीज को साफ़ करो दूसरों के दाग दिखा कर पतली गली से निकलने की कोशिश मत करो |प्रदेश में देसी बिजली और अपराध का बढ़ता ग्राफ लैप टॉप के इम्पोर्टेड इरेज़र से नहीं मिटेगा वैसे झल्लेविचारनुसार मीडिया घरानों से अच्छे रिश्ते रखने वाले कुशल प्रशासक को आप जी ने मुख्य सचिव गृह बना दिया है अब बिजली की तरफ भी नजदीक की दृष्टि डाल ही दो|

४४ सांसदों के साथ संसद को चलाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे भारी भरकम =नाम+वजन की ही जरूरत है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो भाई कमाल हो गया |हसाड़ा कमळ ऐसा खिल गया कि लोक सभा में १०% वाला कोई विपक्ष का नेता ही नहीं रहा |यहाँ तक कि कांग्रेस का हाथ पकड़ने को भी कोई तैयार ही नहीं हो रहा|खुर्राट कमळ नाथ भी पीछे हट गए |ओये कांग्रेस के अपने युवा उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बजाय आरोप झेल रहे मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस संसदीय दल का नेता बना दिया गया है|यारा ऐसी भद्द तो पहले कभी नहीं पिट्टी होगी

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी ओनली ४४ सांसदों वाली कांग्रेस को संसद में चलाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे भारी भरकम =नाम+वजन की जरूरत पड़ेगीवैसे आप जी की जानकारी के लिए झल्लेविचार प्रस्तुत हैं :
[१] कर्नाटक में खड़गे को मुख्य मंत्री पद नहीं दिए जाने से उपजी कथित नाराजगी को दबाया जा सकेगा
[२]रेल मंत्रालय के घोटालों के खुलने पर उनका सामना करने के लिए स्वयं पूर्व रेल मंत्री उपलब्ध होंगे
[३] और राहुल गांधी पी एम से कम पर समझौता क्यूँ करें ?

एयर एशिया इंडिया की नैनो हवाई यात्रा को पलीता लगाने के लिए कथित सस्ती एयरलाइन्स एक जुट हो रही हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

एयर एशिया इंडिया का चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाडे सोणे रत्न टाटा+टोनी फर्नांडीज+अरुण भाटिया ने सस्ती हवाई यात्रा का जो वायदा किया था वोह करके भी दिखा दिया|ओये अब तो बैंगलोर से गोवा ट्रैन या बस में जाने के बजाय ठाठ से हवाई जहाज से जाओगे |१२ जून से इस नैनो यात्रा का आनंद लोगे ओये ओनली ९९०/= में गोवा जाओगे

झल्ला

खैर मुबारक जी पौने एक साल तक सत्ता के गलियारों में जूतियां घसीटने के बाद ये ध्याडा आया है लेकिन अभी भी ये इंडिगो+स्पाइस जेट+गो एयर+आदि आदि कथित सस्ती एयर लाइन्स इतनी जल्दी हार नहीं मानेगी|खबर आ रही है कि आप जी के इस प्रयास को पलीता लगाने के लिए नागरिक उड्डयन के महा निदेशक [DGCA ]पर लगातार और बारबार दबाब बनाया जा रहा है|

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अखिलेश जी इलेक्शंस हारते समय क्यूँ नहीं सोचा कि हारने के बाद तो और ज्यादा बिजली की जरुरत पड़ेगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडे सोणे मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने भी फरमा दिया है कि अगर केंद्र सरकार डेढ साल के लिए बिजली उधार दे दे तो जनता को पूरी बिजली मिल जाएगीउसके बाद तो यारा हम लोग खुद ही बिजली बनाने लग जायेंगे और अगर ये कहेंगे तो तभी इनकी उधारी भी चुकता कर देंगेयार विपक्षियों ने तो ख्वाहमखाः बात का बतंगड़ बना रखा है अब केंद्र सरकार बिजली देगी तो हम भी शहरों में २२ घंटे और गावों में १८ घंटे तक बिजली दे देंगे

