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केन्द्रीय विद्यालयों के लिए कन्नौज+संभल+लखीम पुर खीरी+सीतापुर में प्रदेश सरकार भूमि उपलब्ध करायेगी

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय विद्यालयों के लिए भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया
मुख्य मंत्री अखिलेश यादव से शनिवार को उनके सरकारी आवास पर केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री जितिन प्रसाद ने मुलाकात की और कुछ केन्द्रीय विद्यालयों के लिए भूमि का आग्रह किया|
जिसे स्वीकार करते हुए सी एम् ने कन्नौज में भी केन्द्रीय विद्यालय स्थापित कराने का आग्रह किया|इसके आलावा जितिन प्रसाद ने मौलाना आजाद नॅशनल उर्दू यूनिवर्सिटी[ MANUU ] का कैम्पस संभल में स्थापित करने के लिए भूमि की मांग की |
इस मुलाकात के बाद अब कन्नौज+संभल+लखीम पुर खीरी+सीतापुर में शिक्षा के स्तर को सुधारा जा सकेगा|

यूं पी की अयोध्या में गुजरात के सोम नाथ मंदिर की तर्ज़ पर सरकार भव्य मंदिर का निर्माण करायेगी ?

यूं पी की अयोध्या में गुजरात के सोम नाथ मंदिर की तर्ज़ पर भव्य मंदिर का निर्माण होगा यह एक खबर है और अगर इस चौंकाने और सतर्क करने वाली बड़ी खबर का खंडन शीर्ष न्रेत्त्व से नहीं आया तो इस एक कदम से देश में धर्म निरपेक्षता को एक परिभाषा मिलेगी|
दिल्ली बेस्ड अंग्रेजी के दैनिक टाइम्स आफ इंडिया ने यूं पी के पोलिस और सत्ता के गलियारों में हुए संवादों के आधार पर यह समाचार छापा है कि फैजाबाद के वरिष्ठ पोलिस अधिकारी और डी एम् की मीटिंग में सोम नाथ मंदिर की तर्ज़ पर राम मंदिर के निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की गई है | राज्य सरकार के सचिव सतीश चन्द्र मिश्रा द्वारा डी जी पी को लिखे पत्र में राम जन्म भूमि के निर्माण सम्बन्धी मीटिंग के आयोजन का उल्लेख किया गया है|
इस सन्दर्भ में भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल के अडवाणी के ब्लॉग का जिक्र करना जरुरी है जिसमे उन्होंने सोम नाथ मंदिर के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस के छद्म धर्म निरपेक्षता को उजागर किया है | तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरु के विरोध के बावजूद भी तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा एतिहासिक सोम नाथ मंदिर में ज्योतिर्लिन्ग्हम स्थापित करके यह बताने का प्रयास किया है कि हमारा राष्ट्र धर्म विरुद्ध या अधार्मिक नहीं है बल्कि यह सच्चे सेकुलरिज्म को दर्शाते हैं कांग्रेस + सी बी आई+भाजपा +मुजफ्फर दंगों में आरोपों से घिरे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की सत्ता रुड पार्टी का यह समजवादी दावं फ़िलहाल उनके विरोधियों को इस दिशा में व्यस्त ही रखेगा
अपने नवीनतम ब्लॉग के टेलपीस [पश्च्य लेख] में अडवाणी ने लिखा है कि सोमनाथ मंदिर जब बन कर तैयार हुआ तब तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंदर प्रसाद को मंदिर का उद्घाटन करने के लिए ज्योतिर्लिन्ग्हम [Jyotirlingam. ] स्थापित करने का आमत्रण दिया गया |इस कार्य के लिए तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु आपत्ति उठा चुके थे लेकिन प्रधान मंत्री की आपत्ति को दरकिनार करते हुए राजेंद्र बाबू ने यह कहते आमंत्रण स्वीकार किया कि मस्जिद या चर्च में अगर ऐसा आयोजन होता तो भी में सहर्ष स्वीकार करता| अडवाणी ने कहा किहमारा राष्ट्र धर्म विरुद्ध या अधार्मिक नहीं है बल्कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद के भाव देश के सच्चे सेकुलरिज्म को दर्शाते हैं | राष्ट्रपति ने अपने प्रधान मंत्री के विरोध के बावजूद धार्मिक अनुष्ठान में मुख्य अथिति की भूमिका निभा कर यह प्रमाणित भी किया

