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Tag: Today Satire

रक्षा बजट में 16000 करोड़ के उछाल से ₹1500000 की उम्मीद को भी पलीता लग ही गया

                                                    झल्लीगल्लां

भजपाईचेयरलीडर

ओए झल्लेया! मुबारकां !! ओए हसाडी सरकार बहुत जल्द अतिआधुनिक मिसाइल और हेलीकॉप्टर आदि खरीदने जा रही है।इसके लिए ₹ 16000 करोड़ खर्च करने को कमर कस ली गई है।ओये अब हसाडी रक्षा व्यवस्था ने चीन और पाकिस्तान के साथ ही तालिबानियों को नानी और दादी याद करा देणी है

झल्ला

चतुर सेठ जी!

अभी ₹ पांच लाख करोड़ की वसूली तो हुई नही कि उसमें छेद शुरू हो गए। आप लोगों के ये  तेवर देख कर लगता है कि ₹ 1500000 की उम्मीद को भी पलीता लग ही गया।

 

अमेरिका के लिए अफगानिस्तान में आत्मरक्षार्थ फुंकारते रहना जरूरी है

झल्लीगल्लां

पाकिस्तानी कट्टरपंथी

ओए झल्लेया! ये अमेरिका कौन सा नया खेल खेलने लगा हुआ है? एक तरफ तो अपनी सेनाओं को अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक  वापिस बुलाने की घोषणा कर रहा है तो दूसरी तरफ हवाई हमले किये जा रहा है।

झल्ला

मौलाना! अजगर अगर शाकाहारी हो जाये तो आप जैसे उसे ही मार खाएं ।इसीलिए शाकाहारी  अजगर तो अजगर सांप आदि को भी  आत्मरक्षार्थ फुंकारते रहना जरूरी है 

अब तो अंटा भी दागी जनप्रतिनिधियों के बावा का ,मुकद्दमे वापिसी का अधिकार

अफगान शरणार्थियों की सम्पत्ति का मुआवजा भी तालिबानी सरकार से वसूलो

                                                     झल्लीगल्ला

भारतीय गुरसिख

ओए झल्लेया!हिन्दू और सिखों को और कितने ज़ुल्म सहने होंगे!1947 में शुरू हुई पीड़ा का दर्द अभी भी हमे रुलाता है ।ऐसे में अब अफगानिस्तान से हसाडे लोगों का विस्थापन शुरू हो गया।ये तो भला हो भारत मे मोदी सरकार का जो ना केवल बचाव अभियान चलाए है बल्कि पीढ़ियों को शरण दे रही है और भारतीय नागरिकता भी देने के रास्ते साफ करती जा रही है।

झल्ला

अब समय आ गया है ।अब और विस्थापन रोकने को कमर कसनी ही होगी।इसके लिए

(1)पंजाब में होने जा रहे चुनांवों में सिख वोट बैंक और अंतराष्ट्रीय छवि मोह छोड़ कर शरणार्थी और घुंसपैठियो की  पहचान बारीकी से करनी होगी

(2)सीएए को तुरन्त लागू करना होगा

(3) पड़ोसी मुल्कों से भारत आ रहे शरणार्थियों की वहां छूट रही सम्पत्तियों का मुआवजा भीवसूलना होगा

(4)विस्थापितों को नागरिकता देने के साथ ही उन्हें बसाने के लिए तत्काल पर्याप्त ,सुरक्षित  यौजना बनानी होगी।

अक्सर ठप्प संसद भवन भी किराए पर उठा दें तो अच्छी खासी कमाई हो जाएगी

                                                       झल्लीगल्ला

भाजपाइचिंतक

ओए झल्लेया!मुबारकां!! ओए अब हसाडा मुल्क फिर से कहलायेगा “सोने की चिड़िया”

