Ad

Tag: Tourism

बीते वर्ष घरेलू पर्यटन में यूं पी और विदेशी पर्यटक आकर्षित करने में दिल्ली तीसरे स्थान पर रहे

बीते वर्ष घरेलू पर्यटन में यूं पी और विदेशी पर्यटक आकर्षित करने में दिल्ली तीसरे स्थान पर रहे | घरेलू पर्यटन में 19 % बढ़ोत्तरी हुई तो विदेशी पर्यटक आगमन भी 6 %से अधिक बढ़ा है |
पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्‍यों और संघ-शासित राज्‍यों में घरेलू पर्यटकों की यात्रा (डीटीवी) में 2011 की तुलना में वर्ष 2012 के दौरान 19.87 % की बढ़ोतरी हुई।
वर्ष 2010 की तुलना में 2011 में यह वृद्धि 15.6 % रही थी। पर्यटन मंत्रालय द्वारा आज जारी नवीनतम पर्यटन आंकड़ों के अनुसार राज्‍यों / संघ-शासित राज्‍यों में घरेलू पर्यटकों की यात्राओं की संख्‍या 1036 मिलियन रही, जबकि 2011 में यह संख्‍या 865 मिलियन और 2010 में 748 मिलियन रही।
वर्ष 2012 के दौरान घरेलू पर्यटकों की यात्राओं की संख्‍या (मिलियन में) के मामले में 10 शीर्ष राज्‍यों के नाम इस प्रकार हैं: -[१] आंध्र प्रदेश (206.8),[२] तमिलनाडु (184.1),[३] उत्‍तर प्रदेश (168.4),[४] कर्नाटक (94.1),[५] महाराष्‍ट्र (66.3),[६] मध्‍य प्रदेश (53.2),[७] राजस्‍थान (28.6),[८] उत्‍तराखंड (26.8),[९] गुजरात (24.4) [१०] पश्चिम बंगाल (22.7)।
वर्ष 2012 के दौरान इन राज्‍यों का घरेलू पर्यटक यात्राओं की कुल संख्‍या में योगदान लगभग 84.5 % था। वर्ष 2012 के दौरान आंध्र प्रदेश ने डीटीवी के मामले में पहला स्‍थान प्राप्‍त किया, जबकि दूसरा स्‍थान तमिलनाडु का रहा, जो 2011 में तीसरे स्‍थान पर रहा था। उत्‍तर प्रदेश जो वर्ष 2011 में पहले स्‍थान पर था खिसक कर तीसरे स्‍थान पर आ गया।
राज्‍यों और संघ-शासित राज्‍यों में 2011 की तुलना में वर्ष 2012 के दौरान विदेशी पर्यटकों की यात्राओं (एफटीवी) की संख्‍या में 6.33 % की बढ़ोतरी हुई, जबकि 2010 की तुलना में 2011 में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। राज्‍यों और संघ-शासित राज्‍यों में विदेशी पर्यटक यात्राओं की संख्‍या 2012 के दौरान 20.7 मिलियन रही, जबकि 2011 में यह संख्‍या 19.5 मिलियन और 2010 में 17.9 मिलियन रही थी।
एफटीवी संख्‍याओं (मिलियन) के संदर्भ में 10 शीर्ष राज्‍यों के नाम इस प्रकार हैं :- [१]महाराष्‍ट्र (5.1),[२] तमिलनाडु (3.6), [३]दिल्‍ली (2.3),[४] उत्‍तर प्रदेश (2), [५]राजस्‍थान (1.5), [६]पश्चिम बंगाल (1.2),[७] बिहार (1.1), [८]केरल (0.8), [९]कर्नाटक (0.6), [१०]हिमाचल प्रदेश (0.5) ।
वर्ष 2012 के दौरान विदेशी पर्यटक यात्राओं की कुल संख्‍या में इन राज्‍यों का योगदान 90.1 प्रतिशत रहा।

***

अजय माकन ने, दिल्ली से, नरेंदर मोदी द्वारा पुणे में दिखाए गए गुजरात विकास को आईना दिखाया

कांग्रेस के नए संचार प्रभारी अजय माकन ने भाजपा नरेन्द्र मोदी के पुणे में दिए गए भाषण का दिल्ली से जवाब देते हुए केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए गुजरात में विकास माडल के दावों को आईना दिखाया |
दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में अजय माकन ने स्पोर्ट्स + शिक्षा और टूरिज्म के आंकड़ें प्रस्तुत करते हुए [१]स्पोर्ट्स के मामले में कहा के

[१]स्पोर्ट्स ]

के छेत्र में देश को अन्तराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने में वाकई अभी समय लगेगा लेकिन इसके साथ ही २०१२ में महामारी उपलब्धियों को कम करके नही आँका जाना चाहिए |इसमें अब तक सबसे अधिक भारत के ८३ खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया और ६ मेडल्स जीते |इसकी तुलना उन्होंने गुजरात से करते हुए कहा के झाड़ खंड के नेशनल गेंम में गुजरात को ४४४ में से जीरो गोल्ड मैडल और कुल १४७९ मेडल्स में से केवल ७ मेडल्स ही मिले जबकि चंडीगढ़ जैसे छोटे यूं टी ने दस मेडल्स जीते| यहाँ तक के ओलम्पिक के लिए हरियाणा ने ६ में से ४ मेडल्स जीते जबकि गुजरात के पास क्या है?