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के खिलाफ तीन साल पुरानी ऍफ़ आई आर पर गैर जमानती वारंट जारी

[फैजाबाद]। राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के प्रदेश अध्यक्ष +पूर्व सिंचाई मंत्री मुन्ना सिंह चौहान सहित पांच लोगों के विरुद्ध तीन साल पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी किये गए हैं |
जिसे श्री चौहान ने फर्जी रिपोर्ट पर उत्पीडन की कार्यवाही बताया है| सेकंड न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुन्ना सिंह चौहान और पूर्व जिला पंचायत सदस्य विश्वेशनाथ मिश्र उर्फ सुड्डू समेत पांच लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किये हैं|
पांचों आरोपियों के हाजिरी माफी प्रार्थनापत्र को निरस्त करके किया है।
रालोद नेता से इस बाबत पूछने पर उन्होंने बताया कि एक दलित [पासी] परिवार को न्याय दिलाने के लिए 19 जुलाई 2010 को पार्टी के लगभग डेढ़ सौ समर्पित समर्थकों के साथ पूराकलंदर थाने का केवल घेराव किया था थाने का दोषी प्रभारी स्थान्तरित भी हो गया लेकिन जाते जाते वोह अपनी रिपोर्ट में पूराकलंदर थाने के सामने इलाहाबाद-फैजाबाद राजमार्ग जाम करने का आरोप भी मढ़ गया | श्री चौहान के अनुसार एक तरफ तो प्रदेश सरकार बसपा की मायावती की सरकार में दर्ज़ फर्जी ऍफ़ आई आर को निरस्त करने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ फर्जी ऍफ़ आई आर के आधार पर उनका औत्पिदन किया जा रहा है|उन्होंने न्यायिक प्रणाली में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि अगली तारीख पर अदालत जाकर न्यायाधीश महोदय को स्थिति से अवगत कराएँगे|

रालोद सांसद जयन्त चौधरी ने हिंसाग्रस्त मुजफ्फरनगर में तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में दोबारा सफलता हासिल की

सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फर नगर में तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में दोबारा सफलता हासिल की सांसद जयन्त चौधरी ने यूं पी के दंगों की सीबीआई जांच की मांग करते हुए न्याय न मिलने तक लड़ने का संकल्प दोहराया| गौरतलब है कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह को मुजफ्फर नगर में गिरफ्तार करके लौटाया जा चुका है|| मुख्य मंत्री और प्रधान मंत्री के दौरों का एलान हो चूका है ऐसे में स्थानीय नेता की अपने ही छेत्र में अनुपस्थिति से रालोद की प्रतिष्ठा पर स्वाभाविक प्रश्न लग रहा था| जिसके उत्तर में स्थानीय नेता का अपने लोगों से मिलना जरुरी था|
उत्तर प्रदेश प्रशासन के साथ लुका छुप्पी के खेल में राष्ट्रीय लोकदल महासचिव +लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी आज दूसरी बार प्रशासन को धत्ता बताते हुए चुपके से मुजफ्फरनगर पहुंचे और तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में सफलता हासिल की | उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों से बातचीत कर अपनी संवेदना व्यक्त की और लोगों से आग्रह किया कि वे मिलजुलकर रहें क्योंकि यही इस क्षेत्र की परंपरा रही है।
दंगों की सीबीआई जांच की मांग करते हुए जयन्त चौधरी ने राज्य सरकार से न्याय न मिलने तक लड़ने तथा अयोग्य, भ्रष्ट और निर्दयी सपा सरकार को राज्य की सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि 7 सितम्बर तथा उसके बाद की घटनाओं में प्रशासन की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
जयन्त चौधरी ने तड़के सुबह 5 बजे बिना किसी पार्टी पदाधिकारी को सूचित किए तथा बिना सुरक्षा के राज्य में प्रवेश किया तथा मुजफ्फरनगर में तीन गांवों रहमतपुर, बसेड़ा और बोखलहेड़ी का दौरा किया। वह सबसे पहले बसेड़ा गांव पहुंचे और बृजपाल सिंह राणा के परिवारीजनों से मिले एवं अपनी संवेदना व्यक्त की। बृजपाल सिंह महापंचायत से लौटते समय 7 सितम्बर 2013 को मारे गए थे। उनकी चार लड़कियां तथा एक लड़का है, तीन लड़कियों की शादी हो चुकी है तथा लड़का 12वीं में पढ़ रहा है। उसके बाद वह रहमतपुर पहुंचे और अजय के परिवारीजनों से मिले। अजय की 7 सितम्बर 2013 को जॉली गांव में हिंसा के दौरान मौत हुई थी।
उसके बाद जयन्त चौधरी बोखलहेड़ी गांव पहुंचे तथा मृतक सोहनवीर और शौकत के परिवारीजनों से मिले। बाद में मुजफ्फरनगर में पार्टी के सांसद संजय सिंह चौहान के निवास पर जयन्त चौधरी ने दोनों समुदायों के बुजुर्ग लोगों के साथ बैठक कर पार्टी अध्यक्ष चौ. अजित सिंह का संदेश सुनाया जिसमें उन्होंने कहा, “मैं तीन पीढ़ियों के इस रिश्ते को नफरत के माहौल से टूटने नहीं दूंगा।” बैठक में दोनों समुदाय के लोगों में शाही इमाम मौलाना जाकिर, मौलाना फुरकान, मौलाना जमालुद्दीन, कारी जकी, मौलाना जैलुद्दीन, कृष्णपाल राठी, सुधीर भारती, ठा. अरुण सिंह तथा अन्य लोग उपस्थित थे।
रालोद राष्ट्रीय महा सचिव जयन्त चौधरी ने कहा, “मैंने दूसरी बार प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है। मैंने दोनों समुदायों के नेताओं तथा परिवारों से मुलाकात की है। लोग प्रशासन से दुखी तथा नाराज हैं। उत्तर प्रदेश सरकार लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। मैं सीबीआई जांच तथा जान-माल की हानि का उचित मुआवजा देने की मांग करता हूं।”
जयन्त ने शांति तथा सुलह के लिए अपने-अपने समुदायों को मजबूत संदेश देने के लिए गांव के बुजुर्गों की भूमिका पर जोर दिया। जयन्त चौधरी ने पार्टी के लोगों को शांति बहाल करने तथा सक्रिय रूप से गांवों का दौरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “जो लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, मैं उनसे शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं तथा जो लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं, मैं उनको वापस लाने के लिए उनके गांवों में अनुकूल माहौल तैयार करने का कार्य करूंगा।”
रालोद ने दावा किया है कि उनके नेता का यह साधारण दौरा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे से अलग है जिन्होंने 27 अगस्त 2013 को कवाल में पहली घटना के बाद लगभग 20 दिन बाद प्रभावित जिले का दौरा किया है। मुजफ्फरनगर तथा शामली में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के बजाए प्रशासन मुख्यमंत्री के इस दौरे की सुरक्षा व्यवस्था में पूरा जोर दे रहा है।
दूसरी बार जयन्त क्षेत्र में घुसने में कामयाब रहे। इससे पहले 13 सितम्बर 2013 को उत्तर प्रदेश पुलिस के रोकने से पहले ही उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों मोर खुर्द, मोहम्मदपुर शिखस्त तथा निलोखा का दौरा किया था। गाजियाबाद में प्रवेश करने के प्रयास में सांसद जयन्त चौधरी को 9 सितम्बर 2013 को गिरफ्तार किया गया था। रालोद अध्यक्ष तथा केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह को 9 सितम्बर 2013 को उत्तर प्रदेश में नहीं जाने दिया उसके बावजूद भी 12 सितम्बर को उन्हें गिरफ्तार करके छोड़ा गया था|

रालोद के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित हिन्दू,मुस्लिम परिवारों को धाडस बंधाया

