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Central Ministry of Steel Starts Construction Of 2500 Toilet Blocks For Completion By FYE

[New Delhi]Central Ministry of Steel starts construction Of 2500 toilet blocks For Completion Under Swachh Bharat Abhiyan By End Of The Current Financial Year
A review meeting was held under the Chairmanship of Minister of Steel and Mines Narendra Singh Tomar, with Heads of Central Public Sector Enterprises (CPSEs) under the Ministry of Steel and Ministry of Mines, at New Delhi on 19.11.2014, regarding construction of toilets under Swachh Bharat Abhiyan.
Shri Tomar advised the CPSEs to ensure that the identification & blocking of schools and placement of work orders must be completed by December’2014 and the construction of schools should be completed by March 2015. Quality of construction must be of high standards and long-lasting, as it has a bearing on the reputation of the organization and the Ministry, he added.
It is noteworthy that CPSEs under Ministry of Steel had earlier decided to construct 3500 toilet blocks at an aggregate cost of Rs. 100 crore. Out of these, around 2400 toilet blocks have been identified and blocked by the CPSEs on the website of Ministry of HRD, and the remaining are being identified.
Similarly CPSEs under the Ministry of Mines had allocated Rs. 7.5 crore approximately, for construction of toilet blocks. Out of planned 334 schools for toilet blocks, 135 schools have been identified and blocked on the website of Ministry of HRD, and the remaining are being identified. Construction of toilets in respect of both the Ministries is in preliminary stage and is expected to gain momentum by the year-end.
The meeting was attended by the Secretary Ministry of Steel, Shri Rakesh Singh, the Secretary Ministry of Mines, Dr. Anup K. Pujari along with other senior officers of both the Ministries. CMDs of all CPSEs viz, SAIL, RINL, MOIL, NALCO, MECL, HCL, MSTC, KIOCL, HSCL, MECON were present.

सार्वजनिक+निजी क्षेत्र की कंपनिया स्वच्छभारत-स्वच्छविद्यालय अभियान में एक लाख शौचालय बनवाएंगी

प्रधान मंत्री के स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान को सफल बनाने के लिए देश की बड़ी कंपनियों ने स्कूलों में टॉयलेट निर्माण को आगे आये
एनटीपीसी ने 24,000 शौचालयों के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दिया जबकि इनफ़ोसिस ने १०९ स्कूलों को अपने नाम किया
टीसीएस+टोयोटा किर्लोस्कर+भारती फाउंडेशन +अंबूजा सीमेंट ने भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी ने स्कूलों में शौचालयों के निर्माण के लिए सीएसआर निधि के इस्तेमाल पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया |सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र की कंपनियों की ओर से एक लाख शौचालयों के निर्माण के लिए संकल्प किये गये।
केन्द्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ने स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान के एक हिस्से के रूप में स्कूलों में शौचालयों के निर्माण के लिए कंपनी सामाजिक दायित्व निधि के इस्तेमाल पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया। मंत्री महोदया ने बताया कि वर्ष 2019 तक एक स्वच्छ भारत के प्रधानमंत्री के मिशन को तभी पूरा किया जा सकता है, यदि हम स्कूलों में प्रत्येक बच्चे के लिए चालू शौचालयों सहित स्कूलों में अच्छा और साफ-सुथरा वातावरण उपलब्ध करा सकें ताकि ये ऐसे व्यापक लक्ष्य के लिए बदलाव का एक इंजन बन सकें जिसे हमने अपने लिए निर्धारित किया है। श्रीमती इरानी ने दोहराते हुए कहा कि एक वर्ष के भीतर बालिकाओं के लिए अलग शौचालय के साथ प्रत्येक विद्यालय में शौचालय उपलब्ध कराना सरकार का संकल्प है और उन्होंने कंपनियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे शौचालयों का निर्माण करके और कुछ समय तक उनका रख-रखाव करके इस राष्ट्रीय प्रयास में भाग लें।
इस सम्मेलन में पूरे भारत से आये कंपनियों के प्रमुखों ने भाग लिया। मारुति सुजुकी के अध्यक्ष श्री आर सी भार्गव, इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्षा श्रीमती सुधा मूर्ति, जेएंडके टायर्स के अध्यक्ष डॉ. रघुपति सिंघानिया और भारतीय उद्योग परिसंघ, सीएसआर पहल के अध्यक्ष और निजी क्षेत्र की अन्य कंपनियों के प्रमुखों ने इसमें भाग लिया। एनटीपीसी के अध्यक्ष और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा औद्योगिक संघों के सदस्यों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन की शुरुआत तीन मिनट की एक लघु फिल्म से हुई जो बिना शौचालय वाले स्कूलों में बालिकाओं की समस्याओं पर आधारित थी।
एनटीपीसी के अध्यक्ष ने 24,000 शौचालयों के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दिया। श्रीमती सुधा मूर्ति ने मंत्रालय की उस वेबसाइट पर भुवनेश्वर के 109 स्कूलों को अपने नाम कर लिया जो निजी क्षेत्र के लिए अपने-अपने हित में चलाये जाने के लिए छोड़ दिये गये थे। शौचालयों के निर्माण के लिए टीसीएस, टोयोटा किर्लोस्कर, भारती फाउंडेशन और अंबूजा सीमेंट ने भी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को राष्ट्र का आह्वान करते हुए घोषणा की थी कि “बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों के साथ देश के सभी विद्यालयों में शौचालयों का लक्ष्य एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।”