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Tag: Toilets first then temples

नरेंदर मोदी के शौचालय में जय राम रमेश सरीखे कांग्रेसी फंस ही गए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कुपित भाजपाई

ओये झल्लेया ये केन्द्रीय मंत्री जय राम रमेश के सर पर लगता है कि सत्ता का नशा कुछ ज्यादा ही चड गया है तभी उन्होंने हिन्दुओ कि भावनाओं पर एक बार फिर से कुठाराघात कर दिया ओये इसकी हिम्मत तो देखो कहता है कि श्री राम कि जन्म स्थली अयोध्या में महा-शौचालय बना दिया जाना चाहिए ओयेलगता है कि तुष्टिकरण की निति का पालन करते करते ये लोग सारी मर्यादा भी भूल गए हैं |

झल्ला

अरे सेठ जी आप को तो खुश होना चाहिए आपके नरेंदर मोदी के शौचालय में कांग्रेसी फंसने शुरू हो गए हैं |अब देखो बेशक मोदी ने महात्मा गाँधी को श्रधांजलि देने के लिए शौचालयों का महत्त्व स्वीकार करके गुजरात में विकास की बात कही थी लेकिन पत्रकार नेता और मनरेगा जैसी महत्त्व कांक्षी यौजना के प्रभारी
जय राम रमेश सरीखे कांग्रेसी फंस गए हैं |ठीक है में समझाता हूँ सबसे पहले तो
[१] जय राम रमेश ने यह मान लिया है कि अयोध्या में राम मंदिर ही था क्योंकि अगर किसी दूसरे धर्म के विषय में कम से कम चुनावों के समय ऐसी बात कहने से पहले इनके मंत्री पद का राम राम कर दिया जाता |
[२] अयोध्या से करोड़ों लोगों कि भावनाएं जुडी हैं ऐसे में वहां शौचालय बनाने की वकालत करने वाला या तो स्वयम पीड़ित है या फिर मानसिक रूप से बीमार झल्लेविचरनुसार जय राम रमेश इनमे से किसी भी केटेगरी में नहीं आते हैं| जाहिर है ऐसे में उन्होंने महज सुर्खियाँ बटोरने के लिए अयोध्या में महा-शौचालय बनाने की वकालत की है और अगर ये सच है तो सेठ जी इस शौचालय से हिन्दुओ के विरुद्ध तुष्टिकरण की बू आती है क्यों ठीक है ना ठीक ?

भाजपा के प्रतीक्षारत कट्टर हिंदूवादी पी एम् मोदी ने कांग्रेस से मुद्दा छीनते हुए नया नारा दिया “पहले शौचालय,फिर देवालय”

[नयी दिल्ली] भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रतीक्षारत उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के हाथों से एक महत्त्व पूर्ण मुद्दा छीनते हुए बड़े साहस से कहा कि पहले शौचालय बनने चाहिए और मंदिर बाद में|
युवाओं के लिए आयोजित एक समारोह में गुजरात के मुख्य मंत्री श्री मोदी ने कहा कि हिंदुत्ववादी नेता की छवि होने के बाद भी उनमें यह बात कहने का साहस है। एनजीओ ‘सिटीजंस फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस’ द्वारा आयोजित युवा छात्रों के सम्मेलन में मोदी ने बुधवार को नया नारा दिया “पहले शौचालय, फिर देवालय।”
इस दौरान सेनिटेशन की समस्या से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा “मेरी छवि हिंदुत्ववादी नेता की। यह मुझे इस तरह कहने की इजाजत नहीं देती फिर भी मुझमें यह कहने का साहस है कि पहले शौचालय बनना चाहिए फिर देवालय बनाने चाहिए | महात्मा गांधी का संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा कि ‘21वीं सदी में भी बहनों को खुले में शौच जाना पड़ता है यह , देश के लिए ज्यादा शर्मिंदगी की बात है |
दिल्ली के थ्यागराज स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 200 कॉलेजों के 7 हजार छात्रों ने भाग लिया |
गौरतलब है कि महात्मा गाँधी जीवनपर्यंत शौचालयों की आवश्यकता पर बल देते रहे आज कल कांग्रेस के नेता जयराम रमेश भी बड चड . कर टॉयलेट्स के लिए वकालत करते फिर रहे हैं ऐसे में खुले रूप से मंदिर से टॉयलेट्स को प्राथमिकता का बयाँ देकर मोदी ने लगता है कि कांग्रेस के मुद्दे छीनने शुरू कर दिए हैं|