राष्ट्रीय लोकदल [रालोद]के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने आज प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित परिवारों को धाडस बंधाया| रालोद के महासचिव जयन्त चौधरीमुजफ्फरनगर+ मेरठ, बागपत तथा शामली जनपद में शान्ति बहाली के उद्देश्य से गए थे। उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों में हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारीजनों से बातचीत की तथा शोक व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश प्रशासन को चकमा देकर श्री जयन्त चौधरी तड़के सुबह 6 बजे बिना सुरक्षा तथा बिना किसी को बताए अपने एक वाहन से अकेले मेरठ में प्रवेश किया।RLD General Secretary and MP Jayant Chaudhary in Nilokha, District Meerut, meeting Salim,72, whose grandson, Sahid (32), was killed on September 8 in the village as Sahid's mother looks on
जयन्त पहले मोर खुर्द गांव पहुंचे और वैभव और छोटू से मिले जिनके पिता विरेन्द्र सिंह 7 सितम्बर को मारे गए थे।
उसके बाद वह मोहम्मदपुर शिखस्त गांव गए और हिमांशु (8) तथा चिराग (10) से मिले और शोक व्यक्त किया। इन मासूम बच्चों ने अपने पिता योगिन्दर सिंह को 7 सितम्बर को महापंचायत से लौटते समय खो दिया था।
उसके बाद वह निलोखा गांव की ओर चले तथा 72 वर्षीय सलीम से मिले जिनका 32 वर्षीय पोता साहिद 8 सितम्बर को गांव में मारा गया। जयन्त को देखकर सलीम रो पड़ा और कहा, “मैंने सबकुछ एक झटके में खो दिया। क्यों?” जयन्त ने दुखी पिता को ढ़ाढस बंधाते हुए कहा कि आप बुजुर्ग व्यक्ति हैं, आपने सबकुछ देखा है। अपना दिल मत दुखाईए।”
इसके बाद गांव के सभी बुजुर्ग मस्जिद में एकत्रित हुए जहां जयन्त चैधरी उनसे मुखातिब हुए तथा कहा कि सभी बुजुर्ग एक साथ आगे आएं और समुदाय को शान्ति एवं सुलह का संदेश दें।
रालोद नेता जयन्त चौधरी ने कहा, “मैं उन लोगों के पास जाना चाहता था जो दुखी हैं। कई जिन्दगियां समाप्त हो गईं। मैंने लोगों में राज्य सरकार की निष्क्रियता के प्रति आक्रोश देखा है। लोग भाईचारे व शान्ति को पुनः बहाल करने की गंभीर पहल के लिए जागरूक हैं। निलोखा गांव में बहुत से ग्रामीणों ने मुझे बताया कि जो लोग गांव छोड़ चुके हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा, हम गांव को बिखरने नहीं देंगे।”SONY DSC
जब जयन्त चौधरी ने निलोखा गांव छोड़ा तथा बहरामपुर गांव में मृतक जहीद के परिवारीजनों से मिलने के लिए चले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें मेरठ जनपद के जानी गांव पर रोक लिया तथा वापस जाने के लिए कहा। जानी में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में शान्ति है लेकिन वे सांसद की वापसी पर अड़े हुए थे।
युवा सांसद ने कहा, “यह समय पुलिस के लिए समस्या उत्पन्न करने का नहीं है। मैं शान्ति के लिए आया हूं। मैं बहरामपुर जाना चाहता था लेकिन जानी में पुलिस ने मेरी कार को रोक लिया। पुलिस ने कई जगह बैरीकेडस लगा रखे थे। मैं चाहता हूं कि प्रशासन अपने संसाधानों को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केन्द्रित करे बजाय यह सुनिश्चित करने के कि मैं अपने लोगों से न मिल सकूं।”
जयन्त चौधरी ने यह भी कहा कि एक तरफ तो समाजवादी पार्टी के नेता आगरा में बैठक करके राजनीतिक मुद्दों पर चर्चाएं कर रहे हैं और दूसरी तरफ सांप्रदायिक हिंसाओं को बुझाने जा रहे जन प्रतिनिधियों को रोका जा रहा है। इस समय इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन उचित नहीं है तथा इससे उन लोगों का भला नहीं होगा जो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा न्याय की मांग कर रहे हैं