झल्ला

ओ मेरे चतुर पहलवान जी अब फिर से ऊँट पहाड़ के नीचे आ ही गया| बिजली पैदा करने के बजाय लैप टॉप बाँटने में ही लुटाया गया पैसा किसी काम नहीं आया और चुनाव जीतने के लिए बिजली खरीदनी पड़ ही गई|झल्लेविचारानुसार इलेक्शंस से पहले एक्स्ट्रा बिजली खरीदते समयये क्यों नहीं सोचा था कि इलेक्शन हारने के बाद ज्यादा बिजली की जरुरत पड़ेगी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उदय होने के लिए शेव वैव बना कर बदायूं काण्ड को पहली सीढ़ी बना लिया है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये कांग्रेसी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कब समझ आएगी ?देख तो लोक सभा के चुनावों में अपने साथ हसाड़ी कश्ती डूबोने के बाद भी चैन से नहीं बैठ रहे| अपने कांग्रेस के भीतर से उठ रहे विरोधी स्वरों को दबाने के लिए अब बदायूं की किशोरियों की हत्या के मामले को उछाल रहे हैं और उनके परिवार जनों को उकसा रहे हैं|भई हसाडे सोणे मुख्य मंत्री ने इन किशोरियों के बलात्कार के बाद हत्या की जांच के लिए सी बी आई के द्वार पर मत्था टेकने की शर्त स्वीकार कर ली है इसके बावजूद इन्होने ५-५- लाख रुपयों के मुआवजे की रकम ठुकरवा दी|ओये ऐसे कही राजनीती होती है ?

झल्ला

ओ मेरे पहलवान जी आप शायद भूल गए के मरा हाथी भी सवा लाख का हुआ करता था| इसलिए राहुल गांधी की एक विजिट ने ही आप लोगों को हिल कर रख दिया और सी बी आई के समक्ष दंडवत होना स्वीकार कर लिया |अभी भी समय है ओनली मुआवजे और जांच के सियासी चक्रव्यूह से बाहर निकल आईये और अपना पराया भूल कर न्याय दिलवाइए| जहां तक रही बात कांग्रेस में भीतर घात की तो श्रीमान कांग्रेस में चढ़ते सूरज को सलाम करने की परिपाटी पुरानी हैलेकिन ये वोह सूरज है जिसका डूबने के बाद उदय जरूर होता है| पहलवान जी होशियार हो जाओ राहुल गांधी ने भी शेव वैव बना कर उदय होने के लिए बदायूं काण्ड को पहली सीढ़ी बना लिया है |

शॉट गन सिन्हा के ये तो “कहीं पे निगाहें और कहीं पे निशाना वाले” सियासी शॉट्स हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा इस भाजपा के अंदर ही कितना असंतोष है एक के बाद एक नेता अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं |अब तो शत्रुघन सिन्हा ने भी अपनी जुबानी गन से आरोपों के शॉट्स निकलने शुरू कर दिए हैं|ओये शॉटगन सिन्हा ने ७५ साल की “आयु “बार” लगाने की नीति की खुल कर आलोचना की और भाजपा की सरकार में एल के आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मंत्री नहीं बनाये जाने को मुद्दा बना दिया है|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी पेड़ के नीचे बैठ कर आम के टूट कर गिरने की उम्मीद मत लगाओ|ये तो पटना साहिब में ढाई लाख वोटों से जीतने वाले शॉट गन के कहीं पे निगाहें और कहीं पे निशाना वाले सियासी शॉट्स हैं|बिहार से मंत्रियों की लिस्ट में अपना नाम नहीं देख कर इनका क्षणिक विचलित होना स्वाभाविक ही है| देखा नहीं एक तरफ तो उन्होंने कहा है के अपने नेता नरेंद्र मोदी की समझदारी को चुनौती नहीं देना चाहते तो दूसरी तरफ उन्होंने स्वयं को मंत्रालय से दूर रखे जाने पर टिपण्णी भी कर दी है|