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100 Million Girls+Women Cursed with FGM In Egypt+Ethiopia+Indonesia:UNICEF

[Geneva]100 Million Girls+Women Cursed with Female Genital Mutilation [FGM] In Egypt+Ethiopia+Indonesia:UNICEF
At least 200 million girls and women worldwide have been subjected to female genital mutilation with half of those living in Egypt, Ethiopia and Indonesia, according to the UN children’s agency.
Somalia, Guinea and Djibouti continue to show the highest prevalence of FGM globally, but the overall rate in some 30 countries has dropped, said a UNICEF report released ahead of International Day of Zero Tolerance for FGM, tomorrow.
The United Nations is working to end the practice of cutting women’s genitalia by the target date of 2030, a goal set in its new development agenda that was adopted in September by all UN member-states.
Of the 200 million FGM victims, 44 million are girls age 14 and younger.
In the 30 countries where the practice is most widespread, the majority of girls have undergone FGM before their fifth birthday, said UNICEF which declared the practice a clear violation of children’s rights.
“In countries like Somalia, Guinea and Djibouti, the practice is practically universal,” said Claudia Cappa, the lead author of the report.
“Being born in those countries means you have 9 out of 10 possibilities of undergoing the practice.”
The prevalence rates for FGM in Somalia stands at a staggering 98% for Somalia, 97 % for Guinea and 93 % for Djibouti.
The new global figure on FGM includes nearly 70 million more girls and women than the last estimate for 2014, largely due to new data provided by Indonesia and population growth in some countries.
Overall, the prevalence of FGM among teenage girls has dropped in the 30 countries, from 51 per cent in 1985 to 37 per cent today.
There have been major strides in Liberia, Burkina Faso, Kenya and Egypt to end the mutilation of girls.
Attitudes are changing, Cappa said, pointing to surveys showing that a majority of people in those countries want the practice to end.
“We need to support national efforts to promote the abandonment of the practice,” said Cappa, pointing to successes in efforts to “change the way communities see FGM and cutting.”
Since 2008, more than 15,000 communities have abandoned FGM including 2,000 last year alone.
Five countries have passed laws criminalizing the practice: Kenya, Uganda, Guinea-Bissau and recently Nigeria and Gambia in 2015.

World Population Day Observed With Theme”Vulnerable population in emergencies”

[New Delhi]World Population Day Is observed today With The Theme “Vulnerable population in emergencies”
Union Health Minister J P Nadda +Shripad Yesso Naik participated in the Walkathon at India Gate earlier in the day.
On this occasion Shri Nadda stated that there needs to be more consciousness and awareness among the people regarding population issues and the ramifications of an increasing population.

पाकिस्तान की गोलियों के जवाब में भारत ने पोलियो उन्मूलन में मानवतावादी सहयोग की पेशकश भेजी