हसाडी होनहार वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन जी ने  उपयोग में नही आ रही सम्पत्तियों को किराए पर उठाने का निर्णय ले लिया है।पहले चरण में रेलवे+ स्टेडियम+ऊर्जा+सड़कों को किराए पर दिया जाएगा।ओए हसाडी जनसेवा को  समर्पित सरकार ने जनसेवा के लिए छह लाख करोड़ ₹जुटाने को कमर कस ली है।अब तो भारत का बुनियादी ढांचा मजबूत होवे हीहोवे

झल्ला

हाँ जी

अब सरकारी सम्पत्तियों पर कब्जे के डर से निजात मिल जाएगी।किरायेदार जाने और जाने आंदोलनकारी

वैसे झल्लानुसार अगर अक्सर ठप्प रहने वाले संसद (पुराना)भवन को भी किराए पर उठा दिया जाए तो यहां शादी ब्याह+पार्टी+मीटिंग्स से अच्छी खासी कमाई हो सकती है।

पँजांब के गन्ना किसान राज्य सरकार के असली दांत देख कर ही आंदोलन जारी रखें

अफगान शरणार्थी और घुसपैठियों की जांच परख में काईयाँपन दिखाना होगा

झल्लीगल्लां

चिंतित हिंदूवादी

ओएJhalla Cartoon झल्लेया! ये मोदी सरकार की मति मारी गई है जो अफगानिस्तान से शरणार्थियों को भारत के लिए e visa देने को  उदारता दिखा रहा है।देख तो  एनशिएन्ट Ancient राजा पोरस ने सिकन्दर के विरोधियों को  शरण दी और झेलम चिनाब की जंग हार बैठे। आधुनिक भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दलाईलामा को शरण दी तो चीन का ड्रैगन आज तक फुंकार रहा है।अब अफगानिस्तान के तालिबान को भी उंगली करनी शुरू हो गई है।ये तो वोही बात हुई कि पैर पर कुल्हाड़ी नही लगी तो कुल्हाड़ी पर ही पैर दे मारो।

झल्ला

झल्लाओ भापा जी! खातिर जमीत रखो! शरणागत को शरण देने की परिपाटी का तो  आपने स्वयम बखूबी  बखान कर ही दिया ।वैसे एआप जी की चिंतावामिब है जिसके निराकरण के लिए भारत सरकार को शरणार्थी और  उनके भेष में घुसपैठियों की जांच परख में उदारता के बजायकाईयाँपन दिखाना होगा।

उन्हें एक स्थल पर ही पर्याप्त सुरक्षाघेरे में रख कर मूवमेंट पर सक्षम लगाम लगानी होगी।वरना तो समझो गई भैंस पानी में

अफगान शरणार्थी और घुसपैठियों की जांच परख में काईयाँपन दिखाना होगा
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रजिस्ट्रेशन प्लेट आई नही,फ्री की सर्विस से फ्री करो (व्यंग)

(#व्यंग) महान मुल्क भारत में बेशक 80 करोड़ लोग मुफ्त के सरकारी राशन को मोहताज़ है लेकिन अच्छी कंडीशन की महज महीने में 20 किलोमीटर चलने वाली पेंशनर की स्कूटी महज 15 वर्ष पुरानी होने पर वाहनकमेले में भिजवा कर हुकूमतें विकासविकास का गान कर गौरान्वित होती है।

व्यंग

व्यंग

अब हमारी स्कूटी किसी आंदोलनरत किसान  के ट्रेक्टर सरीखा तो है नही सो अभयदान का पात्र नही है।इसी अपमानजनक तमगे से निजात दिलाने को श्रीमती जी ने 83 हजार ₹ की नई स्कूटी का वरदान दे दिया।अब चुनांचे नोटबन्दी के पश्चात सब कुछ चल रहा है सो डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर 1 %अतिरिक्त का भुगतान लाजमी है।

नए का पूरा सम्मान है।सो कुर्सी और दीवान के मध्य स्थान है।पेट्रोल 100 के पार है सो हौंसले की दरकार है

