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अरविन्द केजरीवाल ने मानहानि के नोटिस के जवाब में एक बार फिर भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय गोएल पर आरोपों की झड़ी लगाईं

अरविन्द केजरीवाल ने मानहानि के नोटिस के जवाब में एक बार फिर भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय गोएल पर आरोपों की झड़ी लगाईं |
आम आदमी पार्टी [आप]के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने अपने विरुद्ध मानहानि के नोटिस के जवाब में एक बार फिर भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय गोएल पर आरोपों की झड़ी लगा दी है| अरविन्द केजरीवाल को 23 सितम्बर में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष विजय गोयल ने एक मानहानि का नोटिस भिजवाया था|.
6 पन्नो के नोटिस में दावा किया गया है कि विजय गोयल दिल्ली के सम्मानित व्यक्ति है और केजरीवाल ने उन्हें भ्रष्ट कहकर बदनाम करने की कोशिश की है. विजय गोयल ने एक वकील के माध्यम से ये नोटिस भिजवाई है और नोटिस में आप की टेलीफोन विज्ञापन + रेडियो विज्ञापन का हवाला देकर ये कहा गया है कि उनके मुवक्किल विजय गोयल को भ्रष्ट कह कर अरविन्द ने विजय गोयल की इज्ज़त को क्षति पहुंचाई है. विजय गोयल ने अरविन्द केजरीवाल से इस कथित मान की हानि के लिए बिना शर्त के पब्लिक में माफ़ी की मांग की है और 1 करोड़ रुपये भी मांगे है|
अरविन्द केजरीवाल ने इस नोटिस के जवाब में स्पष्ट कर दिया कि विजय गोयल जैसे नेता से माफ़ी मांगने का सवाल ही पैदा नहीं होता. इतना ही नहीं अरविन्द केजरीवाल ने मानहानि के नोटिस के जवाब में विजय गोयल पर और आरोप लगा दिए और कहा कि उनके भ्रष्ट होने के प्रमाण दिल्ली की जनता में बहुत पहले से है| अरविन्द केजरीवाल ने बीजेपी शासित एम् सी डी में चल रहे भ्रष्टाचार का ज़िक्र करते हुए विजय गोयल से सवाल किया है कि दिल्ली में ऐसा कोई काम होता है जहा लोगो को रिश्वत न देनी पड़े? केजरीवाल ने विजय गोयल से ये भी पुछा की जब शीला दीक्षित ने बिजली के दाम बढ़ाये थे, तब आप क्यों खामोश थे?
ज्ञात हो की इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी अरविन्द केजरीवाल को बिजली कंपनियों के दलाल कहने के आरोप में मानहानि का नोटिस भेजा था. फिलहाल ये मामला दिल्ली की एक अदालत में चल रहा है और अदालत ने अरविन्द को बिना किसी ज़मानत के बाहर रहने की इज़ाज़त दे दी है|

दिल्ली में लगभग निष्क्रिय हो चुके भजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल को पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी नजर अंदाज किया

[नई दिल्ली]आम आदमी पार्टी [आप] के आन्दोलनों के समक्ष लगभग निष्क्रिय हो चुके , भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, विजय गोयल को पार्टी में ही नजर अंदाज किया जाने लगा है|विजय गोयल के पार्टी में घटते कद का सत्य बुधवार की रात सामने आया जब भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में केंद्रीय मंत्री श्री मति आरती मेहरा की ओर से दिए गए एक भोज में गोयल और उनके कुछ समर्थक आमंत्रितों में नही थे| इसे लेकर कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार इस भोज में कई विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल और उनसे जुड़े कुछ खास लोगों को विशेष कारणों से नजरअंदाज किया गया| कहा जा रहा है कि गोयल की कार्यपद्धति से पार्टी का एक बड़ा तबका गोयल से नाखुश है ।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा+ डॉ. हर्षवर्धन+ पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा[अब स्वर्गीय] के पुत्र प्रवेश वर्मा+ विजय जौली, सुभाष आर्या, महेंद्र नागपाल, राम किशन सिंघल, आदि विधायकों सहित पार्टी के अनेकों कद्दावर लोग उपस्थित थे।
आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के भोज आयोजन के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष गोयल को प्रदेश अध्यक्ष बने अभी चार महीने ही बीते हैं और नवंबर में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी दावेदारी प्रचारित करनी शुरू कर दी है जिसे अधिकाँश लोग स्वीकार करने के मूड में नहीं है |इस दौरान उन्होंने ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर प्रदेश कार्यकारिणी तक का गठन किया है। ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा के दिन से ही पार्टी में नाराजगी शुरू हो गई थी। असंतुष्ट नेताओं का कहना था कि ब्लॉक अध्यक्ष+प्रदेश कार्यकारिणी के चयन में वरिष्ठता व जमीनी कार्यकर्ताओं का ध्यान नही रखा गया
इस भोज ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा प्रदेश इकाई में विजय गोयल थोपे गए अध्यक्ष हैं और यदि समय रहते इसका हल नहीं किया गया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को स्वाभाविक नुकसान उठाना पड़ सकता है।दिल्ली[MCD ]की मेयर रह चुकी श्री मति आरती मेहरा से पूछने पर उन्होंने बताया कि पार्टी में राष्ट्रीय मंत्री बनाये जाने पर उन्होंने यह पार्टी दी थी और यह उनकी निजी पार्टी थी |उन्होंने विजय गोयल के प्रति अपने विचारों के पत्ते तो नहीं खोले उन्होंने गोयल अच्छा अध्यक्ष बताते हुए यह भी जरूर कहा कि अभी तक पार्टी ने दिल्ली के मुख्य मंत्री पद के लिए किसी के नाम को फायनल नहीं किया है| प्रयास करने पर भी विजय गोयल से संपर्क नही हो पाया |हमेश फोन उनके समर्थकों द्वारा ही उठाया गया|