[नई दिल्ली]पाकिस्तान की गोलियों के जवाब में भारत ने मानववादी उत्तर में पोलियो उन्मूलन में सहयोग की पेशकश भेजी | भारत को पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया जा चुका है|
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पोलियो उन्मूलन में पाकिस्तान को सहयोग की पेशकश की है
उन्होंने विश्व पोलियो दिवस पर सभी पक्षों से आत्मसंतुष्ट हुए बगैर पोलियो के खिलाफ जंग जारी रखने का आह्वाहन किया |
केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन में मदद के लिए वहां की सरकार को पूर्ण सहयोग देने की पेशकश की है।
विश्वभर में आज पोलियो के जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, उनमें से 85 % का वास्ता पाकिस्तान से ही है। यह पाकिस्तान के पड़ोसी देश भारत के लिए चिंता का विषय है।
विश्व पोलियो दिवस पर डॉ. हर्षवर्धन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री श्री नवाज शरीफ की उस हालिया घोषणा का स्वागत किया जिसमें उन्होंने एक ‘राष्ट्रीय आपात कार्य योजना-2014’ पर अमल करने की बात कही है। इस कार्यक्रम पर आने वाले समूचे खर्च का वहन सरकार वर्ष 2018 तक करेगी।
मंत्री ने पड़ौसी मुल्क की ,इस योजना को सटीक बताया |
पोलियो के खिलाफ जंग के लिए भारत के सामाजिक समूहों की मदद लेने के कदम की सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने सराहना की है, जिनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, रोटरी इंटरनेशनल और बीमारी नियंत्रण के लिए अमेरिकी केन्द्र भी शामिल हैं। पोलियो के खिलाफ जंग के लिए इस तरह की पहल के बारे में सबसे पहले वर्ष 1994 में दिल्ली में कल्पना की गई थी, जिस दौरान डॉ. हर्षवर्धन इस राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस ओर ध्यान दिलाया कि यह विशेष मॉडल अपनाने से पाकिस्तान को भी पोलियो उन्मूलन अभियान में अच्छी कामयाबी मिलेगी। जब तक समाज के सभी समूहों खास कर पाकिस्तान के मौलवियों को इस मुहिम में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक पोलियो का जड़ से उन्मूलन करने के लक्ष्य को पाना संभव नहीं हो पाएगा।
‘ पोलियो उन्मूलन में अपने उल्लेखनीय कार्य के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), रोटरी फाउंडेशन, लायंस इंटरनेशनल, भारतीय चिकित्सा संघ और अनेक अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से पुरस्कार प्राप्त कर चुके डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ’विश्व पोलियो दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि कोई भी बीमारी राष्ट्रीय सीमाओं का ख्याल नहीं रखती है। विश्व स्तर पर वर्ष 1998 से ही तकरीबन 40 देशों को कहर ढाने वाले पोलियो वायरस से एक या उससे ज्यादा मर्तबा जूझना पड़ा है, जबकि ये मुल्क पोलियो मुक्त घोषित किये जा चुके थे।‘
जहां तक पाकिस्तान और अफगानिस्तान का सवाल है, वहां से पोलियो महज एक बस यात्रा जितनी दूर है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इसके लिए सीमाओं पर अनेक तरह की व्यवस्था की गई है। मसलन, पाकिस्तान से यहां आने-जाने वाले यात्रियों को टीका लगवाने की सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं। इसके अलावा, विशेष टीमों को तैनात कर आपात स्थिति में बचाव के लिए भी योजनाएं बनाई गई हैं।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan administering the polio vaccine drops to children under-five years to mark the World Polio Day, in New Delhi on October 24, 2014.

विश्‍व की सबसे बड़ी आबादी किशोर और युवा है जिसमे निवेश स्पर्धी लाभकारी है:विश्‍व जनसंख्‍या दिवस- 2014

[नई दिल्ली]
केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने विश्‍व जनसंख्‍या दिवस- २०१४ के अवसर पर बताया कि भारत के पास विश्‍व की सबसे बड़ी किशोर और युवा आबादी है और इसमें निवेश स्पर्धी लाभकारी सिद्ध होगा| उन्होने युवाओं की समस्‍याओं के तत्‍काल समाधान पर भी बल दिया |
केंद्रीय गृह मंत्री ने आज विश्‍व जनसंख्‍या दिवस-2014 समारोह का उद्घाटन किया। यह समारोह भारत के महापंजीयक तथा जनगणना आयुक्‍त के कार्यालय तथा संयुक्‍त राष्‍ट्र जनसंख्‍या कोष (यूएनएफपीए) द्वारा संयुक्‍त रूप से आयोजित किया गया था। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जनसंख्‍या संगठन डाटा प्रसार की ऐसी रणनीति का पालन कर रहा है जिसका उद्देश्‍य सभी वर्गों के डाटा उपयोगकर्ताओं के साथ मजबूत भाईचारा विकसित करना है।
श्री राजनाथ सिंह ने यूथइंफो इंडिया, सेनससइंफो इंडिया तथा सेंसस डिजिटल लाइब्रेरी को सीडी पर साफ्टवेयर आधारित माड्यूल के जरिये लांच किया।
गृह मंत्री ने बताया कि 10-24 वर्ष के आयु वर्ग में युवाओं की कुल आबादी 36.50 करोड़ है। इस तरह देश में प्रत्‍येक तीसरा व्‍यक्ति युवा है। आंकड़ा यह भी दिखाता है कि 10-19 वर्ष के आयु वर्ग में प्रत्‍येक पांचवां व्‍यक्ति किशोर है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व जनसंख्‍या दिवस- 2014 का विषय ‘भारत के युवाओं में निवेश’ देश के लिए स्‍पर्धी लाभ लेने के लिए बेहतर मार्ग है। उन्‍होंने युवाओं की समस्‍याओं की ओर तत्‍काल ध्‍यान देने की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है यहां युवा अपना लक्ष्‍य जारी रख सकें और पसंद के क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍टता हासिल कर सकें।
श्री राजनाथ सिंह ने साफ्टवेयर आधारित माड्यूल सेंससइंफो इंडिया तथा यूथइंफो इंडिया पोर्टल संयुक्‍त रूप से बनाने के लिए यूएनएफपीए तथा यूनीसेफ जैसी एजेंसियों की सराहना की।
गृह राज्‍य मंत्री श्री किरण रिजुजू ने जनगणना आंकड़ों को ‘भारत के युवाओं में निवेश’ विषय से जोड़ने के महत्‍व पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने कहा कि सरकार ई-शासन तथा उपयोगकताओं के लिए डाटा डिजिटलीकरण के प्रति प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय गृह सचिव श्री अनिल गोस्‍वामी, भारत में यूएनएफपीए तथा यूनीसेफ के प्रतिनिधि, भारत के महापंजीयक तथा जनगणना आयुक्‍त ने भी अपनी राय रखी। संयुक्‍त राष्‍ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भारत में युवा और विकास विषय पर उन्‍हें साथ लाने के लिए भारत सरकार को धन्‍यवाद दिया।
फोटो कैप्शन
The Union Home Minister, Shri Rajnath Singh released two publications on adolescents and youth in India at the inauguration of the world population day celebrations, in New Delhi on July 17, 2014.
The Minister of State for Home Affairs, Shri Kiren Rijiju and the Union Home Secretary Shri Anil Goswami are also seen.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश प्रमाणित किया

