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कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बागियों के लिए राहुल गाँधी ने दरवाज़े बंद किये

२०१४ में नई उम्मीद बन कर उभरे राहुल गाँधी ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनने के बाद सार्वजानिक रूप से निर्णय लेने शुरू कर दिए है|इसी कड़ी में उन्होंने कांग्रेस के बागियों को मुम्बई में कड़ी चेतावनी देते हुए कह दिया है कि जिन लोगों ने पार्टी छोड़ कर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ा है, उनके लिए पार्टी के दरवाजे अब से बंद होंगें|
पार्टी उपाध्यक्ष बनने के बाद पार्टी की मुंबई इकाई के नेताओं एवं पदाधिकारियों के साथ अपनी पहली बातचीत में राहुल ने कहा कि वह फलदाई चर्चा और नए नियम बनाने के लिए मिलने आए हैं |पार्टी को देश की डी एन ऐ बता कर एक नारा देने के साथ प्रारम्भिक स्तर पार्टी को मज़बूत बनाने के लिए राहुल गंभीर दिखे
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसारबंद दरवाजों में बातचीत के दौरान उन्होंने बागियों को फिर से पार्टी में शामिल करने की पुरानी परिपाटी को खत्म करने का एलान करते हुए कहा, ‘पहले उनके लिए दरवाजे खुले रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.|इसकी आधिकारिक पुष्ठी नही हो पाई है|

कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बागियों के लिए राहुल गाँधी ने दरवाज़े बंद किये

कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बागियों के लिए राहुल गाँधी ने दरवाज़े बंद किये

राहुल गांधी को उपाध्यक्ष के पद पर दूसरा प्रोमोशन मिला: भविष्य वाणी : ३रा प्रोमोशन २०१४ में सरकार में पहला पद

राहुल गांधी को उपाध्यक्ष के पद पर दूसरा प्रोमोशन मिला:

कांग्रेस अध्यक्षा श्री मति सोनिया गांधी की ओर से उठाए गए मुद्दों पर जयपुर की चिंतन शिविर में हुई चिंतन मनन की कोई खबर बेशक अभी तक लीक नहीं की गई लेकिन ४३ वर्षीय राहुल गांधी को लोक सभा के चुनावों से मात्र १६ महीने पहले आधिकारिक रूप से पार्टी में पञ्च साल बाद दूसरा प्रोमोशन नंबर-2 की पोजीशन के रूप में मिल गया है|तीसरा प्रोमोशन सरकार में पहले पद के रूप में दिए जाने की भविष्य वाणी की जाने लगी है|
कांग्रेस अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी ने कांग्रेस चिंतन शिविर के उद्घाटन भाषण में अनेको ज्वलंत मुद्दों पर चिंता जता कर उनपर चिंतन का आह्वाहन किया था |शिविर के दूसरे दिन १९ जनवरी शनिवार को राहुल को उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान कर दिया गया।छोटे बड़े सभी नेता इस उपलब्धि को मीडिया के समक्ष उजागर करने में लगे रहे |शिविर के बाहर समर्थकों ने हमेशा की तरह आतिश बाजी से इस का स्वागत किया राहुल गांधी ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए पार्टी कार्यसमिति की बैठक में पार्टी का आभार जताया और कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
गौरतलब है कि २००४ में सक्रीय राजनीती में आये राहुल को २००७ में पार्टी का महासचिव बनाया गया था और अब पञ्च साल उन्हें यह दूसरा आउट आफ टर्न [ओ वाई टी] प्रोमोशन मिला है|
नंबर दो की हैसियत में आने पर भी सरकार में और 2014 के आम चुनाव में उनकी भूमिका क्या होगी, इस पर कुछ नहीं कहा गया। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि अगला चुनाव राहुल के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। कांग्रेस में 1986 के बाद से उपाध्यक्ष का पद नहीं था। राहुल के लिए यह पद बनाया गया है।
127 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी में इससे पहले कुछ समय के लिए अर्जुन सिंह और जितेंद्रप्रसाद उपाध्यक्ष रहे हैं। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद राहुल ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं से बहुत कुछ सीखा है। ऐसे ही साथ मिलता रहा तो देश बदल देंगे।