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डा. मन मोहन सिंह ने पवन बंसल से रेल और अश्विनी कुमार से कानून मंत्रालय छीन ही लिए

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण को गवाने के पश्चात यूं पी ऐ को होश आ ही गया और पी एम् ने अपनी पार्टी अध्यक्ष के साथ मंत्रणा करके अपने दो आरोपी वरिष्ठ मंत्रियों को बाहर कर दिया है| पी एम् द्वारा रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है| केबिनेट की मीटिंग से बंसल की अनुपस्थिति के पश्चात ही उनकी बर्खास्तगी की अटकलें लगाई जाने लगी थी| पीएम निवास से निकलते वक्त पवन बंसल ने मीडिया में खुद इस्तीफे की बात स्वीकार की। शुक्रवार शाम सोनिया गांधी और पीएम के बीच लगभग एक घंटे तक वार्ता हुई थी जिसके आधार पर मंत्रियों की बर्खास्तगी की ख़बरें आने लग गई थी|
रेलवे में वरिष्ठ पदों पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और केनरा बैंक से अवैध लेन देन का पर्दाफाश होने के बाद से ही इन दोनों का जाना तय माना जा रहा था और मीडिया के दबाब के चलते आखिरकार रात नौ बजे उन्होंने अपना इस्तीफा पीएम को सौंप ही दिया |
अश्वनी कुमार को भी पीएम निवास बुलाया गया था। पवन बंसल के पीएम निवास से निकलने के करीब एक घंटे बाद अश्वनी कुमार ने भी पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
रेल भवन में शायद आखिरी बार आने के बाद पवन बंसल केवल एक घंटे में ही अपने दफ्तर में रुके थे।
रेल मंत्रालय बचाने के लिए पवन बंसल ने शुक्रवार शाम को अपने निवास पर तंत्र मंत्र + टोटके का सहारा भी लिया गया । पवन बंसल ने रेल भवन जाने के लिए घर से निकलने से पहले एक बकरे को कुछ खिलाया, उसे सहलाया और पास खड़ी बंसल की पत्नी ने उनकी नजर उतारी। बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि गलती कांग्रेस कर रही है और बेचारे बकरे की जान मुश्किल में है।
गौरतलब है के इन मंत्रियों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष ने संसद नही चलने दी अब जबकि संसद सत्र की बर्बादी हो चुकी है तब जाकर यह फेस सेविंग कदम उठाया गया है|

बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा ही नितीश को चुनावी वैतरणी पार कराएगा


झल्ले दी झल्ल्लियाँ गल्लां

एक दुखी भाजपाई

ओये झल्लेया ये जे डी यू वालों पर कौन सी साडे सत्ती आ गई है |देखो ना बिहार में हमारे सहयोग से अच्छी खासी सरकार चला रहे हैं और अब हसाडी भाजपा को घरेड में डालने के लिए उलटी सीधी शर्ते रख रहे हैं| पहले कहा जा रहा था कि नरेन्द्र मोदी पी एम् के रूप में स्वीकार्य नहीं है और अब पी एम् डिक्लेयर करने के लिए आठ महीने का नोटिस दे दिया गया है|अब पी एम् भी इन्हें टोपी पहनने वाला साफ धर्म निरपेक्ष छवि का होना चाहिए| इन्होने तो हमारे सहयोग से सत्ता सुख भोगते हुए भी हसाडे मुख्य मंत्रियों के पीठ पर छुरा घोंप दिया है|अपने विकास की तो कोई बात कही नहीं उलटे नरेन्द्र मोदी के विकास को लेकर स्यापा डाला जा रहा है| इनके वड्डे नेता शरद यादव को अब सिद्धांतों की राजनीती याद आ रहे है और इनके मुख्य मंत्री बाबू नितीश कुमार ने एक बार भी केंद्र सरकार की नीतियों कि आलोचना तक नहीं की| ओये ऐसे चलता है कोई गठ बंधन भला ?

बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा ही नितीश को चुनावी वैतरणी पार कराएगा

बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा ही नितीश को चुनावी वैतरणी पार कराएगा

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जी बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा ही नितीश को चुनावी वैतरणी पार कराएगा |इसके लिए यूं पी ऐ को खुश करना जरुरी है और इसके लिए नरेन्द्र मोदी की टांग खींचने का मन्त्र जांचा परखा है |पीएम प्रत्याशी घोषित करने की तो आपकी पार्टी में परंपरा रही है। आपने बाबू जगजीवन राम के नाम का एलान किया था ये बात अलग है कि आप कि पार्टी का सुपडा साफ़ हो गया था| आपने लाल कृषण आडवाणी को पी एम् इन वेटिंग बनाया तो सत्ता तक पहुंचते पहुंचते रह गए| अब जबकि नमो मंत्र कामयाब होता दिख रहा है तो इसे भी गद्धिगेड में डाला जा रहा है|झल्ले विचारानुसार तो नितीश बाबू अपने भाषण में अपनी सरकार की उपलब्द्धि का बखान नहीं कर पाए शायद इसीलिए अब कांग्रेस को खुश करने के लिए नरेन्द्र मोदी की राह में रोड़े डाल रहे हैं |हो सकता है की उनको यह लग रहा हो कि यदि केंद्र सरकार खुश हो गई तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल सकेगा और अगर यह हो गया तो इसके सहारे २० सांसदों वाली इनकी जे डी यू द्वारा २०१४ की चुनावी वैतरणी को आसानी से पार कर लिया जाएगा|