Ad

Tag: Visa for Narender Modi

अमेरिकी केरी और गुज्जु मोदी के डी एन ऐ में खांटी व्यापारिक मानसिकता है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये अमेरिका भी क्या उल्ट बासियों के फेर में पड़ गया?ओये यारा ये अमेरिका वाले अब नरेंद्र मोदी को अमेरिका का वीजा देने को मरे जा रहे हैं |यहांतक कि बराक हुसैन ओबामा के भरोसे मंद विदेश मंत्री जॉन केरी मोदी की शान में कसीदे पढ़ते रहीं थक रहे|अब उन्हने भाजपा का भगवा रंग ऊर्जा का रंग दिखने लगा है मोदी के हर स्लोगन में विकास दिखाई देने लग गया है| यहां तक कि पहली रणनीतिक वार्ता के लिए आज [बुधवार] जॉन केरी “सबका साथ सबका विकास” के नाम पर मोदी की चौखट पर आ रहे हैं |लगता है कि अब हसाडे सोणे भारत को अमेरिका की जेब मैं जाने से कोई नहीं रोक पायेगा

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण गल हसाड़ी सुण खोल के दोनों काण |अमेरिकी नेतृत्व के डी एन ऐ में अगर व्यवसाइक गुण हैं तो गुज्जु नरेंद्र मोदी के डी एन ऐ में भी यही खांटी व्यापारी मानसिकता है |
ऐसे में जब ये दोनों एक जगह मिलेंगे तो स्वाभाविक रूप से चिंगारियां तो निकलेंगी मगर इन चिंगारियों पर हाथ सेंकने के बजाय राष्ट्र के विकास के मुद्दे ही पकाये जायेंगे

अमेरिका ने भी भारतीय राजनीती की हवा का रुख भांप कर कहा ,नरेंदर मोदी वीजा के लिए अप्लाई करने को स्वतंत्र हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?देख तो अमेरिका कैसे गिरगिटी रंग बदल रहा है|ओये हसाड़ी सोणी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया जी गांधी ने कर्नाटका मे दिए अपने भाषण में गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंदर मोदी को जहर की खेती उगाने वालाबतायाइसके बावजूद अमेरिका कह रहा है कि मौत के सौदागर मोदी अगर चाहें तो अमेरिका के लिए वीजा अप्लाई कर सकते हैंस्टेट डिपार्टमेंट के डिप्टी स्पोक्सपर्सन मैरी हर्फ़[ MarieHarf] ने खुले आम प्रेस कांफ्रेंस में मोदी को यह न्यौता दे दिया है|Jhalla Sablok

झल्ला

अरे मेरे चतुर सुजाण जी २००२ के दंगों के लिए आप लोगों ने २००५ में अमेरिका के लिए मोदी का वीजा कैंसिल करवा दिया था|उस समय आपकी चलती थी अब मोदी के डबल मार्च से आप के विश्राम में जाने के आसार बन रहे हैं ऐसे में अमेरिका जैसा चतुर व्यापारी हवा का रुख देख कर ही कदम बढ़ाता है |

नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा न दिए जाने की अपील करने वाले सांसदों के पत्र में फर्जी वाडे की परतें खुल रही है

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा न दिए जाने की अपील करने वाले सांसदों के पत्र में फर्जी वाडे की परते खुलने लग गई है
|[१] ९ सांसदों ने हस्ताक्षर करने से इन्कार किया है
[२] इस पत्र में २९ सांसद कांग्रेस के ही हैं सो विपक्ष इसके पीछे कांग्रेस का हाथ देख रहा है भाजपा ने इस पूरे मामले की जांच की मांग भी कर दी हैअब तक मोदी पर हमलावर कांग्रेसी नेता इस मामले से पल्ला झाड़ने लगे हैं|
[३] इस अभियान के पीछे एन आर आई ग्रुप की भूमिका भी सामने आने लगी है
भारत के 65 सांसदों की ओर से ओबामा प्रशासन को चिट्ठी फैक्स भेज कर मोदी को वीजा न दिए जाने का आग्रह किया है| आठ माह पुर्व भी ऐसा ही पत्र लिखा गया था लेकिन उस समय ऎसी हलचल नही हुई थी लेकिन अब उस पत्र की प्रति फेक्स किये जाने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है|

नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा ?

नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा ?

[१] सीताराम येचुरी[२]अच्युतन,[३]केपी रामालिंगम[४]वंदना चह्वाण[५]संजीव नायक[६] एम राव कोवासे आदि सांसदों ने हस्ताक्षर करने से इंकार किया है|येचुरी ने तो इसे कट एंड पेस्ट का मामला बता कर शक की सुई किसी षड्यंत्र की तरफ घुमा दी है|
इस मुहिम के अगुआ मुहम्मद अदीब अभी भी इस पर अड़े हैं कि सभी सांसदों के दस्तखत सही हैंजबकि कांग्रेस और सरकार भी पल्ला झाड़ रही है। विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर ने इस तरह की किसी अपील से असहमति जताई | कांग्रेस प्रवक्ता राज बब्बर ने भी पल्ला झाड़ते हुए कहा,’कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अमेरिका मोदी को वीजा देता है या नहीं।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आशंका जताई कि यह कांग्रेस का षड्यंत्र है। एक अन्य प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर कोई सांसदों के हस्ताक्षर का दुरुपयोग करता है तो उस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा के सांसद सुदर्शन भगत ने तो लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पत्र लिखकर हस्ताक्षर में फर्जीवाड़े की जांच की मांग भी कर डाली है।
अमेरिका में मोदी के खिलाफ पिछले आठ वर्षो से अधिक समय से अभियान चलाने वाले भारतीय अमेरिकी समूहों ने सांसदों द्वारा ओबामा को पत्र भेजने को जायज ठहराया है। ये समूह अमेरिका को इस बात के लिए राजी करने में कामयाब रहे हैं कि मोदी को वीजा न दिया जाए। इन समूहों ने यह भी कहा कि ओबामा को भेजे खत पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ नेता अब दबाव में इससे इन्कार कर रहे हैं।
यह बात भी निकल कर आ रही है कि इसी समूह ने भारत में एक सांसद को अन्य सांसदों से हस्ताक्षर कराने का कार्य सौंपा था | सांसद पियूष गोएल के अनुसार यह समूह लाबिंग के लिए धन भी खर्च करता है| अब सवाल उठता है कि क्या इस लाबिंग के लिए विदेश से धन आया अगर आया तो बेहद गंभीर आरोप है | वाल मार्ट जैसी संस्थाओं द्वारा रिटेल में विदेशी निवेश के लिए लाबिंग कराई गई थी और उस पर धन भी खर्च किया गया था अभी तक उसकी जाँच कि मांग पर कार्यवाही नहीं हुई है अब यह एक और लाबिंग का मामला आया है|इसमें भी विदेशी धन का आरोप लग रहा है
इसके अलावा कांग्रेस पर मोदी के खिलाफ विदेशी हाथ का इस्तेमाल कराने का आरोप लगाया जा रहा है|माना जा रहा है कि भाजपा ने नरेंदर मोदी को पी एम् के उम्मीदवार के रूप में चुनावों में उतारने का मन बना लिया है|यदि मोदी को अमेरिका में वीजा मिल जाता है तो भारत में चुनावों के दौरान उसे भुनाया जा सकता है |कांग्रेस यह रिस्क लेने को तैयार नही है संभवत इसीलिए यह चक्रव्यूह रचा गया है लेकिन इस चक्रव्यूह में स्वयम कांग्रेस ही फंसती दिखाई दे रही है|