ईमानदार शासन और प्रशासन को भी सलाम है इसीलिए एक माह से रजिस्ट्रेशन नंबर और प्लेट का धैर्य से इन्तेजार है।वाहन कंपनी की पिल रही है इसीलिए या तो रजिस्ट्रेशन के बगैर वाहन चलाओ और चलान कटवाओ ।और  तो और 15 दिन में गाड़ी चलाओ या ना चलाओ शुरू की फ्री सर्विस से फ्री होना लाजमी है

Vikas

Vikas

जहां तक विकास की बात है तो वाकई में विकास के दावों कोझुटलाया नही जा सकता।मैंने जब सरकारी नॉकरी शुरू की टाओ दूसरी तनख्वाह पर ही एक  साईकल (बिना घण्टी+लाइट) ले पाया था, सुपरनुअशन तक महज साईकल से लूना,स्कूटर,स्कूटी तक ही पहुंच पाया। ।पिछले  दिनों उसी (जो कभी अपना था)विभाग की रिहायशी कॉलोनी में जाने का अवसर मिला तो देखा कि जितने फ्लैट्स हैं उनके सामने उससे ज्यादा चौपहिया खड़े हैं।

हमलावर सांसद सदन में रहें या जाएं कोई फरक नही पैंदा जी,बिल तो पास हो ही रहे हैं

झल्लीगल्लां

काँग्रेसीचीयरलीडर

ओए झल्लेया!

संसद में ये कैसी तानाशाही का दौर शुरू हो गया???

मोदी सरकार बिना विपक्ष के ही सारा बिजनेस चलाने पर तुली हुई है।

राज्यसभा में हसाडे नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने वरिष्ठता का परिचय देते हुए उच्च सदन में तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों के निलंबन पर केंद्र सरकार को चेतावनी दे दी है कि मोदी सरकार विपक्षी सांसदों को  बाहर निकालकर सदन चलाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी झुकने वाले नहीं हैं
झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाणा !विपक्ष ने संसद की कार्यवाही के दौरान ही जनहित के मुद्दों पर क्या चर्चा कर ली???

शोर शराबे से जी नही भरा तो पुर्जे फाड़ कर स्पीकरों की तरफ उछाल दिए।अब हुक्मरानों को बिजनेस तो चलाना ही है ,अब चर्चा हो या ना हो।विपक्ष के चुनिंदा सांसद सदन में रहें या जाएं कोई फरक नई पैंदा जी।

 

 

आमजन के लिए 1947 के काला अगस्त 21 के अगस्त में और स्याह हो गया

झल्लीगल्लां

भजपाईचेयरलीडर

ओए झल्लेया!

ये क्या हो रहा है? ओये सबसे वडडे लोकतंत्र के महान संसद की महत्वपूर्ण कार्यवाही को चाटपापड़ीं और ढोकला बता कर मजाक उड़ाया जा रहा है।मानसून सत्र में महत्वपूर्ण समस्यायों पर चर्चा ही नही हो पा रही । अगर अपनी जासूसी से त्रस्त सांसदों की आपसी दूरियां यूं ही बढ़ती रही तो हमारी समस्यायों का कौन समाधान निकालेगा ? किसानों को राहत कैसे मिलेगी?? कोरोना के खिलाफ जंग कैसे अंतिम मुकाम तक पहुंचेगी???

झल्ला

चतुर सेठ जी!

आपके प्रधान सेवक जी ने भी विपक्ष के व्यवहार को देश और लोकतंत्र का अपमान बता कर पल्ला झाड़ लिया ।मानसून सत्र में कैक्टस रूपी तीन बिल पास करा कर सीना ठोक  लिया। आमजन की समस्या 1947 के काले अगस्त से शुरू हुई जो 2021 के काले अगस्त में और स्याह हो गई

1947 के हजारों रिफ्यूजी आज भी अपने हक के रिहैबिलिटेशन क्लेम के लिए दर दर भटक रहे है लेकिन हसाडे अलिकुली संसद ठप्प करने में महारत हासिल करने में जुटे है।