[नई दिल्ली]विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश प्रमाणित कर दिया है इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाब नबी आजाद ने प्रमाण पत्र ग्रहण किया|
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत को ‘पोलियो मुक्त’ देश का दर्जा देते हुए आज आधिकारिक प्रमाण पत्र प्रदान किया।
भारत दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र के उन देशों में शामिल हो गया हैं जिन्हे जिन्हें वाइल्ड पोलियो वायरस मुक्त देश का प्रमाण पत्र दिया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाब नबी आजाद ने एक समारोह में यह प्रमाण पत्र ग्रहण किया। इससे पहले 1994 में अमरीका के क्षेत्र, 2000 में पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और 2002 में यूरोपीय क्षेत्र को यह प्रमाण पत्र मिल चुका है।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में श्री आजाद ने कहा कि भारत जनवरी 2011 में ही पोलियो मुक्त हो चुका था। समूचे दक्षिण-पूर्व एशियाई स्वास्थ्य मंत्रियों की ओर से इस ऐतिहासिक अवसर पर श्री आजाद ने सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने पर खुशी और संतोष जाहिर किया जो असंभव दिखाई देती थी क्योंकि दुनिया में पोलियो के सबसे अधिक मामले भारत में सामने आते थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने 19 वर्ष पूर्व 1995 में पोलियो समाप्त करने का कार्यक्रम आरंभ किया था, जब हर वर्ष देश में 50,000 हजार से ज्यादा बच्चे इसका शिकार हो जाया करते थे। उन्होनें कहा कि उच्च स्तर पर दृढ़ संकल्प के कारण इस उपलब्धि को हासिल किया गया। इनमें तकनीकी आविष्कार जैसे देश में तैयार द्विसंयोजक पोलियो टीका, पर्याप्त घरेलू वित्तीय संसाधनों और पोलियो कार्यक्रमों की सघन निगरानी शामिल है जिसके कारण 99 प्रतिशत टीकाकरण किया गया और भारत पोलियो मुक्त हो गया। उन्होनें कहा कि 10 लाख से अधिक मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएसएचए) और सहायक नर्स दाईयों (एएनएन) के प्रयासों से पोलियो समाप्त करने के कार्यक्रम को गति मिली। 23 लाख पोलियो स्वयं सेवकों और 150,000 सुपरवाइजरों की मजबूत टीम दिन-रात काम करते हुए प्रत्येक बच्चे तक पहुंची। स्वास्थ्य मंत्री ने डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, रोटरी इंटरनेशनल, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और बच्चों के माता-पिता सहित अन्य साझेदारों के मजबूत तकनीकी और सामूहिक प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
इस समारोह में डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र संगठन देशों के प्रतिनिधि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सहयोगी एजेंसियों जैसे रोटरी इंटरनेशनल, यूनीसेफ और डीएफआईडी के प्रतिनिधि मौजूद थे।