झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक दुखी मुस्लिम मौलवी
ओये झल्लेया ये पोलिटिशियंस को क्या हो गया है ?सारे के सारे हमारे मजहब में आत्मसम्मान के प्रतीक बुर्के[ Veil ] के पीछे पड़ गए हैं पहले भाजपाई नरेन्द्र मोदी ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से दिल्ली की कांग्रेस को धर्मनिरपेक्षता का बुर्का पहनाया| अब अजय माकन ने वोह बुर्का तो पहन लिया और उसे साम्प्रदाईक्ता से बेहतर भी बताया |भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कांग्रेसी सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी को को बुर्के के लायक बताने में कोई देर नही लगाई |ओये अगर इन्हें एक दूसरे को नीचे दिखाना है तो अपने मजहब के चुन्नी+ओढ़नी +दुपट्टा+पर्दा+घूंघट को यूज करना चाहिए |
झल्ला
भाई मियाँ जिस दिन ये लोग बुर्के से बाहर आकर राजनीती करने लगेंगे उसी समय से हसाडा देश फिर से सोने की चिड़िया बन जाणा है|
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