[२]शिक्षा

२००४ में सामान्य शिक्षा के लिए ६८०० करोड़ रुपये थे २०१३-१४ के लिए ५२८७५ करोड़ रखे गए हैं टेक्नीकल शिक्षा में ६४१ करोड़ रुपये बढ़ा कर ६५१८.२ करोड़ का प्रावधान है|
गुजरात में २०११-१२ के लिए १३.९%का प्रावधान रखा था यह देश में १४वा स्थान है|
सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी +आई आई टी+आई आई एम् सर्वश्रेष्ठ हैं सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी की संख्या ३० से बढ़ा कर ७३ कर दी गई हैं|इसके ठीक विपरीत गुजरात में [अ]२५%सरकारी डिग्री कालेजों में प्रिंसिपल नही हैं|[आ]डिप्लोमा इंजीनियरिंग कालेजों में यह २०% से भी कम हैं|[इ]६७% सीनियर फेकल्टी मेंबर की कमी है|सामान्य शिक्षा में यह स्थिति और भी ख़राब है|
[३]मिड डे मिल्स के छेत्र में देश भर में ९२.०६% तक यह सुविधा पहुंची है जबकि गुजरात में यह संख्या केवल ८९.९४% ही है|पंजाब और वेस्ट बंगाल का नंबर इसके बाद आता है|
[४] देश में व्यस्क साक्षरता ६४.८% से ७४% पर है जबकि गुजरात में[ अ]पुरुष साक्षरता ९वे [आ]महिलाओं में १४ वा[इ]
इसके अलावा शिक्षा के अधिकार से ३०८८८ प्राईमरी भवन +१०६४४ अपर प्राईमरी + अतिरिक्त क्लास ६८८३८५ +५१८७०० शौचालय बनवाये गए हैं |७००४७५ शिक्षकों के पद स्वीकृत किये जा चुके हैं|

[३]टूरिज्म

राष्ट्रीय पर्यटन में गुजरात का २.५% शेयर से दसवें नंबर पर है जबकि अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहले दस में तो कही नही हैं|

पोलिस अधिकारी और प्रशासनिक व्यवस्थापकों को पर्यटकों के साथ व्यवहार की ट्रेनिग दी जानी चाहिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक मेरठी

ओये झल्लेया ये हसाडा सोणा मेरठ किधर जा रहा है? यहाँ आये दिन विदेशी पर्यटकों के साथ बदसलूकी हो रही है| [१]मेरठ की दौराला पुलिस ने का ही वियतनाम के एक निर्दोष नागरिक को केवल अपनी धमक दिखलाने के लिए मोदी पुरम के समीप सड़क पर मुर्गा बना दिया और उस बहारे को सारी जिन्दगी के लिए अपमान का नासूर दे दिया [२] आस्ट्रेलिया से 19 सितंबर 2008 को भारत घूमने आई विदेशी युवती के साथ बस में सवार एक युवक ने दौराला क्षेत्र में ही छेड़खानी की थी पोलिस ने आँखे बंद कर ली [३] फ्रांसीसी युवतियां उत्तराखंड की बस से २०१० में हरिद्वार जा रही थी। बस के मेरठ में प्रवेश करते ही युवकों ने फ्रांसीसी युवतियों से छेड़खानी शुरू कर दी। परतापुर ब्रिज पर हंगामा हो गया ||ओये एक तरफ तो हम सरकार से यहाँ पर्यटन को बढावा देने के लिए यौज्नाएं मांगते नहीं थक रहे और दूसरी तरफ यहाँ से गुजरने वाले गिनती के ही पर्यटकों की ऐसी की तैसी करने में जुटे हैं| ऐसे कैसे चलेगा|

पोलिस अधिकारी और प्रशासनिक व्यवस्थापकों को पर्यटकों के साथ व्यवहार की ट्रेनिग दी जानी चाहिए

झल्ला

हाँ जी बात तो आप जी की सौलह आने सही है हमारे संस्कृति भी कहती है के अतिथि देवो भव|अब पूर्वजों के इस उपदेश को किताबों में ही बंद करके रख छोड़ें तब भी हसाडी सोणी सरकारें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं चलाती हैं| आये दिन टी वी विज्ञापनों में आमिर खान जैसे सेलेब्रेटी अथितियों का सम्मान करने के उपदेश दे रहे हैं|और तो और टर्की जैसा देश अपने इस्ताम्बुल के लिए पर्यटकों को लुभाने के लिए भारत में पापड बेल रहा है लेकिन हमारे यहाँ कुल्हाड़ी पर ही पैर मरने के तैय्यारी चल रही है| विदेशी मेहमानों के साथ अगर यहां की पुलिस मुर्गा बनाने जैसा सुलूक करेगी तो विदेशों में देश की क्या तस्वीर बनेगी।एक तो पहले से ही घोषित यौजनाएं [महाभारत सर्किट] ठन्डे बसते में पडी हैं और दूसरे ये दुर्व्यवहार ऐसे में भला कौन यहां आना चाहेगा और कैसे हमारी आर्थिक गाड़ी के पहिये रफ़्तार पकड़ेंगे |इसीलिए झल्लेविचारानुसार सबसे पहले पोलिस अधिकारी और प्रशासनिक व्यवस्था को पर्यटकों के साथ व्यवहार के ट्रेनिग दी जानी चाहिए|