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Tag: Tony Fernandez Of Air Asia

एयर एशिया इंडिया एयर लाइन्स को सिविल एविएशन मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र दे ही दिया :अब डी जी सी ऐ की बारी

एयर एशिया इंडिया एयर लाइन्स को सिविल एविएशन मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र दे ही दिया :अब डी जी सी ऐ की बारी एयर एशिया इंडिया के प्रभारी टोनी फेर्नान्देज़ ने सोशल साईट पर ट्विट करके एयर एशिया इंडिया को अनापत्ति प्रमाण पत्र [एन ओ सी] जारी करने के लिए भारत सरकार की प्रशंसा करने की मंशा जाहिर की है इससे लगता है के टाटा और मलेशिया की एयर एशिया एयर लाइन्स के जॉइंट वेंचर एयर एशिया इंडिया एयर लाइन्स के पंखों को आजाद कर दिया गया है सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से एन ओ सी जारी होने से एयर लाइन्स की राहें बेहद आसान हुई हैं लेकिन अभी भी परवाज /उड़ान भरने के लिए महा निदेशक नागरिक उड्डयन [नियामक] [ DGCA ]से फ़ाइल क्लियर करवानी जरुरी है| एयर एशिया इंडिया को बजट एयर लाइन्स की श्रंखला को आगे बढाने वाली एयर लाइन्स बताया जा रहा है जिसके आने से देश में स्पाइस जेट +इंडिगो आदि वर्तमान लो कास्ट एयर लाइन्स को घरेलू आकाश में कड़ी प्रति स्पर्धा मिलेगी |
गौरतलब है कि मलेशिया की एयर एशिया ने बहु राष्ट्रीय टाटा संस और टेलेस्त्रा के अरुण भाटिया के साथ बीते फरवरी में जॉइंट वेंचर के रूप में एयर एशिया इंडिया के गठन की घोषणा की थी|

इंडिया में इंटरनैशनल एयर सर्विस शुरू करने के लिए बेतुका कानून है:एयरएशिया ग्रुप के चीफ एग्जेक्युटिव टोनी फर्नांडीज

एयरएशिया ग्रुप के चीफ एग्जेक्युटिव टोनी फर्नांडीज ने सिविल एविएशन मंत्री से मुलाकात के तत्काल पश्चात इंडिया में एविएशन सेक्टर के कानून की कड़ी आलोचना शुरू कर दी है। इसके लिए फर्नांडीज ने 5 साल के डोमेस्टिक ऑपरेशंस और 20 एयरक्राफ्ट के बाद ही किसी कंपनी को इंटरनैशनल उड़ान की इजाजत दिए जाने वाले नियम को आधार बनाया है|
फर्नांडीज प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी लो-कॉस्ट एयरलाइंस की उड़ान अक्टूबर में शुरू करने की बात करते करते रेग्युलेटरों और कंपनियों की एक साथ आलोचना के झटके देने शुरू कर दिए| उन्होंने कहा कि इंडिया में इंटरनैशनल एयर सर्विस शुरू करने के लिए जो कानून है, उसका कोई तुक नहीं है। उन्होंने बताया, ‘एयरएशिया मलेशिया के पास अगर एक प्लेन भी है, तो वह इंडिया के लिए उड़ान भर सकती है। इंडिया में इसके लिए जो रूल है, वह यहां की कंपनियों के हित में नहीं है।’ फर्नांडीज ने जनता पार्टी के चीफ सुब्रमण्यम स्वामी की भी आलोचना की। स्वामी ने टाटा ग्रुप के साथ एयरलाइन वेंचर के लिए उनकी पार्टनरशिप को फर्जीवाड़ा बताते हुए भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि भारत को इन निहित स्वार्थों के चलते कई साल गंवाने पड़े।
गौरतलब है कि मलेशिया की एयर एशिया+टाटा+और अरुण भाटिया की कंपनियों के जॉइंट वेंचर के रूप में उतर रही एयर एशिया इंडिया के अधिकारियों ने नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह से मुलाकात करके उड़ान के लिए आज्ञा मांगी उसके पश्चात इस तरह आलोचना आधार हीन या अनावश्यक नही हो सकती|अब सवाल यह उठता है कि ऍफ़ आई पी बी द्वारा क्लियरेंस दिए जाने के उपरांत भी एयर एशिया इंडिया को लटकाया जा रहा है और इसके ठीक विपरीत ऍफ़ आई पी बी +सेबी की अडचनों के बावजूद मंत्री अजित सिंह जेट एतिहाद को उड़ाने के लिए प्रधान मंत्री तक से सामनाकरने पर तुले हैं|एयर एशिया इंडिया की पहली प्राथमिकता डोमेस्टिक उड़न है लेकिन उनकी नज़र इस आलोचना के पश्चात अन्तराष्ट्रीय आकाश पर है क्योंकि यही फायदे वाला सौदा है|और इस छेत्र में जेट एयरवेज द्वारा कड़ी प्रतिस्पर्धा की संभावना है