अखिलेश यादव ने मुजफ्फर नगर हिंसा में घायल लोगों का इलाज निशुल्क कराने के आदेश जारी किये

उतर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फर नगर हिंसा में घायल लोगों का इलाज निशुल्क किये जाने के आदेश जारी किये हैं|श्री यादव ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को जनपद मुजफ्फर नगर की हिंसा में घायल लोगों का निशुल्क इलाज करवाने के निर्देश दिए हैं|इसके अलावा जिनकी संपत्ति जल कर नष्ट हुई है उनकी लिस्ट तत्काल तैयार करने को कहा गया है|मृतकों के परिजनों को १०-१० लाख और घायलों को ५०-५० हज़ार रुपये देने का एलान किया जा चुका है|मंडलाध्यक्ष सहारनपुर और जिलाधिकारी मुजफ्फर नगर को तत्काल इन आदेशों का अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं|

मुजफ्फरनगर के हिंसा प्रभावित छेत्रों में रालोद सुप्रीमो अजित सिंह और भाजपा सांसदों की एंट्री पर रोक : मरने वालों की संख्या ३१ तक पहुंची

मुजफ्फरनगर में हिंसा प्रभावित छेत्रों में रालोद सुप्रीमो अजित सिंह और भाजपा सांसदों की एंट्री पर रोक :
मरने वालों की संख्या ३१ तक पहुंची उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार को भड़की हिंसा से सोमवार तक मरने वालों की संख्या ३१ तक पहुंच गई है।सेना की तैनाती के बावजूद साम्प्रदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।रालोद सुप्रीमो और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह के साथ ही भाजपा के सांसदों पर भी दंगा प्रभावित छेत्रों में जाने से रोक लगा दी गई है| इसके अलावा पुलिस द्वारा 200 लोगों को गिरफ्तार किया है और चार भाजपा विधायकों + कांग्रेस के एक पूर्व सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।प्रदेश में हाई अलर्ट है |
सोमवार को जिले के प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेना का फ्लैग मार्च और पुलिस की गश्त जारी रही | पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में साम्प्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद तनावपूर्ण हालात के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र बताते हुए कहा कि हिंसा पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। इस मामले में आज उनकी प्रधानमंत्री और राज्यपाल से बात हुई है। जो लोग माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं, उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा। सरकार जांच में जुटी हुई है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ0 अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन माँगा

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ0 अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की है|उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल होने एवं प्रदेश में फैले सांप्रदाियक दंगों को काबू करने में नाकाम रहने के कारण केन्द्रीय सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लागू करे।प्रदेश में दंगों की सेंचुअरी पूरी होने पर यह मांग उठाई गई है|
चौधरी अजित सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में समाज वादी पार्टी के सत्ता में आने के समय से उत्तर प्रदेश में सौ से भी अधिक सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं।
मुजफफरनगर में हाल ही में हुए दंगों ने प्रदेश सरकार की दुर्बल+ बेअसर और लापारवाही को उजागर किया है |
अखिलेश यादव सरकार पिछले दरवाजे से दंगों को भड़का रही है। सिथति इतनी खराब हो चुकी है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपनी जान गंवाने के डर से क्षेत्र को छोड़ना पड़ा। प्रदेश में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना को बुलाना पड़ा है।
यह विडंबना है कि श्री अखिलेश यादव की सरकार ने सांप्रदायिक दंगों के पीडि़तों को दो तरह के मुआवजे दिए हैं जो कि एक समान होने चाहिए। निवर्तमान वी0एच0पी0 की यात्रा को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने 8000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है लेकिन प्रदेश में व्याप्त तनाव व हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा का अंदाजा लगाने में वह पूर्णत विफल रही। हिंसक दंगों को भड़काने वाले भाषण देने वाले राजनेताओं के विरूद्व कार्यवाही करने में प्रदेश सरकार नाकाम रही।
चौ0 अजित सिंह ने जनता से अपील की है कि वे अवांछनीय तत्वों द्वारा फैलायी जा रही अफवाहों से उत्तेजित न हों और सदियों पुराने चले आ रहे शांति और भार्इचारे को बनाए रखें।